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Monthly Archives: April 2024

Fertility Rate: If you want to plan a baby

Fertility Rate (फर्टिलिटी रेट) में कमी आना कई वजहों से आ सकती है। कुछ माइक्रो न्यूट्रिएंट फर्टिलिटी रेट बढ़ा सकते हैं। ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जो माइक्रो न्यूट्रिएंट से भरपूर होने के साथ-साथ फर्टिलिटी रेट में भी इजाफा कर सकते हैं।

आखिर आजकल क्यों ज्यादा हो रही है इमफर्टिलिटी

Fertility Rate: If you want to plan a baby

लोगों में बदलती जीवनशैली, स्मोकिंग और नशा का सेवन, मोटापा, अनियमित पीरियड्स, लो सपर्म काउंट जैसे कई कारण इमफर्टिलिटी के लिए जिम्मेदार हैं। कुछ माइक्रोन्यूट्रिएंट फर्टिलिटी रेट बढ़ा सकते हैं। ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं, जो माइक्रो न्यूट्रिएंट से भरपूर होते हैं और फर्टिलिटी रेट भी बढ़ा सकते हैं।

एग क्वालिटी बढ़ाता है फोलेट

फोलेट को विटामिन B-9 के रूप में भी जाना जाता है। यह शरीर को रेड ब्लड सेल्स बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फोलेट लेवल अंडे की गुणवत्ता, परिपक्वता, निषेचन और प्रत्यारोपण के लिए अहम है। फोलेट की कमी गर्भधारण की क्षमता को प्रभावित कर सकती है। फोलेट स्वाभाविक रूप से बीन्स, नट और सीड्स, अंडे, ताजा पत्तेदार साग, चुकंदर, संतरे, नींबू और अंगूर जैसे खट्टे फल, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, ब्रोकोली, केल और एवोकाडो जैसे खाद्य पदार्थों में भी पाया जाता है।

ओव्यूलेशन में अहम भूमिका निभाता है जिंक

जिंक ओव्यूलेशन और पीरियड में महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। यह स्पर्म क्वालिटी और स्पर्म मोबिलिटी में सुधार करने में मदद करता है। यह सूजन बढ़ाने वाले एजेंटों के खिलाफ कार्य करता है। हार्मोनबैलेंसर के रूप में जिंक टेस्टोस्टेरोन और प्रोजेस्टेरोन को संतुलित करता है। यह महिला और पुरुष दोनों के यौन स्वास्थ्य को मजबूती देता है। रेड मीट जिंक का एक बढ़िया सोर्स है। कद्दू के बीज, हैम्प सीड्स, तिल के बीज और अलसी के बीज में भारी मात्रा में जिंक पाया जाता है। डेयरी प्रोडक्ट्स, सब्जियां, नट्स, डार्क चॉकलेट भी इसके स्रोत हैं।

फीटस डेवलपमेंट में मदद करता है Vit- A

पर्याप्त विटामिन- A का स्तर अंडे की गुणवत्ता और भ्रूण के विकास में मदद करता है। यह स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने, विकास और प्रजनन स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। इसकी कमीसे फर्टिलाइज़ेशन नहीं हो पाता है और फीटस में विकृति आ सकती है। अच्छे स्रोत प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थों में बीफ़ लिवर, कॉड लिवर आयल, शकरकंद, गाजर और कई अन्य फल और सब्जियां शामिल हैं।

ल्यूटियल फेज के लिए सेलेनियम

Fertility Rate: If you want to plan a baby

फर्टिलिटी के लिए सेलेनियम एक एसेंशियल ट्रेस मिनरल है, जिसका उपयोग प्रोटीन बनाने के लिए किया जाता है। यह एक एंटीऑक्सीडेंट भी है, जो प्रजनन क्षमता में भूमिका निभा सकता है। सेलेनियम ल्यूटियल फेज में अहम भूमिका निभाता है। ल्यूटियल फेज की कमी से अपर्याप्त प्रोजेस्टेरोन सीक्रेशन और लो एंडोमेट्रियम हो सकता है। जिन खाद्य पदार्थों में सेलेनियम होता है, उनमें ब्राजील नट्स, सी फूड्स, पोल्ट्री, ब्राउन राइस और होल व्हीट ब्रेड भी शामिल हैं।

