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Get beautiful and soft lips in few minutes

Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य ने भी अपनी नीतामाला में वैवाहिक जीवन को खुशहालl बनाने के लिए बहुत कुछ लिखा है। कई बार ऐसा होता है कि महिलाएं अपने पति से संतुष्ट नहीं होती हैं और पति को इस बात की भनक भी नहीं होती।

चाणक्य नीति के बारे में आज हर कोई जानता है। चाणक्य को महान ऐसे ही नहीं कहा गया है। उनकी कही बातें आज भी लोग अपने जीवन में उतारते हैं। ऐसे करने वाले हमेशा सुखमय जीवन व्यतीत करते हैं। सुखी जीवन के लिए आचार्य चाणक्य नीति की बातें बेहद जरूरी हैं। आज भागमभाग में हम कई ऐसी बाते भूल जाते हैं जो बेहद जरूरी होती हैं और उनके बिना हम अपनों को न चाहते हुए भी ठेस पहुंचा देते हैं।

ऐसे में चाणक्य नीति को फॉलो करना जरूरी हो जाता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में शादीशुदा जीवन को सुखमय बनाने के लिए भी कई बातें लिखी हैं। कई बार ऐसा होता है कि औरतें अपने पति से संतुष्ट नहीं होती और पति को इस बारे में पता नहीं चल पाता। आइये बताते हैं पत्नियां जब असंतुष्ट होती हैं तो उनका क्या इशारा होता है-

चाणक्य नीति में महिलाओं के ऐसे इशारों के बारे में बताया गया है जो वे असंतुष्ट होने पर करती हैं। इन इशारों को भांप कर कोई भी पति अपनी पत्नी को संतुष्ट कर सकता है। पत्नी की नाराजगी को दूर करने के लिए चाणक्य नीति की इन बातों का जरूर ध्यान देना चाहिए।

बात ज्यादा ना करना

Love in Kitchen

पत्नियों को बातूनी भी कहा जाता है जब पत्नी बहुत खुश होती है तो अपने पति बहुत ज्यादा बात करती है कभी तो पति को कहना पड़ता है कि बस करो कितना बोल रही हो। अगर आपकी पत्नी भी बहुत बातें करती है और अचानक शांत हो जाए तो समझ जाइये कि वह असंतुष्ट है।

यानी आपकी किसी बात से वह नाराज है। कम बात करना पत्नियों के असंतुष्टि बारे में इशारा करता है। ये संकेत मिलते ही आप अपनी पत्नी से बात करिये और जानिये कि वह किस बात से परेशान है। ऐसा करने से वह बात आप से शेयर करेगी और फिर पहले की तरह हो जाएगी।

पति को कभी नाराज नहीं करना चाहती पत्नियां

These foods play an important role in controlling hormones

यह सब जानते हैं कि पत्नियों के लिए पति कितनी अहमियत रखते हैं। पत्नी अपने पति को कभी नाराज नहीं करना चाहती. ऐसे में अगर पत्नी आपसे झुंझलाने लगे यानी बात पर झगड़ा करे और गुस्सा करे तो समझ जाइये कि वो किसी न किसी बात को लेकर असंतुष्ट है। इस इशारे को ध्यान में रखकर आपका अगला कदम पत्नी को खुश करने के लिए होना चाहिए।

बस अपने बारे में सोचना

पत्नियों के बारे में कहा गया है कि वे अपने पति के हर जरूरत का ख्याल रखती हैं। अगर आपकी पत्नी अचानक आपसे दूरी बना ले या आपको लगे कि वो सिर्फ अपने बारे में सोच रही है और आपका ख्याल नहीं रख रही है तो आपको समझ लेना चाहिए कि वह किस न किसी बात से असंतुष्ट है।

हो सकता है कि वह आपकी किसी बात से नाराज हो, आपको इसे ध्यान में रखते हुए पत्नी से तसल्ली से बात करनी चाहिए। उसकी समस्या को समझकर उसकी परेशानी को दूर करना चाहिए। ऐसा करने आपकी पत्नी को संतुष्टि मिलेगी और वह फिर पहले की तरह आपसे करीब हो जायेगी।

जन्म के बाद से ही शिशु के विकास का चरण शुरू हो जाता है। वह धीरे-धीरे खुद से क्रॉल करने से लेकर, बैठना, चलना, ताली बजाना और बोलना सीखने लगता है। बच्चे के विकासात्मक का यह तरण हर पेरेंट्स के लिए काफी आनंद भरा भी होता है।

शिशु किस उम्र में बोलना शुरू करते है?

आमतौर पर बच्चे 4 महीने की उम्र में तुतला कर बोलना शुरू कर देते हैं। आमातौर पर वे अपने आस-पास सुनाई देनी वाली आवाजों की नकल कर सकते हैं और इस दौरान वे इसे अपनी तोतली भाषा में पा..पा या फिर मम्मा बोलने का प्रयास भी करते हैं। वहीं, एक्सपर्ट के मुताबिक बच्चे में गर्भ से ही भाषा का संचार होने लगता है, इसलिए मां को गर्भावस्था के दौरान से ही शिशु से बात करनी चाहिए। ऐसा भी माना जाता है कि बच्चे को किसी शब्द को बोलना शुरू करने से पहले उसे कम से कम 100 बार सुनने की जरूरत होती है।

कब और कैसे बोलना सिखते है छोटे बच्चे

खासकर छोटे बच्चे 12 से 18 महीने की उम्र के बीच अपना पहला शब्द बोलना शुरू कर देते हैं। रिसर्च से यह पता चलता है कि बच्चों में जन्म से लेकर 05 साल तक भाषा सीखने का गुण विकसित होता रहता है।

यहां हम जानेंगे कि किस उम्र में बच्चे क्या बोलते हैं-

जन्म का शुरुआती तीन माह: इस उम्र में शिशु परिचित आवाज की ओर देखता है और तेज आवाज से डर जाता है। वह माता-पिता के साथ ही अपने आस-पास रहने वाले लोगों की आवाज भी पहचानने लगता है।

3 से 6 माह : इस दौरान बच्चा सुनी हुई आवाज पर उत्साह दिखाता है। ध्यान आकर्षित करने के लिए आवाज निकालना, खेल के दौरान हंसना और बड़बड़ाना जैसी आदतों का विकास शुरू हो जाता है।

6 से 12 महीना : इस उम्र में बच्चा अलग-अलग आवाज, जैसे-फोन का रिंग, दरवाजे की घंटी जैसी आवाजें पहचानने लगता है। साथ ही पापा, मामा, नो-नो, दादा-बाबा जैसे आसान शब्दों का इस्तेमाल भी करना शुरू कर देता है।

