धनतेरस (Dhanteras) पर सोना-चांदी और बर्तन खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस वर्ष 10 नवंबर को धनतेरस के दिन सोना और चांदी खरीदने का सबसे गोल्डन टाइम यानी शुभ समय दोपहर 02 बजकर, 35 मिनट से 11 नवंबर की सुबह 06 बजकर 40 मिनट के बीच है। अलावा इसके अगर आप इस वक्त खरीदारी से चूक जाते है तो 11 नवंबर को सुबह 06 बजकर, 40 मिनट से दोपहर 01 बजकर, 57 मिनट के बीच सामान परचेज कर सकते हैं।
दिवाली रोशनी का महापर्व है। यह हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में सबसे खास त्योहार है। हर किसी को इस महापर्व का साल भर इंतजार रहता है। दीपोत्सव का यह पर्व पूरे 05 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। धनतेरस का पर्व छोटी दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। पंचांग के मुताबिक धनतेरस का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन धन्वंतरि देव, लक्ष्मी जी और कुबेर महाराज की पूजा कर की जाती है। साथ ही किसी भी वस्तु की खरीदारी के लिए यह दिन उत्तम माना जाता है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन खरीदी गई चल-अचल संपत्ति में तेरह गुणा वृद्धि होती है। यही कारण है कि लोग इस दिन बर्तनों की खरीदारी के अलावा सोने-चांदी की चीजें भी खरीदते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं इस साल धनतेरस पर खरीदारी और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है-
साल 2023 में धनतेरस तिथि
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस मनाई जाती है। इस वर्ष यह तिथि 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर, 35 मिनट से आरम्भ हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन 11 नवंबर की दोपहर 01 बजकर, 57 मिनट पर होगा। धनतेरस के दिन पूजा प्रदोष काल में होती है, इसलिए धनतेरस 10 नवंबर को मनाई जाएगी।
पूजा मुहूर्त और शुभ मुहूर्त
इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 47 मिनट से रात 07 बजकर 47 मिनट तक है।
धनतेरस पर पूजा की ये है विधि
- धनतेरस के दिन शाम के वक्त यानी प्रदोष के दौरान काल शुभ मुहूर्त में उत्तर की ओर कुबेर और धन्वंतरि देव की प्रतिमा स्थापित करें।
साथ ही मां लक्ष्मी व गणेश जी की भी प्रतिमा या चित्र स्थापित करें, फिर दीप प्रज्वलित करें और विधिवत पूजी शुरू करें। - सभी देवों को तिलक लगाएं। इसके बाद पुष्प, फल आदि चीजें अर्पित करें।
- कुबेर देवता को सफेद मिष्ठान और धन्वंतरि देव को पीले मिष्ठान का भोग लगाएं।
- पूजा के दौरान ‘ऊँ ह्रीं कुबेराय नमः’ इस मंत्र का जाप करते रहें।
- भगवान धन्वंतरि को खुश करने के लिए इस दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ अवश्य करें।
ये है धनतेरस का खास महत्व
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन उनका पूजन किया जाता है। धनतेरस के दिन धन की देवी लक्ष्मी जी, धन कोषाध्यक्ष कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से घर में धन की कमी नहीं होती है।