प्रजनन क्षमता बढ़ा सकता है Vit- D

विटामिन-D रिसेप्टर्स पूरे प्रजनन टीशू में वितरित होते हैं। प्रजनन क्षमता में विटामिन-D की अहम भूमिका होती है। विटामिन-D ट्रीटमेंट से टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ सकता है। इससे फर्टिलिटी रेट भी बढ़ सकती है। सूर्य की किरण के अलावा, विटामिन-D गाय के दूध, सोया मिल्क, संतरे के रस में भी पाया जाता है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Prepare yourself before becoming a mother

Pregnancy: अगर आप प्रेग्रेंट हैं और बार-बार उल्टियां आ रही है? आपके वजन में भी कमी आ रही है? हो सकता है कि आप मॉर्निंग सिकनेस की शिकार हैं। अब आपके दिमाग में यह सवाल लाज़मी है कि आपको तो यह समस्या दिन के किसी भी पहर में हो जाती है। तो क्या ऐसा होना मुमकिन है। यह समस्या किसी भी वक्त आपकी परेशानी का सबब बन सकती है।यहां सवाल है पैदा होता है कि भला यह समस्या होती कब है? इसे लेकर डॉक्टर का कहना है कि प्रेग्रेनेंसी के दौरान एक महिला के बॉडी में हार्मोन का बदलाव या असंतुलन होना आम बात है।

खासतौर पर एस्ट्रोजन हार्मोन का बढ़ना, जिसका नतीजा हो सकती है मॉर्निंग सिकनेस। यह समस्या 16 से 20 हफ्तों में खत्म हो जाती है। अध्ययन बताते हैं कि लगभग 75 फीसदी गर्भवती महिलाएं इससे जूझती हैं। यह समस्या तनाव, अधिक काम करने, कुछ खाद्य पदार्थो को खाने आदि के कारण भी हो सकती है। यह समस्या इनके अलावा ब्लड शुगर के कम स्तर के कारण भी हो सकती है। थायरॉइड और लिवर से जुड़ी बीमारियां भी इसका कारण बन सकती हैं। लिहाजा, बेहतर होगा कि आप अपनी इस समस्या का कारण जानें और उसके हिसाब से इससे निपटने की रणनीति तय करें। जरुरत होने पर मेडिकल परामर्श लें।

क्या है लक्ष्ण

सबसे पहले तो यह समझ लेना होगा कि आखिर है क्या मॉर्निंग सिकनेस? दिन में कई बार उल्टी होना, शरीर में पानी की कमी होना (जिसका अंदाजा पेशाब के रंग से लगता है), खड़े होने पर चक्कर आना, वजन कम होना, किसी तरह की खास महक, खाने-पीने की चीजों के स्वाद के प्रति संवेदनशील हो जाना और उसके कारण उल्टी होना, बुखार, बार-बार सिर दर्द, धड़कन का तेज होना आदि मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

If you are troubled by vomiting during pregnancy then don't panic

कुछ बातों का ख्याल रखकर मॉर्निंग सिकनेस को काफी हद तक नियंत्रित रखा जा सकता है। इस बाबत आहार सलाहाकार के मुताबिक रात के खाने और सुबह के नाश्ते के बीच का अंतराल लंबा हो जाता है। ऐसे में यह समस्या और बढ़ सकती है। लिहाजा, इस बात का ख्याल रखें। इसके लिए आपको अपने रात के खाने को देर से करने की जरूरत नहीं है बल्कि आप उसे जितना जल्दी और हल्का लेंगी, उतना ही अच्छा होगा। मुमकिन हो तो सोने के कुछ देर पहले दूध को अपनी खुराक में जगह दें। उसमें आप पिसे हुए मेवे भी मिला सकती हैं। सुबह उठते ही काम में जुटने से बचें।

