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Yearly Archives: 2022

Life wants to run me according to its own accord and heart at its own pace

पिछले कुछ सालों से याद ही नहीं कि कब मैं सुकून के दो पल बैठकर महसूस कर पाई हूं। बस भागती जा रही हूं.. ना तो ये पता है कि रास्ता सही भी है और ना ये पता है कि रास्ता अब और  कितना बचा है। ये भी नहीं पता कि खुद के लिए भाग रही हूं या जिंदगी मुझे भगा रही है। जब स्कूल में थे तो दिल करता था कि जल्दी से जल्दी बड़े हो जाए। अपने फैसले खुद ले पाएं लेकिन जब से बड़े हुए है जिंदगी सिर्फ भगाए जा रही है।

दरअसल, जिंदगी और इस जिद्दी दिल की ठनी हुई है, जिंदगी मुझे अपने हिसाब से चलाना चाहती है और दिल अपने हिसाब से।
सच में वो बचपन वाली जिंदगी बहुत हसीन हुआ करती थी। जो दिल करता था वो किया करते थे। जब भी कोई दिक्कत परेशानी हुआ करती थी तो मां हुआ करती थी पास, बस एक बार प्यार से सिर पर हाथ रख देती थी तो लगता था कि पूरी दुनिया बस हमारे ही इर्द गिर्द घूम रही है।
और कभी प्यार से गोदी में उठाकर माथा चूम लेती थी तो ये दिल सातवें आसमान पर होता था।
उस समय समझ नहीं थी फिर भी सुकून था। आज इस समझदारी ने सारा चैन छीन लिया है।
बड़े हो गए, शादी हो गई, सेटल हो गए लेकिन ये दिल आज भी उन पुराने दिनों में लौटना चाहता है, जहां मां और उसका ढेर सारा प्यार बिना मांगे मिलता था।

काफी समय बीत गया उस घर से विदा हुए,
काफी समय बीत गया नई दुनिया बसाए हुए
पर ना जाने क्यों शाम ढलते ही ये दिल उस घर पहुंच जाता है
मां की आवाज़ सुनने को ये दिल यूंही मचल जाता है
महक वो मां के खाने की महसूस करना चाहता है
वो हर त्यौहार उनका बहुत चाव से मनाना,
वो हर रोज सुबह जल्दी उठ जाना,
हम सब को खिलाकर फिर खुद खाना,
शाम को पापा के ऑफिस से आने का इंतजार करना,
हर जन्मदिन पर हमें नए कपड़े दिलाना,
और खुद कई त्यौहार उसी पुरानी लाल साड़ी में बिताना,
हमारे बीमार पड़ने पर उनका वो रात भर जागना,
हर बार पापा की डांट से हमें बचा लेना,
हमारी तकलीफ में खुद आंसू बहाना,
बहुत याद आता है वो घर जहां सिर्फ और सिर्फ अपनापन की ही बहार थी।

बहुत मुश्किल से दिल को समझाती हूं कि वो दिन बीत गए, अब उन दिनों को तुम सपने में जी लिया करो।

उन दिनों को याद कर मैं कुछ इस तरह जी पाती हूं,
आज भी मां से किए वो सारे वादे निभाती हूं,
सबको खुश रखने कि कोशिश में मैं खुद को भूल जाती हूं।
मैं भी अब मां की तरह सब को खिलाकर फिर खुद खाती हूं,
चाहे कितना ही लेट सोना हो फिर भी प्रात: काल उठ जाती हूं,
अपने अरमानों को अब में दिल के किसी कोने में दफनाती हूं,
कभी कभी मां की ही तरह मैं हालात से समझौते भी कर जाती हूं।

जानती हूं कि वो दिन अब लौट कर नहीं आयेंगे,
इसलिए मैं इस अड़ियल दिल को कई बार समझाती हूं,
जानती हूं कि वो सिर्फ मां नहीं भगवान है मेरी,
इसलिए अब भी तकलीफ होने पर सिर्फ उनको ही बताती हूं।।

 

Bold avatar of Shahrukh Khan's daughter Suhana, birthday picture with one shoulder strap yellow dress went viral

सुपरस्टार एक्टर शाहरुख खान की बेटी Suhana Khan हमेशा किसी ना किसी कारण से चर्चाओं में बनी रहती हैं। वहीं, सुहाना जल्द ही नेटफ्लिक्स पर जोया अख्तर की ‘द आर्चीज’ से एक्टिंग की दुनिया में डेब्यू करने जा रही हैं। इस फिल्म में सुहाना के साथ कई अन्य स्टार किड्स भी डेब्यू करने जा रहे हैं। इस फिल्म में सुहाना के साथ खुशी कपूर, अभिताभ बच्चन के नाती अगस्त्या नंदा भी नजर आएंगे। द आर्चीज के बीच ही सुहाना खान का बोल्ड लुक सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इन तस्वीरों में सुहाना के बिंदास लुक और ड्रेसिंग सेंस ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचने का काम किया है। सुहाना खान की लेटेस्ट तस्वीरों को आप यहां देख सकते हैं।