12 से 15 महीने : इस उम्र के बच्चे अक्सर संगीत की तरफ अधिक ध्यान दे सकते हैं। सॉफ्ट म्युजिक व लोरी की तरफ उनका ध्यान अधिक आकर्षित हो सकता है।

15 से 18 महीने : इस उम्र में बच्चा छोटी-छोटी बातों के प्रति इशारों को आसानी से समधना शुरू कर सकता है। उदाहरण के लिए, पास आने, सोने, चुप होने, बैठने या जूते पहने जैसे निर्देशों को वह आसानी से समझ सकता है और उन्हें बोलने की नकल भी कर सकता है।

18 महीने से 2 वर्ष : इस उम्र में बच्चे लगभग अधितकर निर्देशों को समझना शुरू कर देते हैं। वह 2 से 3 शब्दों को एक साथ बोलना भी शुरू कर सकता है।

2 से 3 साल : बच्चे इस उम्र में सुनने और बात करने का कौशल विकसित कर लेते हैं। चित्र के साथ कहानियों को समझने लगते हैं। इस दौरान 4 से 5 शब्दों को जोड़कर बोल सकते हैं। बच्चा बातचीत भी शुरू कर सकता है।

3 से 4 साल : इस दौरान बच्चा 6 शब्दों के वाक्य का उपयोग भी कर सकता है।

4 से 5 : इस उम्र तक के बच्चे आसानी से अपने घर में बोली जानी वाली भाषा का उपयोग करना सीख चुके होते हैं। साथ ही उन्हें किसी अन्य भाषा की ट्रेनिंग देना भी इस उम्र से शुरू किया जा सकता है।

ऐसे सिखाएं छोटे बच्चे को बात करना-

Talking kid

छोटे बच्चे को बात करना सिखाने के कई तरीके हैं। अगर उन तरीकों का सही से इस्तेमाल किया जाए, तो बच्चा आसानी से साफ-साफ बोलना शुरू कर सकता है। यहां हम ऐसे ही कुछ टिप्स दे रहे हैं, तो आपके बच्चे को बोलना सिखाने में मदद करेंगे।

बच्चे से इशारों में बात करना – पेरेंट्स अपने शिशु से इशारों में बात करना शुरू कर सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर पेरेंट्स चाहते हैं कि बच्चा खुद से भूख को बता सके, तो इसके लिए उसे दूख पिलाते समय या भोजन कराते समय उसे बताएं कि क्या वह इसी को मांग रहा है। इससे बच्चा यह समझ सकता है कि भूख लगने पर उसे किसी तरफ इशारा करना या उसे किस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करना है।

लोरी सुनाना- बच्चे को सुलाते समय उसे लोरी सुना सकती हैं। लोरी सुनने से बच्चा आसानी से भाषा सीखने के लिए प्रेरित हो सकता है। अगर वह बार-बार एक ही लोरी सुनेगा, तो वह भी उसे बोलने की नकल शुरू कर सकता है, इससे वह जल्द ही बोलना आरंभ कर सकता है।

कहानी सुनाना – पेरेंट्स बच्चों के कहानी सुनाने के जरिए भी बोलना सिखा सकते हैं। इसके लिए वे बच्चे को चित्रों के जरिए कोई कहानी सुना सकते हैं और उसी कहानी को दिन में 2 से 3 बार रिपीट भी कर सकते हैं।

बच्चे को प्रोत्साहित करना – शिशु के साथ खेलते हुए जब भी किसी भाषा का प्रयोग करें, तो उसे तीन से चार बार दोहराएं। ऐसा करने से बच्चे को वह शब्द बोलने के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है।

बच्चे को बता कर कार्य करें- मिसाल के तौर पर अगर बच्चे को नहला रही हैं या उसे खाना खिला रही हैं, तो उसे इस बारे में बताएं। ऐसा करने से बच्चा नई-नई बातों के बारे में सीखेगा और उनके बारे में जानेगा।

बच्चे की नकल करें- अगर बच्चा अपनी तोतली आवाज में कुछ बोलता है, तो पेरेंट्स भी उसकी नकल कर सकते हैं। इससे बच्चे को खुशी मिलेगी और वह फिर से उसी आवाज को दोहराने की कोशिश कर सकता है।

जब शिशु बोलना सीख रहा है, उस समय इन बातों का ख्याल बहुत जरूरी होता है।

Sex संबधों में सक्रियता न होना intimacy की कमी को दर्शाता हैं। सेक्स लाइफ को मज़ेदार बनाने के लिए दोनों लोगों का प्रयासरत होना ज़रूरी है। जानते हैं, वो टिप्स जो सेक्सुअल लाइफ को हेल्दी बनाकर रखती हैं।

छोटे छोटे लम्हों में भी खुशी की तलाश कर लेना रिश्ते में खुशहाली को बढ़ा देता है। शुरूआत में हर कपल के बीच सेक्सुअल रिलेशनशिप एक स्पार्क से आरंभ होता है लेकिन बदलते हालात और जिम्मेदारियां हमारे लाइफ में से खुशी और सेक्स ड्राइव को कम करने लगती है। सेक्स लाइफ को हैप्पी और हेल्दी बनाने के लिए दोनों लोगों का प्रयासरत होना ज़रूरी है। लिबिडो बूस्टिंग (Libido boosting) के लिए यूं तो कई प्रोडक्टस और सप्लीमेंटस मौजूद हैं। मगर अलावा इसके कुछ ऐसी बातों का जानना ज़रूरी है, जो हमारी सेक्स लाइफ को खुशहाल बनाने में मददगार होती है।

NCBI के एक रिसर्च में पाया गया है कि यौन संबधों का प्रभाव हमारी सेहत पर भी दिखने लगता है। वे महिलाएं, जो सेक्सुअल रिलेशनशिप (Sexual relationship) में खुशी का अनुभव नहीं करती है। वे हाइपरटेंशन का शिकार हो जाती हैं। दूसरी ओर पुरूष तनाव और एंगजाइटी से ग्रस्त रहते हैं। रिसर्च में पाया गया है कि ओवरऑल लाइफ की क्वालिटी को निखारने के लिए सेक्स बेहद ज़रूरी है।

Sex life

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक सेक्सुअल हेल्थ और यौन संबधों के लिए पॉजिटिव और रिस्पेक्टफुल अप्रोच की आवश्यकता होती है। अलावा इसके जबरदस्ती, भेदभाव और हिंसा से मुक्त हेल्दी रिलेशन बिल्ड करना चाहिए। सेक्सुअल हेल्थ मेंटेन करने के लिए सभी लोगों को सेक्सुअल राइटस की रिस्पेक्ट, संरक्षण और पूर्ति की जानी चाहिए।