डॉक्टर के अनुसार समस्या के दौरान खुद को समझें यानी आपको किन चीजों से परेशानी हो रही है, उस पर जरूर गौर करें। साथ ही इस सोच से दूर रहे कि आपको दो लोगों के हिस्से की खुराक लेनी है। अपने पोषण में बढ़ोतरी करें खुराक में नहीं। ज्यादा खाना भी शरीर में भारीपन और थकान का कारण बन सकता है। नीबू पानी का सेवन करें। नारियल पानी पोटैशियम का अच्छा स्रोत है। इसे भी खुराक में शामिल करें। एकमुश्त खाने की जगह आपको 2-2 घंटे के अंतराल में कम-कम मात्रा में कुछ-न-कुछ खाना चाहिए। ये छोटे-छोटे ब्रेक न सिर्फ आपको जलन से बचाएंगे बल्कि गैस से भी निजात मिलेगी।

भारी खाने के बाद 30 मिनट तक बलबलगम चबाना आपके पाचन को सुधारने में सहायक रहता है। इससे लार ग्रंथियां उत्तेजित होती हैं और लार अधिक बनती है, जो कि पेट के एसिड कम करने का काम करता है। अदरक का सेवन करें। यह शुगर स्तर को भी नियंत्रित रखेगी। अदरक सुबह की थकान से भी निजात देती है। हल्दी जलन कम करने में तो कारगर है ही, साथ ही यह दर्द कम करती है। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करती है। वहीं, कालीमिर्च में यह क्रोमियम सर्वोत्तम श्रोत है। यह ब्लड शुगर को ठीक रखती है। इसे रोज 30 एमसीजी खाना चाहिए। इलाइची खाने से आपका जी नहीं मिचलाएगा।

कब होती है समस्या?

आमतौर पर महिलाओं का मॉर्निंग सिकनेस की यह समस्या गर्भावस्था के दौरान हो सकती है। अलावा इसके यह समय शरीर में ब्लड शुगर के स्तर में कमी आने पर भी होती है। थायरॉइड और लिवर से जुड़ी बीमारियां भी मॉर्निंग सिकनेस की वजह बन सकती हैं। समस्या होने पर अपने डॉक्टर से राय जरूर लें।

फोटो सौजन्य- गूगल

Surya Tilak

Surya Tilak: आयोध्या में रामलला विराजमान हो चुके हैं। जनवरी महीने से ही भक्तों का भीड़ उमड़ रही है। आयोध्या में राम मंदिर तैयार होने के बाद पहली बार श्री रामनवमी धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर रामलला का सूर्याभिषेक किया गया। रामलला के माथे पर करीब 04 मिनट तक सूर्य की किरणें उन्हें चूमती रहीं। इस खास नजारे को देखकर हर कोई अचंभित था। देखा जाए तो वैज्ञानिक तरीके से उनका सूर्य तिलक किया गया। इस मौके पर करीब 10 वैज्ञानिकों की टीम मंदिर परिसर में मौजूद रही।

सूर्य की किरणें जैसे ही रामलला के माथे पर पड़ी तो उनकी मूर्ति रोशनी से जगमगा गई। यह सूर्य तिलक करीब 2 से 2.50 मिनट तक चला। भगवान राम का सूर्य तिलक करने के लिए आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों की टीम को शामिल किया गया था। इस भव्य, दिव्य और अलौकिक सूर्य तिलक का 100 एलईडी स्क्रीन से पूरे अयोध्या में लाइव टेलिकास्ट हुआ। इस अद्भुत नजारे का पूरा वीडियो सामने आया है।

रामलला का हुआ सूर्य तिलक

दरअसल, IIT की टीम ने दर्पण और लेंस से युक्त एक विशेष उपकरण बनाया है। ताकि सूर्य की किरणों को सीधे रामलला के माथे पर पड़ें। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस सूर्य किरण को ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम के तहत इसे अंजाम दिया गया है। मंदिर की तीसरी मंजिल पर ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम स्थापित किया गया। फिर हाई क्वालिटी मिरर, एक लेंस और खास कोणों पर लगे लेंस के साथ वर्टिकल पाइपिंग लगाए गए। मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर दो मिरर और एक लेंस फिट किए गए। तीसरे फ्लोर पर जरूरी उपकरण लगाए गए। सूर्य की रोशनी तीसरे फ्लोर पर लगे पहले दर्पण पर गिरी। फिर तीन लेंस और दो अन्य मिरर से होते हुए सीधे ग्राउंड फ्लोर पर लगे आखिरी मिरर पर पड़ी। इससे रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य किरणों का एक तिलक होने लगा।

