विटामिन-D हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। हम सभी जानते है की धूप से हमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन-D मिल जाता है। कुछ खाद्य पदार्थों से भी इसकी पूर्ति की जा सकती है जैसे मछली, डेयरी उत्पाद, संतरे का रस, सोया और दूध में भी हो सकता है।
हम सभी भरपूर कोशिश करते है कि हम वो सब कर ले जिससे हमारे बाल पहले से बेहतर हो जाए। पहले से ज्यादा घने चमकदार और लंबे हो जाए। इसके लिए बाजार में ढ़ेरों प्रोडक्ट है, किसी में कुछ फायदेमंद तेलों का मिश्रण है तो किसी में फूलों का अर्क, किसी में कपूर है तो किसी में अंडा। लेकिन किसी एक प्रोडक्ट में आपको सब मिल जाए इसकी आपको कोई गारंटी नहीं देता। कई बार कुछ प्रोडक्ट तो आपको फायदा पहुंचाने के बजाय और अधिक नुकसान पहुंचा देते है, और इसके बाद शुरू होता है, वो सिलसिला जब आप हर प्रोडक्ट पर आंखें मूंद कर भरोसा करना बंद कर देते है, और हर एक प्रोडक्ट को शक की निगाह से देखते है।
अक्टूबर का महीना अपने साथ साथ वो मनमोहक कपूर की खुशबू भी लेकर आया है जो न सिर्फ हमारे घरों को पवित्र करती है, बल्कि घरों के साथ साथ हमारे मन को भी पाक कर देती है। आप बिलकुल सही समझे है, हम बात कर रहे है हिंदुओं के पवित्र त्योहार नवरात्रि कि। हम सब जानते है नवरात्रि हिंदुओं के पवित्र और मुख्य त्योहारों में से एक है। वैसे तो नवरात्रि पूरे साल में चार बार आते है लेकिन शुक्ल पक्ष के नवरात्रि अपने आप में खास है।
ये नौ दिनों का त्योहार है, जिसमें हर दिन मां आदि शक्ति के अलग अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। जी हां, 9 स्वरूपों का अपना अलग ही महत्व है।
तो चलिए और ज्यादा वक्त न लेते हुए हम आपको मां के और करीब ले जाते है और आपको बताते है मां के प्रथम स्वरूप मां शैल पुत्री के बारे में और इसी तरह हम आगे भी आपको इनके 9 स्वरूपों की चर्चा करते रहेंगे और मां की भक्ति और शक्ति की श्रद्धा भाव से स्तुति करेंगे।
तो सबसे पहले हम मां शैल पुत्री के बारे में आपको कुछ मुख्य बातें बताते है-
नवरात्रि का आरंभ मां शैल पुत्री की पूजा अर्चना से शुरू होता है।
मां शैलपुत्री को राजा हिमालय की बेटी भी माना जाता है। इनको मां सती और मां पार्वती का ही स्वरूप कहा जाता है। मां शैलपुत्री नंदी नमक बैल की सवारी करती है।इनके माथे पर चंद्रमा सुशोभित है, तथा इनके हाथों में कमल का फूल होता है।
मां शैलपुत्री को सफेद रंग बहुत पसंद है।
इनकी पूजा में भी सफेद रंग के फूल और सफेद रंग की मिठाई चढ़ाई जाती है। इनकी पूजा करते समय पीले वस्त्र धारण किए जाते है।
तो चलिए अब जानते है की मां शैलपुत्री को कैसे प्रसन्न करे-
मां शैलपुत्री भक्तों को उनकी भक्ति और श्रद्धा से प्रसन्न होकर मन मुताबिक फल प्रदान करने वाली है।
तो नीचे दिए गए कुछ नियमो का पालन कर आप भी मां से अपनी मुराद मांग सकते है:
