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Lemon: After knowing the benefits of lemon peels

Lemon: वैसे तो नींबू गर्मी के मौसम का बेहतरीन फूड माना जाता है। जानलेवा गर्मी में बस एक गिलास नींबू का शरबत यानी नींबू पानी काफी राहत भरा हो सकता है। इसमें पाये जाने वाला विटामिन- C आपकी संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। लेकिन नींबू के प्रयोग के बाद अगर आप उसके छिलके फेंक देती हैं तो अब से ऐसा करना छोड़ दें।

गर्मी में बार-बार आने वाला पसीना, बदन की दुर्गंध और चिपचिपापन को बढ़ावा देता है। शरीर को तरोताजा बनाए रखने के लिए लेमन पील बॉडी वॉश काफी कारगर साबित होता है। असल में, नींबू का रस निकालने के बाद अक्सर लोग नींबू के छिलकों को कचरे के ढेर में फेंक देते हैं। विटामिन सी से भरपूर नींबू का रस स्वास्थ्य के लिए जितना फायदेमंद हैं, उतना ही इसका छिलका भी लाभदायक है। स्किन संबंधी प्रोब्लम्स को दूर करने के लिए नींबू के छिलकों से तैयार बॉडी स्क्रब स्किन को क्लीन और ताजगी से भरपूर रखता है। जानतें हैं कि कैसे करें नींबू के छिलकों से बॉडी स्क्रब तैयार और क्या है इसके फायदे-

कैसे रखते हैं नींबू के छिलके स्किन का ख्याल

Lemon: After knowing the benefits of lemon peels

नींबू के छिलकों में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंटस पाए जाते हैं, जो स्किन को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाने में मदद करते हैं। इसमें डी लिमोनीन और विटामिन C प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की स्टडी के मुताबिक इसमें मौजूद डी. लिमोनेन एंजाइम की गतिविधि को बढ़ाता है जो स्किन में ऑक्सीडेटिव स्ट्रैस को कम करने में मदद करता है।

इससे एजिंग साइंस की समस्या रिवर्स होने लगती है और स्किन में लचीलापन बढ़ने लगता है। एंटी माइक्रोबियल और एंटी फंगल गुण भी पाए जाते हैं। इससे मुहांसों की समस्या हल होने लगती है।

जानते हैं लेमन पील स्क्रब के फायदे

1. टैनिंग से मुक्ति

गर्मी के मौसम में यूवी किरणों का प्रभाव बढ़ने से त्वचा पर टैनिंग की समस्या बढ़ने लगती है। इसके कारण पैरों, बाजूओं और गर्दन पर बढ़ने वाली टैनिंग से राहत मिल जाती है। इसके नियमित इस्तेमाल से स्किन हेल्दी बनी रहती है।

2. स्क्नि इंफेक्शन के खिलाफ कारगर

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार नींबू के छिलके में एंटी बैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं। रिसर्च के अनुसार नींबू के छिलके के इस्तेमाल से एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया को बढ़ने से रोका जा सकता है। इसे इस्तेमाल करने से किसी भी तरह के रैशेज से राहत मिलती है।

3. एंटी एजिंग है नीबूं का छिलका

नींबू के छिलकों में पाई जाने वाली एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा स्किन में बढ़ने वाली फाइन लाइंस की समस्या हल होने लगती है। इसमें पाए जाने वाले एंजाइम्स से ऑक्सीडेटिव स्ट्रैस से मुक्ति मिल जाती है। इससे स्किन में लचीलापन बना रहता है।

इस तरह तैयार करें बॉडी स्क्रब

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Step 1

सबसे पहले नींबू के छिलकों की पतली परत उतारकर उसे एक बाउल में डालकर रख दें और पल्प का अवॉइड करें।

Step 2

छिलकों को 02 से 03 दिन तक धूप में सुखा लें या फिर माइक्रोवेव को प्रीहीट करके उसमें रख दें। जब नींबू के छिलके सूख कर कुरकुरे हो जाएं, तब उन्हें पूरी तरह से क्रश कर दें और पाउडर की फॉर्म में लाने के लिए छिलकों को ग्राइंड कर लें।

Step 3

दरदरे पिसे हुए लेमन पील को बारीक पाउडर बनाने के लिए उसे छलनी की मदद से छान लें और बारीक पाउडर इकट्ठा कर लें। इस पाउडर को ढक्कन वाले कंटेनर में डालकर फ्रिज में रख दें। इससे उसका अरोमा और क्वालिटी उचित बनी रहेगी।

Step 4

जब आपको बॉडी स्क्रब करना हो, तब एक बाउल में 02 चम्मच पिसी हुई चीनी लेकर उसमें बराबर मात्रा में नींबू के छिलके का पाउडर मिला दें। इसके बाद इसमें 01 चम्मच नारियल का तेल और कुछ बूंद एसेशियल ऑयल की मिलाएं। इसके बाद 1/2 चम्मच शहद मिला लें।

