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Tag Archives: सेक्स

Sexual intimacy helps in recovering from loneliness and depression

Reproductive Organ में अगर किसी तरह की कोई खराबी नहीं होती फिर भी प्रेगनेंसी में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। Conceive का प्लान करने के बावजूद हसबैंड और वाइफ दोनों को निराश होना पड़ता है। जिन्हें प्रेगनेंसी में दिक्कत होती है, उन्हें फ्रेंड्स सलाह देते हैं कि इंटरकोर्स के बाद कुछ देर तक बिस्तर पर ही लेटे रहें। क्या यह वाकई कारगर है? क्या है कोई साइंटिफिक वजह है? हम यहां एक्सपर्ट के जरिए जानेंगे प्रेगनेंसी के इस खास तरीके का पूरा सच।

SEX के बाद लेटने से कंसीव करना आसान हो जाता है?

एक्सपर्ट के मुताबिक जब प्रेगनेंसी किन्हीं कारणों से लेट होने लगती है, तो डॉक्टर भी सेक्स के बाद 15- 20 मिनट तक बेड पर लेटे रहने की सलाह देते हैं। दरअसल, सेक्स के बाद स्पर्म का बाहर निकलना सामान्य है। ऐसा ग्रेविटी के कारण होता है। सेक्स के बाद स्पर्म का बाहर निकलने से गर्भधारण की संभावना कम नहीं होती। हालांकि खड़े होने या बाथरूम जाने से गुरुत्वाकर्षण शुक्राणु को गर्भाशय ग्रीवा से खींच कर दूर ले जा सकता है। इसलिए इस मामले में ज्यादातर डॉक्टर सलाह देते हैं कि सेक्स के बाद कम से कम 05 मिनट तक लेटे रहें। इससे गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।

कंसीव करने के लिए SEX के बाद कितनी देर तक लेटे रहना चाहिए और कैसे?

Some Natural Ways To Spice Up Your Sex Life

एक्सपर्ट इस बात की सलाह देते हैं कि अगर आप कंसीव करना चाहती हैं, तो सेक्स के बाद अपने हिप्स के नीचे एक तकिया लगा लें। इससे सीमेन को गर्भाशय की ओर ले जाने में ग्रेवेटी की मदद मिलती है। इस अवस्था में 10–15 मिनट रहने की सलाह दी जाती है। यह अवधि स्पर्म के लिए पर्याप्त होती है।

इस विधि के अलावा विशेषज्ञ पैर ऊपर करने की भी सलाह देते हैं। पैरों को एक साथ उठाकर दीवार से लगा दें। इस अवस्था में आराम करें। इस विधि में भी गुरुत्वाकर्षण को स्पर्म की मदद करने का अवसर मिलता है। यह भी एक असरदार तरीका है।

कितनी देर में गर्भाशय तक पहुंचता है स्पर्म

यदि स्पर्म के मूवमेंट की बात की जाए, तो स्पर्म को फैलोपियन ट्यूब के भीतर अपने गंतव्य तक पहुंचने में 2 मिनट से भी कम समय लग सकता है। अक्सर शुक्राणु अंडाशय से एग जारी होने तक धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करते हैं। ये शरीर में लगभग पांच दिनों तक जीवित रह सकते हैं। इसका मतलब हुआ कि गर्भाधान वास्तव में सेक्स के कई दिनों बाद भी हो सकता है।

ओवुलेशन के दौरान कैसे ऐग मिलता है स्पर्म से

जो महिलाएं अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान से गुजरती हैं, उनमें स्पर्म की बड़ी संख्या को गर्भाशय के नजदीक छोड़ दिया जाता है। इससे ओव्यूलेशन के दौरान एक अंडा स्पर्म से मिलकर जायगोट बना लेता है। इसमें भी ग्रेविटी के रूल को ही फ़ॉलो किया जाता है।

SEX के बाद यूरीन पास करें या नहीं!

एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई कि 15 मिनट तक लेटने से गर्भधारण की दर 27 फीसदी तक बढ़ जाती है। जबकि इंटरकोर्स के तुरंत बाद उठने वाले लोगों में प्रेगनेंसी की दर 18 फीसदी थी।

अगर आप प्रेगनेंट नहीं होना चाहतीं और सेक्स के दौरान स्पर्म अंदर चला गया है, तो डॉक्टर आपको तुरंत यूरीन पास करने की सलाह देते हैं। यही कारण है कि प्रेगनेंसी को रोकने के तरीके के रूप में सेक्स के बाद यूरीन पास करने की सलाह दी जाती है। सेक्स के बाद पेशाब करने से यूटेरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन से बचाव हो सकता है।

इसके कारण सेक्सुअली ट्रांसमिट होने वाले कुछ संक्रमण को रोकने में भी मदद मिल सकती है। ग्रेविटी फ़ोर्स की वजह से सीमेन वेजाइना के अंदर नहीं जा सकते हैं। लेकिन सभी को यह बात जान लेनी चाहिए कि यूरीन एक छोटे से छेद से निकलता है, जिसे यूरेथरा कहा जाता है। सेक्स के बाद यूरीन करने से योनि से शुक्राणु नहीं निकल पाते हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

Sexual intimacy helps in recovering from loneliness and depression

Erogenous zones: प्लेजर और इंटिमेसी किसी भी इमोशनल रिश्ते में बेहद अहम होती हैं। यह देखा जाए तो कहीं ना कहीं आपके मस्तिष्क और शारीरिक स्वास्थ्य के मद्देनजर भी काफी जरूरी होती है। कई मरतबा हमें अपने साथी का प्लेजर प्वाइंट का अंदाजा नहीं होता और हम उन्हें पूरी तरह खुश नहीं कर पाते हैं या सच कहा जाए तो उन्हें प्लेजर नहीं मिल पाता। इस परिस्थिति में सभी को एरोजेनस जोन के बारे में मालूम होना चाहिए। कुछ एरोजेनस जोन के बारे में तो हम सभी को मालूम होता है लेकिन कई ऐसे प्वाइंट्स भी हैं जो अंडररेटेड है और कुछ हमें मालूम नहीं होता। आज हम ऐसे ही कुछ Erogenous Zones के बारे में जानते हैं-

