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Pregnancy में उल्टियों से हैं परेशान तो घबराएं नहीं, यहां है पूरा समाधान

Prepare yourself before becoming a mother

Pregnancy: अगर आप प्रेग्रेंट हैं और बार-बार उल्टियां आ रही है? आपके वजन में भी कमी आ रही है? हो सकता है कि आप मॉर्निंग सिकनेस की शिकार हैं। अब आपके दिमाग में यह सवाल लाज़मी है कि आपको तो यह समस्या दिन के किसी भी पहर में हो जाती है। तो क्या ऐसा होना मुमकिन है। यह समस्या किसी भी वक्त आपकी परेशानी का सबब बन सकती है।यहां सवाल है पैदा होता है कि भला यह समस्या होती कब है? इसे लेकर डॉक्टर का कहना है कि प्रेग्रेनेंसी के दौरान एक महिला के बॉडी में हार्मोन का बदलाव या असंतुलन होना आम बात है।

खासतौर पर एस्ट्रोजन हार्मोन का बढ़ना, जिसका नतीजा हो सकती है मॉर्निंग सिकनेस। यह समस्या 16 से 20 हफ्तों में खत्म हो जाती है। अध्ययन बताते हैं कि लगभग 75 फीसदी गर्भवती महिलाएं इससे जूझती हैं। यह समस्या तनाव, अधिक काम करने, कुछ खाद्य पदार्थो को खाने आदि के कारण भी हो सकती है। यह समस्या इनके अलावा ब्लड शुगर के कम स्तर के कारण भी हो सकती है। थायरॉइड और लिवर से जुड़ी बीमारियां भी इसका कारण बन सकती हैं। लिहाजा, बेहतर होगा कि आप अपनी इस समस्या का कारण जानें और उसके हिसाब से इससे निपटने की रणनीति तय करें। जरुरत होने पर मेडिकल परामर्श लें।

क्या है लक्ष्ण

सबसे पहले तो यह समझ लेना होगा कि आखिर है क्या मॉर्निंग सिकनेस? दिन में कई बार उल्टी होना, शरीर में पानी की कमी होना (जिसका अंदाजा पेशाब के रंग से लगता है), खड़े होने पर चक्कर आना, वजन कम होना, किसी तरह की खास महक, खाने-पीने की चीजों के स्वाद के प्रति संवेदनशील हो जाना और उसके कारण उल्टी होना, बुखार, बार-बार सिर दर्द, धड़कन का तेज होना आदि मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

If you are troubled by vomiting during pregnancy then don't panic

कुछ बातों का ख्याल रखकर मॉर्निंग सिकनेस को काफी हद तक नियंत्रित रखा जा सकता है। इस बाबत आहार सलाहाकार के मुताबिक रात के खाने और सुबह के नाश्ते के बीच का अंतराल लंबा हो जाता है। ऐसे में यह समस्या और बढ़ सकती है। लिहाजा, इस बात का ख्याल रखें। इसके लिए आपको अपने रात के खाने को देर से करने की जरूरत नहीं है बल्कि आप उसे जितना जल्दी और हल्का लेंगी, उतना ही अच्छा होगा। मुमकिन हो तो सोने के कुछ देर पहले दूध को अपनी खुराक में जगह दें। उसमें आप पिसे हुए मेवे भी मिला सकती हैं। सुबह उठते ही काम में जुटने से बचें।

डॉक्टर के अनुसार समस्या के दौरान खुद को समझें यानी आपको किन चीजों से परेशानी हो रही है, उस पर जरूर गौर करें। साथ ही इस सोच से दूर रहे कि आपको दो लोगों के हिस्से की खुराक लेनी है। अपने पोषण में बढ़ोतरी करें खुराक में नहीं। ज्यादा खाना भी शरीर में भारीपन और थकान का कारण बन सकता है। नीबू पानी का सेवन करें। नारियल पानी पोटैशियम का अच्छा स्रोत है। इसे भी खुराक में शामिल करें। एकमुश्त खाने की जगह आपको 2-2 घंटे के अंतराल में कम-कम मात्रा में कुछ-न-कुछ खाना चाहिए। ये छोटे-छोटे ब्रेक न सिर्फ आपको जलन से बचाएंगे बल्कि गैस से भी निजात मिलेगी।

भारी खाने के बाद 30 मिनट तक बलबलगम चबाना आपके पाचन को सुधारने में सहायक रहता है। इससे लार ग्रंथियां उत्तेजित होती हैं और लार अधिक बनती है, जो कि पेट के एसिड कम करने का काम करता है। अदरक का सेवन करें। यह शुगर स्तर को भी नियंत्रित रखेगी। अदरक सुबह की थकान से भी निजात देती है। हल्दी जलन कम करने में तो कारगर है ही, साथ ही यह दर्द कम करती है। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करती है। वहीं, कालीमिर्च में यह क्रोमियम सर्वोत्तम श्रोत है। यह ब्लड शुगर को ठीक रखती है। इसे रोज 30 एमसीजी खाना चाहिए। इलाइची खाने से आपका जी नहीं मिचलाएगा।

कब होती है समस्या?

आमतौर पर महिलाओं का मॉर्निंग सिकनेस की यह समस्या गर्भावस्था के दौरान हो सकती है। अलावा इसके यह समय शरीर में ब्लड शुगर के स्तर में कमी आने पर भी होती है। थायरॉइड और लिवर से जुड़ी बीमारियां भी मॉर्निंग सिकनेस की वजह बन सकती हैं। समस्या होने पर अपने डॉक्टर से राय जरूर लें।

फोटो सौजन्य- गूगल

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