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Monthly Archives: November 2021

What to do on Diwali so that Maa Lakshmi's grace remains on you..

आपको और आपके परिवार को Masakalii Team की और से दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं।

ये तो सभी जानते है कि दिवाली देश का मुख्य त्यौहार है। यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इस दिन अर्ध रात्रि के समय लक्ष्मी जी सद्गहस्थों के घरों में विचरण करती है। इस दिन लोग अपने घर और बाहर को साफ करते है व सजाते है। इस दिन की गई पूजा से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर सद्गहस्थो के घरों में निवास करती हैं।
तो चलिए फिर जानते है कुछ ऐसी बातें जिससे लक्ष्मी जी आप से प्रसन्न होगी और उनका आशीर्वाद आप पर बना रहेगा:
1. सुबह उठकर स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र पहनें।
2. अब दिन भर के उपवास का संकल्प लें।
3. दिन में पकवान बनाएं व घर को और पूजा घर को पुष्पों से सजाएं।
4. मिठ्ठा अवश्य बनाएं व बड़ों को खिलाकर उनका आशीर्वाद लें।
5. इस दिन पूरा दिन सक्रिय रहें और दिन में न सोएं।
6. शाम को पुन: स्नान कर मां लक्ष्मी व दिवाली पर क्या करें जिससे मां लक्ष्मीकी मूर्ति की स्थापना करें।
7. भोग के लिए प्रसाद बनाएं।
8. लक्ष्मी जी कि चौकी लगाएं।
9. दोनों को तिलक लगाएं।
10.चौकी के आसपास 26 दीपक जलाएं।
11. मौली, चावल, फल, गुड़, अबीर, गुलाल, धूप और मिठाई आदि से विधिवत पूजा करें।
12. पूजा के बाद दीपक घर के हर कोने में रखें।
13. मां लक्ष्मी, गणेशजी व कुबेर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण करें व भोग लगाएं।
14. लक्ष्मी पूजन रात 12 बजे करने का विशेष महत्व है।
15. रात्रि में जागकर मां लक्ष्मी का आवाहन करें तथा सुबह कूड़ा फेंकने जाते समय बोले ‘लक्ष्मी लक्ष्मी आओ, दरिद्र-दरिद्र जाओ’।।
Deficiency of Vitamin-A can cause you to face these problems?
हम सभी जानते है कि विटामिन हमारे शरीर के लिए हमारी सेहत को बरकार रखने के लिए कितने महत्वपूर्ण है। सिर्फ कोई एक नहीं बल्कि सारे विटामिन जैसे विटामिन- A, B, D, K आदि सारे ही हमारे लिए जरूरी है। इस कड़ी में हम बात करते है विटामिन- A की। हम बचपन से ही सुनते और पढ़ते आए है कि विटामिन-A हमारी आखों के लिए बहुत जरूरी होता है। शरीर में अन्य अंगों जैसे त्वचा, बाल, नाखून, ग्रंथि, दांत, मसूढ़े और हड्डी को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है लेकिन कभी कभी विटामिन- A की कमी हो जाती है, जिससे बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
तो चलिए जानते है कि विटामिन-A की कमी से आपको किन समस्याओं का सामना करना पड़ेगा:
1. इस विटामिन की कमी के कारण हमें आखों से संबंधित बहुत सारी समस्या आ सकती है। आंखों में संकर्मण भी हो सकता है।
2. विटामिन-A की कमी के कारण कई बार नाइट ब्लाइंडनेस जैसी बीमारी भी हो सकती है।
3. विटामिन-A की कमी के कारण कई बार देखा जाता है कि शरीर पर दाने उभर आते है तथा इन दानों की वजह ले पूरा शरीर लाल हो जाता है था इसमें खुजली भी महसूस होती है।
4. विटामि- A की कमी के कारण बांझपन जैसी समस्याएं भी हो जाती है।
5. विटामिन-A की कमी के कारण महिलाओं को गर्भ धारण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
6. विटामिन-A की कमी के कारण गले में और छाती में इंफेक्शन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
7. कई बार विटामिन- A की कमी के कारण डायरिया की समस्या भी हो सकती है।
अब समस्या ये आती है कि हम कैसे जान सकते है कि हमें विटामिन-A की कमी हो गई है।
तो चलिए अब हम बात करते है कुछ लक्षणों की, जिससे आप सुनिश्चित कर सकते है कि आपको विटामिन- A की कमी है:
1. रात को ठीक से ना देख पाना।
2. आखों का पानी सूख जाना।
3. आखों के आगे धुंधलापन छा जाना।
4. मुंह के अंदर दाने निकल आना।
5. त्वचा खुरदरी होने लगती है।
अब हम इसके लक्षणों की पहचान कर चुके है और ये क्यों होता है उन कारणों को जान चुके है लेकिन अब हम आपको बताएंगे कि इसकी कमी से बचने के क्या उपाय है। इन उपायों को अपनाकर आप इसकी कमी से होने वाली समस्याओं से बच सकते है।
1. पत्तेदार सब्जियां अपने आहार में शामिल करें।
2. अतिरिक्त विटामिन-A वाले दूध का इस्तेमाल करें।
3. अंडे की जर्दी को भी अपने डेली रूटीन डाइट में जरूर शामिल करें।
4. मछली के तेल का सेवन आपको विटामिन-A की कमी से बहुत आसानी से बचा सकता है।
5. अपने बच्चो को नियमित अंतराल पर विटामिन-A की खुराक देते रहें।
6. संतरा, गाजर, पपीता जैसे पीले फल व सब्जियों का सेवन अधिक मात्रा में करें।
फोटो सौजन्य- गूगल
The in-laws' bets got stuck in the screw... Papa's angel