ये हैं कुछ खास एरोजेनस जोन

थाइ का इनर पार्ट

इनर थाईज यानी की जांघ के अंदर का हिस्सा साथी को सेड्यूस करने में आपकी मदद कर सकता है। यह काफी सॉफ्ट होता है, और आपकी इंटिमेट एरिया के बिल्कुल करीब होता है। इस हिस्से को टच करने से व्यक्ति आसानी से एक्साइटेड हो सकता है। यह फीमेल और मेल दोनों का एरोजेनस जोन है। इसे बिल्कुल हल्के हाथों से टच करना होता है। अगर आप मास्टरबेट कर रही हैं, तो आप इसे खुद को उत्तेजित करने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं। पार्टनर के साथ इंटिमेट मूमेंट शेयर करते हुए उनसे इसे टच करने की मांग कर सकती हैं।

नेवल और पेट के नीचे का हिस्सा

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हालांकि, ये आपकी इंटिमेट एरिया के उतने क्लोज नहीं होते लेकिन फिर भी बहुत पास होते हैं। इस तरह इन्हें टच करने से एक्साइटेड होने में मदद मिलती है। खास कर अगर आप साथी के साथ सेक्सुअल एक्टिविटी में शामिल हो रही हैं तो जीभ और फिंगर टिप्स की मदद से नाभि और पेट के निचले हिस्से पर सर्कल बनाएं, इससे गुदगुदी महसूस होती है और एक्साइटमेंट बढ़ती है। वहीं, इन स्पॉट्स पर टेंपरेचर प्ले जैसे कि आइस रब करने से भी उत्तेजना बढ़ती है।

आर्मपिट और आर्म्स के अंदर का हिस्सा

आपको लग रहा होगा आर्मपिट कैसे स्टिम्युलेट कर सकते हैं, आपको बताएं कि यह एक पावरफुल Erogenous Zones हो सकता है। पार्टनर को बताएं कि वह अपने हाथ को पीछे की तरफ से लागे ले जाते हुए आपके आर्मपिट के नीचे के हिस्से को टच करें। इससे बॉडी में गिगल होता है और बॉडी में एक सेंसेशन रिलीज होता है जिससे कि उत्तेजित होने में काफी मदद मिलती है।

हथेलियां और फिंगर टिप्स

फिंगर टिप बॉडी के एक बेहद संवेदनशील अंगों में से एक है। वहीं आपकी हथेलियां भी उनसे ज्यादा दूर नहीं होती। यह मेल और फीमेल दोनों के एरोजेनस जोन होते हैं। यदि आप अपने पार्टनर को सेड्यूस करना चाहती हैं, तो उनकी हथेलियों पर अपनी उंगली से टिकल करें। इसके साथ आई कॉन्टेक्ट मेंटेनेंस रखें, इससे बॉडी में सेंसेशन क्रिएट होता है और आपके पार्टनर को उत्तेजित होने में मदद मिलेगी।

बेहद संवेदनशील होता है कूल्हा यानी बटॉक्स

सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान आमतौर पर लोग बटॉक्स को जरूर इंवॉल्व करते हैं। इसे मसाज करना, दबाने और स्पैंक करने से बॉडी में सेंसेशन जनरेट होता है, जिससे की उत्तेजना बढ़ती है। फीमेल के बटॉक्स के बीच के हिस्से को टच किया जाए तो उन्हें बहुत ज्यादा उत्तेजना महसूस होती है।

स्क्रोटम और टेस्टीकल्स

अगर फीमेल अपने पार्टनर को सेड्यूस करने के लिए उनके ट्रिगर प्वाइंट्स सर्च कर रही हैं, तो स्क्रोटम और टेस्टीकल्स एक बेहतरीन ऑप्शन है। यह दोनों बेहद सेंसिटिव होते है, इनमें कई नर्वस होते है, जिन्हें टच करने से बॉडी बेहद जल्दी उत्तेजित हो जाती है। ब्लो जॉब और हैंड जॉब देते हुए अपने पार्टनर के स्क्रोटम और टेस्टिकल को मसाज करें। इससे उन्हें बेहतर प्लेजर अचीव करने में मदद मिलती है।

फोरस्किन को करें इंवॉल्व

फोरस्किन कई नर्वस की एंडिंग है जिन्हें स्टिम्युलेट करने से उन पर प्रेशर पड़ता है और प्राइवेट पार्ट को पूरी तरह से इरेक्ट होने में मदद मिलती है। त्वचा की ये पतली लेयर अलग-अलग प्रकार के सेंसेशन क्रिएट करती है, जिससे कि मेल्स को आसानी से सिड्यूस किया जा सकता है। ब्लो जॉब और हैंड जॉब के दौरान फोरस्किन को जरूर इंवॉल्व करें।

फोटो सौजन्य- गूगल

Flavored condom increases vaginal infection

सुरक्षित SEX को लेकर कंडोम का प्रयोग किया जाता है। यह सभी तरह के सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) से बचाता है। सेक्स के दौरान कुछ लोग फ्लेवर्ड के Condom का भी इस्तेमाल करते हैं। कुछ महिलाएं पार्टनर के फ्लेवर्ड Condom कंडोम का इस्तेमाल करने पर वेजाइनल इंफेक्शन से हुई परेशानी का जिक्र करती हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक फ्लेवर्ड कंडोम का प्रयोग हमेशा नहीं करना चाहिए। इसकी वजह से ही इन्फेक्शन होता है।

क्या है Male Condom

मेल कंडोम एक पतला आवरण वाला होता है, जिसे सुरक्षित यौन संबंध के लिए पेनिस के ऊपर रखा जाता है। इनसे सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (Sexually Transmitted Disease) से बचाने में मदद मिलती है। इससे अवांछित गर्भधारण को रोकने में मदद मिलती है। एक समय में एक से अधिक प्रकार के कंडोम का उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे कंडोम के फटने का डर बना रहता है।