सुहाना खान ने हाल ही में 22 मई को अपना जन्मदिन मनाया है। सुहाना अब 22 साल की हो गई हैं। वहीं, बर्थडे के दो दिन बाद ही सुहाना ने अपनी कुछ फोटोज भी शेयर की हैं जो उनकी पार्टी की हैं। इन फोटोज के साथ ही सुहाना ने कैप्शन में 22/22 लिखा है। फोटोज में सुहाना खान के लुक की बात करें तो उन्होंने बर्थडे पर येलो कलर की वन शोल्डर स्ट्रैप वाली पार्टी ड्रेस पहनी है। इस पार्टी ड्रेस के साथ सुहाना ने अपने बालों को हाई बन के साथ कॉन्प्लीमेंट किया है। सुहाना के लुक के साथ उनका लाइट मेकअप जबरदस्त लग रहा है।

 

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फोटोज की बात करें तो पहले फोटो में सुहाना खान कैमरे के सामने देखते हुए पोज देती रही हैं। वहीं, उनके पीछे बैकग्राउंड में हैप्पी बर्थडे लिखा है। दूसरी फोटो गुलाब के कुछ फूलों की है। तीसरे फोटो में सुहाना अपने एक दोस्त के साथ हैं। चौथे में वह गार्डन में खड़े होकर मुस्कुराते हुए पोज दे रही हैं जिसमें वह काफी खूबसूरत ​ दिख रही हैं। 5वीं फोटो में सुहाना अपनी फिल्म की को-स्टार यानी खुशी कपूर के साथ दिख आ रही हैं। सुहाना की इन सभी तस्वीरों को फैंस काफी लाइक कर रहे हैं। दूसरी तरफ, इस पर कमेंट कर फैंस उनके लुक की जमकर तारीफ भी कर रहे हैं।

Bollywood's beautiful actress flaunts her boldness at the Cannes Film Festival

75वां Cannes Film Festiva 2020 का आयोजन इस वर्ष फ्रांस में किया गया है। यह फेस्टिवल 17 मई से शुरू होकर 28 मई तक चलेगा। इस फिल्म फेस्टिवल में बॉलीवुड की कई एक्ट्रेस ने अपना जलवा बिखेरा है, जिनके बारे में यहां हम बताने जा रहे हैं। बता दें कि कान्स फेस्टिवल में ऐश्वर्या राय से लेकर हिना खान तक की सभी अभिनेत्रियों ने अपने हुस्न और शानदार ड्रेसेस से लोगों का दिल जीत लिया है। इनकी फोटोज सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं।

सबसे पहले बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन के बारे में बात करते हैं। ऐश्वर्या राय ने कान्स फिल्म फेस्टिवल में भारत की शान बढ़ा दी। ऐश्वर्या राय ने कान्स फिल्म फेस्टिवल में रेड कार्पेट पर अपना जलवा बिखेरा है। रेड कॉरपेट पर आते ही ऐश्वर्या राय को लोगों ने बेहद पसंद किया। असल में ब्यूटी क्वीन ऐश्वर्या राय ने गौरव गुप्ता के स्कल्प्टेड गाउन को कैरी किया हुआ है। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

वहीं, बात करें बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की तो दीपिका ने भी कान्स फिल्म फेस्टिवल में अपने जलवों से सभी को दीवाना बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा। दीपिका पादुकोण ने कान्स फिल्म फेस्टिवल में रेट्रो शर्ट ट्राउजर, ब्लैक सूट और सीक्वेंस साड़ी में महफिल लूटने का काम किया है। उनका लुक सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है, क्योंकि दीपिका ने एक बार फिर अपने गॉर्जियस लुक से सभी फैंस का दिल जीत लिया है।

मालूम हो कि बॉलीवुड फिल्म राधेश्याम की एक्ट्रेस पूजा हेगड़े की तो पूजा हेगड़े ने भी कान्स फिल्म फेस्टिवल के तीसरे दिन अपना जलवा बिखेरा है। इन्होंने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। असल में कान्स फिल्म फेस्टिवल के तीसरे दिन यह स्टाइलिश लुक में नजर आई हैं। इन्होंने पीली कलर की ड्रेस के साथ जेबरा प्रिंट जैकेट को कैरी किया हुआ है। इनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।

टेलीविजन की लोकप्रिय अदाकारा हिना खान ने भी कान्स फिल्म फेस्टिवल में अपने खूबसूरती का जलवा बिखेरा है। हिना खान ने भी अपने गॉर्जियस लुक से लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने में कामयाब रहीं। सबकी निगाहें हिना खान से हट नहीं रही थी। यहां हिना खान ने डीप नेट गाउन कैरी किया हुआ था। इस ड्रैस में हिना खान किसी खूबसूरत हुस्नपरी से कम नहीं लग रही थीं। हिना का यह बिंदास लुक फैंस को बेहद पसंद आ रहा था।

