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एयरोसोल-ड्रॉपलेट्स हैं CORONA वायरस फैलने के प्रमुख कारण, ऐसे करें बचाव

कोरोना वायरस

नई दिल्ली। भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार का मानना है कि जिसमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं, वह भी वायरस फैला सकता है और लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसी संदर्भ में कार्यालय द्वारा एडवाइजरी जारी की गयी है जिसमें उन्होंने कोरोना से बचने के उपाय बताए हैं। इसमें मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, एयरोसोल, ड्रॉप्लेट्स और वेंटिलेशन के बारे में बताया गया है।

एयरोसोल और ड्रॉपलेट्स हैं वायरस फैलने के मुख्य कारण

वैज्ञानिक सलाहकारों ने जो एडवाइजरी जारी की है उसके मुताबिक, कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स हवा में दो मीटर तक जा सकते हैं, जबकि एयरोसोल उन ड्रॉपलेट्स को 10 मीटर तक आगे बढ़ा सकता है। इसमें कहा गया है कि जिस संक्रमित व्यक्ति में कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं, वह भी ‘वायरल लोड’ बनाने लायक ड्रॉपलेट्स छोड़ सकता है जो कई आसपास के लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसलिए वायरस के संक्रमण वाली इस चेन को तोड़ने के लिए कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करना बहुत जरूरी है।

भारत में आधी आबादी अभी भी नहीं पहनती मास्क

नए वेरिएंट को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को सलाह दी है कि वह बाहर के साथ-साथ अब घर के अंदर भी मास्क पहनना शुरू कर दें। स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फेंस में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि एक रिसर्च के मुताबिक भारत में 50 प्रतिशत लोग अभी भी मास्क नहीं पहनते हैं। वहीं जो लोग मास्क पहनते भी हैं, उनमें से 64 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो अपनी नाक को ठीक तरीके से कवर नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर एक व्यक्ति फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करता है तो वह एक महीने में 406 व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है। मास्क नहीं पहनने पर संक्रमण के फैलने की 90 प्रतिशत संभावना होती है। मास्क के साथ संक्रमण का जोखिम ना के बराबर हो जाता है।

https://youtu.be/WsRr-iJTbiY

इससे पहले नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के पॉल ने भी लोगों को घर में भी मास्क पहनने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अगर परिवार में कोई कोविड-19 पॉजिटिव है, तो जरूरी है कि व्यक्ति घर के अंदर भी मास्क पहनें क्योंकि यह वायरस घर के दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। समय आ गया है कि हम घर पर ही मास्क पहनना शुरू कर दें।

डबल मास्किंग को लेकर एडवाइजरी

  1. पहले सर्जिकल मास्क पहनें फिर उसके ऊपर कपड़े का मजक पहनें जो बिल्कुल भी ढीला न हो।
  2. अगर आपके पास सर्जिकल मास्क नहीं है तो एक साथ दो सूती मास्क पहनें।
  3. आमतौर पर सर्जिकल मास्क का उपयोग केवल एक ही बार किया जाता है, लेकिन कपड़े के मास्क के साथ पहनते समय, आप इसे 5 बार तक उपयोग कर सकते हैं। एक बार उपयोग में लाने के बाद 7 दिनों तक किसी सूखी जगह पर छोड़ दें, कुछ समय तक इसे धूप में रखें और दुबारा उपयोग कर लें।

वेंटिलेशन का रखें ख्याल

संक्रमण को रोकने के लिए अच्छे वेंटिलेशन की जरूरत होती है। खराब वेंटिलेशन वाले घरों और ऑफिसों में वायरस वाली संक्रमित हवा रहती है, जिसकी वजह से वायरस के एक-दूसरे में फैलने का खतरा रहता है। एडवाइजरी में क्रॉस वेंटिलेशन यानि अंदर आने वाली हवा का बाहर निकलना व एग्जॉस्ट फैन की भूमिका को वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी बताया है।

https://twitter.com/PrinSciAdvOff/status/1395770029178724359?s=20

इसमें कहा गया है कि घर में एग्जॉस्ट फैन लगाएं या एक पेडस्टल पंखे (स्टैंडिंग फैन) को बाहर की ओर मोड़ कर रखें ताकि वो एग्जॉस्ट की तरह काम करे। इससे बाहर की हवा अंदर आती है और ये एयर फ्लो घर के अंदर इकट्ठे हो रहे संक्रमण के कणों को बाहर भेज देगा। छोटे घरों या ऐसे घर जिनमें वेंटिलेशन की कमी है वहां भी एग्जॉस्ट फैन रखने की सलाह दी गई है।

दफ्तर में वेंटिलेशन

ऑफिस में एसी चलाते हुए अगर कमरे की खिड़कियां और दरवाजें पूरे बन्द करते हैं तो कमरे में संक्रमित हवा जमा हो जाती है और एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरों में संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए जब एसी चल रहा हो तब भी खिड़कियों और दरवाजों को आधा खुला रखें। इसमें भी एग्जॉस्ट फैन रखने की सलाह दी गई है। वहीं बड़े ऑफिस, शॉपिंग मॉल और ऑडिटोरियम में रूफ वेंटीलेटर और रेगुलर फिल्टर लगाने के लिए कहा गया है।

आगे कहा गया है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे बसों और ट्रेनों में जहां संभव हो खिड़कियों को खुला रखें। एसी बसों और ट्रेनों में एयर फ्लो और अच्छे वेंटिलेशन के लिए एग्जॉस्ट फैन लगाएं, इसके साथ एयर कंडीशनर्स में फिल्टर भी लगाएं और उन्हें नियमित रूप से साफ रखें और बदलते रहें।

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