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Monthly Archives: April 2021

मां दुर्गा

हर घर से वो मोहक सी कपूर की खुशबू आना..वो छोटे छोटे पैरों में पायल पहने लक्ष्मी सा घर में प्रवेश करना…वो छोटे छोटे हाथों से हलवा-पूरी का भोग लगाना…आया कुछ समझ..?

जी हां, हम बात कर रहे है नवरात्रि के पावन नौ दिनों की, कन्या पूजन की तथा उन दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों से उनकी कहानियों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है.. उस अमृत की…

यूं तो दुर्गा मां वर्ष भर ही पूजनीय है लेकिन नवरात्रि के दौरान देवी पूजन और कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। माता के भक्तों के लिए ये नौ दिन कुछ अलग ही सुकून देने वाले होते है, भक्तों द्वारा पूरे नौ दिनों तक मां की पूजा अर्चना की जाती है। ग्रंथों के अनुसार ब्रह्मा, विष्णु, महेश द्वारा मां दुर्गा की उत्पत्ति हुई। अष्टभुजाओं में शस्त्र लिए तथा चेहरे पर मुस्कान लिए मां सिंह की सवारी करती है। कई राक्षसो का वध करने वाली मां दुर्गा ने मुश्किल समय में भी देवताओं की मदद कर अपने आपको आदिशक्ति साबित किया है, तो चलिए फिर हम भी इन नवरात्रि में जाने की आदिशक्ति के नौ रूपों से हमें क्या शिक्षा मिलती है:

  1. मुस्कान से मुश्किल हल- जब भी हम मां देखते है तो सबसे पहले हमें आकर्षित करती है उनकी मोहक मुस्कान। जी हां,उनकी मुस्कान हमें बताती है कि जीवन में कितनी भी मुश्किलें हो लेकिन हमें मुस्कान का दामन कभी नहीं छोड़ना चाहिए। बल्कि प्यारी सी मुस्कान के साथ हमें मुकाबला करना चाहिए।
  2. हर किरदार को महत्व देना- हम सब अपने जीवन में बहुत सारे किरदार निभाते है.. कभी पति-पत्नी, भाई-बहन, मम्मी-पापा, दादा-दादी, नाना-नानीऔर दोस्त बनकर। मां के नौ रूप हमें सिखाते है कि समय आने पर हमें अपने हर किरदार को साबित करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
  3. लक्ष्य के प्रति समर्पण- मां द्वारा महिषासुर का वध तथा अन्य राक्षसों का संहार करना हमें सिखाता है को जीवन में लक्ष्यों का निर्धारण कितना महत्वपूर्ण है। लक्ष्य निर्धारित करने से आपको अपने किए गए कार्यों का विश्लेषण करना आसान हो जाता है।
  4. निर्भयता- मां सिंह पर सवार होकर हमें यह सीख देती है कि अगर हम सही कार्य कर रहे हैं तथा हमारा मकसद सेवाभाव का है तो हमें किसी से भी बिना डरे अपना कार्य करते रहना चाहिए। जीवन के रास्तों को हमें निर्भयता से पर करना चाहिए।
  5. हर पल सीखने की कोशिश- मां दुर्गा के उत्त्पति तथा उनका आपने कार्य करना…देवताओं की मदद के लिए हरसमय खड़े रहना तथा उनके ब्रह्मा, विष्णु, महेश द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करना तथा हर पल उनसे सीखते रहना हमें सिखाता है की हमें अपने जीवन में हर पल सीखने की कोशिश करनी चाहिए।

वो कहा जाता है ना किसी के सीखने की कोई उम्र नहीं होती।।

तो दोस्तों आज के लिए सिर्फ इतना ही..फिर मिलते है किसी नए विषय के साथ.. तब तक के लिए अपना और अपनो का ख्याल रखें…

जय माता दी।।

हैलो दोस्तों, कैसे है आप…आशा करती हूं कि इस कोरोना काल में आप अपना और अपनो का ख्याल रख रहे होगें।।