Step 5

सभी चीजों को अच्छी तरह से मिक्स करने के बाद नहाने से पहले बॉडी पर अप्लाई करें और कुछ देर तक लगे रहने दें। मिश्रण को कोहनियों, पैरों, बाजुओं और गर्दन पर अच्छी तरह से लगाएं। इससे टैनिंग की समस्या हल होने लगती है।

Step 6

05 से 07 मिनट तक लगे रहने के बाद सामान्य पानी से नहा लें। इससे स्किन मॉइश्चराइज़ रहती है।

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Magnesium: पूरे शरीर के लिए पोषक तत्व बेहद जरूरी होता है। ये पोषक तत्व विटामिन, मिनरल के रूप में मौजूद होते हैं। मिनरल के रूप में मैग्नीशियम हेल्थ के लिए अहम है। ये हमारे शरीर में दिल-दिमाग और दूसरे अंगों के लिए जरूरी होते हैं। अगर इसकी कमी हो जाती है तो कई तरह के स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ सकता है, साथ-साथ शरीर में इसकी मात्रा का इजाफा सही नहीं होता। इसलिए सही मात्रा में मैग्नीशियम का इस्तेमाल सबसे ज्यादा आवश्यक है।

सबसे पहले जाने मैग्नीशियम के बारे में-

जानकारी की कमी के कारण हम मैग्नीशियम के महत्व को समझ नहीं पाते हैं। 07 एसेंशियल मिनरल में से एक है मैग्नीशियम। यह शरीर के फंक्शन में मदद करता है और बेहतर हेल्थ बनाए रखने में अहम रोल निभाता है। मैग्नीशियम की कमी से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। मैग्नीशियम 300 से ज्यादा एंजाइम की एक्चिविटी में मौजूद होता है। यह हमारे शरीर में बायोलॉजिकल केमिकल एंजाइम्स को संतुलित करने में सहायता करता है।

यहां हैं मैग्नीशियम से पहुंचने वाले फायदे

1. दिल और दिमाग के लिए फायदेमंद

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हर्ट मसल्स सहित मैग्नीशियम नर्व और मसल्स फंक्शन को रेगुलेट करने में मदद करता है। मैग्नीशियम हृदय को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है। यह ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने और कोलेस्ट्रॉल प्रोडक्शन में शामिल होता है।

2. बोन हेल्थ के लिए है खास

स्केलेटल फंक्शन के लिए मैग्नीशियम जरूरी है। यह बोन स्ट्रक्चर (bone structure) और उम्र बढ़ने के साथ बोन डेंसिटी बनाये रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

3. ब्लड शुगर बैलेंस करने में मदद

यह एसिड और प्रोटीन के पाचन को बनाए रखता है और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है।

4. अच्छी नींद में मददगार

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मैग्नीशियम कुछ न्यूरोट्रांसमीटर की गहराई तक जाकर आरामदेह नींद लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह नर्वस सिस्टम को शांत करता है और ब्रेन को आरामदायक स्थिति में लाने में मदद करता है।

5. स्ट्रेस का प्रबंधन

शरीर मेंस्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल लेवल को कम करने में मदद करता है जिससे कि स्ट्रेस लेवल मेंटेन रहता है।

शरीर को कितनी चाहिए मैग्नीशियम-

शरीर में मैग्नीशियम का उत्पादन नहीं होता है। इसलिए इसे बाहरी तत्वों से मिलना चाहिए। यह या तो खाये जाने वाले भोजन से मिलना चाहिए या सप्लीमेंट से।

  • 19-51 वर्ष की महिलाओं के लिए- 310-320 एलपीजी प्रति दिन
  • 19-51 वर्ष की आयु पुरुषों के लिए – 400-420 एलपीजी प्रति दिन
  • गर्भवती महिलाओं के लिए – 350-360 एलपीजी प्रति दिन
  • 51 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को अपने लिंग के अनुसार हाई सीमा का लक्ष्य रखना चाहिए

मैग्नीशियम लेवल के लिए खाद्य पदार्थ

ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं, जिनहीं भोजन में शामिल करने से ज्यादा मैग्नीशियम लेवल पाया जा सकता है। सबसे अधिक मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ में शामिल हैं:

ब्राज़ील नट्स – 250 मिली ग्राम आधा कप साबुत
पालक – 157 मिली ग्राम
कद्दू के बीज – 150 मिली ग्राम
ब्लैक बीन्स – 120 मिली ग्राम
बादाम – 80 मिली ग्राम
काजू – 72 मिली ग्राम

डार्क चॉकलेट – 64 मिली ग्राम
एवोकाडो – 58 मिली ग्राम
टोफू – 53 मिली ग्राम
सैल्मन – 53 मिली ग्राम
केला – 37 मिली ग्राम
रास्पबेरी/ब्लैकबेरी – 28 मिली ग्राम