वहीं, पाइप के भीतरी सतह को काले पाउडर से रंगा गया ताकि सूर्य की किरणें बिखरने ना पाएं। सूर्य की गर्मी को रोकने के लिए इन्फ्रारेड फिल्टर ग्लास का भी प्रयोग किया गया है। सूर्य अभिषेक के रामनवमी के दिन सफल बनाने के लिए इसका ट्रायल भी किया गया था।

क्योंकि भगवान श्रीराम सूर्यवंशी थे..

CSIR-CBRI रुड़की के वैज्ञानिक ने कहा कि हर साल इस दिन आकाश पर सूर्य की स्थिति बदलती है। उन्‍होंने कहा कि विस्तृत गणना से पता चलता है कि श्री रामनवमी की तिथि हर 19 साल में दोहरायी जाती है। बता दें कि पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीराम सूर्यवंशी थे, इसलिए उन्हें सूर्य तिलक किए जाने की परंपरा है।

Aamir Khan celebrated Eid with family

Aamir Khan: ईद का मौका है और दुनियाभर में ये त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। बॉलीवुड स्टार आमिर खान ने भी परिवार संग मनाई ईद। आमिर खान के फैन्स ये जानने के लिए उत्सुक थे कि एक्टर इस बार अपनी ईद कैसे मनाएंगे तो फैन्स के सवालों का जवाब सामने है, आमिर ने अपने परिवार और फ्रेंड्स के साथ ये स्पेशल डे सेलिब्रेट किया।

आमिर खान ईद पर अपने घर पर ही मौजूद रहे। उनके साथ उनके परिवार वाले और खास दोस्त थे। आमिर अपनी अम्मी, बच्चे जुनैद और आजाद के साथ पर्व मनाते दिखे।

आमिर अपने दोनों बेटों जुनैद और आजाद के साथ अपने घर के बाहर आए जहां तीनों ने मैचिंग सफेद कुर्ता पहना हुआ था। लोकप्रिय स्टार आमिर खान ने प्रशंसकों का भी स्वागत किया और उन्हें ईद की शुभकामनाएं दीं। आमिर अपने घर के बाहर जमा हुए फैन्स को मिठाइयां बांटते भी नजर आए।

प्रशंसक हर वर्ष आमिर खान के ईद समारोह का बेसब्री से इंतजार करते हैं, इस वर्ष वह अपने परिवार के साथ घर पर थे और फोटोग्राफरों के सामने आकर फैन्स के लिए पिक्स भी खिंचवाई। आमिर खान अपनी अगली फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ की रिलीज पर भी काम कर रहे हैं।

Lemon: After knowing the benefits of lemon peels

Lemon: वैसे तो नींबू गर्मी के मौसम का बेहतरीन फूड माना जाता है। जानलेवा गर्मी में बस एक गिलास नींबू का शरबत यानी नींबू पानी काफी राहत भरा हो सकता है। इसमें पाये जाने वाला विटामिन- C आपकी संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। लेकिन नींबू के प्रयोग के बाद अगर आप उसके छिलके फेंक देती हैं तो अब से ऐसा करना छोड़ दें।

गर्मी में बार-बार आने वाला पसीना, बदन की दुर्गंध और चिपचिपापन को बढ़ावा देता है। शरीर को तरोताजा बनाए रखने के लिए लेमन पील बॉडी वॉश काफी कारगर साबित होता है। असल में, नींबू का रस निकालने के बाद अक्सर लोग नींबू के छिलकों को कचरे के ढेर में फेंक देते हैं। विटामिन सी से भरपूर नींबू का रस स्वास्थ्य के लिए जितना फायदेमंद हैं, उतना ही इसका छिलका भी लाभदायक है। स्किन संबंधी प्रोब्लम्स को दूर करने के लिए नींबू के छिलकों से तैयार बॉडी स्क्रब स्किन को क्लीन और ताजगी से भरपूर रखता है। जानतें हैं कि कैसे करें नींबू के छिलकों से बॉडी स्क्रब तैयार और क्या है इसके फायदे-