फोटो सौजन्य- गूगल

Why the demand for this new process increased to prevent unwanted pregnancy

मां बनना किसी भी महिला के लिए सुखद एहसास से कम नहीं होता है पर अगर आप प्रेग्नेंसी नहीं चाहती तो फिर आपकी परेशानियां काफी बढ़ जाती हैं। प्रेग्नेंसी ना चाहने वाली महिलाओं के लिए बाजार में कई तरह की गर्भ निरोधक मेडिसिन उपलब्ध हैं। इन सारी मेडिसिन का सेवन महिलाओं को इंटरकोर्स के बाद करना होता है लेकिन सोचिए कि कोई ऐसी बर्थ कंट्रोल मेडिसिन हो जिससे सेक्स से पहले खाया जाए और जिससे आने वाले 03 से 05 दिनों में प्रेग्नेंसी को रोका जा सके। एक नए अध्ययन के मुताबिक आने वाले दिनों में यह संभावना हकीकत का अमलीजामा पहन सकती है।

इमरजेंसी के लिए गर्भ निरोधक दवाइयों में अभी यूलिप्रिस्टल एसीटेट ट्रस्टेड सोर्स (UA) लेवोनोजेस्ट्रेल और साइक्लो-ऑक्सीगैनीज- 2 (COX- 2) का इस्तेमाल होता है, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुए हालिया क्लीनिकल ट्रायल के दौरान यूए और मेलॉक्सिकैम से बनी नई गर्भनिरोधक मेडिसिन को सुरक्षित और कारगर पाया गया है। ये स्टडी ‘बीएमजे सेक्सुअल एंड रिप्रोडक्टिव हेल्थ’ जर्नल में प्रकाशित हुई है।

पारंपरिक गर्भनिरोधक मेडिसिन की बात करें तो इसका सेवन डेली करना पड़ता है जबकि इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का सेवन सेक्स के बाद किया जाता है। अभी तक प्रेग्नेंसी रोकने की ऐसी कोई दवाई नहीं है जिसे सेक्स के दौरान खाया जाए। इस एक्सपेरिमेंटल गर्भनिरोधक में शामिल यूलीप्रिस्टल एसीटेट और मेलोक्सीकैम उस समय ओव्यूलेशन को रोकता है जब गर्भधारण की संभावना सबसे ज्यादा होती है।

इस अध्ययन की ऑथर और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रसूति-स्त्री रोग एक्सपर्ट डॉ. एरिका काहिल ने कहा कि ऐसे बहुत से लोग हैं जिनकी कॉन्ट्रासेप्टिव जरूरतें पूरी नहीं हो पाती। कई महिलाएं चाहती हैं कि वो जब सेक्सुअली एक्टिव हों तभी गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करना पड़े। उन्हें डेली गर्भनिरोधक मेडिसिन ना लेनी पड़े।

महिलाओं पर की कई स्टडी को लेकर डॉ. कहिला ने कहा कि ऑन-डिमांड कॉन्ट्रासेप्शन की सख्त जरूरत है। लोग पहले से ही पेरिकोइटल कॉन्ट्रासेप्शन जैसी इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, बहुत से लोग ऐसे उपायों में भी रुचि ले रहे हैं जिसमें उन्हें इंजेक्शन और इंप्लांट प्लेसमेंट के लिए क्लिनिक बार-बार ना जाना पड़े। अध्ययन के मुताबिक ऑन-डिमांड कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स प्रेग्नेंसी को रोकने में काफा उपयोगी साबित हो सकती है लेकिन इसके लिए और भी शोध किए जाने की आवश्यकता है।

Ranveer was stunned at Deepika's bedroom reply, revealed many secrets of Ranveer

हम सभी जानते हैं कि बॉलीवुड का सबसे प्यारा कपल रणवीर सिंह और Deepika Padukone शादी कर अपना घर बसा चुके हैं लेकिन क्या दीपिका और रणवीर एक खास सीक्रेट जानते हैं जिसे खुद दीपिका पादुकोण ने शेयर किया था।

मालूम हो दोनों की शादी इटली में हुई थी। शादी की चर्चाएं साल 2018 की सबसे बड़ी न्यूज में से एक था। शादी के बाद रणवीर की भी लाइफ सेट हो चुकी थी। क्योंकि वो अब एक पति जो बन गए हैं। दीपिका और रणवीर शादी के बाद एक दूसरे को लेकर खुलकर बातें करते दिखाई देते हैं। दीपिका ने वाइफ के तौर पर कैसी हैं ये सारी चीज शेयर की हैं। दीपिका ने इसके साथ वो बातें भी साझा की हैं जो अक्सर लोग साझा करने में हिचकिचाते हैं।

असल में यह बेहद लोकप्रिय कपल एक कार्यक्रम में पहुंचा था। अब ऐसा तो हो नहीं सकता कि जहां ये दोनों जाएं और इन पर सवालों की बौछार ना हो। क्योंकि हर कोई जानता है कि शादी के बाद दोनों की लाइफ कितनी बदली है। अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने रणवीर सिंह के बेडरूम के कई ऐसे राज खोले हैं जिन्हें जानने के बाद आपकी रणवीर के प्रति राय बदल जाएगी।

इवेंट में एक सवाल का जवाब देते हुए दीपिका ने वो कह दिया जिसे सुन स्वयं रणवीर सिंह हैरान रह गए थे। दीपिका से जब रणवीर के स्टाइल और समार्टनेस के सीक्रेट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रणवीर काफी देर तक शॉवर लेते हैं और टॉयलेट में भी लंबा समय बिताते हैं। फिर दीपिका ने कहा कि वो बेड पर भी काफी समय देते हैं। अब जब लोगों ने दीपिका के मुंह से यह लाइन सुनी तो दंग रह गए। हर किसी को लग रहा था कि अरे दीपिका ने यह क्या कह दिया।