क्या है Flavored Condom

गायनेकोलोजिस्ट एंड ऑब्सटेट्रिक्स डॉ. रिद्धिमा शेट्टी अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, ‘फ्लेवर्ड कंडोम विशेष रूप से ओरल सेक्स के लिए बनाए जाते हैं। अन्य प्रकार के सेक्स के लिए फ्लेवर्ड कंडोम का उपयोग स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है, फ्लेवर्ड कंडोम में उपयोग किए जाने वाले तत्व जलन और संक्रमण का कारण बन सकते हैं। फ्लेवर्ड कंडोम के लयूब्रीकेंट में फ्लेवर मिलाया जाता है। फ्लेवर्ड कंडोम के विकल्प के रूप में फ्लेवर्ड ल्यूब (Flavored Lube) का उपयोग बिना लयूब्रीकेंट वाले कंडोम के साथ किया जा सकता है।’

इस तरह के सेक्स के लिए फ्लेवर्ड कंडोम

Some Natural Ways To Spice Up Your Sex Life

डॉक्टर के मुताबिक आपके पार्टनर पेनिट्रेटिव सेक्स के लिए फ्लेवर्ड कंडोम का उपयोग कर रहे हैं, तो इसके लिए डॉक्टर मनाही करते हैं। फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल केवल ओरल सेक्स के लिए किया जाता ((Flavored Condom for Oral Sex) है। दरअसल, फ्लेवर्ड कंडोम में आर्टिफिशियल शुगर (Artificial Sugar) मौजूद होता है, जो योनि के पीएच स्तर को बाधित (Flavored Condom affects Vaginal PH) कर देता है। यह फंगल और कभी-कभी बैक्टीरियल इन्फेक्शन का भी कारण बन (Flavored Condom causes Bacterial Infection) सकता है।

ये नियमित कंडोम (Regular Condom) के समान होते हैं, लेकिन लयूब्रीकेंट में पसंदीदा फ्लेवर मिलाए जाते हैं। यह एक सामान्य परिवर्तन है, लेकिन अतिरिक्त स्वाद कंडोम के कार्य को थोड़ा बदल देता है। पेनिट्रेटिव सेक्स के दौरान नियमित कंडोम का ही उपयोग करना चाहिए।

लुब्रिकेंट का उपयोग

Flavored condom increases vaginal infection

सभी लयूब्रीकेंट ओरली निगलने के लिए सुरक्षित नहीं होते हैं। प्रयोग करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए और उपयोग किये जा रहे प्रोडक्ट का लेबल भी पढ़ना चाहिए। उचित लयूब्रीकेंट का उपयोग करना जरूरी है। तेल आधारित लयूब्रीकेंट लेटेक्स कंडोम (Latex Condom) के साथ अच्छी तरह से काम नहीं करते हैं। ये आम तौर पर मुंह में डालने के लिए भी सुरक्षित नहीं होते हैं। आयल कंडोम के रबर को कमजोर कर देती है और इसके टूटने का खतरा बढ़ जाता है।

यहां हैं फ्लेवर्ड कंडोम के खतरा

डॉक्टर्स के अनुसार अगर सही तरीके से उपयोग नहीं किया जाए, तो फ्लेवर्ड कंडोम सामान्य कंडोम की तुलना में जोखिम पैदा कर सकते हैं। इसके एनल या वेजाइनल सेक्स के दौरान टूटने, फटने और फिसलने का डर बना रहता है। इससे किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन या आकस्मिक गर्भावस्था की संभावना भी बन सकती है। फ्लेवर्ड कंडोम ओरल सेक्स के लिए हैं। इसलिए एक टूटा हुआ कंडोम आपको और आपके पार्टनर को एसटीआई (STI) के जोखिम में ला सकता है। एसटीआई के कारण हरपीज, गोनोरिया, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPLV), ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV), एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) जैसे जानलेवा रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

Health Tips

Health Tips: प्रसिद्ध उपन्यासकार हैरियट स्टोव ने कहा था कि एक महिला का स्वास्थ्य उसकी पूंजी है लेकिन महिलाएं अक्सर अपने हेल्थ की परवाह नहीं करती हैं। वक्त की कमी, घर या ऑफिस से संबंधित प्रेसर, जागरूकता की कमी और यौन-स्वास्थ्य के बारे में बात करने में झिझक रखाना, ये ऐसे कारक हैं जो इसमें प्रमुख योगदान करते हैं। पर नॉर्मल हेल्थ समस्याओं को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। खासकर जब आपकी योनि या ब्रेस्ट में नजर आ रहे हों। अक्सर महिलाओं की आम शिकायतें होती हैं, जिन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है पर यह कुछ ज्यादा गंभीर होने का संकेत हो सकता है।

वो 6 समस्याएं जिन्हें महिलाओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए

1. सेक्स के समय दर्द

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महिलाएं अक्सर सेक्स के दौरान दर्द के बारे में बात करने से हिचकिचाती हैं। हालांकि, दर्दनाक सेक्स एंडोमेट्रियोसिस का लक्षण भी हो सकता है। एक ऐसी स्थिति जिसमें गर्भाशय की अंदरूनी लेयर गर्भाशय के बाहर जमा हो जाती है। यह PID ​​​​(पेल्विक सूजन की बीमारी) की वजह से भी हो सकता है, जो अक्सर वेजाइनल डिस्चार्ज के साथ रिप्रोडक्टिव ऑर्गन का संक्रमण होता है। अपर्याप्त लुब्रिकेशन और ड्राई वेजाइना के कारण भी सेक्स के दौरान पेन हो सकता है।

2. असामान्य या अनियमित पीरियड

मासिक धर्म हर 21-35 दिनों में नियमित रूप से होना चाहिए। भारी प्रवाह, मध्य-चक्र रक्तस्राव या स्पॉटिंग, लंबे समय तक पीरियड साइकिल, यह थायराइड, PCOD या फाइब्रॉएड जैसे हार्मोनल रोगों के कारण हो सकता है, जो गर्भाशय के सौम्य ट्यूमर हैं। सेक्स के बाद रक्तस्राव या रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। यह ओवेरियन कैंसर का संकेत हो सकता है और इसकी जांच कराना जरूरी होता है।