जानते हैं, वो खास आदतें, जो सेक्सुअल लाइफ को हेल्दी बना सकती हैं।

1. सेक्स परफार्मेंस से ज्यादा साथ पर फोकस करना

बहुत से हैप्पी कपल्स सेक्स के दौरान सिर्फ सैटिसफेक्शन पर ध्यान नहीं देते हैं। एक दूसरे का साथ ही उनके लिए काफी होता है। उनका फोकस एक दूसरे के साथ वक्त बिताना होता है। हांलाकि सेक्स में ऑर्गेज्म को पीक तक ले जाना बेहद ज़रूरी है। हर बार इस मानसिक दबाव में सेक्स करने से आप सेक्सुअल लाइफ को एंजॉय नहीं कर पाते हैं। हैप्पी कपल्स सेक्स परफार्मेंस से ज्यादा उस समय का आनंद उठाने पर ध्यान देते हैं। इससे उनका रिश्ता मजबूत और हेल्दी होने लगता है।

इसे ट्राई करे:
2. पार्टनर को गंभीरता से लेना

जब आप अपने साथी को सेक्स के दौरान और सेक्स के बाद समय देते हैं, तो एक दूसरे में अंडरस्टैंडिंग बढ़ने लगती है। दरअसल, एक दूसरे के प्रति आर्कषण खत्म होने के बाद अधिकतर कंपल्स असंतुष्ट नज़र आने लगते हैं। उन्हें एक दूसरे की पसंद नापसंद का अब ख्याल नहीं रहता है। दूसरी ओर वो कपल्स जो एक दूसरे को प्यार करने के अलावा अच्छे दोस्त भी है, वो फीलीग्स का खास ख्याल रखते हैं। फोर प्ले से लेकर आफ्टर प्ले तक हर बात का ख्याल रखने के अलावा यौन संबधों के दौरान रोमांस भी बरकरार रहता है।

3. सेक्स लाइफ को समय देना

Some Natural Ways To Spice Up Your Sex Life

बहुत से कपल्स शादी के कुछ सालों बाद सेक्स लाइफ को लेकर सीरियस नहीं रहते हैं। उनकी सेक्सुअल लाइफ धीरे धीरे बोरिंग होने लगती है और एक समय के बाद उस पर विराम लग जाता है। इससे दोनों लोगों का जीवन तनावपूर्ण और थकान भरा होने लगता है। दिनों दिन मन मुटाव और झगड़े बढ़ने लगते हैं। कुछ कपल जो शादी के सालों बाद भी खुशहाल नज़र आते हैं, वे अपनी सेक्सुअल लाइफ को पूर्ण रूप से मेंटेन रखते हैं। वे दूसरे के लिए वक्त निकालते हैं। हांलाकि, वो कामेच्छा से ज्यादा तनाव से दूर रहने के लिए सेक्स को प्रायोरिटी देने लगते हैं।

4. बोझ नहीं है सेक्स

वे लोग जो शादी के सालों बाद सेक्स के चार्म को एंजॉय नहीं कर पाते हैं। उनके लिए यौन संबध सिर्फ एक टास्क के समान होता है। वे अब उसमें खुशी नहीं तलाश पाते हैं। इसका प्रभाव उनके रिश्ते पर दिखने लगता है। धीरे धीरे वो सेक्स को बोझ मानने लगते है। अपने रिश्ते में खुशहाली को बनाए रखन के लिए सेक्स को महज़ एक काम न समझें। उस समय के दौरान खुशी को तलाशें और पार्टनर को भी खुश रखने का प्रयास करें। इस बात को जान लें कि एक दूसरे को खुश रखने से आपके संबध मज़बूत होंगे।

5. बातों की चाशनी

पार्टनर से वार्तालाप करना हेल्दी रिलेशन मेंटेन करने के लिए बेहद ज़रूरी है। एक दूसरे से बातचीत करके आप अपनी समस्याओं को सुलझा सकते हैं। साथ ही सेक्सुअल लाइफ में आने वाने अप्स एंड डाउंस को आसानी से मिलकर हल कर सकते हैं। संवाद बहुत सारी समस्याओं का समाधान हो सकता है। सेक्स को साइलेंट अफेयर बनाने की बजाए एक-दूसरे के साथ संवाद बनाएं।

सुबह सवेरे टहलने से लेकर ये तमाम व्यायाम आपकी मेंटल हेल्थ को बनाए रखने का काम करती है। जानते हैं वो एक्सरसाइज़ जो आपको मेंटल तौर पर रखती है फिट और फाइन।

तन और मन को हेल्दी रखने के लिए खान पान के अलावा व्यायाम भी बेहद ज़रूरी है। नियमित व्यायाम हमारे माइंड को डिप्रेशन और एंग्जाइटी से दूर रखता है। डब्ल्यूएचओ (World Health Organization) की रिपोर्ट के मुताबिक विश्वभर में साल 2016 में सुसाइड के 7,93,000 मामले सामने आए। दरअसल, दिनभर काम में व्यस्त रहने की वजह से मांइड हर समय एक दबाव में रहता है। जब मस्तिस्क उस प्रेशर को झेलने में सक्षम नहीं होता है, तो लोग मेंटल तौर पर अस्वस्थ्य होने लगते हैं। ऐसे में मार्निंग वॉक से लेकर ये तमाम एक्सरसाइज़ आपकी मेंटल हेल्थ को बनाए रखने का काम करती है। जानते हैं वो एक्सरसाइज़ जो आपको मेंटल तौर पर रखती है फिट एंड फाइन।

इन एक्सरसाइज़ को रूटीन में करें शामिल और मेंटल हेल्थ को करें इंप्रूव

1. योग का अभ्यास

Yoga

योग हमारे मन को शांति का अहसास कराता है। ध्यान लगाने से हम सभी दुश्चिंताओं से मुक्त होने लगते हैं। इससे हमारे माइंड में सेरोटोनिन का लेवल बढ़ने लगता हैं। इससे मांइड रिलैक्स होने लगता है और हम खुशहाली का अनुभव करने लगते हैं। योग करने से शरीर में हल्कापन महसूस होने लगता है। मूड बूस्टर के तौर पर काम करने वाला योग हमें क्रोध और तनाव रहित रखता है। इस बारे में डिवाइन सोल योग के डायरेक्टर डॉ. अमित खन्ना के मुताबिक योग मुद्राओं की मदद से तनावग्रस्त जीवन से मुक्ति मिल जाती है और हमारा माइंड फ्रेश फील करता है। सुबह उठकर कुछ देर ध्यान करने के अलावा कुछ खास योग मुद्राएं आपको फिट एंड फाइन रखने का काम करती है। इसके लिए सुखासन, अधो मुख श्वानासन, उर्ध्व मुख श्वानासन और बालासन बेहद फायदेमंद योग हैं।