कैसे रखते हैं नींबू के छिलके स्किन का ख्याल

Lemon: After knowing the benefits of lemon peels

नींबू के छिलकों में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंटस पाए जाते हैं, जो स्किन को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाने में मदद करते हैं। इसमें डी लिमोनीन और विटामिन C प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की स्टडी के मुताबिक इसमें मौजूद डी. लिमोनेन एंजाइम की गतिविधि को बढ़ाता है जो स्किन में ऑक्सीडेटिव स्ट्रैस को कम करने में मदद करता है।

इससे एजिंग साइंस की समस्या रिवर्स होने लगती है और स्किन में लचीलापन बढ़ने लगता है। एंटी माइक्रोबियल और एंटी फंगल गुण भी पाए जाते हैं। इससे मुहांसों की समस्या हल होने लगती है।

जानते हैं लेमन पील स्क्रब के फायदे

1. टैनिंग से मुक्ति

गर्मी के मौसम में यूवी किरणों का प्रभाव बढ़ने से त्वचा पर टैनिंग की समस्या बढ़ने लगती है। इसके कारण पैरों, बाजूओं और गर्दन पर बढ़ने वाली टैनिंग से राहत मिल जाती है। इसके नियमित इस्तेमाल से स्किन हेल्दी बनी रहती है।

2. स्क्नि इंफेक्शन के खिलाफ कारगर

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार नींबू के छिलके में एंटी बैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं। रिसर्च के अनुसार नींबू के छिलके के इस्तेमाल से एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया को बढ़ने से रोका जा सकता है। इसे इस्तेमाल करने से किसी भी तरह के रैशेज से राहत मिलती है।

3. एंटी एजिंग है नीबूं का छिलका

नींबू के छिलकों में पाई जाने वाली एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा स्किन में बढ़ने वाली फाइन लाइंस की समस्या हल होने लगती है। इसमें पाए जाने वाले एंजाइम्स से ऑक्सीडेटिव स्ट्रैस से मुक्ति मिल जाती है। इससे स्किन में लचीलापन बना रहता है।

इस तरह तैयार करें बॉडी स्क्रब

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Step 1

सबसे पहले नींबू के छिलकों की पतली परत उतारकर उसे एक बाउल में डालकर रख दें और पल्प का अवॉइड करें।

Step 2

छिलकों को 02 से 03 दिन तक धूप में सुखा लें या फिर माइक्रोवेव को प्रीहीट करके उसमें रख दें। जब नींबू के छिलके सूख कर कुरकुरे हो जाएं, तब उन्हें पूरी तरह से क्रश कर दें और पाउडर की फॉर्म में लाने के लिए छिलकों को ग्राइंड कर लें।

Step 3

दरदरे पिसे हुए लेमन पील को बारीक पाउडर बनाने के लिए उसे छलनी की मदद से छान लें और बारीक पाउडर इकट्ठा कर लें। इस पाउडर को ढक्कन वाले कंटेनर में डालकर फ्रिज में रख दें। इससे उसका अरोमा और क्वालिटी उचित बनी रहेगी।

Step 4

जब आपको बॉडी स्क्रब करना हो, तब एक बाउल में 02 चम्मच पिसी हुई चीनी लेकर उसमें बराबर मात्रा में नींबू के छिलके का पाउडर मिला दें। इसके बाद इसमें 01 चम्मच नारियल का तेल और कुछ बूंद एसेशियल ऑयल की मिलाएं। इसके बाद 1/2 चम्मच शहद मिला लें।

Step 5

सभी चीजों को अच्छी तरह से मिक्स करने के बाद नहाने से पहले बॉडी पर अप्लाई करें और कुछ देर तक लगे रहने दें। मिश्रण को कोहनियों, पैरों, बाजुओं और गर्दन पर अच्छी तरह से लगाएं। इससे टैनिंग की समस्या हल होने लगती है।

Step 6

05 से 07 मिनट तक लगे रहने के बाद सामान्य पानी से नहा लें। इससे स्किन मॉइश्चराइज़ रहती है।