Reproductive Health को मेनटेन रखने के लिए हर महिला के लिए आवश्यक है कि वह गायनेकोलॉजिस्ट (Gynecologist) के पास जाकर नियमित रूप से अपना चेकअप कपाएं पर बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं जो अफनी सेक्सुअल हेल्थ के बारे में बताने से बचती हैं। इंटीमेट हेल्थ से जुड़ी समस्याओं को लेकर गायनेकोलॉजिस्ट से खुलकर बात ना करना कई बार आपके लिए काफी महंगा साबित हो सकता है। ऐसे में आवश्यकता है कि आप गायनेकोलॉजिस्ट की ओर से पूछे गए प्रश्नों का बिना शरमाये जवाब दें।
इंटीमेट हेल्थ से जुड़ी समस्याओं को लेकर गायनेकोलॉजिस्ट से खुलकर बात ना करना कई बार आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. ऐसे में जरूरी है कि आप गायनेकोलॉजिस्ट की तरफ से पूछे गए प्रश्नों का बिना शरमाते हुए जवाब दें। चेकअप के दौरान आपकी इंटीमेट हेल्थ को लेकर गायनेकोलॉजिस्ट आपसे कई तरह के सवाल पूछ सकती हैं।
आइये देखते हैं उन प्रश्नों के बारे में जिनका जवाब बिना किसी लाज शर्म के देना चाहिए-
हालांकि डॉक्टर का ये सवाल आपको बेकार लग सकता है पर इस सवाल के जवाब के आधार पर ही डॉक्टर यह डिसाइड करते हैं कि आपको कौन से टेस्ट करवाने हैं। एक गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार आप जितनी जानकारी डॉक्टर के साथ साझा करती हैं उसी के हिसाब से आपकी देखभाल होती है।
कितने सेक्सुअल पार्टनर रह चुके हैं ?
इस सवाल का जवाब देने में अक्सर महिलाएं कतराती हैं। अगर आप पिछले 15 सालों से किसी एक ही पार्टनर के साथ रह रही हैं तो डॉक्टर आपको STD टेस्ट ना करवाने का सुझाव दे सकते हैं लेकिन अगर आपने एक ही महीने में तीन अलग-अलग लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाए हैं तो डॉक्टर आपको STD टेस्ट करवाने के लिए बोल सकते हैं।
हर माह पीरियड्स वक्त पर होता है?
महिलाओं में रेगुलर पीरियड साइकिल 28 दिनों का होता है। डेट से 3-4 दिन आगे-पीछे पीरियड्स का आना कॉमन होता है लेकिन अगर यह गैप काफी अधिक हो तो इसे अनियमित पीरियड्स कहा जाता है। पीरियड्स रेगुलर ना होना कई बार काफी सीरियस हो सकता है। ऐसा होने पर डॉक्टर से अवश्य संपर्क करना चाहिए।
सेक्स के दौरान या बाद में होता है दर्द
सेक्स के दौरान या बाद में अगर कभी-कभी आपकी वजाइना या पेल्विस में दर्द होता है तो इसमें घबराने की कोई जरूरत नहीं होती. हालांकि अगर आपको हर बार सेक्स के दौरान या बाद में दर्द का सामना करना पड़ता है तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए. इसके लिए डॉक्टर आपको बेसिक वजाइनल इंफेक्शन के टेस्ट या एंडोमेट्रियोसिस करवाने के लिए बोल सकते हैं।
आप अपने ब्रेस्ट को सेल्फ चेक करती हैं?