ज्यादा मैग्नीशियम लेना है नुकसानदायक

बहुत ज्यादा मैग्नीशियम मतली, दस्त, उल्टी और पेट में ऐंठन की वजह बन सकता है। गंभीर मामलों में यह सांस लेने में परेशानी, तेज़ या अनियमित दिल की धड़कन, ट्रॉमा और कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकता है। याद रखना जरूरी है कि ना सिर्फ मैग्नीशियम की कमी, बल्कि मैग्नीशियम की अधिक मात्रा भी शरीर के लिए हानिकारक है।

फोटो सौजन्य- गूगल

4 fitness exercises in your routine to burn armpit fat

Armpit Fat: गर्मी के मौसम में ज्यादातर लोग स्लीवलेस लिबास पहनना पसंद करते हैं लेकिन आर्मपिट पर नजर आने वाला फैट उनकी समस्या की वजह बनने लगता है। शरीर में जमा होने वाले कैलोरीज बाहों और आर्मपिट पर जमा फैट्स का कारण होते हैं। इससे राहत पाने के लिए लोग कई तरह की हाई इंटैंसिटी एक्सरसाइज करने लगते हैं। जानिए आर्मपिट फैट से जुड़ी समस्या के निदान के लिए कुछ जरूरी 4 एक्सरसाइज के बारे में-

इस बारे में जिम सर्टिफाइड फिटनेस ट्रेनर बताते हैं कि आर्मपिट में उम्र के साथ बढ़ने वाले फैटस और स्टिफनेस को दूर करने के लिए एक्सरसाइज़ बहुत ज़रूरी है। उम्र के साथ आर्मपिट के नज़दीक की स्किन लटकने लगती है। इस समस्या को दूर करने के लिए दिनभर में जब भी समय मिले तो आर्म सर्कल और बाहों की स्ट्रेचिंग समेत कुछ आसान एक्सरसाइज़ से बाजूओं और बगल में बढ़ने वाले फैट्स को बर्न करने में काफी मदद मिलती है। साथ ही चेस्ट और कंधों के मसल्स को भी मज़बूती मिलती है।

जानें आर्मपिट फैट बर्न करने के लिए एक्सरसाइज़

आर्म सर्कल एक्सरसाइज

4 fitness exercises in your routine to burn armpit fat

बाहों पर जमी चर्बी को दूर करने के लिए एक्सरसाइज़ बेहद फायदेमंद है। इससे बाहों की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है और बाहों में बढ़ने वाला दर्द भी कम होने लगता है।

जानें कैसे करें-

इसके लिए बैड पर बैठ जाएं और दोनों टांगों को जमीन पर टिका लें। अब अपनी दोनों बाजूओं को कोहनी से मोड़ लें और बाजूओं को आगे से पीछे की ओर लेकर जाएं और राउंड शेप में घुमाएं। आर्म सर्कल को तीन सेट में 15 से 20 बार करें।

माउनटेन क्लाइंबर्स एक्सरसाइज

4 fitness exercises in your routine to burn armpit fat

बदन की मांसपेशियों को मज़बूती प्रदान करने के लिए एक्सरसाइज़ बेहद आवश्यक है। इससे पेट की चर्बी के अलावा बाजूओं पर जमा फैट्स से भी मुक्ति मिल जाती है। नियमित तौर पर माउनटेन क्लाइंबर्स का एक्सरसाइज बाजूओं को मज़बूत बनाता है।

जानें कैसे करें-

इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं और दोनों बाजूओं को जमीन पर टिका लें। अब शरीर को ऊपर की ओर उठाएं और पैरों को सीधा कर लें। पैरों और बाजूओं के मध्य शोल्डर्स से अधिक दूरी बनाकर रखें। अब दाईं टांग को आगे करें और बाएं घुटने को मोड़ते हुए चेस्ट के पास लेकर आएं। फिर बाई टांग से भी आसन दोहराएं।

ऐसे करें पुश अप्स

कंधों और बाहों में बढ़ने वाली स्टिफनेस को दूर करने के लिए पुश अप्स बेहद फायदेमंद साबित होते हैं। इससे बाजूओं के दर्द से राहत मिलती है और अतिरिक्त चर्बी की समस्या भी दूर होने लगती है। इसके अनियमित अभ्यास से शरीर के पोश्चर में सुधार आने लगता है। रोज़ाना पुश अप्स एक्सरसाइज करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन नियमित बना रहता है।

जानें कैसे करें-

पेट के बल मैट पर लेट जाएं। अब दोनों हाथों को मज़बूती से जमीन पर टिका लें। इसके बाद पैरों को सीधा कर लें और दोनों बाजूओं को कंधे की चौड़ाई से ज्यादा फैलाएं। इससे पुश अप्स करने में आसानी होती है। पुश अप्स को दो सेट में 15 से 20 बार दिन में तीन बार दोहराएं। इससे बाजूओं और गर्दन पर बढ़ने वाली हंप की समस्या से राहत मिल जाती है।

