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Monthly Archives: May 2021

पति-पत्नी की आपसी समझ
पति-पत्नी का रिश्ता बड़ा ही खास और जिंदगी के एहसास से जुड़ा होता है। कभी ये एहसास मीठा तो कभी कढ़वाहट से भरा होता है
आज हम बात करने वाले है उस छोटे बच्चे के बारे में जिसे हम समझाते तो बहुत है लेकिन अक्सर उसकी जिद के आगे हमें अपने घुटने टेकने पड़ते है
पिता है तो सपने है

हैलो दोस्तों कैसे है आप? मैं आपकी होस्ट और दोस्त आज फिर आपके लिए कुछ जिंदगी से जुड़ा हुआ, कुछ रोज की परेशानियों से अलग और दिल को सुकून देने वाला विषय लेकर आई हूं।

जी हां, वैसे तो दुनिया का हर रिश्ता अजीज़ और प्यारा होता है, हर रिश्ते की अपनी एक गरिमा, अपनी एक जगह होती है। लेकिन दोस्तों, कुछ रिश्ते ऐसे होते है जो कभी ये बयां नहीं करते कि हम उनके लिए कितने महत्वपूर्ण है, वो कहते है ना कि हर अहसास को बयां नहीं किया जाता। आज मैं उसी अहसास से भरे हुए रिश्ते को लेकर आई हूं आपके लिए, जो आपसे कभी ये नहीं कहते की आप में उनकी जान बसती है, लेकिन वो पूरी दुनिया को आप पर लूटा सकते है वो भी बिना किसी उम्मीद के, बिना किसी स्वार्थ के !

जी हां, अब तक आप समझ चुके होंगे की मैं किस रिश्ते की बात कर रही हूं। जी बिलकुल मैं बात कर रही हूं एक पिता और उनके बच्चे रिश्ते के बारे में, तो आइए कुछ देर के लिए डूब जाए इस प्यार भरे रिश्ते के अहसास में, दो चार गोते मार ले इनकी समुद्र सी गहराई में….

पिता पर लिख पाऊं, ऐसे अल्फाज़ कहां से लाऊं

कैसी मुश्किल है देखिए…बहुत समय से सोच रही थी कि पिता के लिए कुछ लिखूं लेकिन आज कलम लेकर बैठी हूं तो वो भी उनके सम्मान में झुकी हुई है, मानों मुझे याद दिला रही हो कि यही वो व्यक्ति है जिसने मुझे इसे पकड़ कर लिखना सिखाया है।।
समझ ही नहीं आ रहा की कहां से वो शब्द लाऊं जिनसे हमारी ज़िन्दगी में पिता की भूमिका को दर्शाया जा सके ।। बहुत मुश्किल है उन भावनाओं को शब्द देना जो एक पिता के दिल में उसके बच्चे के लिए होती है,

“पिता से ही बच्चों के ढेर सारे सपने है
पिता है तो बाज़ार के सब खिलौने अपने है।”

बहुत बार सुनी होंगी आपने ये खूबसूरत पंक्तियां..
लेकिन क्या असल ज़िन्दगी में हम इन पंक्तियों का महत्त्व समझ पाते है।। हम और आप ना जाने कितनी ही बार इस बात पर आपनी मोहर लगा देते है कि जितना एक बच्चे के लिए उसकी मां कर सकती है उतना कोई नहीं कर सकता लेकिन ये कहकर हम पिता कि हमारी ज़िन्दगी में जो अहम भूमिका है उसे अनदेखा नहीं कर सकते ।

यकीन मानिए जो हर मोड़ पर हमारी उंगली थामकर खड़े होते है, जो अपने कंधे पर ज़िम्मेदारियों का बोझ चुपचाप उठा लेते है और बिना उफ्फ तक किए हमारे लिए वो सब करते है जिसमें हमारी खुशियां हो वो सिर्फ और सिर्फ पिता ही होते है।।बच्चे जो सपने देखते है उनमें रंग भरने का काम भी पिता ही करते है।।

पिता के लिए सब कुछ यहां लिख पाना मेरे लिए बहुत मुश्किल है लेकिन चंद पंक्तियां है मेरे पास उनके लिए उम्मीद करती हूं आपको पसंद आएगी….