2. बॉक्सिंग से माइंड रिलैक्स रहता है

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक बॉक्सिंग हमारे शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को कम करके शरीर को तनाव मुक्त रखने में सहायक है। इसकी मदद से बॉडी एग्रेशन अपने आप कम हो जाता है। आपका माइंड रिलैक्स और हेल्दी फील करता है। दरअसल, हर बार पंचिंग बैग पर मुक्केबाज़ी करने से आपका माइंड एंडोर्फिन का प्रोडक्शन बढ़ाने लगता है। इससे न्यूरोट्रांसमीटर से पॉजिटिव थिकिंग का विकास होता है। इसके अलावा पंचिंग मांसपेशियों के तनाव को दूर करने में मदद करता है। आप जैसे जैसे पंच मारते हैं आपका ध्यान एक जगह पर केंद्रित होने लगता है। इससे आपकी एकाग्रता में बढ़ोतरी होने लगती है। बॉक्सिग को रूटीन में शामिल करने से मानसिक स्वास्थ्य के अलावा कैलोरी बर्न करने में भी मदद मिलती है। इसे रोज़ाना करने से सैगी आर्म्स और बैली फैट की समस्या हल हो जाती है।

3. पिलेट्स शरीर को ऐसे करता है बूस्ट

पिलेट्स एक ऐसी एक्सरसाइज़ जो माइंड और बॉडी दोनों को रिलैक्स और बूस्ट करती है। इसकी मदद से शरीर में फ्लैक्सिबिलिटी और मज़बूती दोनों ही बढ़ने लगते हैं। पिलेट्स एक्सरसाइज़ करने से समस्त शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव का अनुभव होता है। इससे शरीर में होने वाले दर्द से भी मुक्ति मिल जाती है। पिलेट्स का संबध शारीरिक फिटनेस के साथ मानसिक फिटनेस से भी है। इसे करने से शरीर में एंडोमॉर्फिन यानी प्रोटीन न्यूरोट्रांसमीटर बढ़ने लगते हैं। इससे हम सकारात्मक रहते है और मेंटल स्ट्रेस दूर होने लगता है।

इनहे इस्तेमाल करे:

दो प्रकार के पिलेट्स

मैट बेस्ड पिलेट्स

इस व्यायाम को ज़मीन पर लेटकर किया जाता है। इससे शरीर की मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन से मुक्ति मिलती है। इसे नियमित तौर पर करने से शरीर हेल्दी रहता है और शारीरिक शक्ति का विकास होता है।

इक्विपमेंट्स बेस्ड पिलेट्स

कुछ पिलेट्स एक्सरसाइज़ उपकरणों की मदद से की जाती है। बॉल, चेयर, एंकल वेट और स्लाइडिंग डिस्क की मदद से पिलेट्स एक्सरसाइज़ करते है। इससे बॉडी में स्टेमिना बिल्ड होता है और तनाव से शरीर मुक्त हो जाता है।

मेंटल हेल्थ इंप्रूव करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

8 से 10 घंटे की पूरी नींद लें। इससे शरीर में हैप्पी हार्मोस रिलीज़ होते हैं और माइंड रिलैक्स रहता है।

दोस्तों के साथ आउटडोर एक्टीविटीज़ के लिए जाएं।

सेल्फ हैप्पीनेस के लिए पसंदीदा एक्टीविटीज़ को करने में समय बिताएं।

खान पान का पूरा ख्याल रखें। इससे शरीरिक और मेंटल हेल्थ दोनों की हेल्दी होने लगते हैं।

बालों की सही देखरेख न होने के चलते दोमुंहे बालों की समस्या बढ़ जाती है। स्पिल्ड एंडस से छुटकारा पाने के लिए इन splecial टिप्स को ज़रूर फॉलो करें।

बालों को स्वस्थ बनाने के लिए हम कई तरीक के प्रोडक्टस का इस्तेमाल करते हैं। जो बालों को कई तरह से नुकसान पहुंचाने का भी काम करते हैं। इससे स्पिल्ट एंडस की समस्या बढ़ने लगती है और उसका प्रभाव हेयर ग्रोथ पर दिखने लगता है। बालों की शाइन खो जाती है और दोमुंहे बालों से रूखापन दिखने लगता है। डल, फ्रीजी और टूट रहे बालों को पोषण प्रदान करने के लिए हमें कुछ बातों का ख्याल रखना होगा।

जानते हैं, वो आसान दिप्स जिससे आप दोमुंहे बालों कर समस्या से बच सकती हैं।

स्प्लिट एंड्स क्या होते हैं (split ends)

स्प्लिट एंड्स बालों के टिप पर होते हैं। दरअसल, हेयर एंडस पर मौजूद क्यूटिकल की एक मज़बूत परत जब हट जाती है, तो उस वक्त टिप्स पर स्प्लिट एंड्स नज़र आने लगते हैं। टिप्स पर पहले ये दो हिस्सों में फिर तीन से चार हिस्सों में भी बंटे हुए नज़र आने लगते हैं। दो मुंहे बाल बनने से उनके टूटने की समस्या भी बढ़ने लगती है।

दोमुंहे बालों की समस्या को सुलझाने के लिए इन स्टेप्स को करें फॉलो (how to prevent split ends)

1. बालों को रेगुलर ट्रिम करें

अगर आपके बाल दोमुंहे नज़र आ रहे हैं, तो उन्हें नियमित तौर पर ट्रिम करके उनकी ग्रोथ को बढ़ाया जा सकता है। दरअसल, उन बालों को रिपेयर करना संभव नहीं होता है, जिसका प्रभाव बालों की लेंथ पर दिखने लगता है। अगर आप बालों को ज्यों का त्यों छोड़ दते है। तो बालों में रफलेस बढ़ने लगती है। रेगुलर ट्रिम होने से बाल शाइनी और हेल्दी बने रहते हैं। इससे बालों का विकास अपनी गति से होने लगता है।

2.हेयर स्टाइलिंग से बचें

रोज़ाना बालों पर हीट स्टाइलिंग टूल का प्रयोग करने से बचें। इससे स्पिल्ट एंडस बढ़ने लगते हैं और बालों की रूटस को नुकसान पहुंचने लगता है। नजीतन बाल दोमुहे होकर झड़ने लगते हैं। हीट.स्टाइलिंग टूल का सीमित मात्रा में इस्तेमाल करके और रेगुलर हेयर ट्रिमिंग से बाल पहले जैसे मुलायम और शाइनी बने रहते हैं। इसके अलावा आप हेयर सीरम भी उपयोग कर सकते हैं, जो बालों की खोई चमक और रूखेपन को दूर रखते हैं। बालों को नया लुक देने के लिए उस तरह के हेयर स्टाइल्स को अपनाएं, जिससे आपके बालों को ज्ञटाइल करने के लिए टूल्स का इस्तेमाल न हो।