जंपिग जैक्स एक्सरसाइज

शरीर की मांसपेशियों में बढ़ने वाली ऐंठन को दूर करने के लिए जंपिग जैक्स बेहद कारगर एक्सरसाइज़ है। इसे करने से कंधों, बाहों और टांगों में बढ़ने वाले फैट्स को बर्न करने में मदद मिलती है। शरीर स्वस्थ रहता है और स्टेमिना बूस्ट होने लगता है।

जानें कैसे करें-

जंपिग जैक्स के लिए दोनों पैरों के मध्य गैप मेंटेप कर लें और एकदम सीधे खड़े हो जाएं। अब टांगों और बाजूओं को खोलें और फिर एक साथ ले आएं। इस दौरान सांस पर ध्यान अवश्य केंद्रित करें। 02 से 03 सेट्स में 15 बार जंपिग जैक्स को दोहराने से वेटलॉस में मदद मिलती है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Holika Dahan: प्राचीन त्योहारों की यही खूबसूरती है कि इनके पीछे छुपे पौराणिक कथा हमें अक्सर आकर्षित करते हैं. आईये जाने होलिका दहन क्यों मनाते हैं और क्या है इसका इतिहास. होलिका दहन का पर्व हमें संदेश देता है कि भगवान अपने भक्तों की रक्षा के लिए हमेशा मौजूद रहते हैं.

होलिका दहन, होली त्योहार का पहला दिन, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसके अगले दिन रंगों से खेलने की परंपरा है जिसे धुलेंडी, धुलंडी और धूलि वगैरह नामों से भी जाना जाता है। होली बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाई जाती है। होलिका दहन (छोटी होली) के अगले दिन पूर्ण हर्षोल्लास के साथ रंग खेलने का परंपरा है और अबीर-गुलाल आदि एक-दूसरे को लगाकर और गले मिलकर इस पर्व को मनाया जाता है।

भारत में मनाए जाने वाले बेहतरीन त्योहारों में से एक है होली। दीवाली की तरह ही इस त्योहार को भी अच्छाई की बुराई पर जीत का त्योहार माना जाता है। हिंदुओं के लिए होली का पौराणिक महत्व भी है। इस त्योहार के मद्देनज़र सबसे प्रचलित है प्रहलाद, होलिका और हिरण्यकश्यप की कहानी। पर होली की सिर्फ यही नहीं बल्कि और भी कई कहानियां प्रचलित है। वैष्णव परंपरा मे होली को, होलिका-प्रहलाद की कहानी का प्रतीकात्मक सूत्र मानते हैं।

होलिका दहन का शास्त्रों के अनुसार नियम

Why do we celebrate Holika Dahan

फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से फाल्गुन पूर्णिमा तक होलाष्टक माना जाता है, जिसमें शुभ कार्य वर्जित रहते हैं। पूर्णिमा के दिन होलिका-दहन किया जाता है। इसके लिए मुख्यतः दो नियम ध्यान में रखने ज़रूरी होते हैं-

पहला, उस दिन ‘भद्रा’ न हो। भद्रा का दूसरा नाम विष्टि करण भी है, जो कि 11 करणों में से एक है। एक करण तिथि के आधे भाग के बराबर होता है।

दूसरी बात, पूर्णिमा प्रदोषकाल-व्यापिनी होनी चाहिए। सरल शब्दों में कहें तो उस दिन सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्तों में पूर्णिमा तिथि होनी चाहिए.

पुराणों के अनुसार दानवराज हिरण्यकश्यप ने जब देखा कि उसका पुत्र प्रह्लाद सिवाय विष्णु भगवान के किसी अन्य को नहीं जपता, तो वह क्रोधित हो उठा और आखिर में उसने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया कि वह प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाए, क्योंकि होलिका को वरदान प्राप्त था कि उसे अग्नि नुक़सान नहीं पहुंचा सकती। लेकिन हुआ इसके ठीक विपरीत, होलिका जलकर भस्म हो गई और भक्त प्रह्लाद को कुछ भी नहीं हुआ। इसी घटना की याद में इस दिन होलिका दहन करने का विधान है। होली का पर्व संदेश देता है कि इसी तरह ईश्वर अपने सभी भक्तों की रक्षा के लिए सदा मौजूद रहते हैं। होली की केवल यही नहीं बल्कि और भी कई कहानियां प्रचलित है।

कामदेव को किया था भस्म 

होली की एक कहानी कामदेव की भी है। पार्वती शिव से विवाह करना चाहती थीं लेकिन तपस्या में लीन शिव का ध्यान उनकी तरफ गया ही नहीं। ऐसे में प्यार के देवता कामदेव आगे आए और उन्होंने शिव पर पुष्प बाण चला दिया। तपस्या भंग होने से शिव को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने अपनी तीसरी आंख खोल दी और उनके क्रोध की अग्नि में कामदेव भस्म हो गए। कामदेव के भस्म हो जाने पर उनकी पत्नी रति रोने लगीं और शिव से कामदेव को जीवित करने की गुहार लगाई। अगले दिन तक शिव का क्रोध शांत हो चुका था, उन्होंने कामदेव को पुनर्जीवित किया। कामदेव के भस्म होने के दिन होलिका जलाई जाती है और उनके जीवित होने की खुशी में रंगों का त्योहार मनाया जाता है।