अभी पिछले हफ्ते ही अपनी एक दोस्त से मिली, बहुत खुश हुई वो मुझसे मिलकर लेकिन उसके गोरे गालों पर जो लाली हुआ करती थी, उसकी आखों में जो भविष्य को लेकर उम्मीदें और चमक हुआ करती थी। उसकी आवाज में जो खनक हुआ करती थी वो आज कहीं गुम सी थी। बहुत टटोला मैंने उसे, बहुत पूछने की कोशिश कि लेकिन एक ही ज़वाब था कि “मैं बिल्कुल ठीक हूं”। फिर जब मैंने कड़ाई से पूछा तो रो पड़ी और रूंधे गले से बताया कि ससुराल के दांव-पेंच में फंसी है । मैंने पूछा कि “मतलब”, तो बोली कि यार एक गरीब बाप की बेटी हूं ये सब तो होगा ही… बस फिर मैं सारा माजरा समझ गई और शायद आप लोग भी समझ गए होंगे।

दोस्तों, आज भी हमारे बीच ऐसे बहुत से लोग है जो एक गरीब इंसान को इंसानों की तरह नहीं बल्कि जानवरों की तरह समझते है। अगर घर में एक बहु ज्यादा धन लेकर आ जाए और दूसरी ना लाए तो ये शायद वही जान सकती है कि उसपर क्या बीत रही होती है। उसके साथ हर बात में फर्क किया जाता है। कई बार तो उसके अस्तित्व को ही सिरे से नकार दिया जाता है। कई बार इन्हीं सब परिस्थितियों से हार कर ये गरीब परिवार की बेटियां या तो खुद ही सोसाइड कर लेती है या फिर ससुराल वाले मौत के घाट उतार देते है।
तो आज मैं आपके लिए उस गरीब बाप की बेटी का दर्द कुछ पंक्तियों में व्यक्त करना चाहूंगी लेकिन उससे पहले मैं कहना चाहूंगी कि बेटियां सबकी एक जैसी होती हैं चाहे वो गरीब की हो या अमीर की तो जीतना हो सके उनको प्यार दे, सम्मान दे, उन्हें बहू नहीं बेटी बनाकर रखें, आखिरकार वो वही शख्स होती है जो परिवार के वंश को आगे ले जाती है। वो जिंदगी के हर दर्द में भी मुस्कुरा रही होती है।
इन पंक्तियों के माध्यम से समझने की कोशिश कीजिएगा:
कोई बोल ले अगर प्यार से तो पल में पिगल जाती हूं, इन ऊंचे लोगों की महफिल में, मैं किसी कोने में नजर आती हूं,
किसी के बेवजह कुछ कहने पर भी ना जाने क्यों अपनी चुप्पी नहीं तोड़ पाती हूं,
हां, मैं वही गरीब बाप की एक संस्कारी बेटी हूं।
लोग कहते हैं जमाने के साथ बदलो लेकिन मैं आज भी सूट पर वही छोटी सी बिंदी लगती हूं,
अपना सा जानकर लोगों पर मैं फिर भरोसा कर जाती हूं,
फिर टूटती हूं थोड़ा, फिर थोड़ा संभल जाती हूं,
हां, मैं वही गरीब बाप की एक संस्कारी बेटी हूं।
लोग मेरा होना नकार देते है, और मैं फिर भी सह जाती हूं,
सब को सब नया मिलता है यहां, और मैं हमेशा बचा हुआ ही पाती हूं,
कोई गलत होकर भी सही है यहां, और मैं सही होकर भी बहुत बुरी हो जाती हूं,
क्योंकि हां, मैं वहीं गरीब बाप की एक संस्कारी बेटी हूं।
मां ने कहा था कि वहां सब अपने है तेरे लेकिन यहां तो मैं अपनेपन को तरस जाती हूं,
कितनी ही कोशिश कर लूं, दिलों में जगह कहां बना पाती हूं,
“गाड़ी लेकर भी आई ” हमारा घर नहीं भरा” उनके अनकहे शब्दों में अक्सर मैं यही सुन पाती हूं
हां, मैं वही गरीब बाप की एक संस्कारी बेटी हूं।
कभी कभी सोचती हूं कि खुद को खत्म कर लूं, लेकिन फिर मैं थोड़ा रुक जाती हूं,
मां-पापा की तस्वीर को फिर में कस के गले लगाती हूं,
हां, पापा संस्कारी हूं, पर कमज़ोर नहीं हूं मैं,
इस दुनिया से निपटना भी मैं अच्छे से जानती हूं,
यहां संस्कारों की कोई अहमियत नहीं हैं पापा, इन्हें तो दिखावा चाहिए जो मैं कर नहीं पाती हूं,
इनकी इस दिखावटी दुनिया को मैं, फिर सिरे से नकारती हूं,
इसलिए सब के लिए मैं बुरी हूं पापा,
लेकिन जानती हूं कि आज भी आपके लिए मैं आपकी परी हूं पापा।
ये जिंदगी के अंधेरे है, ये सबको काटने होते है ,
इसलिए समझाकर दिल को अपनी लड़ाई अब मैं खुद ही लड़ती हूं,
सपने देखने लगी हूं खुद के लिए लेकिन किसी से कोई उम्मीद नहीं करती हूं,
और हां पापा मैं गर्व से कहती हूं कि हां, मैं वही गरीब बाप की एक संस्कारी बेटी हूं।