क्यों एक बच्चे की परवरिश का सारा श्रेय उसकी मां को दिया जाता है,
एक पिता भी तो खुद को जलाकर बच्चों को रोशनी देता है।
जब पैदा होता है बच्चा तो मिठाईयां तो वो भी बांटता है,
उतनी ही ममता से वो भी उसे गले लगता है
जब रोता है बच्चा तो वो भी तो सारी रात सो नहीं पाता है
फिर क्यों एक बच्चे की परवरिश का सारा श्रेय उसकी मां को दिया जाता है।।
बच्चे की एक मुस्कुराहट पर वो भी तो अपना हर ग़म भूल जाता है
उसकी ख्वाहिश को पूरा करने में अपनी चाहतों को दाव पर लगाता है
जब चलना सीखता है बच्चा तो वो भी तो अपनी उंगली के सहारे से उसे कदम बढ़ाना सिखाता है
फिर क्यों एक बच्चे की परवरिश का सारा श्रेय उसकी मां को दिया जाता है।।
जब किसी मोड़ पर डगमगाते है बच्चे तो आगे का रास्ता भी वहीं दिखाता है
उनकी कामयाबी देख वो भी तो बच्चो कि तरह ताली बजाता है
बच्चो की खुशी की खातिर ही वो अपनी पूरी जिंदगी लगा देता है
फिर क्यों एक बच्चे की परवरिश का सारा श्रेय उसकी मां को दिया जाता है।।
दोनों में बस फ़र्क इतना है कि मां की ममता दिखाई दे जाती है..और पिता अपना प्यार दिखा नहीं पाता है,
शायद इसलिए एक बच्चे की परवरिश का सारा श्रेय उसकी मां को दिया जाता है।।

फोटो सौजन्य गूगल

हम जानते है की पूरे देश में कोरोना काल चल रहा है, अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड नहीं है, श्मशानो में लाशों की लंबी लाइन है, लोग अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पा रहे है। जिस हवा में इंसान खुल कर सांस लेने की सोचता था.
दालचीनी के लाभकारी गुण
आज हम बात करने जा रहे है जिसके नाम में चीनी है पर मिठास नहीं, वह हर किचन में उपलब्ध होता है और वह बहुत ही लाभकारी होता है,
शतावरी महिलाओं के लिए जरूरी
ये जुमला बहुत बार सुना होगा आपने लेकिन एक लड़की को मां बनने की इस प्रक्रिया में बहुत सारे चरणों से गुजरना पड़ता है। राहें कभी कभी बहुत मुश्किल होती है, इस सफ़र की।
परिवार के साथ वक्त बिताने का मौका
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अभी फिलहाल जो एक तरीका है वो यही है कि लॉकडाउन हो जाओ यानी अपने घर में बंद रहें, सुरक्षित रहें लेकिन जो लोग पूरे दिन बाहर काम करते हैं
कोरोना वायरस
भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार का मानना है कि जिसमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं, वह भी वायरस फैला सकता...
कोरोना मरीज का डाइट्स

आज पूरी दुनिया कोरोना वायरस की मार झेल रही है। इस बीमारी के ठीक होने के बाद भी इसकी रिकवरी होने में लगभग एक महीने से ज़्यादा का वक्त लगता है। वो भी तब जब आप एक सही और संतुलित  डाइट ले रहे हो। वैसे तो बीमार होने पर खाने की कुछ खास इच्छा नहीं होती लेकिन फिर भी अगर खाना टाइम से न लिया जाए या स्किप किया जाए तो रिकवरी में न सिर्फ ज़्यादा वक़्त लग जाता है बल्कि बीमार व्यक्ति पहले से ज़्यादा कमज़ोर हो जाता है  जो कि उसे कईं तरह को दूसरी शारीरिक परेशानियों में डाल सकती है।

आइये आज जानते हैं कोरोना काल में और कोरोना के बाद रिकवरी पीरियड में मरीज़ की डाइट किस तरह की होनी चाहिए।

बिस्तर से उठने के बाद (सुबह 5.30- 6.30 बजे)

नींबू पानी

1 गिलास गुनगुने नींबू पानी में दालचीनी 05 भीगे हुए बादाम और अखरोट मिलाएं।

नाश्ते के विकल्प (30 मिनट के बाद)