महाभारत से जुड़ी कहानी

महाभारत की एक कहानी के अनुसार युधिष्ठर को श्री कृष्ण ने बताया कि एक बार श्री राम के एक पूर्वज रघु, के शासन में एक असुर महिला थी। उसे कोई भी नहीं मार सकता था, क्योंकि वह एक वरदान द्वारा सुरक्षित थी। उसे गली में खेल रहे बच्चों के अलावा किसी से भी डर नहीं था। एक दिन, गुरु वशिष्ठ, ने बताया कि उसे मारा जा सकता है, अगर बच्चे अपने हाथों में लकड़ी के छोटे टुकड़े लेकर, शहर के बाहरी इलाके के पास चले जाएं और सूखी घास के साथ-साथ उनका ढेर लगाकर जला दें। फिर उसके चारों ओर परिक्रमा दें, नृत्य करें, ताली बजाएं, गाना गाएं और नगाड़े बजाएं। फिर ऐसा ही किया गया। इस दिन को एक उत्सव के रूप में मनाया गया, जो बुराई पर एक मासूम मन की जीत का प्रतीक है।

श्रीकृष्ण और पूतना से जुड़ी कहानी

होली का श्रीकृष्ण से गहरा रिश्ता है। जहां इस त्योहार को राधा-कृष्ण के प्रेम के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है। वहीं, पौराणिक कथा के अनुसार जब कंस को श्रीकृष्ण के गोकुल में होने का पता चला तो उसने पूतना नामक राक्षसी को गोकुल में जन्म लेने वाले हर बच्चे को मारने के लिए भेजा। पूतना स्तनपान के बहाने शिशुओं को विषपान कराना था। लेकिन कृष्ण उसकी सच्चाई को समझ गए। उन्होंने दुग्धपान करते समय ही पूतना का वध कर दिया। कहा जाता है कि तभी से होली पर्व मनाने की मान्यता शुरू हुई।

ईसा से 300 वर्ष पुराने अभिलेख में भी उल्लेख

विंध्य पर्वतों के निकट स्थित रामगढ़ में मिले एक ईसा से 300 वर्ष पुराने अभिलेख में भी इसका उल्लेख मिलता है। कुछ लोग मानते हैं कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने पूतना नामक राक्षसी का वध किया था। इसी ख़ुशी में गोपियों ने उनके साथ जमकर होली खेली थी।

Roze ki Dua: Dua for fasting in Ramzan

Roza Rakhne or Kholne Ki Dua: मुस्लिमों के लिए रमजान के महीने में रोजा रखना और कुरान शरीफ को पढ़ना जरूरी माना गया है। इस्लामिक धार्मिक मान्यताओं मुताबिक रमजान महीना सबसे पाक महीना माना जाता है। कहते हैं इस दौरान जो भी दुआएं की जाती हैं वो जरूर पूरी होती हैं। इस महीने में मुस्लिम लोग अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त अल्लाह की इबादत में बिताते हैं।

कहते हैं कि रमज़ान के महीने में अल्लाह की खूब रहमत बरसती है। बुराई पर अच्छाई हावी हो जाती है। इस महीने मुसलमान अपनी चाहतों पर कंट्रोल करके केवल अल्लाह की इबादत करते हैं। इस महीने को सब्र और बरकत का महीना भी कहा जाता है।

कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दुआएं भी पढ़ते हैं पर अगर आप दुआएं भूल गए हैं तो आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि आज हम रमज़ान में पढ़ी जाने वाली दुआओं के बारे में बताने जा रहे हैं। इसे आप अपने रूटीन में शामिल कर रमज़ान की रहमत हासिल कर सकते हैं। यहां आप जानेंगे रोजा रखने और खोलने की दुआ-

रोजा रखने की दुआ

Roze ki Dua: Dua for fasting in Ramzan

अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के अनुसार जब भी कोई रोजा रखता है, तो उसे सहरी खाने के बाद यानि फज्र की अज़ान से पहले इस दुआ को पढ़ना चाहिए।

हिंदी में रोजा रखने की दुआ

‘व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमज़ान’

मतलब- इस दुआ का अर्थ यह है कि मैं रमज़ान के इस रोजे की नियत करता/करती हूं।

रोजा खोलने की दुआ

जिस तरह से रोजा रखते समय दुआ पढ़ी जाती है ठीक वैसे ही रोजेदार को रोजा खोलने से पहले यह दुआ जरूर पढ़नी चाहिए। कहा जाता है इस दुआ को पढ़ने से खाने में बरकत होती है। ध्यान रखें कि यह दुआ खजूर खाने से पहले पढ़नी चाहिए और दुआ खत्म होने के बाद ही कुछ खायें।

हिंदी में रोजा खोलने की दुआ

‘अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुमतु, व-बिका आमन्तु, व-अलयका तवक्कालतू, व- अला रिज़क़िका अफतरतू’