हर महिला के लिए यह काफी जरूरी है कि वह अपने ब्रेस्ट की सेल्फ-चेकिंग करें। हालांकि, यह आपके डॉक्टर का काम है कि वह ऐसा करने के लिए आपको याद दिलाए। सही से चेकिंग के लिए डॉक्टर आपको और भी कई जरूरी तरीके बता सकते हैं।
फोटो सौजन्य- गूगल
मुंबई: कल्कि कोचलिन (kalki koechlin) अपनी शाददार एक्टिंग के साथ-साथ बेबाकी के लिए फेमस है। कल्कि 2 साल की प्यारी बेटी की मां हैं और अकेले ही अपनी बेटी की ख्याल रखती हैं। वह अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी बेटी संग खूबसूरत तस्वीरें शेयर करती रहती हैं, जिस पर फैंस भी खूब प्यार लुटाते हैं। लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि कल्कि को वर्किंग मां होने के कारण बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसकी एक झलक अभिनेत्री ने सोशल मीडिया पर शेयर की है।
अभिनेत्री ब्रेस्ट मिल्क पंप करते हुए खींची सेल्फी
कल्कि कोचलिन ने इंस्टाग्राम पर एक थ्रोबेक फोटो साझा की है, जो उनके ड्रेसिंग रूम की है। इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि अभिनेत्री ब्रेस्ट मिल्क पंप करते हुए तैयार हो रही हैं और वह सामने मिरर सेल्फी ले रही हैं। बता दें कि यह सेल्फी शूटिंग शुरू होने से पहले की है। इस फोटो के साथ अभिनेत्री ने कैप्शन में लिखा, ‘एक मां के अपराध बोध की याद में..’ इसके साथ ही उन्होंने कैप्शन में हैशटैग ‘वर्किंग मदर’ और ‘मदरहुड’ का प्रयोग किया है।
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कल्कि कोचलिन की यह फोटो सोशल मीडिया पर फैंस को खूब पसंद आ रही हैं। हर किसी ने अभिनेत्री को एक मजबूत मां बताया है। एक फैन ने लिखा- मातृत्व हेहतरीन है। वहीं, दूसरे फैंस ने लिखा- हम सभी जानते हैं कि आप अपना सर्वश्रेष्ठ कर रही हैं और आप जिस काम को करना पसंद करती हैं उसे करके आप सबसे अच्छे लोगों में शुमार हो सकती हैं। हमेशा खास बनो और कभी मत बदलो क्योंकि यही आपको अद्वितीय बनाता है। अलावा इसके एक और यूजर ने लिखा- आपको पता नहीं है कि यह छवि कितनी शक्तिशाली है, कल्कि! बहुत प्रेरक।
गौरतलब है कि कल्कि कोचलिन ने वर्ष 2011 में फिल्ममेकर अनुराग कश्यप से शादी की लेकिन दोनों की शादी ज्यादा दिन नहीं टिक सकी और सार 2015 में दोनों ने अलग होने को फैसला कर लिया। अगर अभिनेत्री के वर्क फ्रंट की बात करें तो कल्कि अपनी फिल्म ‘गोल्डफिश’ और ‘एमा एंड एंजल’ की शूटिंग खत्म कर चुकी हैं।
महिलाओं के शरीर में हार्मोंस (Hormones) की भूमिका कुछ ज्यादा ही अहम होती है। कारण यह है कि वक्त के साथ शरीर में होने वाले बदलाव। जिनसे महिलाओं को अक्सर गुजरना पड़ता है। किशोरावस्था से लेकर मां बनने तक और उसके बाद ही भी महिलाओं के शरीर में हार्मोस तेजी से कार्य करते हैं और बदलाव भी होते हैं। कई बार इन्हीं हार्मोंस में हो रहे असंतुलन की वजह से महिलाओं को कई समस्याओं से गुजरना है। जिसमें थॉयराइड से लेकर मोटापा, पाचन कमजोर हो जाना और तमाम परेशानियां शामिल हैं। हार्मोंस को संतुलित करने के लिए सही खानपान बहुत जरूरी है।
जानें कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ जो शरीर में हो रहे हार्मोंस असंतुलन को बैलेंस करने में अहम भूमिका निभाता है-
अलसी के बीज
महिलाओं के लिए अलसी के बीज को आहार में शामिल करना बेहद जरूरी है। अलसी के बीज हार्मोंस को संतुलित करने में काफी मदद करते हैं। अलसी में मौजूद OMEGA-3 फैटी एसिड पाया जाता है। जो हार्मोंस को बनाने में मदद करता है। पीरियड्स और मेनोपॉज से जु़ड़ी समस्याओं से राहत पाने के लिए अलसी के बीज को महिलाओं को जरूर खाना चाहिए।
फाइबर की खासियत