पालक बेसन चीला 02 नग हरी चटनी/ नारियल चटनी या 1 कप दही के साथ।

ओट्स दलिया ड्राई फ्रूट्स या बीज के साथ और साथ ही एक कटोरी फल।

दो डोसे कम तेल में 1 कप सांबर/

वेजिटेबल ऑमलेट (2 अंडे का सफेद भाग और 1 पूरा अंडा) ।

2 स्लाइस साबुत-गेहूं या मल्टीग्रेन ब्रेड के साथ चाय (इच्छा होने पर)।

Mid-morning snack options मध्य सुबह के नाश्ते के विकल्प (सुबह 10 – 11 बजे)

1 कटोरी फल चिया/1 बड़ा चम्मच कद्दू बीज के साथ / 1 गिलास नींबू पानी।

चिया और अलसी बीज के साथ 1 गिलास पपीते की स्मूदी।

1 ग्लास ऑरेंज जूस / पाइन एप्पल  जूस/ नारियल पानी ।

दोपहर का भोजन (दोपहर 1 – 2 बजे)

भारतीय थाली

2 फुल्के / 1 कप उबले हुए चावल की सब्जी (बीन्स / फूलगोभी / ब्रोकली / पत्तेदार सब्जी / मिश्रित सब्जी) / कप दाल / चना / राजमा / 1 कटोरी पनीर की सब्ज़ी +1 कप दही

दोपहर के भोजन के बाद (शाम 4 बजे)

लौंग, काली मिर्च और सोंठ का काढ़ा/ ग्रीन टी /चाय /कॉफी – 1 कप।

मध्य शाम का नाश्ता (शाम 5 – 6 बजे)

फल

½उबले स्प्राउट्स /½ कप भुने हुए चने या भुना हुआ मखाना।

उबले स्प्राउट्स/ दालें या भुना हुआ मखाना/ चना – ½ कप

रात के खाने से पहले के विकल्प (रात 7 बजे)

1 चम्मच नीबू रस के साथ दाल पानी – 1 कप/

रसम – 1 कप।

गाजर/टमाटर/पालक/ब्रोकली सूप – 1 कप

रात के खाने के विकल्प (शाम 7.30– 8.30 बजे)

डोसा

1 कटोरी सब्जी खिचड़ी 1 कप दही/

2 मूंग दाल चीला पनीर लहसुन की चटनी के साथ।

इडली के 3 पीस, सब्जी सांबर के साथ।

2 रोटी १ कटोरी पालक या मेथी दाल/अंडे की सब्जी/पनीर भुर्जी के साथ – 1 कप।

सोने का समय :

1 गिलास हल्दी,अदरक और काली मिर्च के साथ कम फैट वाला दूध बिना चीनी के।

इस  डाइट चार्ट को आप आवश्यकतानुसार रिपीट कर सकते हैं |

इस बात का हमेशा ख्याल रखें कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए सही पोषण  हमेशा ज़रूरी होता  है, खासकर ऐसे समय में जब प्रतिरक्षा प्रणाली को पहले से कईं ज़्यादा मज़बूत बनाने की आवश्यकता हो।

अच्छी  डाइट  के  साथ  ही कुछ और बातों का ध्यान  रखना ज़रूरी है।  जैसे की कैलोरी काउंट, प्रोटीन, फैट्स की जरूरतों को शरीर के वजन के अनुसार ही बढ़ाएं। कोरोना के मरीजों के डाइट चार्ट में विटामिन ए, सी, डी, ई, जिंक से भरपूर चीजें जरूर शामिल करें। इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स विटामिंस और मिनरल्स होते हैं, जो कोरोना रोगियों को जल्दी रिकवर करने में मदद करते हैं।

बासी खाना बिल्कुल भी ना खाएं।

हाइड्रेटेड रहने के पानी और लिक्विड को भी अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें। ऐसे वक़्त में प्यास कम लगती है लेकिन फिर भी थोड़ा थोड़ा पानी लेते रहें। बेहतर स्वाद के लिए फल, पुदीना, नींबू के साथ पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अपनी शारीरिक क्षमता के मुताबिक प्रतिदिन शारीरिक एक्टिविटी करें, ब्रीदिंग एक्सरसाइज भी जरूर करें।

ब्रोहाइड्रेट्स, फैट्स से भरपूर सुंतलित आहार का सेवन करें। साथ ही प्रोटीन को भी जरूर शामिल करें।

ओरल न्यूट्रिशन सप्लिमेंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भी कोरोना मरीजों को जरूर देना चाहिए।