3. स्तन में परिवर्तन

If there is pain in the breast just before periods

स्तनों में गांठ फाइब्रोएडीनोमा जैसी हानिरहित स्थितियों के कारण हो सकती है। हालांकि, ब्रेस्ट में गांठ होना भी ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है। जागरूकता की कमी की वजह से महिलाओं में स्तन कैंसर अक्सर उन्नत चरणों में पाया जाता है। स्तनों में गांठ जो स्तन के बाकी टिश्यू से सख्त और अलग लगती हैं या निप्पल से स्राव को चैक किया जाना चाहिए। महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए नियमित चेकअप करवाना चाहिए। ब्रेस्ट में किसी भी परिवर्तन का शीघ्र पता लगाने के लिए ब्रेस्ट सेल्फ टेस्टिंग के तरीकों के बारे में भी पता होना चाहिए।

4. वजन का एकाएक घटना और बढ़ना

अचानक वजन कम होना खुशी की बात हो सकती है पर अचानक वजन कम होना टीबी के साथ-साथ कैंसर या थायरॉयड विकारों का भी संकेत हो सकता है और इसका मूल्यांकन किया जाना चाहिए। अचानक वजन बढ़ना पीसीओडी या थायराइड की समस्या के कारण हो सकता है और अगर इसका पता चल जाए तो इसे बहुत अच्छी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है।

5. थकान महसूस होना

बहुत सी महिलाएं हर समय थकान महसूस करती हैं। बार-बार थकान एनीमिया, थायराइड विकार, सूक्ष्म पोषक तत्वों और विटामिन डी की कमी के कारण हो सकती है और इसकी जांच होनी चाहिए। पूरी रात की नींद के बाद भी थकान महसूस होना भी तनाव, चिंता, डिप्रेशन या ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का कारण हो सकता है। इसलिए इसे कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

6. ब्लोटिंग फील करना

ज्यादातर महिलाएं विशेष रूप से मासिक धर्म से पहले फूला हुआ या गैसी महसूस करती हैं। यह अधिक सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। हालांकि, अगर ब्लोटिंग महसूस करना बहुत बार होता है, तो इसे चैक करवाना चाहिए। यह इरिटेबल बावल सिंड्रोम, एंडोमेट्रियोसिस या यहां तक ​​कि ओवरियन कैंसर का संकेत हो सकता है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा ने कहा कि समुदाय और देश और अंततः दुनिया उतनी ही मजबूत है जितनी उनकी महिलाओं का स्वास्थ्य। इसलिए देश और दुनिया की बेहतरी के लिए हमें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना ही होगा।

फोटो सौजन्य- गूगल

Take care of these 5 things for better climax on bed

अपनी Sex Life को एंजॉय करना है और उसे खास क्लाइमैक्स से रूबरू कराना चाहती हैं तो सबसे पहले जाने कि वो कौन सा बेहतर तरीका है, जो बेड पर बेहतर क्लाइमैक्स में आपकी मदद कर सकती है। सेक्स लाइफ को मज़ेदार बनाने के लिए नए प्रयोग करने बेहद ज़रूरी है। इससे बोरिंग लाइफ को आसानी से स्पाइस अप किया जा सकता है। उम्र के साथ साथ कपल्स में दूरी आने लगती है। इस दूरी को मिटाने के लिए नई सेक्स पोज़िशन्स से लेकर एक दूसरे की मर्जी को जानना भी ज़रूरी है। अगर आप अपनी सेक्स लाइॅफ को एजॉय करना चाहते हैं और उसे बेहतर क्लाइमैक्स तक पहुंचाना चाहती हैं, तो कुछ खास बातों का ख्याल रखना ज़रूरी है। जानते हैं कि वो कौन सी टिप्स है, जो बेड पर बेहतर क्लाइमैक्स में आपकी मदद कर सकती है।

वेनेरोलॉजिस्ट का कहना है कि क्लाइमैक्स वो क्षण होते हैं, जब सेक्सुअल इंटिमेसी के वक्त आप खुशी, आनंद और एक्साइटमेंट का एहसास करते है। पार्टनर के साथ सेक्सुअली एगेंज होने और मास्टरबेशन के वक्त आर्गेज्म हासिल होती है। कई लोग एक ही वक्त में बार बार आर्गेज्म को महसूस करते हैं, जो सेक्सुअल लाइफ को रोमांचक बना देता है। जानते हैं कुछ ऐसी ही बातें, जो आपके क्लाइमैक्स को यादगार बना सकती है।

वे टिप्स जो यौन आनंद को आसान और चरम तक पहुंचाने में आपकी मदद कर सकते हैं

डर्टी टॉक के हैं जबरदस्त फायदे

Sexual intimacy helps in recovering from loneliness and depression

सेक्स के दौरान प्लैजर में इजाफा और क्लाइमेक्स तक पहुंचने के लिए डर्टी टॉक भी ज़रूरी है। इसमें आप अपनी इच्छाओं को ज़ाहिर कर सकते हैं। कौन सी पोज़िशन आपको सुखद लगती है। इस बारे में अपने पार्टनर से अवश्य बात करें। कम्यूनिकेशन आपकी सेक्स लाइफ को स्पाइस अप कर सकता है। इससे दोनों में प्यार और एक दूसरे के प्रति लगाव भी बढ़ने लगता है।

ये भी ट्राई करे-

ल्यूब्रिकेंटस का करें इस्तेमाल

लेट नाइट सेक्स को एजॉय करने के लिए ल्यूब्रिकेंटस का प्रयोग भी फायदेमंद साबित होता है। नेचुरल ल्यूब्रिकेंटस के तौर पर आप एलोवेरा और विटामिन ई का प्रयोग भी कर सकते हैं। इन्हें जेनिटल्स पर अप्लाई करके आप लंबे वक्त तक सेक्स का आनंद उठा सकते हैं। इसके ज़रिए आप डीप पेनिटरेशन का मज़ा ले सकते हैं। इससे यौन सबंध बनाने में आपको आसानी भी होगी।