इस दुआ का मतलब है- ऐ अल्लाह मैंने तेरी रज़ा के लिए रोजा रखा है और तेरे ही कहने पर रोजा खोल रहा/रही हूं।

फोटो सौजन्य- गूगल

Ramzan 2024: When the moon of Ramzan knocked

नई दिल्ली: माह-ए-मुबारक रमजान ने दस्तक दे दिया है। सोमवार को चांद दिखने के साथ ही मंगलवार यानी 12 मार्च से रमजान शुरू हो जाएगा। रमजान की आहट से रोजे और इबादत का सिलसिला शुरू होने के साथ ही कुरआन की तिलावत की आवाजें मस्जिदों से आने लगती है। रहमतों और बरकतों का महीना रमजान मुबारक शुरू होने वाला है। ऐसे में मुस्लिमों में पाक महीना रमजान को लेकर तैयारियां काफी जोश के साथ शुरू हो चुकी हैं।

चांद के दीदार के बाद पहला रोजा 12 मार्च से

भारत के कई हिस्सों में आज चांद नजर आया। रमजान के अर्धचंद्र के दीदार होते ही मस्जिदों से 12 मार्च से पाक महीने रमजान का ऐलान कर दिया गया।

अरब देशों में एक दिन पहले रमजान या ईद का चांद नजर आता है। सऊदी अरब में 10 मार्च को रमजान का चांद देखा गया। ऐसे में भारत में भी आज यानी 11 मार्च को रमजान का चांद दिखा है। चांद नजर आने के बाद ही आधिकारिक तौर पर रमजान की घोषणा कर दी गई।

रमजान करीम क्यों कहते हैं

रमजान करीम का अर्थ होता है, रमजान का पाक महीना आपके लिए उदार हो और इस महीने आपको किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े।

जानें रमजान में तरावीह क्या होती है?

रमजान के पूरे महीने में हर दिन 05 वक्त की नमाज के अलावा रात के समय एक विशेष तरह की नमाज पढ़ी जाती है, जिसे तरावीह कहा जाता है। रमजान का चांद नजर आने के बाद से तरावीह पढ़ना शुरू हो जाता है।

आंख, जुबान और कान के लिए भी होता है रोजा

सिर्फ भूखे-प्यासे रहना ही रोजा नहीं होता, बल्कि रोजा आंख, जुबान और कान का भी होता है। इसलिए रमजान में रोजेदार रोजा के दौरान भूखा-प्यासा रहने के साथ ही गलत काम से दूर रहें, झूठ बोलने से बचें और किसी की बुराई न करें। रोजा में गलत चीजें देखने, सुनने और बोलने से भी रोजा टूट सकता है।

March Festive List: From Holi, Chaitra month to Ramzan

March Festival List: मार्च 2024 रंग और हर्षोल्लास से भरपूर रहेगा। आप जानते हैं कि मार्च का महीना त्योहार के मद्देनजर बहुत ही खास माना जाता है क्योंकि इस माहीने में होली जैसा बड़ा त्योहार आता है। मार्च में आने वाला होली त्योहार 40 दिन मनाया जाता है। अलावा इसके धार्मिक दृष्टि से देखें तो मार्च में महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का बड़ा त्योहार मनाया जाता है। ये पूरा महीना फाल्गुन का रहेगा। ऐसे में साल 2024 मार्च में फुलेरा दूज, विजया एकादशी, होलिका दहन, आमलकी एकादशी, सीता जयंती आदि बड़े व्रत-त्योहार आएंगे।

मुस्लिमों का पावित्र महीना रमजान भी चांद के मुताबिक 12 या 13 मार्च से शुरू होगा जोकि पूरा एक महीने का होगा। इस पाक महीने में मुस्लिम रोजे के साथ तरावीह की नमाज पढ़ते हैं और अल्लाह से दुआ मांगते हैं।

मार्च माह में शनि समेत 05 बड़े ग्रहों की चाल बदलेगी। इससे 12 राशियों पर शुभ-अशुभ असर पड़ेगा। मार्च में कौन से व्रत-त्योहार आएंगे। किन ग्रहों का मोचर होगा, राहुकाल समय और शुभ योग के बारे में आइये विस्तार से जानें-

मार्च पंचांग 2024 (Panchang March 2024)

 

Panchang March 2024

March Festive List: From Holi, Chaitra month to Ramzan

 

फोटो सौजन्य- गूगल

Those 5 most beautiful places in India

Beautiful Places: भारत में वैसे तो कई घूमने की जगहें हैं लेकिन कुछ ऐसी खूबसूरत जगहें हैं जहां बार-बार जाने का मन होता है। बसंत के इस खास मौसम में हर कोई घूमने की ख्वाहिश रखता है तो आइये जानते हैं विस्तार से इन शानदार जगहों के बारे में-