 

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ऐसे में खुद रणवीर दीपिका की ओर अचंभित होकर देखने लगे। फिर दीपिका ने अपनी बातों पर लगाम लगाते हुए कहा कि मेरा कहने का मतलब है कि रणवीर बिस्तर पर सोने के लिए जाने पर भी काफी समय लगाते हैं। अब जो भी हो लोगों को इनकी यह बात बाखूबी मालूम गई है। पिछले दिनों रणवीर ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उनके दिन की शुरुआत उनकी पहली चाय से होती है। वर्क फ्रंट की बात करें तो दीपिका पादुकोण फिल्म गहराइयां, फाइटर और पठान में नजर आएंगी। दूसरी तरफ रणवीर सिंह फिल्म जयेशभाई जोरदार और सर्कस में दिखाई देंगे।

Even today in this male dominated society woman is the only object of consumption..!

हाज़िर हूं जिंदगी से जुड़ी कुछ बेहतरीन बातों औ सच्चाई के साथ। जी हां, कुछ ऐसा जो कड़वा है लेकिन सच है। हो सकता है आप सभी मेरी बात से सहमत ना हो लेकिन आज जो मैं आपके लिए लाई हूं वो एक वर्ग की रोज़ की कहानी है जहां आज भी पुरुष प्रधान समाज का ही राज है। आज भी उस समाज में औरतों को सिर्फ घर संभालने वाली समझा जाता है। आज भी उस समाज में औरतें अपने अस्तित्व ढूंढते हुए अपनी उम्र गुजार देती है। आज भी उस समाज में औरतों को सिर्फ उपभोग की वस्तु समझा जाता है।

कड़वा है लेकिन सच है:

‘दम घुट रहा है, शायद औरत होने की सजा है’

आप लोगों ने तो सिर्फ सुना है एक औरत तो रोज इन परिस्थतियों से रोज़ दो चार होती है, कभी सोचा है उसे कैसा लगता होगा। बचपन से सिखाना शुरू कर दिया जाता है कि अच्छी लड़की वहीं होती है जो सब का अच्छा सोचकर चले। अपने से पहले अपनों का सोचे। लेकिन कभी किसी ने उसके बारे में सोचा? पहले मां-बाप के घर उनके अनुसार रहे, जैसा वो बोले वैसा किया, फिर शादी के बाद तो ये नौबत आ जाती है कि अगर अपने पैरेंट्स से मिलना है तो पहले घर में सबसे आज्ञा लो फिर जाओ।

आज लड़कियां किसी काम में पीछे नहीं है, वो घर और ऑफिस दोनों आराम से चला रही है लेकीन कोई इस पुरुष प्रधान समाज से पूछे कि क्या किसी पुरुष ने ऑफिस से आकर एक ग्लास पानी भी खुद से लिया है। तो जब आज भी लड़कियों के लिए ये समाज पहले जैसा ही है तो ये बराबर के हक़ देने का डोंग क्यों? इससे अच्छा ये है कि आप एक औरत की खूबियों में से उसकी कमियां निकालना बन्द करें और अपनी कमियों पर ध्यान दें।

वैसे, अपनी कमियां खुद निकालना बहुत मुश्किल काम है, इसलिए अगर आपसे ये ना हो तो फिर छोड़ दीजिए औरतों को उनके हाल पर, क्योंकि वो अपने लिए कल भी सक्षम थी, आज भी है, और कल भी होगी।

बस गलती उसकी ये है कि वो आप लोगो की तरह जता नहीं पाई, की आप उसके बिना अधूरे हो और आप लोग तो साहब है, खुद से कभी ये बात समझ नहीं पाओगे। औरतों के लिए कुछ बदल तो नहीं पाया अब तक लेकिन वो अपने आप को बदल सकती है, तो मेरी कोशिश है उन्हें थोड़ा समझाने की…ज़रा गौर फरमइएगा:-