फोरप्ले है बेहतर क्लाइमेक्स की कुंजी

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फोरप्ले की मदद से सेक्स लाइफ और भी एक्साइटिड होने लगती है। दोनों लोग किसिंग और लिक करने से उत्तेजित होते जाते हैं, जो सेक्स को चरम तक पहुंचाने में मदद करता है। लोग फोरप्ले के लिए आइसक्रीम, चॉकलेट और आइसक्यूब्स समेत कई चीजों का प्रयोग करते हैं। पेट के निचले हिस्से से लेकर, निपल्स और आर्मपिटस हर जगह किसिंग का अनुभव करते हैं। इससे आपका तन और मन दोनों शांत होने लगते हैं।

प्लेजर ज़ोन को एक्सपलोर करना सीखें

इस बात को आप जानें कि शरीर के कौन से अंग में आप उत्तेजना का अनुभव करती हैं। इस बारे में एक्सपर्ट का कहना है कि आपके शरीर का हर अंग प्लेजर ज़ोन है। ऐसे में वो बातें या मूव्स जो आपको आनंदित करते है। उन्हें सेक्स के दौरान ज़रूर शामिल करें। इससे सेक्स टाइम न केवल बढ़ेगा बल्कि आप आसानी से क्लाइमेक्स तक पहुंच पाएंगे।

नई सेक्स पोज़िशन का करें प्रयोग

सेक्स को एजॉय करने के लिए उसमें न्यूनेस लाना ज़रूरी है। ऐसे में नई सेक्स पोज़िशन्स को अपने पार्टनर की सहमति से ज़रूर ट्राई करें। इससे सेक्सुअल लाइफ में उत्तेजना बढ़ने लगती है। आप खुशी का अनुभव करते है और रिश्तों में एक्साइटमेंट बढ़ जाती है। आप हर पल को एजॉय करते हैं। इसके कारण आप मेंटल तौर पर भी हेल्दी रहते हैं।

Sex संबधों में सक्रियता न होना intimacy की कमी को दर्शाता हैं। सेक्स लाइफ को मज़ेदार बनाने के लिए दोनों लोगों का प्रयासरत होना ज़रूरी है। जानते हैं, वो टिप्स जो सेक्सुअल लाइफ को हेल्दी बनाकर रखती हैं।

छोटे छोटे लम्हों में भी खुशी की तलाश कर लेना रिश्ते में खुशहाली को बढ़ा देता है। शुरूआत में हर कपल के बीच सेक्सुअल रिलेशनशिप एक स्पार्क से आरंभ होता है लेकिन बदलते हालात और जिम्मेदारियां हमारे लाइफ में से खुशी और सेक्स ड्राइव को कम करने लगती है। सेक्स लाइफ को हैप्पी और हेल्दी बनाने के लिए दोनों लोगों का प्रयासरत होना ज़रूरी है। लिबिडो बूस्टिंग (Libido boosting) के लिए यूं तो कई प्रोडक्टस और सप्लीमेंटस मौजूद हैं। मगर अलावा इसके कुछ ऐसी बातों का जानना ज़रूरी है, जो हमारी सेक्स लाइफ को खुशहाल बनाने में मददगार होती है।

NCBI के एक रिसर्च में पाया गया है कि यौन संबधों का प्रभाव हमारी सेहत पर भी दिखने लगता है। वे महिलाएं, जो सेक्सुअल रिलेशनशिप (Sexual relationship) में खुशी का अनुभव नहीं करती है। वे हाइपरटेंशन का शिकार हो जाती हैं। दूसरी ओर पुरूष तनाव और एंगजाइटी से ग्रस्त रहते हैं। रिसर्च में पाया गया है कि ओवरऑल लाइफ की क्वालिटी को निखारने के लिए सेक्स बेहद ज़रूरी है।

Sex life

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक सेक्सुअल हेल्थ और यौन संबधों के लिए पॉजिटिव और रिस्पेक्टफुल अप्रोच की आवश्यकता होती है। अलावा इसके जबरदस्ती, भेदभाव और हिंसा से मुक्त हेल्दी रिलेशन बिल्ड करना चाहिए। सेक्सुअल हेल्थ मेंटेन करने के लिए सभी लोगों को सेक्सुअल राइटस की रिस्पेक्ट, संरक्षण और पूर्ति की जानी चाहिए।

जानते हैं, वो खास आदतें, जो सेक्सुअल लाइफ को हेल्दी बना सकती हैं।

1. सेक्स परफार्मेंस से ज्यादा साथ पर फोकस करना

बहुत से हैप्पी कपल्स सेक्स के दौरान सिर्फ सैटिसफेक्शन पर ध्यान नहीं देते हैं। एक दूसरे का साथ ही उनके लिए काफी होता है। उनका फोकस एक दूसरे के साथ वक्त बिताना होता है। हांलाकि सेक्स में ऑर्गेज्म को पीक तक ले जाना बेहद ज़रूरी है। हर बार इस मानसिक दबाव में सेक्स करने से आप सेक्सुअल लाइफ को एंजॉय नहीं कर पाते हैं। हैप्पी कपल्स सेक्स परफार्मेंस से ज्यादा उस समय का आनंद उठाने पर ध्यान देते हैं। इससे उनका रिश्ता मजबूत और हेल्दी होने लगता है।

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2. पार्टनर को गंभीरता से लेना

जब आप अपने साथी को सेक्स के दौरान और सेक्स के बाद समय देते हैं, तो एक दूसरे में अंडरस्टैंडिंग बढ़ने लगती है। दरअसल, एक दूसरे के प्रति आर्कषण खत्म होने के बाद अधिकतर कंपल्स असंतुष्ट नज़र आने लगते हैं। उन्हें एक दूसरे की पसंद नापसंद का अब ख्याल नहीं रहता है। दूसरी ओर वो कपल्स जो एक दूसरे को प्यार करने के अलावा अच्छे दोस्त भी है, वो फीलीग्स का खास ख्याल रखते हैं। फोर प्ले से लेकर आफ्टर प्ले तक हर बात का ख्याल रखने के अलावा यौन संबधों के दौरान रोमांस भी बरकरार रहता है।