1. प्रात: काल जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर पीले वस्त्र पहनने चाहिए।
2. मिट्टी से मां की वेदी बनाएं।
3. मां की वेदी बनाकर उसमें गेहूं और जौ मिलाकर बोएं।
4. कलश स्थापना करें।
5. इसके बाद सर्व प्रथम गणेश की पूजा करें।
6. मां शैल पुत्री की विधिवत पूजा करें।
7. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
तो आज के लिए बस इतना ही अगले लेख में करेंगे मां के अगले स्वरूप की चर्चा।
तब तक आप लोग मां की भक्ति में लीन रहें, मां जरूर सबकी मनोकामना पूरी करेंगी।
मखाना एक तरह का ड्राई फ्रूट है जो खाने में काफी स्वादिष्ट होटा है। पोषक तत्वों से भरपूर मखाने में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, Calcium, Magnesium और प्रोटीन के गुण पाए जाते हैं। साथ ही इनमें Sodium, Fats की मात्रा भी काफी कम होती। मखाने का इस्तेमाल करने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं दूर होती हैं। जो लोग ब्लड की कमी से जूझ रहे हैं, हेल्थ एक्सपर्ट उन्हें दूध में मखाना उबालकर खाने की सलाह देते हैं। यह ना सिर्फ पाचन तंत्र को दुरुस्त करते हैं बल्कि शरीर में ऊर्जा का भी संचलन करते हैं।
हड्डियां बनती हैं स्ट्रोंग
मखाने में कैल्शियम की काफी मात्रा में पाया जाता है। नियमित तौर पर मखाने का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। आप अगर चाहें तो मखाने को घी में फ्राई कर भी सेवन कर सकते हैं।
दिल को रखे फिट
मखाना खाने में जितने स्वादिष्ट होते हैं, उतने ही इनमें पोषक तत्व मौजूद होते हैं। मखाने में एक्केलाइड नामक तत्व पाया जाता है जो दिल को दुरुस्त रखने में सहायक होता है। मखाने को डेली सेवन करने से दिल का दौरा का खतरा भी कम होता है।
नींद की समस्या
जो लोग नींद ना आने की समस्या का सामना कर रहे हैं उनके लिए भी मखाना जरूरी हो सकता है। रात में सोने से पहले मखाने वाले दूध के सेवन से अच्छी नींद आती है और अनिंद्रा की समस्या दूर हो जाती है।
एनर्जी का संचयन
मखाना का रोजाना इस्तेमाल से शरीर मजबूत बनता है, क्योंकि यह शरीर में एनर्जी को संचयित करता है। दूध में मौजूद प्रोटीन प्रोटीन बॉडी में ऊर्जा को संचयन करता है।
झुर्रियों से दिलाए छुटकारा
मखाने में मौजूद तत्व एजिंग के निशान यानी झुर्रियों से भी छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। रोजाना मखाने का सेवन करने से त्वचा में इलास्टिसिटी बढ़ जाती है।
डाइजेस्टिव सिस्टम दुरुस्त रखने में असरदार
जो लोग पेट की समस्या यानी कब्ज से परेशान रहते हैं, उनके लिए मखाना किसी रामबाण से कम नहीं है। मखाने में मौजूद फाइबर और आयरन तत्व गैस और अपच की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं। आप दूध में उबालकर मखाने का सेवन कर सकते हैं।