हमलोग अक्सर अपना हॉलिडे मनाने के लिए या फिर मूड रिफ्रेश करने के लिए बाहर घूमने जाते हैं। वैसे तो कई लोग फॉरेन ट्रिप पर भी जाना पसंद करते हैं पर इन लोगों को ये नहीं मालूम होता है कि हमारे अपने देश में भी बहुत सारी खूबसूरत जगहें मौजूद हैं।

भारत में कई ऐसी जगहें हैं जो अपनी खास खूबसूरती के लिए जानी जाती हैं। ये ऐसी जगह है जहां अक्सर लोग घूमने के लिए जाते रहते हैं। हमें विश्वास है आप इन जगह के बारे में जानने के लिए काफी एक्साइटेड होंगे।

एक नजर देश की फेमस जगहों पर-

सबसे पहले हम बात करेंगे युमथांग घाटी के बारे में-

Those 5 most beautiful places in India

ये घाटी सिक्किम की राजधानी गंगटोक से 148 किमी की दूरी पर स्थित है। इस घाटी को ‘फूलों की घाटी’ के नाम से भी जानते हैं। इस जगह पर काफी रंग के फूल देखने को मिलते हैं जिसमें लाल, पीले, सफेद, ऑरेंज, वॉयलेट आदि रंग शामिल हैं। आपको ये जानकर खुशी होगी कि यह घाटी हिमालय पर्वतों से घिरी हुई है। ये बात सुनने में जितनी अच्छी लग रही है उससे कहीं ज्यादा देखने में हसीन है। बताता चलूं कि बर्फबारी की वजह से इस घाटी को दिसंबर से मार्च के बीच बंद कर दिया जाता है।

मणिपुर का लोकटक झील-

Those 5 most beautiful places in India

ये झील मणिपुर ही नहीं, दुनिया की खूबसूरत झीलों में से एक है। यह अपनी सतह पर तैरते हुए वनस्पति और मिट्टी से बने द्वीपों के लिए पूरी दुनिया में फेमस है। इस झील के पानी पर सबसे बड़ा तैरता द्वीप ‘केयबुल लामजाओ’ है जिसका क्षेत्रफल 40 वर्ग किलोमीटर है। इसकी खूबसूरती वाकई देखने लायक है।

मेघालय का नोहकलिकाई फॉल्स

Those 5 most beautiful places in India

भारत के सबसे ऊंचे और खूबसूरत झरनों में से एक झरना है जो वाकई में बेहतरीन है हम बात कर रहे हैं मेघालय का नोहकलिकाई फॉल्स की। इसकी ऊंचाई के बारे में बात करें तो ये करीब 1,100 फुट है। बता दें कि इस झरने के नामकरण के पीछे एक खास कहानी फेमस है। खबरों के मुताबिक ये बताया गया है कि यहां सीधी खड़ी चट्टान से कभी एक स्थानीय लड़की ने छलांग लगा दी थी जिसका नाम लिकाई था। उसी के नाम पर इस झरने का नाम नोहका-लिकाई रखा गया।

कश्मीर का पहलगाम

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कश्मीर यकीन स्वर्ग से कम नहीं है और कश्मीर की हर जगह वाकई खूबसूरत है लेकिन फिर भी कश्मीर में पहलगाम थोड़ा ज्यादा ही प्रकृति की जादुई छटा को अपने में समेटे हुए है। अनंतनाग जिले में स्थित सारा शहर बर्फ की चादर से ढके हिमालय और घने जंगलों वाले देवदार के पेड़ों से पटा हुआ है। यह जगह रोमांच और नेचर प्रेमियों के लिए एक खास सौगात से कम नहीं है।

केरल का टी-गार्डन

Those 5 most beautiful places in India

आखिर में केरल अपनी खूबसूरती के लिए पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है। पर मुन्नार के टी गार्डन को यहां के सबसे ज्यादा खूबसूरत जगहों में से एक माना जाता है। यह जगह समुद्री तट से करीब 07 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां की बेपनाह खूबसूरती हर किसी को भाति है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Pankaj Udhas: Last rites of Padmashree Pankaj Udhas today

Pankaj Udhas Funeral: अपनी उम्दा गजल गायकी से लोगों के दिलों पर राज करने वाले लोकप्रिय गायक पंकज उधास हमें अलविदा कह गए। 26 फरवरी को 72 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। वे लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। पंकज उधास के निधन से मनोरंजन जगत में शोक की लहर है। सभी फैंस और सेलेब्स पंकज उधास के निधन से गमगीन हैं। दिवंगत गजल गायक का आज अंतिम संस्कार किया जाएगा। पंकज की बेटी नायाब उधास ने उनके अंतिम संस्कार को लेकर जानकारी एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी है।

पंकज उधास की बेटी ने शेयर की अंतिम संस्कार से जुड़ी जानकारी 

 