हां, मान लिया अब तुम अपनी जगह बनाना जानती हो,
हां, मान लिया की कढ़ाई में कलछी चलाने के साथ अब तुम लैपटॉप चलना भी जानती हो,
लेकिन पगली तुम भूल गई हो शायद कि,
सब करने के बाद भी तुम, इस पुरुष प्रधान समाज में आज भी सिर्फ एक उपभोग की वस्तु हो।।
दो मीठे बोल बोले जाए तुम्हें, तो तुम फूल सी खिल उठती हो,
जो भी दिया जाए तुम्हें, तुम हमेशा उसका डबल ही देती हो,
सब कर लोगी तुम, बात फिर भले ही चार काम एक साथ करने की हो,
लेकिन पगली तुम भूल गई हो शायद कि,
सब करने के बाद भी तुम, इस पुरुष प्रधान समाज में आज भी सिर्फ एक उपभोग की वस्तु हो।।
बीमार हो जाए अगर घर में कोई अपना, तो तुम उसका पूरा ख्याल रखती हो,
फिर होती हो अगर कभी खुद बीमार, तो किसी के स्नेह भरे हाथ को अपने माथे पर ढूंढती हो,
एक जोड़ी पायल गिफ्ट में पा लेने पर, तुम दिन भर ठुमकती हो,
इस दिखावटी प्यार के जाल में, तुम हर बार फंसती हो,
लेकिन पगली तुम भूल गई हो शायद कि,
सब करने के बाद भी तुम, इस पुरुष प्रधान समाज में आज भी सिर्फ एक उपभोग की वस्तु हो।।
किसी का वंश आगे बढ़ाने की तुम सिर्फ एक कड़ी हो,
वारिस दोगी उन्हे तुम, इसलिए उस घर से जुड़ी हो,
इतने सारे काम के बदले सिर्फ दो रोटी ही तो खाती हो,
उसपर भी कोई कहे की ” सारा दिन क्या किया” तो तुम बिना कुछ कहे सब सुन लेती हो,
लेकिन पगली तुम भूल गई हो शायद कि,
सब करने के बाद भी तुम, इस पुरुष प्रधान समाज में आज भी सिर्फ एक उपभोग की वस्तु हो।।
सुबह उठ कर पांच बजे तुम रात ग्यारह बजे तक लगी रहती हो,
अपने परिवार के आस पास अपनी पूरी दुनिया बसा लेती हो,
तुम्हारी भी एक ज़िन्दगी है, हर बार ना जाने तुम ये कैसे भूल जाती हो,
सबकी खुशी की खातिर तुम अपना सर्वस्व दांव पर लगा देती हो
लेकिन पगली तुम भूल गई हो शायद कि,
सब करने के बाद भी तुम, इस पुरुष प्रधान समाज में आज भी सिर्फ एक उपभोग की वस्तु हो।
अपने अंदर भावनाओं को ज़िंदा रखने के लिए तुम रोज खुद को झूठी तसल्ली भी देती हो,
उन सड़े गले रिश्तों के बिना तुम्हारा कोई अस्तित्व नहीं तुम ये मान कर बैठी हो,
उड़ सकती हो खुले आसमान में, तो क्यों तुम खुली हवाओं से कतराती हो,
एक दिन वो दिया खुद के लिए भी रोशन करो, जो रोज तुम दूसरों के अंधेरे मिटाने के लिए जलाती हो।।
लेकिन पगली तुम भूल गई हो शायद कि,
सब करने के बाद भी तुम, इस पुरुष प्रधान समाज में आज भी सिर्फ एक उपभोग की वस्तु हो।
लगाकर मेंहदी हाथों में उसपर तुम लाल चूड़ा सजाती हो,
किसी की लंबी उम्र के लिए तुम करवाचौथ भी रखती हो,
बड़ी बिंदी पसंद ना हो उसे, तो उसके लिए तुम छोटी लगाती हो,
लेकिन मौका मिले तो उससे भी पूछ लो कभी कि उसकी ज़िन्दगी में तुम क्या अहमियत रखती हो।।
मानो मेरी बात कुछ अपने लिए भी करो खास,
क्योंकि तुम भूल गई हो शायद कि,
सब करने के बाद भी तुम, इस पुरुष प्रधान समाज में आज भी सिर्फ एक उपभोग की वस्तु हो।।

फोटो सौजन्य- गूगल

...but even after lakhs of efforts, we could not get anyone's 'Ji-huzoori'.

दोस्तों, आज मैं आपकी होस्ट और दोस्त आपके लिए लेकर आई हूं जिंदगी से जुड़ी अनछुए पहलू जो उन पलों से जुड़ा हुआ जब हम अचानक बड़े हो जाते है और महसूस करते है कि जो दिखता है अक्सर उसके उल्ट होता है। वो बचपन में परिवार, पड़ोसियों और रिश्तेदारों से सीखी हुई रिश्तों की A, B, C.. अचानक से हम भूलने लगते है। ऐसा लगता है मानो जो जिंदगी हमने पहले जी है वो अब वाली जिंदगी से तो मेल ही नहीं खाती। तो क्या जो पहले सीखा वो सब बेबुनियाद था? क्यों उस वक्त किसी ने ये नहीं सिखाया कि आगे की जिंदगी सिर्फ और सिर्फ समझौते से भरी होगी।

कभी-कभी हम ज़िन्दगी के उस मोड़ पर होते है, जहां ठहरना कुछ ज़रूरी सा हो जाता है और उस वक्त हमारे पास यह मौका होता है जब हम अपनी आंखों पर बंधी पट्टियां उतार सकते है, अपने आपको झूठी तसल्लीयों की जो घुट्टी पिलाई होती है, उनको बाहर निकाल कर सकते है, दूसरों की अच्छाइयों की जो परतें खुद पर चढ़ाई हैं उन्हें धो सकते है।

दरअसल, आजकल हर चीज़ में मिलावट हो गई है, यहां तक कि लोगो ने रिश्तों को भी नहीं छोड़ा। अब ये बात हम सब को पता है लेकिन हम इसे हज़म नहीं कर पाते, हां भई, करें भी तो कैसे? रिश्ते तो सबको चाहिए अब कोई अकेले कैसे जी सकता है। बस, यही से शुरू होता वो दौर खुद को झूठी तसल्ली देने का, अगर किसी ने दिल दुखाया तो हम सेकंड नहीं लगाते खुद को ये बात समझाने में कि…उसने जान बूझ कर नहीं किया।