इनहे ट्राई करे:
3. हेयर मास्क को करें हेयर केयर रुटीन में शामिल

इस समस्या से निपटने के लिए हेयर मास्क का इस्तेमाल ज़रूरी है। इसके लिए एक चम्मच एवोकाडो में दो चम्मच नारियल का तेल मिलाएं। अब समान मात्रा में ऑलिव ऑयल को एड करें। इससे जब एक क्रीमी पेस्ट बन जाए, तो उसे बालों की जड़ों और लैन्थ दोनों पर ही पूर्ण रूप से अप्लाई करें। 30 से 45 मिनट तक लगे रहने के बाद बालों को माइल्ड शैम्पू से धो लें। इससे बालों का रूखापन दूर होने लगेगा। सप्ताह में दो से तीन बार अप्लाई करें। एवोकाडो में मौजूद विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन और फोलिक एसिड बालों को मज़बूत बनाकर ग्रोथ में सहायक साबित होते हैं। इससे दो मुंहे बालों की समस्या कम होती है।

4. हेल्दी बालों के लिए जरूरी है हेल्दी डाइट

Hair tips

आपको डाइट में सामान्य बदलाव करने की ज़रूरत है। डाइट में बीटा कैरोटीन की मात्रा को बढ़ाएं। इसके अलावा विटामिन्स और मिनरल्स आपके शरीर के अलावा बालों की सेहत के लिए भी ज़रूरी है। स्पिल्ट एंडस की समस्या से बचने के लिए पत्तेदार साग, नट्स और अंडे को डाइट में शामिल करें। जो स्वस्थ बालों के विकास को बढ़ावा देता है और बाल टूटने से भी रोकता हैं।

5. ऑयलिंग से मिलेगा labh

बालों को दोमुहे बनने से रोकने के लिए ट्रिम करना ज़रूरी हैं। ट्रिम करने के अलावा बालों को सेहतमंद बनाए रखने के लिए जड़ों में ऑयलिंग करें। इससे बालों को पोषण मिलने लगता है। साथ ही रूखे और बेजान दिखने वाले बालों में नमी बरकरार रहती है। इससे बालों की ग्रोथ बढ़ती है। बालों में सप्ताह में दो से तीन बार तेल लगाएं। इससे बालों का टेक्सचर भी सुधरने लगता है। ऑयलिंग के लिए आप एसेंशियल ऑयल की कुछ बंदों को नारियल के तेल में मिलाकर लगाएं।

अगर आप रोज़ाना बालों पर नए प्रकार के शैम्पू और कंडीशनर को अप्लाई करेंगी, तो इसका प्रभाव बालों की ग्रोथ पर दिखने लगता है। इससे फॉलिकल्स कमज़ोर होंगे और बाल झड़ने की समस्या बनी रहेगी। ऐसे में बालों पर नेचुरल प्रोडक्टस का अप्लाई करें। ध्यान रखें कि आंवला, शिकाकाई औरीठा जैसे पदार्थ बालों को जड़ों से मज़बूत बनाते हैं। इन्हें प्रयेग करके बाल झड़ने और स्पिल्ट एंडस की समस्या दूर होगी।

Sexual intimacy helps in recovering from loneliness and depression

फोरप्ले (Fore Play) के दौरान अपने पार्टनर के नर्व एंडिंग यानी की वासनोत्तेजक क्षेत्र पर आइस क्यूब्स का स्पर्श देने से उन्हें ठंडक और आराम पहुंचेगा। साथ ही यह उत्तेजना को भी बढ़ावा दे सकता है।

गर्मी में अक्सर लोगों की सेक्स फ्रीक्वेंसी कम हो जाती है। बढ़ता तापमान लो लिबिडो का कारण हो सकता है। यदि आप इस गर्म मौसम में अपनी इंटिमेसी को एन्जॉय करना चाहती हैं तो समर सेक्स टिप्स को ध्यान में रखें साथ ही कुछ नया ट्राई कर सकती हैं। अपने सेक्सुअल एक्टिविटी में आईसी ट्रिक्स को शामिल करना एक अच्छा आईडिया रहेगा। आइस क्यूब्स की कूलिंग इफ़ेक्ट (Icy Tricks for Summer Sex) आपकी इंटिमेसी को ज्यादा मजेदार बना देंगी।

Some Natural Ways To Spice Up Your Sex Life

फोरप्ले के दौरान अपने पार्टनर के नर्व एंडिंग यानी की वासनोत्तेजक क्षेत्र पर आइस क्यूब्स का स्पर्श देने से उन्हें ठंडक और आराम पहुंचेगा। साथ ही यह उत्तेजना को भी बढ़ावा दे सकता है। दोनों पार्टनर एक दूसरे को इसका आनंद दे सकते हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसेही कुछ खास आईसी ट्रिक्स जो आपके समर सेक्स को एक्सिटिंग बना देगी। आप बेफिक्र होकर इसे अपनी इंटिमेसी का हिस्सा बना सकती हैं।

हेल्थ शॉट्स ने सेक्सुअल एक्टिविटी और फोरप्ले के दौरान आइस के इस्तेमाल को लेकर ऑरा क्लिनिक, गुड़गांव की डायरेक्टर एवं क्लाउड नाइन हॉस्पिटल, गुड़गांव की सीनियर कंसलटेंट डॉ रितु सेठी से सलाह ली। उन्होंने आइस के इस्तेमाल को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है। जिस प्रकार सेक्स के दौरान हाइजीन पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है, ठीक उसी प्रकार आइस का प्रयोग करते वक़्त भी हाइजीन का ध्यान रखना जरुरी है।

सेक्स सेशन को और भी मजेदार बना सकते हैं ये 4 आईसी ट्रिक्स (Icy Tricks)

1. आईसी किस

हम सभी Sex या फिर किसी भी प्रकार की रोमांटिक गतिविधियों की शुरुआत किस के साथ करते हैं। तो क्यों न शुरुआत को अधिक सेंसेशनल बनाया जाए। तो क्यों न इस गर्मी अपने किस को आईसी किस में बदला जाए। इसके लिए आपको हल्के पिघले हुए आइस क्यूब को अपने होठों में दबाना है और उसके बाद अपने पार्टनर को किस करना है। मुंह की गर्माहट और बर्फ की ठंडक पुरे स्पाइन को शिवर करती है और यह उत्तेजना को भी बढ़ा देती है।

2. रबिंग गेम

Fore Play शुरू करने से पहले अपने फ्रीजर से कुछ आइस क्यूब्स निकाल कर उन्हें अपने बेड के बगल में रख लें। फिर अपने पार्टनर को कहें की वे बर्फ के एक टुकड़े को लेकर धीरे-धीरे आपकी त्वचा पर रगड़ें।