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फेमस गजल गायक पंकज उधास आज पंचतत्व में विलिन हो जाएंगे। पंकज उधास की बेटी नायाब उधास ने सोमवार को इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर उनके अंतिम संस्कार से जुड़ी जानकारी साझा की। नायाब ने लिखा- ‘पद्ममश्री पंकज उधास जी की प्रेमपूर्ण स्मृति में, बहुत भारी मन से, हम आपको लंबी बीमारी की वजह से उनके निधन की सूचना देते हुए दुखी हैं। अंतिम संस्कार मंगलवार, 27 फरवरी को दोपहर 03 बजे से 05 बजे तक होगा, स्थान- हिंदू श्मशान, वर्ली (मुंबई) लेंडमार्क ऑपोजिट, फोर सीजन्स डॉ. ई म्यूज रोड, वर्ली उधास परिवार’ 4

मालूम हो कि पंकज उधास का पार्थिव शरीर ब्रीच कैंडी अस्पताल से उनके कर्माइकल रोड स्थित बंगले पर लाया जाएगा। तकरीबन 02:30 बजे तक दिवंगत के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के रखा जाएगा और फिर 03 बजे के बाद वर्ली के हिंदू श्मशान भूमि पर उनकी अंतिम क्रिया की शुरुआत की जाएगी। उनके करीबियों का तांता लगना शुरू हो चुका है।

भावुक हुए भजन गायक अनूप जलोटा

भजन गायक जलोटा ने दिवंगत उधास के साथ अपने करीबी रिश्ते को याद किया और वे भावुक दिखे। न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने अपना दोस्त खो दिया है। लोगों ने पंकज उधास को खो दिया है, एक महान गजल गायक को खो दिया है। मैंने अपना दोस्त खो दिया है। पंकज, तलत अजीज और मेरी तिकड़ी बहुत प्रसिद्ध थी। हमने साथ में कई संगीत कार्यक्रम किए। मुझे पंकज उधास के निधन पर बहुत गहरा दुख है। उन्होंने गजल को घर-घर तक पहुंचाया और लोगों के दिलों में अपने लिए जगह बनाई। यह एक महान योगदान था और इसे कभी नहीं भुलाया जा सकता।

जॉन अब्राहम ने भी पंकज उधास को किया याद

जॉन अब्राहम ने दिवंगत गायक संग अपनी एक तस्वीर शेयर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। जॉन ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि जब मैं नया-नया आया था तब आप ने मुझे अपने करीब रखा था। आप कई मायनों में मेरे गुरु हैं। भगवान आपकी आत्मा को शांति दें। मैं हमेशा आपको याद करूंगा।

सिनेमा जगत की कई हस्तियों ने उनके निधन पर जताया दुख

अलाव इसके माधुरी दीक्षित, मनोज बाजपेयी, रितेश देशमुख, अभिषेक बच्चन, सनी देओल, सोनू निगम और अन्य ने भी पंकज उधास को भावभीनी श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।

Importance of Shab-e-Barat in Islam

इस्लाम में शब-ए-बारात (Shab-E-Barat) त्योहार की बहुत अहमियत है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक शाबान महीने की 15वीं तारीख की रात में शब-ए-बारात मनाई जाती है। शब-ए-बारात इबादत, रहमत, मगफिरत और फजीलतों की रात के तौर पर मनाई जाती है। जिसे लेकर मुस्लिम समुदाय के तमाम लोग रातभर अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं।

मस्जिदों और कब्रिस्तानों को किया जाता है रौशन

Importance of Shab-e-Barat in Islam

खुदा की इबादत का यह दिन बहुत ही खास और पवित्र तरीके से मनाते हैं। शब-ए-बारात के मौके पर मस्जिद और कब्रिस्तानों को खास तरीके के सजाया जाता है। कब्रिस्तान में चारों तरफ रोशनी की जाती है, साथ-साथ कब्रों पर चिराग जलाकर मगफिरत की दुआएं मांगी जाती है। लोग मस्जिदों और कब्रिस्तानों में जाकर अपने पूर्वजों के लिए अल्लाह की इबादत करते हैं। इसे चार मुकद्दस रातों में से एक मानते हैं जिसमें पहली आशूरा की रात, दूसरी शब-ए-मेराज, तीसरी शब-ए-बारात और चौथी शब-ए-कद्र की रात होती है।

इमाम-ए-जमाना की पैदाइश का जश्न

Importance of Shab-e-Barat in Islam

मुस्लिम में शिया समुदाय शब-ए-बारात को इमाम-ए-जमाना हजरत मेहदी की पैदाइश की खुशी में मनाते हैं उनका मानना है कि अल्लाह इमाम-ए-जमाना के जन्मदिन की खुशी में अपनी रहमतें बरसाते हैं। इसलिए इस्लाम के सभी समुदाय के लोग रात भर जागकर नमाज़ और कुरान की तिलावत करते हैं। इमाम-ए-जमाना की पैदाइश के मौके पर शिया समुदाय जगह-जगह महफिलें भी करते हैं।

अलावा इसके शब-ए-बारात पर घरों को विशेष रूप से सजाते हैं और लजीज पकवान जैसे- बिरयानी, हलवा और हलीम आदि बनाया जाता है और इबादत के बाद गरीबों में भी बांटा जाता है।