भारत में युवाओं में हार्ट अटैक के केस लगातार बढ़ रहे हैं। जिसके पीछे निष्क्रिय जीवनशैली ,शराब, जंक फूड का सेवन माना जा रहा है। धूम्रपान की वजह से हृदय की मांसपेशियां वक्त के साथ सख्त हो जाती है। इसके कारण यह खून को पंप करने में असमर्थ हो जाती है, जिससे बॉडी के अहम अंगों में OXYGEN और पोषक तत्वों की मात्रा सीमित हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक लंबे समय तक काम से ह्दय रोग और स्ट्रोक से होने वाली मौतें बढ़ रही हैं। जिसे देखते हुए हमें वक्त रहते सतर्क होने की जरूरत है।
विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड- 19 महामारी की शुरुआत के बाद से दुनिया भर में ज्यादातर लोग घर से काम कर रहे हैं। यह उपाय वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने में सहयोग करने के लिए महत्वपूर्ण रहा है पर इसके कुछ बैड इफेक्ट भी हैं।
इस महामारी में यह एक अहम मुद्दा बन गया है क्योंकि घर से काम करने से लोगों को अपने कंप्यूटर स्क्रीन के सामने लंबे समय तक बैठे रहना पड़ता है। इससे ना सिर्फ काम के घंटे ज्यादा लंबे हो जाते हैं बल्कि काम पर तनाव तेजी से बढ़ रही है। काम के लिए अधिक वक्त अक्सर स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। काम के लिए विश्व स्तर पर एक दूसरे से जुड़े लोग निर्धारित समय के बाद भी घंटों काम में बिजी रहते हैं। यह सब बॉडी में नुकसानदेह एक्टिविटी को बढ़ावा देता है। मालूम हो कि कामों का ज्यादा प्रेशर कई तरह की अन्य बीमारियां भी साथ लाता है।
डॉक्टरों का मानना है कि गतिहीन जीवन शैली, हाई ब्लड प्रेशर, बढ़ता तनाव, हाई कॉलेस्ट्रोल, तंबाकू का सेवन, डाईबिटीज और प्रदुषण भारत में ज्यादा से ज्यादा लोगों को हृदय रोगों की चपेट में ले रहा है। तनाव परीक्षण, कोरोनरी कैल्सीफिकेशन या सीटी, एडवांस्ड लिपिड का टेस्ट सीआरपी आदि जांचों की मदद से हार्ट अटैक होने की पता लग सकता है। लोगों को अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए तीन नियम-
- 30-40 मिनट दैनिक व्यायाम,
- बैलेंस आहार
- सकारात्मक मानसिकता का पालन
World Heart Day हर साल 29 सिंतबर को मनाया जाता है, जिसका मकसद हार्ट रोगों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा और ह्दय रोगों को नियंत्रित करना है। लेकिन हार्ट की बीमारी (CVD) विश्व स्तर पर मृत्यु का सबसे आम वजह बन चुकी है। साल 2016 में सीवीडी से अनुमानित 1.79 करोड़ लोगों की मृत्यु हुई जो विश्व स्तर पर हुई कुल मौतों का 31 फीसदी था और इनमें से 85 फीसदी मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह से हुईं।
मां बनना हर महिला के जिंदगी में एक खास मुकाम रखता है। लेकिन कई बार नई माताएं खुद को खो भी देती हैं। हालांकि ये वक्त भी काफी कठिनाइयों भरा होता है पर उससे भी ज्यादा यह एक खूबसूरत अहसास होता है।