महिलाओं को अपने आहार में फाइबर जरूर शामिल करना चाहिए। जैसे साबुत अनाज, रेशेदार फल, ओट्स, सब्जियां, ब्रोकली, पत्तागोभी, गोभी। ये शरीर में हार्मोंस को बैलेंस करती हैं। ये सारी चीजें ना केवल पोषण देंगी बल्कि इनसे ब्लड शुगर भी कंट्रोल में रहता है।
बादाम का ‘दम’
बादाम में विटामिन-A और E काफी ज्यादा मात्रा में होते हैं। इसलिए बादाम को आहार में जरूर शामिल करें। बादाम टाइप- 2 डायबिटीज को कम करता है और बैड कोलेस्ट्रॉल को भी घटाता है।
सेब के बेहतरीन फायदे
जिन महिलाओं को सूजन की शिकायत शरीर में रहती हैं। उन्हें सेब का सेवन करना चाहिए। सेब हाई ब्लड प्रेशर के साथ ही कैंसर के खतरे को भी कम करता है। सेब खाने से इम्यूनिटी भी मजबूत होती है। जिससे संक्रमण का खतरा घट जाता है। अगर आप अपने वजन को कंट्रोल करना चाहती हैं तो रोजाना सेब खाएं। इसमें फाइबर भरपूर होता है।
मानसून के मौसम में अक्सर लोग ट्रेवल (Travel) करने से बचते हैं। बारिश में मौसम खराब होने की वजह से उनके सफर पर असर पड़ सकता है। ट्रेवल के लिहाज से लोग बारिश के मौसम में घर से बाहर नहीं जाना चाहते हैं। पर भारत में कई ऐसी घूमने की जगहें हैं जो बारिश के मौसम में शानदार हैं। इस जगहों की विशेषता बरसात में ज्यादा बढ़ जाती है। कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें बरसात के मौसम में अपने फ्रेंड या पार्टनर के साथ किसी हरियाली वाली खूबसूरत जगह की सैर करनी होती है।
वहीं, कई बार लोग किसी जरूरी काम की वजह से भी मानसून में ट्रैवल करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। चाहें आप अपनी इच्छा से बारिश में कहीं जाना चाहते हों या फिर काम के सिलसिले में सफर रह रहें हों, अगर अचानक से बारिश हो जाएं तो क्या करना है, ये आपको पता होना चाहिए। बारिश के कारण सफर में रुकावट ना आए और मजा सजा ना हो, इसके लिए बारिश में ट्रैवल के इन आइडियाज को जरूर अपनाएं-
सफर का लुत्फ उठाने के लिए गाड़ी की सर्विसिंग है जरूरी
मानसून में अगर गाड़ी से कहीं जा रहे हैं तो कार की एक बार सर्विस जरूर करा लें। बारिश में अक्सर गाड़ियां बंद हो जाती हैं। इसलिए सुरक्षित और बिना किसी रुकावट के सफर का लुत्फ उठाने के लिए गाड़ी की सर्विस कराकर ही घर से निकलें।
सेफ ड्राइविंग
अगर आप रोड ट्रिप पर हैं और अचानक सफर के दौरान बारिश होने लगे तो सबसे जरूरी है कि गाड़ी चलाते समय सावधानी बरतें। गति पर नियंत्रण रखें और सेफ्टी का ध्यान दें।
खाने का सामान साथ में जरूर रखें
ट्रेवल के दौरान अगर बारिश होने लगे, तो हो सकता है कि आप किसी रेस्तरां में ना जा पाएं। तेज बारिश में किसी हाईवे पर हैं और बारिश रुकने तक आपको वहीं इंतजार करना पड़ सकता है, ऐसे में अपने साथ गाड़ी में खाने पीने का कुछ सामान, जैसे स्नैक्स,फल, पानी वगैरह जरूर रखें। खासकर अगर साथ में बच्चे सफर कर रहे हैं तो खाना लेकर जाएं।
एक्सट्रा कपड़े रखना ना भूले
जब आप किसी ट्रिप पर 2-4 दिन का प्लान बनाकर जाते हैं तो आप उसी आधार पर कपड़े और अन्य जरूरी सामान ले जाते हैं पर मानसून के मौसम में कभी भी बारिश हो सकती है और आप बारिश में भीग सकते हैं। इसलिए कुछ एक्सट्रा कपड़े जरूर साथ रखें ताकि अगर आपके कपड़े गीले हो जाएं तो आपके पास अतिरिक्त कपड़े होने चाहिए। अलावा इसके छतरी, पतला रेनकोट समेत अन्य जरूरी सामान भी रखें।
फर्स्ट एड किट है जरूरी
वैसे तो किसी भी मौसम में सफर के दौरान साथ कुछ मेडिसीन जरूर रखनी चाहिए लेकिन मानसून में बारिश में भीगने के कारण जुकाम, खांसी और बुखार आदि आसानी से हो सकता है। इसलिए कुछ ऐसी दवाएं साथ ले जाएं तो सर्दी-खांसी और फीवर में ली जा सके।