कोई धोखा दे …तो उसकी कोई मजबूरी रही होगी।
कोई फायदा उठाए… तो कोई नहीं अगली बार नहीं करेगा।
कोई बर्बाद करने पर भी उतारू हो.. तो कोई नहीं, भगवान देख रहा है।
फिर जब कभी इन सब से थक कर, किसी अंधेरी रात में किसी कोने में खुद को अकेला पाते है तब समझ आता है इन गलतफहमियों के साथ से तो अकेला रहना ज्यादा अच्छा है। तब समझ आता है जब मन ऊपर तक भर जाए और बहुत अकेला महसूस हो, तो खुद को दी गई झुठी तसल्ली भी कोई राहत नहीं पहुंचा सकती…उस रात को जो समझ आता है, उस पर ज़रा ग़ौर फरमाए:-

ज़िन्दगी तेरे रंगों से रंगदारी ना हो पायी,
लम्हा-लम्हा कोशिश की हमने, मगर यारी ना हो पायी,
गुनाह तो किए बहुत दूसरों को आबाद करने के,
मगर अफसोस कि किसी भी गुनाह से गिरफ्तारी ना हो पायी,
खुशियां हमने भी बेशुमार लुटाई सब पर,
पर गलती से भी वो खुशियां हमारी ना हो पायी,
लम्हा लम्हा कोशिश की हमने, मगर यारी ना हो पायी।।

इम्तहान बहुत दिए हमने, मगर कभी वो कामयाबी हासिल ना हो पायी,
ज़िन्दगी के इन मुश्किल इम्तहानों की हमसे कभी तैयारी ना हो पायी,
मौके बहुत दिए कुछ शातिर दिमाग़ लोगों ने, हमें पास कराने के,
लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी हमसे किसी की ‘जी- हुजूरी’ ना हो पायी,
लम्हा लम्हा कोशिश की हमने, मगर यारी ना हो पायी।।
अपने उसूलों पर जिए हम, इसलिए किसी से गद्दारी ना हो पायी,
लोगों की तरह ‘बाहर से कुछ अंदर से कुछ’ जैसी अदाकारी ना हो पायी,
जानते हैं जनाब, बहुत मुफलिसी में गुजारे है दिन हमने,
मगर फिर भी गुलाबी नोटों के लिए हमसे, किसी की गुलामी ना हो पायी,
लम्हा लम्हा कोशिश की हमनें मगर यारी ना हो पायी।

एक बार टूट जाने के बाद वो सुनहरे सपनों की कड़ी हमसे ना जुड़ पायी,
ओस की तरह गिर तो गए किसी के लिए, मगर फिर भी ये ज़िन्दगी चमकता मोती ना हो पायी,
हां, कभी सूखे पत्तों की तरह ठंड मिटाने को किसी की, जला तो दिया खुद को,
लेकिन चाह कर भी किसी के दिए की बाती ना बन पायी,
लम्हा लम्हा कोशिश की हमने मगर यारी ना हो पायी।।
दूसरों को मुस्कुराने की वजह देते देते, ये ज़िन्दगी कभी अपनी गिरेबान में ना झांक पायी,
उस चांद को पाने की चाह में ये आंखें ठीक से कभी सो ना पायी,
सोचा था कभी कि एक दिन अपने लिए भी सब सहेज लूंगी,
लेकिन आज ज़रा ठहरी हूं कुछ पल के लिए तो समझ आया कि अपने लिए तो मैं कभी कुछ कर ही नहीं पायी,
लम्हा लम्हा कोशिश की हमने मगर यारी ना हो पायी।।

What is the opinion of people on sex before and after marriage in India, here came a shocking survey

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की नई रिपोर्ट आज कल बहुत सुर्खियों में है। इस सर्वे में भारतीयों से शादी, सेक्स और सेक्सुअल पार्टनर से जुड़े कई सवाल पूछे गए। रिपोर्ट में शादी की उम्र और पहली बार सेक्स करने की उम्र पूरी तरह अलग पाई गई। सर्वे में यह भी जानने का प्रयास किया गया कि क्या भारतीय लोग शादी से पहले सेक्स नहीं करते हैं? आंकड़ों से मालूम चलता है कि वो शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाते हैं लेकिन सभी समुदायों में इसका एक अलग पैटर्न है।

शादी से पहले कितने भारतीय करते हैं सेक्स- शादी से पहले सेक्स करने का पुरुषों का अनुपात महिलाओें के विपरीत है, जबकि वो किसी भी समुदाय के हों। सर्वे में औसतन 7.4 फीसदी पुरुषों ने और 1.5 फीसदी महिलाओं ने माना कि उन्होंने शादी से पहले शारीरिक संबंध कायम किए।

What is the opinion of people on sex before and after marriage in India, here came a shocking survey