अक्सर नई माताएं खुद के लिए वक्त नहीं निकाल पाती हैं जिसकी वजह से वह परेशान हो जाती है। आइये जानते हैं कुछ खास तरीकों के बारे में जिनकी सहायता से आप खुद को खोए बिना इन आसान तरीकों की मदद से मां बनने के अहसास को एंजॉय कर सकती हैं।
बच्चों के साथ बिताए समय
आप बच्चों के साथ कुछ फन एक्टिविटी कर सकती हैं। अपने रोजाना के कामों से समय निकाल कर अपने बच्चे के साथ वक्त बिताएं। ऐसा करने से ना सिर्फ आपको आराम मिलेगा बल्कि आपको अपने बच्चे के साथ स्ट्रॉन्ग बॉन्ड बनाने में भी मदद करेगा।
परफेक्ट बनने की दौड़ में ना रहें
सभी नई मम्मियां हर चीज को पूरी तरह से परफेक्ट करने की खूब कोशिश करती हैं। हालांकि यह कई बार ये संभव नहीं होता है। हम अक्सर गलतियां करते हैं तथा उन्हीं से सीखते हैं, ऐसे में हमें परफेक्ट बनने की दौड़ में नहीं पड़ना चाहिए।
घूमना भी जरूरी है
जरूरी नहीं है कि आप हफ्ते भर घूमने का प्लान बनाएं लेकिन आप एक या दो दिन घूमने-फिरने की योजना बना सकती हैं। आप आस पास किसी मनचाहे जगह पर घूमने जा सकती हैं। यह आपके लिए काफी रिलेक्सिंग की लिहाज से अच्छा हो सकता है।
अपने बॉडी को समझें
ये बात आम है कि नई माताएं पूरी परिवार की फिक्र करती हैं, जिसमें आपके लिए जरूरी है कि आप अपने शरीर की भी थोड़ा सुनें। एक्सरसाइज या योगा रूटीन को पूरी तरह से अपनाएं। अपने परिवार को समझाती रहे कि आपको खुद के लिए एक या दो घंटे की आवश्यकता है। आप अपने बच्चे के सोने के समय को फिक्स जरूर करें और उस बीच खुद को समय दे सकती हैं।
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स्टाइलिश लगना कौन नहीं चाहता, हर कोई चाहता है जमाने के हिसाब से खुद को अपडेट रखाना तो आपके वार्डरोब में कुछ पैटर्न के आउटफिट जरूर होने चाहिए। जैसे- फ्लोरल प्रिंट की सबसे स्पेशल बात यह होती है कि कैजुएल वेयर, ट्रिप और कुछ फैशनेबल एक्सेसरीज के साथ पार्टी में भी पहन सकते हैं।
हाल फिलहाल आलिया भट्ट ने फ्लोरल प्रिंट मिनी स्कर्ट पहनकर नजर आई। हाल ही में मुंबई के रेस्टोरेंट के सामने आलिया भट्ट को स्पॉट किया गया। आउटिंग के लिए आलिया ने हैंडमेड कॉटन मिनी ड्रेस पहनी हुई थी। जिसमें आलिया बेहद खूबसूरत नजर आ रही थी। फ्लोरल पेस्टल ड्रेस में अभिनेत्री आलिया मिनिमल लुक में भी बेहद स्टाइलिश लग रही थी।
ये है आलिया के ड्रेस की कीमत
आलिया की ड्रेस की बात करें तो समर समवेयर लेबल की है। ऑफिशियल वेबसाइट पर इस ड्रेस का नाम Sintra Mini है, जिसकी कीमत 5,590 रुपये है।
अभिनेत्री आलिया का फ्लोरल प्रिंट लव
अभिनेत्री आलिया भट्ट को इससे पहले कई मौकों पर फ्लोरल प्रिंट ड्रेस पहने हुए देखा जा चुका है। आलिया पार्टी, फ्रेंड्स के साथ के आउटिंग, इवेंट्स और शो में भी फ्लोरल प्रिंट ड्रेस कैरी कर चुकी हैं। इसी बात से अनुमान लगाया जा सकता है कि आलिया को फ्लोरल प्रिंट आउटफिट से कितना प्यार है।