3. सेक्स लाइफ को समय देना

Some Natural Ways To Spice Up Your Sex Life

बहुत से कपल्स शादी के कुछ सालों बाद सेक्स लाइफ को लेकर सीरियस नहीं रहते हैं। उनकी सेक्सुअल लाइफ धीरे धीरे बोरिंग होने लगती है और एक समय के बाद उस पर विराम लग जाता है। इससे दोनों लोगों का जीवन तनावपूर्ण और थकान भरा होने लगता है। दिनों दिन मन मुटाव और झगड़े बढ़ने लगते हैं। कुछ कपल जो शादी के सालों बाद भी खुशहाल नज़र आते हैं, वे अपनी सेक्सुअल लाइफ को पूर्ण रूप से मेंटेन रखते हैं। वे दूसरे के लिए वक्त निकालते हैं। हांलाकि, वो कामेच्छा से ज्यादा तनाव से दूर रहने के लिए सेक्स को प्रायोरिटी देने लगते हैं।

4. बोझ नहीं है सेक्स

वे लोग जो शादी के सालों बाद सेक्स के चार्म को एंजॉय नहीं कर पाते हैं। उनके लिए यौन संबध सिर्फ एक टास्क के समान होता है। वे अब उसमें खुशी नहीं तलाश पाते हैं। इसका प्रभाव उनके रिश्ते पर दिखने लगता है। धीरे धीरे वो सेक्स को बोझ मानने लगते है। अपने रिश्ते में खुशहाली को बनाए रखन के लिए सेक्स को महज़ एक काम न समझें। उस समय के दौरान खुशी को तलाशें और पार्टनर को भी खुश रखने का प्रयास करें। इस बात को जान लें कि एक दूसरे को खुश रखने से आपके संबध मज़बूत होंगे।

5. बातों की चाशनी

पार्टनर से वार्तालाप करना हेल्दी रिलेशन मेंटेन करने के लिए बेहद ज़रूरी है। एक दूसरे से बातचीत करके आप अपनी समस्याओं को सुलझा सकते हैं। साथ ही सेक्सुअल लाइफ में आने वाने अप्स एंड डाउंस को आसानी से मिलकर हल कर सकते हैं। संवाद बहुत सारी समस्याओं का समाधान हो सकता है। सेक्स को साइलेंट अफेयर बनाने की बजाए एक-दूसरे के साथ संवाद बनाएं।

Sexual intimacy helps in recovering from loneliness and depression

फोरप्ले (Fore Play) के दौरान अपने पार्टनर के नर्व एंडिंग यानी की वासनोत्तेजक क्षेत्र पर आइस क्यूब्स का स्पर्श देने से उन्हें ठंडक और आराम पहुंचेगा। साथ ही यह उत्तेजना को भी बढ़ावा दे सकता है।

गर्मी में अक्सर लोगों की सेक्स फ्रीक्वेंसी कम हो जाती है। बढ़ता तापमान लो लिबिडो का कारण हो सकता है। यदि आप इस गर्म मौसम में अपनी इंटिमेसी को एन्जॉय करना चाहती हैं तो समर सेक्स टिप्स को ध्यान में रखें साथ ही कुछ नया ट्राई कर सकती हैं। अपने सेक्सुअल एक्टिविटी में आईसी ट्रिक्स को शामिल करना एक अच्छा आईडिया रहेगा। आइस क्यूब्स की कूलिंग इफ़ेक्ट (Icy Tricks for Summer Sex) आपकी इंटिमेसी को ज्यादा मजेदार बना देंगी।

Some Natural Ways To Spice Up Your Sex Life

फोरप्ले के दौरान अपने पार्टनर के नर्व एंडिंग यानी की वासनोत्तेजक क्षेत्र पर आइस क्यूब्स का स्पर्श देने से उन्हें ठंडक और आराम पहुंचेगा। साथ ही यह उत्तेजना को भी बढ़ावा दे सकता है। दोनों पार्टनर एक दूसरे को इसका आनंद दे सकते हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसेही कुछ खास आईसी ट्रिक्स जो आपके समर सेक्स को एक्सिटिंग बना देगी। आप बेफिक्र होकर इसे अपनी इंटिमेसी का हिस्सा बना सकती हैं।

हेल्थ शॉट्स ने सेक्सुअल एक्टिविटी और फोरप्ले के दौरान आइस के इस्तेमाल को लेकर ऑरा क्लिनिक, गुड़गांव की डायरेक्टर एवं क्लाउड नाइन हॉस्पिटल, गुड़गांव की सीनियर कंसलटेंट डॉ रितु सेठी से सलाह ली। उन्होंने आइस के इस्तेमाल को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है। जिस प्रकार सेक्स के दौरान हाइजीन पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है, ठीक उसी प्रकार आइस का प्रयोग करते वक़्त भी हाइजीन का ध्यान रखना जरुरी है।

सेक्स सेशन को और भी मजेदार बना सकते हैं ये 4 आईसी ट्रिक्स (Icy Tricks)

1. आईसी किस

हम सभी Sex या फिर किसी भी प्रकार की रोमांटिक गतिविधियों की शुरुआत किस के साथ करते हैं। तो क्यों न शुरुआत को अधिक सेंसेशनल बनाया जाए। तो क्यों न इस गर्मी अपने किस को आईसी किस में बदला जाए। इसके लिए आपको हल्के पिघले हुए आइस क्यूब को अपने होठों में दबाना है और उसके बाद अपने पार्टनर को किस करना है। मुंह की गर्माहट और बर्फ की ठंडक पुरे स्पाइन को शिवर करती है और यह उत्तेजना को भी बढ़ा देती है।

2. रबिंग गेम

Fore Play शुरू करने से पहले अपने फ्रीजर से कुछ आइस क्यूब्स निकाल कर उन्हें अपने बेड के बगल में रख लें। फिर अपने पार्टनर को कहें की वे बर्फ के एक टुकड़े को लेकर धीरे-धीरे आपकी त्वचा पर रगड़ें।