होठों को बर्फ के टुकड़ों से छुएं साथ ही पेट के निचला हिस्से, निप्पल, आर्मपिट, क्लिटोरी, जांघों के बिच और अन्य वासनोत्तेजक क्षेत्रों (इरोजेनस स्पॉट) पर बर्फ के टुकड़ों का स्पर्श दें। क्लिटोरी पर पिघलते बर्फ का पानी डालने से उत्तेजित होना आसान हो जाता है इसके अलावा यह काफी रिलैक्सिंग हो सकता है।

इरोजेनस स्पॉट पर जाएं। इससे पुरुषों को भी उत्तेजित होने में मदद मिलती है।

3. पआईसी ओरल सेक्स ट्राई करें

आ Icy ओरल सेक्स भी ट्राई कर सकती हैं। पार्टनर को मुंह में एक आइस क्यूब रखने को कहें और अपने सामान्य ओरल सेक्स को अधिक एक्साइटिंग बनाएं। ऐसा करने से एक ही समय में आइस क्यूब की ठंडक और सांसों की गर्मी महसूस होगी। यह कामोत्तेजना को बढ़ावा देता है।

ओरल सेक्स के दौरान आनंद को बढ़ाने के लिए अपने पार्टनर को नाक का इस्तेमाल करने के लिए कह सकती हैं। यह योनि को ठंडक पहुॅचाता है और आपको रिलैक्स रहने में मदद करता है। ठीक इसी प्रकार महिला पार्टनर भी अपने मुंह में आइस क्यूब रखकर ब्लो जॉब दे सकती हैं जिससे की पुरुषों को भी आराम मिलता है।

4. Sex Toys को दें आईसी इफेक्ट

अगर आप सेक्स टॉय का इस्तेमाल करती हैं तो अपने Sex Toys को ठंडा कर के इस्तेमाल कर सकती हैं। खासकर गर्मी में ठंडे टॉयज का इस्तेमाल करना आपको केवल प्लेजर ही नहीं बल्कि आपके वेजाइना को पर्याप्त ठंडक भी प्रदान करता है। पार्टनर के साथ सेक्स करते हुए यदि टॉयज का इस्तेमाल करती हैं तो अपने पार्टनर से इन्हे ठंडा करने को कह सकती हैं। हालांकि, इन्हे इस्तेमाल करने से पहले अपने हाथ पर रख कर देख लें ताकि आपको आइस बर्न से न जुजरना पड़े।

अपने स्टेनलेस स्टील और रबर टॉयज को अच्छे से क्लीन कर लें और साफ़ पानी में आइस क्यूब्स डाल दें, फिर टॉयज को पानी में डालें और जब ये ठंडा हो जाएं तो इन्हे इस्तेमाल करें।

Happy Mothers डे: मां, जब छोटी थी ना मां ,तब समझ नहीं पाई कि तुम मेरी परवरिश में अपने आप को भूले बैठी हो। मेरे लिए तुम रात भर जाग जाती थी, मुझे खिलाने के चक्कर में ना जाने तुम खुद कितनी बार बिना खाए सो जाती थी।

बहुत हसीन दौर था वो, जब मैं तुम्हारे लिए और तुम सिर्फ मेरे लिए होती थी। एक अलग ही दुनिया थी वो,  जिंदगी की हकीकतों से परे एक सपनों की दुनिया जैसी। उस दौर में मुझे कभी किसी चीज से डर नहीं लगा, क्योंकि जानती थी कि तुम हो मेरे साथ मुझे खरोच भी नहीं आने दोगी। मुझे कभी नहीं समझ आया कि मुझे क्या पसंद है और क्या नापसंद , बस यह पता था कि मुझसे बेहतर तुम मुझे जानती हो तो मुझे सिर्फ वही दोगी जो मेरे लिए अच्छा है।

समय हमेशा एक जैसा क्यों नहीं रह सकता मां , पता है तुम्हारी उंगली पकड़ते ही मैं शेरनी बन जाती थी,  लगता था जैसे अब मेरा मुकाबला कोई नहीं कर सकता 7वें आसमान पर होती थी।

उस दौर में हर दिन अपने आप में बहुत अलग था । दुनिया सिर्फ इतनी ही थी जिसमें मैं और तुम होते थे। तुमने अपने प्यार के साथ साथ मुझे जिंदगी की तल्ख हकीकतों का आइना भी दिखाना चाहा, पर उस समय सुनकर भी अनसुना कर देती थी मैं, पता नहीं क्यों हमेशा यह लगता था कि मां मुझे यह सब क्यों सिखाना चाहती है यहीं तो हूं मैं, मां के पास और जब मां सब संभाल लेती हैं, तो आगे भी संभाल लेगी।

Mother's Day

ना जानती थी कि कुछ रातों के सवेरे थोड़ी जल्दी हो जाते हैं।

ना जानती थी कि तुमसे एक पल दूर रहना मुमकिन न था लेकिन अब इस आजमाइश से भी गुजरना पड़ेगा ।

पता है अब मुझे बहुत डर लगता है जब अकेले कदम बढ़ाती हूं, तो लगता है कि अगर लड़खड़ा गई तो मां नहीं होगी मेरी उंगली पकड़ने को।  अब बहुत ध्यान से तवे  के पास जाती हूं मां,  क्योंकि पता है अगर हाथ जला तो मां वो ठंडी फुंके मारने के लिए नहीं होगी । तुम्हारे बिना तो आइसक्रीम खाते वक्त भी इस ठंडक का अहसास नहीं होता, जो तुम्हारे मेरे सिर पर हाथ रखने से होता था।

कभी कभी सोचती थी कि मां इतना संतोष, इतना धैर्य कहा से लाती है कि वो कभी भी कोई फर्माइश नहीं करती, न जाने कितने ही त्यौहार एक ही साड़ी में बीता दिए। कभी उन चीजों को खाने की इच्छा ज़ाहिर नहीं करती को उन्हें अच्छी लगती है। लेकिन मां, मुझे अब जाकर समझ आया है की तुम मेरी फरमाइशो के तले दबी हुई थी, इसलिए कभी अपने बारे में नहीं सोचा।

मुझे त्यौहार पर कपड़े दिलाने के चक्कर में खुद नई साड़ी को दरकिनार कर दिया।

कुछ चीज़ें वक्त रहते क्यों समझ नहीं आती मां।

मैं नहीं जानती कि मैं एक अच्छी बेटी बन पाई या नहीं, लेकिन तुम्हें ये जानकर खुशी होगी कि अब अगर मैं अपने आप को तुम्हारी वाली परिस्थितियों से घिरा पाती हूं, तो ठीक वैसे ही उनसे दो चार होती हूं, जैसे तुम होती थी।

जो सबक मुझे किताबों में नहीं सिखाए, वो तुमने हंसते खेलते सीखा दिए मां।

शुकिया मां, मुझे इस दुनिया में लाने के लिए।

शुकिया मां, मुझे जिंदगी की तल्ख़ हकीकतों से निपटने को लेकर सबक सिखाने के लिए।

शकिया मां, मुझे इस काबिल बनाने के लिए कि मैं समझ पाऊं कि मां और भगवान में कोई फर्क नही है।