फ्लोरल प्रिंट के लिए खास टिप्स
फ्लोरल प्रिंट के साथ पर्ल जूलरी बहुत अच्छी शानदार है। इसलिए पर्ल नेकलेस और इयररिंग इस तरह के आउटफिट के साथ बहुत अच्छी लगेगी।फ्लोरल प्रिंट ड्रेसेस के साथ आप जैकेट कैरी करना चाहती हैं तो कोई लाइट या डार्क कलर सिंपल जैकेट पहनें, जिससे ड्रेस के प्रिंट खूबसूरती के साथ हाईलाइट हो सके।
आप इवेंट के मुताबिक फ्लोरल प्रिंट के साथ बूट्स, हील्स या कैजुअल फुटवेयर पहन सकती हैं।अपने लुक को ज्यादा हेवी होने से रोकने के लिए फ्लोरल प्रिंट के साथ हमेशा मिनिमल लुक रखें क्योंकि हेवी जूलरी या मेकअप से आपकी ड्रेस मिसमैच लग सकती है।
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बिग बॉस OTT का पहला सीजन फॉलो कर रहे हैं तो आपको मालूम होगा कि बिग बॉस हाउस में अगर किसी का अभी तक का सफर सबसे ज्यादा उतार-चढ़ाव से भरा रहा है तो वो है रियलिटी शो स्टार और अभिनेत्री दिव्या अग्रवाल का।
दिव्या घर में बिना पार्टनर के घुसीं, वीकेंड पर उन्हें करण जौहर ने काफी सवाल पूछे, अभिनेत्री शमिता शेट्टी से उनकी दोस्ती टूट गई तथा बड़ी दिक्कतों के बाद जब उन्हें जीशान के तौर पर पार्टनर मिला तो वो भी घर से निष्कासित कर दिया गया।
Thank you for all your love and support. Let’s keep this going ♥️?? https://t.co/HGoEUNGvVh
— Divya Agarwal (@Divyakitweet) September 10, 2021
मगर इन सभी का असर दिव्या ने कभी भी अपने स्टाइल पर नहीं पड़ने दिया क्योंकि हर दिन के एपिसोड में हम उन्हें किलर आउटफिट्स में देख सकते हैं। देखा जाएं तो कहीं ना कहीं ये शो के प्रति उनके सीरियसनेस को दर्शाता है। वो जानती हैं कि लाखों दर्शक उन्हें स्क्रीन पर देख रहे हैं और उनके सामने प्रेजेंटेबल लगना एक तरह से दर्शकों के प्रति सम्मान दिखाता ही है।
इतना ही नहीं ऐसा लगता है कि कई लड़कियों की तरह ड्रेस अप होना दिव्या का भी डिफेंस मेकैनिज्म है। कई लोग खासतौर पर महिलाएं अपनी परेशानियों से ध्यान हटाने के लिए अच्छे कपड़ों और मेकअप के साथ अपना कॉन्फिडेंस और सेल्फ-एस्टीम बूस्ट करती हैं। यहां हम शो पर देखें गए दिव्या के कुछ लाजवाब लुक्स शेयर कर रहे हैं जो उनके बेहतरीन स्टाइल सेंस की मिसाल हैं।
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यूं तो शादी जिंदगी का वह पड़ाव हैं जहां दो जिंदगियां ही नहीं, दो परिवारों का मिलन होता है लेकिन कई लोग शादी के बाद भी अकेलापन महसूस करते हैं। कई अध्ययनों से यह साफ हुआ है कि 45 साल से अधिक उम्र के तीन विवाहित लोगों में से एक व्यक्ति अकेलेपन का शिकार होता है। एएआरपी राष्ट्रीय सर्वेक्षण के मुताबिक शादी में अकेलापन महसूस कराना इस बात का संकेत है कि रिश्ते में या आपके निजी जीवन में किसी ना किसी को परेशानी जरूर है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस अकेलेपन को कैसे दूर किया जाए?