होठों को बर्फ के टुकड़ों से छुएं साथ ही पेट के निचला हिस्से, निप्पल, आर्मपिट, क्लिटोरी, जांघों के बिच और अन्य वासनोत्तेजक क्षेत्रों (इरोजेनस स्पॉट) पर बर्फ के टुकड़ों का स्पर्श दें। क्लिटोरी पर पिघलते बर्फ का पानी डालने से उत्तेजित होना आसान हो जाता है इसके अलावा यह काफी रिलैक्सिंग हो सकता है।

इरोजेनस स्पॉट पर जाएं। इससे पुरुषों को भी उत्तेजित होने में मदद मिलती है।

3. पआईसी ओरल सेक्स ट्राई करें

आ Icy ओरल सेक्स भी ट्राई कर सकती हैं। पार्टनर को मुंह में एक आइस क्यूब रखने को कहें और अपने सामान्य ओरल सेक्स को अधिक एक्साइटिंग बनाएं। ऐसा करने से एक ही समय में आइस क्यूब की ठंडक और सांसों की गर्मी महसूस होगी। यह कामोत्तेजना को बढ़ावा देता है।

ओरल सेक्स के दौरान आनंद को बढ़ाने के लिए अपने पार्टनर को नाक का इस्तेमाल करने के लिए कह सकती हैं। यह योनि को ठंडक पहुॅचाता है और आपको रिलैक्स रहने में मदद करता है। ठीक इसी प्रकार महिला पार्टनर भी अपने मुंह में आइस क्यूब रखकर ब्लो जॉब दे सकती हैं जिससे की पुरुषों को भी आराम मिलता है।

4. Sex Toys को दें आईसी इफेक्ट

अगर आप सेक्स टॉय का इस्तेमाल करती हैं तो अपने Sex Toys को ठंडा कर के इस्तेमाल कर सकती हैं। खासकर गर्मी में ठंडे टॉयज का इस्तेमाल करना आपको केवल प्लेजर ही नहीं बल्कि आपके वेजाइना को पर्याप्त ठंडक भी प्रदान करता है। पार्टनर के साथ सेक्स करते हुए यदि टॉयज का इस्तेमाल करती हैं तो अपने पार्टनर से इन्हे ठंडा करने को कह सकती हैं। हालांकि, इन्हे इस्तेमाल करने से पहले अपने हाथ पर रख कर देख लें ताकि आपको आइस बर्न से न जुजरना पड़े।

अपने स्टेनलेस स्टील और रबर टॉयज को अच्छे से क्लीन कर लें और साफ़ पानी में आइस क्यूब्स डाल दें, फिर टॉयज को पानी में डालें और जब ये ठंडा हो जाएं तो इन्हे इस्तेमाल करें।

Your sleeping position reveals your personality

कुछ सामान्य हेल्थ से जुड़ी समस्याएं महिलाओं को महत्वहीन लग सकती हैं लेकिन ये गंभीर हो सकती हैं। इसलिए इनके बारे में जानना बेहद जरूरी है।

हैरियट स्टोव का प्रसिद्ध कथन है, “एक महिला का स्वास्थ्य उसकी पूंजी है।” पर अक्सर हम महिलाएं अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं। वक़्त की कमी, काम या घर से संबंधित तनाव, जागरूकता की कमी और यौन स्वास्थ्य के बारे में बात करने में झिझक, सभी ऐसे कारक हैं जो इसमें योगदान करते हैं। लेकिन सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी आपको इग्नोर नहीं करना चाहिए। खासतौर से जब वे बदलाव आपकी योनि या ब्रेस्ट में नजर आ रहे हों।

हां, महिलाओं की आम शिकायतें होती हैं, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। पर यह कुछ अधिक गंभीर होने का संकेत हो सकता है।

6 हेल्थ से जुड़ी समस्याएं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए

1. सेक्स के दौरान दर्द होना (Painful sex)

Some Natural Ways To Spice Up Your Sex Life

महिलाएं अक्सर सेक्स के दौरान दर्द के बारे में बात करने से हिचकिचाती हैं। हालांकि, दर्दनाक सेक्स एंडोमेट्रियोसिस का लक्षण भी हो सकता है। एक ऐसी स्थिति जिसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत गर्भाशय के बाहर जमा हो जाती है। यह पीआईडी ​​​​(पेल्विक सूजन की बीमारी) की वजह से भी हो सकता है, जो अक्सर वेजाइनल डिस्चार्ज के साथ रिप्रोडक्टिव ऑर्गन का संक्रमण होता है। अपर्याप्त लुब्रिकेशन और ड्राई वेजाइना के कारण भी सेक्स दर्दनाक हो सकता है।

2. अनियमित या असामान्य माहवारी (Irregular periods)

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मासिक धर्म हर 21-35 दिनों में नियमित रूप से होना चाहिए। भारी प्रवाह, मध्य-चक्र रक्तस्राव या स्पॉटिंग, लंबे समय तक पीरियड साइकिल, यह थायराइड, पीसीओडी या फाइब्रॉएड जैसे हार्मोनल रोगों के कारण हो सकता है, जो गर्भाशय के सौम्य ट्यूमर हैं।

सेक्स के बाद रक्तस्राव या रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। यह ओवेरियन कैंसर का संकेत हो सकता है और इसकी जांच की जरूरत है।

3. स्तन परिवर्तन (Changes in breast)

स्तनों में गांठ फाइब्रोएडीनोमा जैसी हानिरहित स्थितियों के कारण हो सकती है। हालांकि ब्रेस्ट में गांठ होना भी ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है। जागरूकता की कमी के कारण महिलाओं में स्तन कैंसर अक्सर उन्नत चरणों में पाया जाता है। स्तनों में गांठ जो स्तन के बाकी टिश्यू से सख्त और अलग लगती हैं या निप्पल से स्राव को चैक किया जाना चाहिए। महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए नियमित चेकअप करवाना चाहिए। स्तन में किसी भी परिवर्तन का शीघ्र पता लगाने के लिए ब्रेस्ट सेल्फ टेस्टिंग के तरीकों के बारे में भी पता होना चाहिए।

4. अचानक वजन घटना और बढ़ना (Sudden weight loss or gain)

Thappad

हालांकि, अचानक वजन कम होना खुशी की बात हो सकती है, लेकिन अचानक वजन कम होना टीबी के साथ-साथ कैंसर या थायरॉयड विकारों का भी संकेत हो सकता है और इसका मूल्यांकन किया जाना चाहिए। अचानक वजन बढ़ना पीसीओडी या थायराइड की समस्या के कारण हो सकता है और अगर इसका पता चल जाए तो इसे बहुत अच्छी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है।

5. थकान (Feeling tired)

Because not everyone is big hearted.