दोस्तों जिंदगी के किसी न किसी मोड़ पर हमें ये अहसास हो ही जाता है कि हमारे अपने, हमारे लिए कितनी जरूरी होते है…उनके बिना हमारा अस्तित्व ही नहीं होता और हमें हमारी पहचान करने वाली होती है हमारी मां….
वो कहते हैं ना की मां हर रिश्ता निभा सकती है..लेकिन मां वाला प्यारा रिश्ता कोई नहीं निभा सकता। उनकी जगह कोई ले ही नहीं सकता।
तो आज मैं आप लोगो के लिए लाई हूं एक बेटी के कुछ एहसास जिसकी शादी हो गई है, और उसका घर भी बदल गया है…लेकिन अगर कुछ नहीं बदला तो वो है उसका उसकी मां से रिश्ता…उनके बीच के अनकहे अल्फाज़…उनके बीच की वो गरमाइश जो कभी ठंडी नहीं पड़ सकती।
तो आइए जुड़ जाए उन प्यारे एहसासों के साथ….
“वैसे तो हवा रोज ही चलती है लेकिन आज वो मेरी मां के घर की ओर से आ रही थी। महकती हुई सी वो बार बार मेरे बालों को ठीक वैसे ही सहला रही थी जैसे मां अपने हाथों से सहलाया करती थी। हर झोंके में उनका स्पर्श मुझे महसूस हो रहा था। कभी बहुत ज़ोर से तो कभी धीरे से चल रहा था ठीक वैसे जैसे मां कभी गुस्से से और कभी प्यार से मुझे समझाती थी।
हर एक झोंका खाली न आते हुए वो कढ़ाई में बनते पकौड़ों की खुशबू अपने साथ ला रहा था। बहुत सारी यादें लिए हर झोंके मुझे अपनी और खींच रहा था। इस हवा से बहुत पुराना सा रिश्ता है हमारा, शायद तब से जब मां मुझे सीने से लगाए लोरी सुनाकर सुलाया करती थी। वो धीरे धीरे मुझे थपथपाते हुए इस हवा के साथ साथ टहल रही होती है। और मैं भी सपनों की दुनिया में झांकते हुए नींद के आगोश में चली जाती थी। वो बचपन वाली नींद बहुत प्यारी और बेपरवाह होती थी और जब मां के सीने से चिपके होते थे तो लगता था मानो सारी दुनिया अपनी ही है। लेकिन जैसे जैसे बड़े होते गए समझ आने लगा कि सारी दुनिया नही सिर्फ़ मां अपनी है। बहुत अच्छा लग रहा था सब कुछ बिल्कुल वैसा जैसा मां की गोदी में लगता था। लेकिन अचानक से ऐसा लगा जैसे मां की गोदी से किसी ने झटके से नीचे उतार दिया हो। ऐसा लगा जैसे किसी ने उस बेपरवाह सी नींद में आए हुए सपने को तोड़ दिया हो।इस बार झोंके ने जब आकर छुआ तो उसमे कुछ नमी सी थी, थोड़ा भीगा हुआ सा था वो। फिर मुझे भी एक पल नहीं लगा ये समझने में की इस हवा के झोंके ने मेरी मां को मेरी भी तो याद दिला दी होगी ना। जब उसे छुआ होगा तो उसे भी तो लगा होगा जैसें मैं बचपन की तरह दौड़ कर उसे लिपट गई हूं , मेरी शरारतें, मेरी अटखेलियां, वो सारी बातें, वो सारे पल याद आ गए होंगे जो हमने साथ बिताए है। आज मां से थोड़ी दूर हूं लेकिन हर पल, हर लम्हा उन्हें उन्हीं की तरह याद करती हूं।।
बस आज थोड़ा ज्यादा कर रही हूं, इन शादी की रस्मों ने मुझे उनसे दूर कर दिया हो, पर वो हमारे रिश्ते में दूरियां कभी नहीं ला सकती। हम एक दूसरे से उतने ही करीब रहेंगे। ऐसे ही एक दूसरे को महसूस भी करते रहेंगे, कभी हवा से, कभी बारिश से और कभी जून की तेज तपिश से..और कभी एक दूसरे को कस के गले लगा के।।
वो कहते है ना….
 मां है तो जन्नत है अपने पास,
और मां नहीं तो जन्नत भी बेकार है अपने पास।
बस थोड़ा सा नमक , थोड़े बदलते रिश्ते
काफी है मेरे घाव को गहरा करने के लिए ।।
पहले जो मक्खन लगाते है,
फिर वही नमक छिड़कते है।।
जी हां, इस तरह के जुमले बहुत सुने होंगे आपने और इन से आप समझ गए होंगे कि हम सब की जिंदगी में  ‘नमक’ कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नमक ही है जो हमें ये अहसास करवाता है की जिंदगी में हर चीज के लिए संतुलन कितना जरूरी है, जब कभी सब्जी में नमक तेज हो जाए तो हमारी जीभ साफ इनकार कर देती है जायजा लेने से, और जो कभी वो कम हो जाए तो खाना एक दम बेस्वाद हो जाता है फिर हमारा नटखट मन उसे खाने से मना कर देता है।
 
दोस्तों, वैसे तो हम सब ही रोज नमक का अपने घरों में इस्तेमाल करते है..लेकिन हम में से बहुत सारे लोग ‘सामान्य नमक’ की जगह  ‘सेंधा नमक’ का इस्तेमाल करते है जो न सिर्फ स्वाद में बेहतर होता है बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बहुत लाभदायक होता है। हालांकि सेंधा नमक भी नमक की ही एक किस्म है लेकिन इसके इस्तेमाल के अनेक फायदे है :
 
तो आइए जानते है  ‘सेंधा नमक’ के बारे में और इसके फायदों के बारे में-
 
सेंधा नमक एक प्राकृतिक नमक है। यह खारे तालाबों से निकाला जाता है, हालांकि यह उस समय ठोस पत्थर जैसे आकर में होता है। इसे तोड़ कर छोटा किया जाता है था फिर इसको पाउडर में परिवर्तित किया जाता है। यह हल्का लाल या हल्के काले रंग का हो सकता है तथा इसका जो रंग है वह इसमें मौजूद ऑक्साइड की वजह से होता है।
सेंधा नमक के फायदे-