Heart Blockage: गलत खाने-पीने की आदतें शरीर में कोलेस्ट्रोल के लेवल को काफी बढ़ा देती हैं। इससे आर्टरीज में प्लाक जैसे पदार्थ जमा होने लगते हैं, जो हार्ट में ब्लड के दबाव को कम कर देता है। इससे शरीर को हार्ट संबंधी प्रोब्लम्स का सामना करना पड़ता है। गलत खानपान के अलावा नींद की कमी और दिनों दिन बढ़ रहा स्ट्रेस भी हार्ट ब्लॉकेज की वजह बनने लगता है। आर्टरीज में बढ़ने वाली ब्लॉकेज को कम करने के लिए कुछ खास बातों का ख्याल रखना जरूरी है लेकिन उससे पहले जानते हैं शरीर में दिखने वाले वो साइन जो हार्ट ब्लॉकेज की ओर इशारा करते हैं।
कैसे होता है हार्ट ब्लॉकेज
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक जब प्लाक रूपी चिपचिपा पदार्थ हार्ट को ब्लड पहुंचाने वाली आर्टरीज में जमा हो जाता है तो उस स्थिति को हार्ट ब्लॉकेज कहा जाता है। ये प्लाक अनहेल्दी फैट्स, कॉलेस्ट्रॉल, सेलुलर वेस्ट प्रॉडक्ट्स, कैल्शियम और फाइब्रिन नाम के क्लॉटिंग सबस्टांस से बना होता है। इस बारे में बातचीत करते हुए इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि कोरोनरी आर्टरीज में ब्लॉकेज के कारण ब्लड पूरी तरह से हार्ट तक नहीं पहुंच पाता है। शरीर में किसी भी तरह का असामान्य बदलाव महसूस होने पर फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज यानी सीएडी हार्ट डिजीज का सबसे आम वजह है। जब हार्ट में ब्लड की आपूर्ति करने वाली आर्टरीज़ समय के साथ संकुचित होने लगती हैं और बल्ड सप्लाई में बाधा आने लगती है। ये रुकावटें फैट्स के निर्माण के कारण बढ़ने लगती हैं। आर्टरीज़ में ब्लॉकेज से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बना रहता है। इस्केमिक स्ट्रोक उस समस्या को कहते हैं, जब रक्त वाहिका में रूकावट आती है जो ब्रेन को ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई करती है।
आइये जानते हैं हार्ट ब्लॉकेज़ के क्या हैं संकेत-
1. थकान और कमज़ोरी का अनुभव
नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट के मुताबिक आर्टरीज़ में ब्लॉकेज के कारण ब्लड फ्लो की अनियमितता बढ़ने लगती है। इससे ऑक्सीजन का प्रवाह भी प्रभावित होने लगता है। ऐसे में सिरदर्द, थकान और काम करने में असमर्थता का सामना करना पड़ता है। किसी कार्य को करने के दौरान ये थकान तेज़ी से बढ़ने लगती है।
2. सीने में दर्द या एंजाइना
सीने में उठने वाला दर्द और किसी भी प्रकार की असुविधा धमनियों में जमने वाले प्लॉक का संकेत देती हैं। ये दर्द छाती से होता हुआ बाहों के नीचे, गर्दन या जबड़े तक पहुंच जाता हैं। इसके कारण सीने में जकड़न महसूस होने लगती है। ये समस्या कुछ मिनटों से लेकर कुछ घंटों तक बनी रहती है। ऐसे में स्वैटिंग और सांस फूलने का सामना करना पड़ता है।
3. सांस लेने में दिक्कत
हार्वर्ड हेल्थ के मुताबिक सीढ़िया चढ़ने या कोई अन्य कार्य करने के दौरान सांस फूलने की समस्या का सामना करना पड़ता है। ये समस्या हृदय रोग को दर्शाती है। इससे एंजाइना, हार्ट अटैक और हार्टफेलियर का खतरा बढ़ने लगता है। दरअसल, जब हार्ट को ब्लड पंप करने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन की प्राप्ति नहीं होती है, तो उस समय सांस लेने में तकलीफ बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में शरीर तेज़ी से सांस लेने का प्रयास करता है।
4. पैरों के निचले हिस्से में सूजन
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिसर्च के अनुसार टांगों के निचले हिस्से में सूजन दिल की समस्या का एक मुख्य संकेत है। शरीर में रक्त का प्रवाह धीमा होने से पैरों की नसों में वापिस लौटने लगता है। इससे टिशूज़ में तरल पदार्थ का निर्माण होने लगता है। हार्ट डिजीज से ग्रस्त होने पर पैरों के अलावा पेट में भी सूजन हो सकती है, जिससे वेटगेन का सामना पड़ता है।
5. खांसी का बढ़ना
जब हृदय ब्लड को पूरी तरह से पंप नहीं कर पाता है, तो ऐसे में बॉडी में खासतौर से फेफड़ों में फ्लूइड बनने लगता है, जो म्यूकस की शक्ल में शरीर से बाहर निकलता है। इस तरह के म्यूकस का रंग गहरा होता है। इसके चलते बार-बार खांसी का सामना करना पड़ता है।
हार्ट ब्लॉकेज से बचने के लिए इन सुझावों का करें पालन
1. स्वस्थ आहार लें
आहार में विटामिन, मिनरल और फाइबर की भरपूर मात्रा लें। इससे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित बनाए रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा नट्स और सीड्स का सेवन भी फायदा पहुंचाते हैं। साथ ही मछली का सेवन करने से शरीर को ओमेगा-3 फैटी एसिड की प्राप्ति होती है। इससे ब्लॉकेज को रेगुलेट किया जा सकता है।
2. स्मोकिंग करने से बचें
नियमित रूप से स्मोकिंग करने से ब्लड वेसल्स डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है और प्लाक बिल्डअप होने लगता है। ऐसे में शरीर में ब्लड का प्रवाह प्रभावित होता है। हृदय रोगों से बचने के लिए स्मोकिंग से दूरी बनाकर रखें।
3. रेगुलर एक्सरसाइज़ करें
किसी फिटनेस एक्सपर्ट की मदद से हृदय रोगों से बचने के लिए व्यायाम के अलावा मेडिटेशन करें। इससे शरीर में बढ़ने वाले तनाव और वसा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। दिनभर में कुछ देर वॉक करने से शरीर को फायदा मिलता है और ब्लॉकेज से राहत मिलती है।
फोटो सौजन्य- गूगल