हैप्पी मदर’स डे मां, लव यू सो मच।
भगवान तुम्हें मेरी उम्र भी लगा दे।

Breast Feeding

अक्सर लड़कियां अपने ब्रेस्ट साइज को लेकर फ़िकरमंद रहती हैं। फिर चाहे वे छोटे हों, बड़े या बहुत बड़े। एक्सपर्ट मानते हैं कि हर ब्रेस्ट साइज सुंदर है, बशर्ते कि वे स्वस्थ हों।

महिलाएं अपने ब्रेस्ट के आकार को लेकर अक्सर असहज महसूस करती हैं। कुछ महिलाएं इसे बढ़ाना चाहती हैं, तो कुछ घटाना। असल में ब्रेस्ट साइज का कोई पैमाना सही नहीं है। आकार से ज्यादा जरूरी है ब्रेस्ट हेल्थ पर ध्यान देना। आपके ब्रेस्ट की जो भी साइज़ है, उसके साथ सहज रहना जरूरी है। कई योगासन हैं जो ब्रेस्ट को होने वाली बीमारियों के जोखिम को दूर रखकर स्वस्थ रखती हैं। यहां ब्रेस्ट हेल्थ के लिए ऐसे ही कुछ योगासनों के बारे में जानें डॉक्टर से-

ब्रेस्ट हेल्थ के लिए फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर ध्यान देना आवश्यक

डॉ. स्मृति अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में कहती हैं, ‘ब्रेस्ट साइज़ बढ़ाने या घटाने के स्थान पर आप यह सोचें आपके अंग कितने स्वस्थ हैं? आपका ब्लड कितना साफ रहता है? अपने गट हेल्थ पर ध्यान दें। अपने मंकी माइंड (Monkey mind) पर कंट्रोल करें। मानसिक स्वास्थ्य (Mental health) पर काम कर मानसिक रूप से स्थिर बनें। अपने शरीर से प्यार करें। जिस दिन शारीरिक रूप से किसी और की तरह दिखना बंद कर देंगी, उस दिन आपका अपना शरीर और ब्रेस्ट साइज़ भी सर्वश्रेष्ठ लगने लगेगा।’

डॉक्टर के बताये योगासन, जो ब्रेस्ट हेल्थ के लिए सभी महिलाओं के लिए जरूरी हैं 

1. भुजंगासन (Bhujangasana or Cobra pose)

भुजंगासन दर्द दूर करने के लिए कंधों और गर्दन को खोलता है। पेट को टोन करता है। पूरी पीठ और कंधों को मजबूत बनाता है। ब्रेस्ट को सही आकार में लाता है। ब्लड फ्लो में सुधार लाकर थकान और तनाव कम करता है।

कैसे करें भुजंगासन (How to do Bhujangasana)

पेट के बल लेट जाएं। कंधों और हथेलियों को अपनी जगह रखते हुए सांस लें।
सिर, छाती और पेट को उठाएं।

कोहनी पर झुके हुए हाथ धीरे-धीरे गर्दन की ओर झुकाएं। ऊपर की ओर देखें।
पेट के बल लेट जाएं। कंधों और हथेलियों को अपनी जगह रखते हुए सांस लें।
सिर, छाती और पेट को उठाएं।

2. सेतुबंधासन (setubandhasana or Bridge Pose)

Yoga for women

सेतु बंधासन करते समय गर्दन, ब्रेस्ट, फ्लेक्सर मांसपेशियों और जांघों के पिछले हिस्से की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। यह इन मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है। यह हिप्स की मांसपेशियों को मजबूत करने में भी मदद कर सकता है।

कैसे करें सेतुबंधासना (how to do setu bandhasana)

पीठ के बल लेट कर दोनों घुटनों को मोड़ें।
पैरों को हिप्स की चौड़ाई पर फर्श पर सपाट रखें।
पैरों को फर्श पर दबाएं। सांस लें और हिप्स को ऊपर उठाएं।
रीढ़ को फर्श से ऊपर उठाएं।
चेस्ट को ऊपर उठाने के लिए बाहों और कंधों को नीचे दबाएं।
सांस लें और 4-8 सांसों तक रोकें।
ऊपर जाते समय सांस लें और नीचे आते समय सांस छोड़ें। सरवाइकल पेन हो तो अधिक नहीं करें।

3 उष्ट्रासन (Ustrasana or Camel Pose)

उष्ट्रासन चेस्ट, पेट और क्वाड्रिसेप्स की मांसपेशियों को मजबूत करता है। ग्लूट्स और हैमस्ट्रिंग (जांघ के पीछे) की मांसपेशियों को टोन करता है। उष्ट्रासन बैकबेंड में गर्दन को खींचते हुए सर्वाइकल स्ट्रेस को कम कर सकता है। यह कंधों, बाहों, पीठ और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने में (yoga asanas for breast health) भी मदद कर सकता है।

कैसे करें उष्ट्रासन (how to do Ustrasana)

Yoga for women

घुटनोंसीधा के बल खड़ी हो जाएं। जांघों को पूरी तरह सीधा रखें।
पीछे की दिशा में झुकें।
हिप्स को आगे की दिशा में धकेलें।

सिर और बैक बोन को बिना तनाव के जितना हो सके पीछे की ओर झुकाएं।
शरीर और पीठ की मांसपेशियों को आराम दें।
सेंटर में रहते हुए सांस लें। साइड की तरफ रहते हुए सांस छोड़ें और फिर नॉर्मल सांस लें। सरवाइकल दर्द और पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने पर एक हाथ से करें।

 

बिग-बॉस 13 (Bigg Boss Season-13) में आसिम और हिमांशी एक साथ दिखे थे और दोनों की जोड़ी को फैंस ने खूब सराहा था। बिग बॉस 13 के दौरान ही दोनों के बीच नज़दीकियां बढ़ने लगी थीं और दोनों ने अपने प्यार का खुलेआम इजहार भी किया।

बिग-बॉस सीजन 13 दर्शकों के पसंदीदा सीजन्स में से एक रहा। यही वो सीजन है जिसमें शहनाज गिल-सिद्धार्थ शुक्ला, पारस छाबरा-माहिरा शर्मा, आसिम रियाज-हिमांशी खुराना की जोड़ियां बनीं. पारस और माहिरा के ब्रेकअप के बाद अब आसिम रियाज और हिमांशी खुराना के ब्रेकअप की खबरें भी खूब चर्चा में हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार लगातार 4 साल तक रिश्ता निभाने के बाद दोनों ने अपने रास्ते अलग कर लिए हैं। वहीं दोनों ने सोशल मीडिया पर भी एक दूसरे को अनफॉलो कर दिया है।