शादी के बाद अगर आपको अकेलापन का एहसास होता है तो यकीन मानें ये टिप्स आपके लिए काफी उपयोगी हो सकती है-
संवाद करें अपने जीवन साथी के साथ-
हर रिश्ते में कम्युनिकेशन का होना अहम है यानी हर रिश्ते में यह जरूरी है पार्टनर से बात की जाए और जहां कोई भी दिक्कत है उसे जल्द से जल्द हल किया जाए। एक बात समझना जरूरी है कि आपकी तरह आपके पार्टनर भी फील कर रहे हों ये जरूरी तो है नहीं, अब ऐसे में उन्हें आपकी भावनाओं का पता तभी चलेगा जब आप उनसेप अकेला फील कर रहे हैं तो इसका मतलब ये हो गया कि रिश्ते में कोई प्रॉब्लम है। इस वक्त को अपने दोस्तों से मिलने जुलने में लगाएं और चाहें तो कोई क्रिएटिव एक्टिविटी में भी अपना मन लगाएं। खुद के पॉजिटिविटी और क्रिएटिवली इंगेज रखने की हर संभव कोशिश करें।
जानें रिश्ते में बदलाव का कारण
अगर आपके रिश्ते में अचानक आए किसी बदलाव से आप दोनों के बीच दूरियां आ सकती है और उसी की वजह से आप अकेला महसूस कर सकती हैं। आप ये समझने में असमर्थ हैं कि क्या बदलाव आया है या कहां एडजस्ट नहीं हो पा रहा है। ऐसी परिस्थिति में मैरिज काउंसलर से बात करें या कोई प्रोफेशनल हेल्प लें। इससे आपको अपने रिश्ते का एक क्लीयर पक्ष जानने और समझने का मौका मिलेगा और एक पॉजिटिव नजरिया भी।
एक-दूजे के प्यार को दें अहमियत
जीवनसाथी से आपका इमोशनल अटैचमेंट जरूरी है। प्यार का एहसास सिर्फ फिजिकल टच, प्यार भरे शब्दों, गिफ्ट देने तक ही नहीं हैं। यह समझना जरूरी है कि आपके पार्टनर क्या चाहते हैं। हो सकता है कि प्यार के मायने उनके लिए दूसरों से थोड़ा हटके हो या फिर शायद उनके प्यार बयां करने का अंदाज औरों से जुदा हो। इमोशनली अटैच रहेंगी तो उन्हें भी समझ पाएंगे और उनके इस अंदाज को भी।
पॉजिटिविट टाइम निकालें
यह समझना बहुत जरूरी है कि हमें हर चीज के लिए सिर्फ अपने पार्टनर पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। यह बिल्कुल भी ज़रूरी नहीं है कि अगर आप अकेला फील कर रही हैं तो इसका मतलब ये हो गया कि रिश्ते में कोई प्रॉब्लम है। इस वक्त को अपने दोस्तों से मिलने जुलने में लगाएं और चाहें तो कोई क्रिएटिव एक्टिविटी में भी अपना मन लगाएं। खुद के पॉजिटिविटी और क्रिएटिवली इंगेज रखने की हर जरूरी कोशिश करें।
सोशल मीडिया से जरा बचके
आजकल सोशल मीडिया हम सब की लाइफ में बहुत ज्यादा घुसपैठ करने लगा है। शादी की तैयारी से लेकर बेबी शावर तक लोग अपने पर्सनल मोमेंट सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं। लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि आप भी उन मोमेंट्स को देखकर ठीक वैसा ही अपनी लाइफ में भी एक्सपेक्ट करने लगें और वैसा ना होने पर अपने रिश्ते में खामियां निकालना शुरू कर दें।
रिश्ते को जीना सीखें
पति-पत्नी को एक दूसरे को स्पेस देना और एक दूसरे के रिश्ते को इज्जत देना जरूरी होता है। अगर पति या पत्नी शादी से पहले रहे किसी दोस्त से मिलते हैं तो ना तो पत्नी को पति पर शक करना चाहिए और ना ही पति को अपने पत्नी के दोस्ती पर। शादी के बाद भी चाहे पति हो या पत्नी दोनों अपने पूराने दोस्त से मिलने का हक रखते हैं, ये समझना दोनों के लिए जरूरी है। जब हम एक दूसरे के रिश्ते को अहमियत देंगे तो खुद बा खुद रिश्तों में गरमाहट आ जाएगी और रिश्ते को जीना सीख जाएंगे।
फोटो साभार- गूगल