बहुत सी महिलाएं हर समय थकान महसूस करती हैं। बार-बार थकान एनीमिया, थायराइड विकार, सूक्ष्म पोषक तत्वों और विटामिन डी की कमी के कारण हो सकती है और इसकी जांच होनी चाहिए। पूरी रात की नींद के बाद भी थकान महसूस होना भी तनाव, चिंता, डिप्रेशन या ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का कारण हो सकता है। इसलिए इसे कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

6. ब्लोटिंग (Bloating)

Frequent urination at night can be a sign of serious illness, a look at the dangers

बहुत सी महिलाएं खास कर मासिक धर्म से पहले फूला हुआ या गैसी महसूस करती हैं। यह अधिक सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। हालांकि, अगर ब्लोटिंग महसूस करना बहुत बार होता है, तो इसे चैक करवाना चाहिए। यह इरिटेबल बावल सिंड्रोम, एंडोमेट्रियोसिस या यहां तक ​​कि ओवरियन कैंसर का संकेत हो सकता है।

Like bread, cloth and house, 'sex' is also our physical need.
दोस्तों 'सेक्स' शब्द को हमारी संस्कृति में हय दृष्टि से देखा जाता था। इसके बारे में लोग बात करना तक पसंद नहीं करते थे। और कभी कोई इस तरह की बातें करता था तो लोग उस इन्सान को जरा भी पसंद नहीं करते थे।
What is the opinion of people on sex before and after marriage in India, here came a shocking survey

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की नई रिपोर्ट आज कल बहुत सुर्खियों में है। इस सर्वे में भारतीयों से शादी, सेक्स और सेक्सुअल पार्टनर से जुड़े कई सवाल पूछे गए। रिपोर्ट में शादी की उम्र और पहली बार सेक्स करने की उम्र पूरी तरह अलग पाई गई। सर्वे में यह भी जानने का प्रयास किया गया कि क्या भारतीय लोग शादी से पहले सेक्स नहीं करते हैं? आंकड़ों से मालूम चलता है कि वो शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाते हैं लेकिन सभी समुदायों में इसका एक अलग पैटर्न है।

शादी से पहले कितने भारतीय करते हैं सेक्स- शादी से पहले सेक्स करने का पुरुषों का अनुपात महिलाओें के विपरीत है, जबकि वो किसी भी समुदाय के हों। सर्वे में औसतन 7.4 फीसदी पुरुषों ने और 1.5 फीसदी महिलाओं ने माना कि उन्होंने शादी से पहले शारीरिक संबंध कायम किए।

What is the opinion of people on sex before and after marriage in India, here came a shocking survey

सर्वे में लगभग 12 फीसदी सिख पुरुषों ने कहा कि उन्होंने शादी से पहले यौन संबंध बनाएं। सभी धार्मिक समुदायों में ये आंकड़ा सबसे ज्यादा है। वहीं, सिख महिलाओं में ये आंकड़ा सिर्फ 0.5 फीसदी का था, जो सबसे कम था। हिंदू पुरुषों में यह आंकड़ा 7.9 फीसदी, मुस्लिम पुरुषों में 5.4 फीसदी, ईसाई पुरुषों में 5.9 फीसदी था। महिलाओं की बात करें तो हिंदुओं में 1.5, मुस्लिमों में 1.4 फीसदी और ईसाई महिलाओं में 1.5 फीसदी ने माना कि उन्होंने शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाएं।

आर्थिक हालात को भी इस चीज से जोड़ कर देखा गया जैसे कि अमीर पुरुषों और गरीब महीलाओं में शादी से पहले सेक्स करने की सबसे ज्यादा संभावना पाई गई। शादी के बाहर किसी दूसरे शख्स के साथ शारीरिक संबंध बनाने के कारण महिला और पुरुष दोनों का एक ही व्यावहार देखने को मिला। हालांकि, महिलाएं इसे खुले तौर पर बहुत कम एक्सेप्ट करती हैं। अभी महिलाओं के औसतन सेक्सुअल पार्टनर 1.7 फीसदी हैं जबकि पुरुषों के 2.1 हैं। वर्ष 2006 में हुए NFHS के तीसरे सर्वे की बात करें तो महिलाओं में ये 1.02 और पुरुषों में 1.49 फीसदी था।

पत्नी को सेक्स से इनकार करने का राइट है क्या- शादीशुदा जीवन के अंदर सेक्स पूरी तरह पुरुष प्रधान समाज से जुड़ा हुआ है। सर्वे में 87 फीसदी महिलाओं और 83 फीसदी पुरुषों ने कहा कि पत्नियों का सेक्स से इनकार करना उचित है। हालांकि, सभी स्टेट के बीच यह प्रतिशत अलग अलग है। मेघालय अपने मातृसत्तात्मक समाज के लिए प्रसिद्ध है फिर भी यहां सिर्फ 50 फीसदी पुरुषों ने कहा कि पत्नियां सेक्स से इनकार कर सकती हैं। कई राज्यों में महिलाओं की राय भी यह है। मिसाल के तौर पर, अरुणाचल प्रदेश में लगभग 30 फीसदी महिलाओं ने कहा- जब पति सेक्स करना चाहे तो महिला का मना करना उचित नहीं है।

फोटो सौजन्य- गूगल