बिग-बॉस 13 में आसिम और हिमांशी एक साथ दिखे थे और दोनों की जोड़ी को फैंस ने खूब सराहा था। बिग बॉस 13 के दौरान ही दोनों के बीच नज़दीकियां बढ़ने लगी थीं और दोनों ने अपने प्यार का खुलेआम इजहार भी किया था। शो खत्म होने के बाद भी दोनों एक दूसरे के टच में थे और एक साथ ही नजर आते थे। कई अवसरों पर दोनों का एक-दूसरे के लिए प्यार भी नजर आता। दूसरी तरफ, शो में भी आसिम हमेशा हिमांशी को मनाते हुए दिखते थे। आसिम ने हिमांशी को इंप्रेस करने के लिए पराठे तक बेले थे लेकिन अब दोनों का रिश्ता टूटने की खबरें आ रही हैं।

चार साल के रिश्ते में आई खटास

रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 04 साल तक रिश्ता निभाने के बाद दोनों अलग-अलग हो गए हैं। साथ ही दोनों ने सोशल मीडिया से एक दूसरे को अनफॉलो कर दिया है। इसी के साथ दोनों ने जो एक दूसरे के साथ फोटोज साझा की थीं वो भी डिलीट कर दी हैं, जिसके बाद से ही दोनों के ब्रेकअप की खबरें सामने आ रही हैं। अलावा इसके दोनों ने अपने सोशल मीडिया पर स्टोरी भी लगाई, जिसको देखकर फैंस अलग-अलग बातें कर रहे हैं कि क्या अब ये जोड़ी भी अलग हो गई है।

Your sleeping position reveals your personality

कुछ सामान्य हेल्थ से जुड़ी समस्याएं महिलाओं को महत्वहीन लग सकती हैं लेकिन ये गंभीर हो सकती हैं। इसलिए इनके बारे में जानना बेहद जरूरी है।

हैरियट स्टोव का प्रसिद्ध कथन है, “एक महिला का स्वास्थ्य उसकी पूंजी है।” पर अक्सर हम महिलाएं अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं। वक़्त की कमी, काम या घर से संबंधित तनाव, जागरूकता की कमी और यौन स्वास्थ्य के बारे में बात करने में झिझक, सभी ऐसे कारक हैं जो इसमें योगदान करते हैं। लेकिन सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी आपको इग्नोर नहीं करना चाहिए। खासतौर से जब वे बदलाव आपकी योनि या ब्रेस्ट में नजर आ रहे हों।

हां, महिलाओं की आम शिकायतें होती हैं, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। पर यह कुछ अधिक गंभीर होने का संकेत हो सकता है।

6 हेल्थ से जुड़ी समस्याएं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए

1. सेक्स के दौरान दर्द होना (Painful sex)

Some Natural Ways To Spice Up Your Sex Life

महिलाएं अक्सर सेक्स के दौरान दर्द के बारे में बात करने से हिचकिचाती हैं। हालांकि, दर्दनाक सेक्स एंडोमेट्रियोसिस का लक्षण भी हो सकता है। एक ऐसी स्थिति जिसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत गर्भाशय के बाहर जमा हो जाती है। यह पीआईडी ​​​​(पेल्विक सूजन की बीमारी) की वजह से भी हो सकता है, जो अक्सर वेजाइनल डिस्चार्ज के साथ रिप्रोडक्टिव ऑर्गन का संक्रमण होता है। अपर्याप्त लुब्रिकेशन और ड्राई वेजाइना के कारण भी सेक्स दर्दनाक हो सकता है।

2. अनियमित या असामान्य माहवारी (Irregular periods)

How can you take care of your wife or girlfriend during periods?

मासिक धर्म हर 21-35 दिनों में नियमित रूप से होना चाहिए। भारी प्रवाह, मध्य-चक्र रक्तस्राव या स्पॉटिंग, लंबे समय तक पीरियड साइकिल, यह थायराइड, पीसीओडी या फाइब्रॉएड जैसे हार्मोनल रोगों के कारण हो सकता है, जो गर्भाशय के सौम्य ट्यूमर हैं।

सेक्स के बाद रक्तस्राव या रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। यह ओवेरियन कैंसर का संकेत हो सकता है और इसकी जांच की जरूरत है।

3. स्तन परिवर्तन (Changes in breast)

स्तनों में गांठ फाइब्रोएडीनोमा जैसी हानिरहित स्थितियों के कारण हो सकती है। हालांकि ब्रेस्ट में गांठ होना भी ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है। जागरूकता की कमी के कारण महिलाओं में स्तन कैंसर अक्सर उन्नत चरणों में पाया जाता है। स्तनों में गांठ जो स्तन के बाकी टिश्यू से सख्त और अलग लगती हैं या निप्पल से स्राव को चैक किया जाना चाहिए। महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए नियमित चेकअप करवाना चाहिए। स्तन में किसी भी परिवर्तन का शीघ्र पता लगाने के लिए ब्रेस्ट सेल्फ टेस्टिंग के तरीकों के बारे में भी पता होना चाहिए।

4. अचानक वजन घटना और बढ़ना (Sudden weight loss or gain)

Thappad

हालांकि, अचानक वजन कम होना खुशी की बात हो सकती है, लेकिन अचानक वजन कम होना टीबी के साथ-साथ कैंसर या थायरॉयड विकारों का भी संकेत हो सकता है और इसका मूल्यांकन किया जाना चाहिए। अचानक वजन बढ़ना पीसीओडी या थायराइड की समस्या के कारण हो सकता है और अगर इसका पता चल जाए तो इसे बहुत अच्छी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है।

5. थकान (Feeling tired)

Because not everyone is big hearted.

बहुत सी महिलाएं हर समय थकान महसूस करती हैं। बार-बार थकान एनीमिया, थायराइड विकार, सूक्ष्म पोषक तत्वों और विटामिन डी की कमी के कारण हो सकती है और इसकी जांच होनी चाहिए। पूरी रात की नींद के बाद भी थकान महसूस होना भी तनाव, चिंता, डिप्रेशन या ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का कारण हो सकता है। इसलिए इसे कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

6. ब्लोटिंग (Bloating)

Frequent urination at night can be a sign of serious illness, a look at the dangers

बहुत सी महिलाएं खास कर मासिक धर्म से पहले फूला हुआ या गैसी महसूस करती हैं। यह अधिक सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। हालांकि, अगर ब्लोटिंग महसूस करना बहुत बार होता है, तो इसे चैक करवाना चाहिए। यह इरिटेबल बावल सिंड्रोम, एंडोमेट्रियोसिस या यहां तक ​​कि ओवरियन कैंसर का संकेत हो सकता है।