भारतीय शादी के रिवाज

बैग… जी हां, वही बैग जो मां ने शादी के समय ये कहते हुए मेरे ज़रूरी सामान से भर दिया था कि उस घर जाते ही तुम्हें इसकी जरूरत पड़ेगी….तेरा सारा ज़रूरी सामान इसमें रख दिया है।

उस वक्त लगा जैसे मां ने मेरी सारी दुनिया समेट कर उस बैग में रख दी हो, क्योंकि जब दूसरे घर जाऊंगी तो मां नहीं होगी वहां, यही सूटकेस होगा जो मां ने मेरी विदाई के वक्त मेरे साथ गाड़ी में रख दिया था।

बड़ा मुश्किल था उस सुहाने सपनों की दुनिया से इस हकीकत की दुनिया में आना। पर मां अक्सर कहा करती है कि ‘एक दिन हर लड़की को जाना होता है अपने घर’ तो मैने भी हां में सिर हिला दिया। फिर तो बस समय जैसे पंख लगा कर उड़ गया था…

लेकिन जब दूसरे घर जाकर देखा तो उस सूटकेस में मेरी जरूरत का तो सारा सामान था लेकिन मेरी जिंदगी तो वही उसी घर में छूट गई थी। मैंने मां पर भरोसा कर लिया था कि उन्हें पता है कि मेरे लिए ज़रूरी क्या है तो उन्होंने रख दिया होगा। पर नहीं उसमें तो वो था ही नहीं जो मेरे लिए वाकई ज़रूरी था।

मेरी वो बचपन वाली शरारतें, वो खिलखिलाकर हंसना, पापा के साथ मस्ती, भाई बहनों को परेशान करना, वो ‘तोरी की सब्जी नहीं खानी’ वाले नखरे, वो आलू के पराठे खाने की जिद, वो चोट लगने पर मां के सीने से चिपक जाना, वो मां के डांटने पर उनकी शिकायत पापा से करना,  आइस क्रीम खाने की जिद , वो चांद को देखकर उसे पा लेने का जुनून, रात को मां से चिपक कर वो सुकून भरी नींद, नींद में बुरा सपना देखने पर मां का वो पुचकार कर वापिस सुला देना, वो हर जन्मदिन पर मां का नए कपड़े लाकर देना, वो नारियल तेल की मालिश , वो बारिश में ना भीगने की हिदायत, वो सड़क पार करते हुए मां का मेरा हाथ कस के पकड़ लेना, वो दुकान पर रखा बड़ा सा टेडी बियर लेने की जिद करना…..और न जाने क्या क्या..! सब तो वही छूट गया मां। वो हसीन यादें तो तुम मेरे इस सूटकेस में रखना ही भूल गईं।

शादी में मां-बेटी

हालांकि इस बैग में वो सामान है ही नहीं जो मेरे लिए ज़रूरी हैं लेकिन फिर भी ये बहुत भारी लगता है मां।

आज जब भी इसे लेकर तुमसे मिलने आती हूं ये तब भी भारी होता है…और जब तुमसे मिलकर वापिस आती हूं ये तब भी भारी होता है…इसके अंदर कुछ हो न हो मां, लेकिन तुमसे मिलकर वापिस आते वक्त जब मन भारी होता है, तो इस बैग का वजन दोगुना हो जाता है। कभी कभी ये बोझ मै उठा ही नहीं पाती।

मां मेरा सारा ज़रूरी सामान मुझे वापिस कर दो और बदले में ये बैग तुम भले ही वापिस ले लो। मेरे कंधे और दिल अभी भी बच्चों से ही है मां, इस बैग को उठा पाना मेरी बस का हैं ही नहीं। मैं अभी भी तो तुम्हारी वही छोटी बच्ची हूं जिसके जिद करने पर भी दुकान से लाया भारी सामान तुम उठाने नहीं देती थी…

तो आज क्या हो गया… क्यों मुझे बड़ा बना देने की जिद करने लगी हो तुम ….

देखो मां मैं कह देती हूं…तुम मुझसे मेरा ज़रूरी सामान नहीं छिन सकती…

मेरा ज़रूरी सामान मेरे मां-पापा का प्यार है…और वो घर है.. हां मैं उन्हें सूटकेस में तो नहीं ला सकती.. लेकिन तुम्हें बताए बिना मैं चुपके से इन्हें दिल में रख लाई हूं…मुझे माफ करना मेरी प्यारी मां.. लेकिन यही सामान मेरी जिंदगी है…।

फोटो सौजन्य- Pinterest