सर्वे में लगभग 12 फीसदी सिख पुरुषों ने कहा कि उन्होंने शादी से पहले यौन संबंध बनाएं। सभी धार्मिक समुदायों में ये आंकड़ा सबसे ज्यादा है। वहीं, सिख महिलाओं में ये आंकड़ा सिर्फ 0.5 फीसदी का था, जो सबसे कम था। हिंदू पुरुषों में यह आंकड़ा 7.9 फीसदी, मुस्लिम पुरुषों में 5.4 फीसदी, ईसाई पुरुषों में 5.9 फीसदी था। महिलाओं की बात करें तो हिंदुओं में 1.5, मुस्लिमों में 1.4 फीसदी और ईसाई महिलाओं में 1.5 फीसदी ने माना कि उन्होंने शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाएं।

आर्थिक हालात को भी इस चीज से जोड़ कर देखा गया जैसे कि अमीर पुरुषों और गरीब महीलाओं में शादी से पहले सेक्स करने की सबसे ज्यादा संभावना पाई गई। शादी के बाहर किसी दूसरे शख्स के साथ शारीरिक संबंध बनाने के कारण महिला और पुरुष दोनों का एक ही व्यावहार देखने को मिला। हालांकि, महिलाएं इसे खुले तौर पर बहुत कम एक्सेप्ट करती हैं। अभी महिलाओं के औसतन सेक्सुअल पार्टनर 1.7 फीसदी हैं जबकि पुरुषों के 2.1 हैं। वर्ष 2006 में हुए NFHS के तीसरे सर्वे की बात करें तो महिलाओं में ये 1.02 और पुरुषों में 1.49 फीसदी था।

पत्नी को सेक्स से इनकार करने का राइट है क्या- शादीशुदा जीवन के अंदर सेक्स पूरी तरह पुरुष प्रधान समाज से जुड़ा हुआ है। सर्वे में 87 फीसदी महिलाओं और 83 फीसदी पुरुषों ने कहा कि पत्नियों का सेक्स से इनकार करना उचित है। हालांकि, सभी स्टेट के बीच यह प्रतिशत अलग अलग है। मेघालय अपने मातृसत्तात्मक समाज के लिए प्रसिद्ध है फिर भी यहां सिर्फ 50 फीसदी पुरुषों ने कहा कि पत्नियां सेक्स से इनकार कर सकती हैं। कई राज्यों में महिलाओं की राय भी यह है। मिसाल के तौर पर, अरुणाचल प्रदेश में लगभग 30 फीसदी महिलाओं ने कहा- जब पति सेक्स करना चाहे तो महिला का मना करना उचित नहीं है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Remember, whatever person comes in your life, he leaves only after learning something.

आपने बहुत बार सुना होगा कि
Fate choose your relations,
You choose your friends..

ये लाइनें हम सब की ज़िन्दगी में बहुत सटीक बैठती है।। रोज रोज की इस भागमभाग में हम बहुत से लोगो से मिलते हैं और ये स्वभाविक है कि वो सब अलग अलग व्यक्तित्व के होते है। लेकिन उनमें से कई हमें इतना प्रभावित करते है जिसकी हमने पहले कभी कल्पना भी नहीं की होती।

शायद आपको इस टॉपिक में कोई खास इंटरेस्ट ना आए लेकिन फिर भी मैं बोलना चाहूंगी-

हाल ही में एक ऐसी शख्सियत से सामना हुआ, जिनका Helpful Nature मुझे ये सिखाने में कामयाब रहा कि हर इनसान एक जैसा नहीं होता। अगर आप किसी नए इनसान से मिलते हो तो किसी और के बर्ताव के कारण उसे कड़वा मत बोलो। क्योंकि ये बिल्कुल ज़रूरी नहीं कि किसी पुराने शख्स के बर्ताव से जो आपको परेशानी हुई है ,उसी तरह का बर्ताव आपको इस नए इनसान से भी मिले।

याद रखिए आपकी ज़िंदगी में जो भी इनसान आता है, आपको कुछ ना कुछ सीख देकर जाता है लेकिन वो आप पर निर्भर है कि आप उसे सकारात्मक लेते है या नकारात्मक। तो अगली बार आप किसी से मिले तो पहले उसको Observe करे, हो सकता है वो आपको जीवन जीने के तरीके और दूसरे के प्रति आपके नज़रिए को पूरी तरह बदल दे।

और हां, आप अपने आप को भी इन लोगो में शामिल कर सकते हैं, लेकिन उससे पहले कुछ बातों पर ग़ौर करना होगा:-

1. मुस्कुराए: हर इनसान की जिंदगी में परेशानियां आती ही है, और हम सब ये भी जानते है की हर टाइम एक सा नहीं रहेगा । बुरा वक्त भी बीत जाता है , इसलिए हमेशा किसी से भी मिले तो मुस्कुरा के मिले। इससे सामने वाला थोड़ा सहज महसूस करेगा।

2. अच्छा सोचें: अच्छा सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि सबके लिए। दरअसल, हमारी सोच पर निर्भर है कि हम अपनी जिंदगी में कितनी सफलता हासिल करेंगे और कितने अच्छे नागरिक बनेंगे। वो आपने सुना होगा ना, “मन के हारे हार है, मन के जीते जीत” जी हां, ठीक ऐसा ही है आप अच्छा सोचेंगे , सकारात्मक सोचेंगे तो आपके साथ भी सब अच्छा ही होगा।

3. प्रशंसा करना सीखे: अगर किसी ने आपके लिए कुछ किया या कुछ ऐसा किया जो आपको अच्छा लगा तो बेझिझक उसकी प्रशंसा कीजिए। इससे उसको भी आत्मबल मिलेगा।

4. विन्रम रहें: आज कल लोग बहुत जल्दी अपना धैर्य खो बैठते हैं। उन्हें किसी भी बात को लेकर बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है। लेकिन कई बार इसकी वजह से वो अपना ही नुकसान करवा बैठते है। इसलिए कोशिश करें कि विन्रम रहें।

5. अपना 100 प्रतिशत दें: हमेशा अपना 100 प्रतिशत देनी की कोशिश करें फिर चाहे वो रिश्ता हो, पढ़ाई हो, नौकरी हो या फिर जिंदगी। क्योंकि जब आप अपना 100 प्रतिशत देते है तो जो सुकून आपको हासिल होता है उससे बड़ा कुछ नहीं है दुनिया में।

If you mean the world then you are Hero, and if not then you are Zero for them.

कभी कभी ये देख कर बहुत अफसोस होता है कि दुनिया इतनी Double Standard हो गई है कि उसे अपने मतलब के आगे कुछ दिखाई नहीं देता। आप ने कुछ किया और वो दुनिया के मतलब का हैं तो आप उनके लिए Hero, और अगर वो उनके मतलब का नहीं है तो आप उनके लिए Zero।

कभी कभी ये भी होता है कि उन्हें आपका आगे बढ़ना हज़म नहीं होता फिर वो दूसरों के आगे आपकी बुराइयों की उल्टियां करने लगते है…।

अगर आप किसी से दो कदम आगे हो तो वो आपको नीचे गिरा कर आपके कंधे पर पैर रख कर आगे बढ़ना पसंद करते है बजाए इसके की वो फेयर तरीके से आगे बढ़े। और फिर वो दौर शुरू होता है कि इस गिरने गिराने की कश्मकश में इनसान इतना गिर जाता है कि अपनी छोटी सोच के कुएं से कभी बाहर नहीं आ पाता और उसकी सोच का दायरा कहां तक सिमट जाता है और उससे लोग किस तरह बचना चाहते है वो मैं आपको इस कविता के माध्यम से समझाना चाहूंगी।

लेकिन इससे पहले मैं आपको ये ज़रूर कहना चाहूंगी कि आगे बढ़ना अच्छा है, हर इनसान की चाहत होती है कि वो सफलता हासिल करे, उसकी मेहनत का उसे भरपूर फ़ल मिले, लेकिन दोस्तों हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि हम उस सफलता को अपने दम पर हासिल करें ना कि किसी को नीचा दिखा कर।

दरअसल, किसी को धोखा देकर हम कुछ पल के लिए खुश हो सकते है लेकिन कही न कही के छोटा सा दिल जनता है कि हमने किसी के साथ गलत किया है और फिर ये छोटा सा दिल उस बोझ के तले दबता जाता है, हर पल, हर घड़ी। दिल तो आपका है न किसी और का थोड़े ही है तो फिर क्यों इसे खुद ही इतना परेशान करना।

हमेशा ध्यान रखें सफलता से बड़ी पूंजी सुकून है, जो किसी को खुश करके हासिल हो, किसी को दुखी या परेशान कर के कभी नहीं,
कोशिश कीजिएगा की कभी आपसे कोई ऐसी बात न कहे जो इन पंक्तियों में शामिल है:

जीने भी दे दुनिया हमें , अब यूं तो ना सता,
चंद सांसें ही तो ली है हमने रोज़, तू यूं हम पर ज़िन्दगी जीने का इल्ज़ाम ना लगा।।
चंद ख्वाहिशें मेरी पूरी हो जाए , तो तुझे ऐतराज़ क्यों है,
टूटे सपनों के टुकड़े ही तो जोड़ते है रोज़,
तू यूं हम पर सपने बुनने का इल्ज़ाम ना लगा।।
इस मायूस सी ज़िन्दगी में रंग भरना चाहे अगर,

तो कम से कम यूं मुंह तो ना फुला,
उन रंगों का कतरा कतरा सिर्फ मेरा है,
तू यूं हम पर रंग चुराने का इल्ज़ाम ना लगा।।
कुछ पल अगर खुद के लिए जी ले , तो ये गुनाह क्यों है,
ये मुस्कुराहटें मेरी, इनकी वजह भी मै हूं,
तू यूं किसी की वजह से मुस्कुराने का इल्ज़ाम ना लगा।।
कुछ कर दिखाने का जुनून है अगर , तो तुझे कोई मसला क्यों है,
कुछ बेचैनियां है जो रातों को सोने नहीं देती,
पर तू किसी की याद में जगने का इल्ज़ाम ना लगा।।
ज़िन्दगी मेरी है , मुझे अपने हिसाब से जीने दे,
राहों में मेरी यूं रोड़ा ना लगा,
जहां हूं मैं आज, सिर्फ अपनी मेहनत के दम पर हूं,
किसी के तलवे चाटने का तू मुझे पर इल्ज़ाम ना लगा।।