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Category Archives: Fitness

ठंडा मौसम, छोटा दिन, सूरज की ठंडी किरण और छुट्टियों के मौसम जैसे कई वजह हैं जो लोगों को सर्दियों के मौसम में बिल्कुल सुस्त बना सकते हैं। देखा जाए तो यह हर एक इनसान में अलग-अलग होती है। जब कभी घर के बाहर ठंड होती है तो अंदर गर्मी और आराम को छोड़तक एक्सरसाइज (Exercise) करने के बारे में सोचना भी मुश्किल भरा होता है। अलावा इसके सर्दियों के दौरान कम धूप हमारी ऊर्जा और मूड के स्तर को भी प्रभावित कर सकती है जिससे थकान और मोटिवेशन की कमी महसूस हो सकती है। ऐसे में हम कुछ ऐसे नुक्से शेयर कर रहे हैं जो सर्दियों के मौसम में भी एक्सरसाइज करने के लिए मोटिवेट कर सकते हैं।

जानें वो टिप्स जो सर्दियों में भी एक्सरसाइज करने के लिए कर सकते हैं मोटिवेट-

1. सेट गोल्स

ठंड के सर्द मौसम में अपने लिए एक एक्सरसाइज का गोल सेट करें। यह आपको आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट करेगा।

2. वर्कआउट शेड्यूल बनाएं

अपने वर्कआउट का पहले से प्लान बनाएं और रेगुलर रूटीन का पालन करें। एक शेड्यूल होने से यह कंफर्म होता है कि आप सर्दियों के महीनों के समय भी रेगुलर एक्सरसाइज के लिए खुद को मोटिवेट कर सकते हैं।

3. अपनी पसंदीदा एक्सरसाइज चुनें

खुद को एक्टिवेट रखने के लिए आप ऐससी चीजों को चुनें जिन्हें करने में आपको मजा आए। फिर वो चाहे इनडोर योग हो, डांस हो, ऐसी एक्सरसाइज ढूंढना जिन्हें करने में आपको मजा आता हो, एक्टिव रहने के लिए आपकी मोटिवेशन मिलेगा।

4. इनडोर वर्कआउट

अगर ठंड का मौसम रूकावट डाल रहा है तो अपने वर्कआउट को घर के अंदर करें। जिम ज्वाइन करें, फिटनेस क्लासेस में पार्टिसिपेट करें या फिर ऑनलाइन जुम्बा और योगा क्लासेस करें।

5. एक पार्टनर रखें

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अपने वर्कआउट के लिए अपने किसी दोस्त या परिवार के सदस्य को अपने साथ शामिल करें। ऐसा करने से अगर आप आलस करेंगे भी तो दूसरा आपको इसके लिए मोटिवेट कर सकता है।

फोटो सौजन्य- गूगल

कुछ लोगों को हम अक्सर देखते हैं कि वह हर दिन सुबह उठकर जूस पीना पसंद करते हैं लेकिन ऐसा करना अमूमन हेल्थ के लिए सही नहीं होता। ऐसे बहुत से और विकल्प हैं जिन्हें फॉलो कर अपनी दिन की हेल्दी शुरुआत कर सकते हैं।

लोग जानकारी के कमी की वजह से सुबह खाली पेट कुछ ऐसा खा लेते हैं जिसके कारण उनकी पूरी दिनचर्या प्रभावित हो सकती है। अगर आप सुबह का पहला खाना हेल्दी रखते हैं, तो यह आपके पूरे दिन के खाद्य पदार्थों को पचाने में मदद करता है।

सुबह हेल्दी खाने से वेट लॉस, हेल्दी डाइजेशन से लेकर सेहत संबंधी कई अन्य समस्याओं को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानेंगे की सुबह खाली पेट आप किन खाद्य पदार्थों को खा सकते हैं और किन खाद्य पदार्थों को खाना आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

न्यूट्रीशनिस्ट और वेलनेस कंसलटेंट ने बताया है कि किन खाद्य पदार्थों को सुबह खाली पेट नहीं खाना चाहिए साथ ही जानेंगे सुबह किन खाद्य पदार्थों का सेवन हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है।

कभी भी खाली पेट न करें इन खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल

1. चीनी और राइस सिरप

ज्यादातर लोग इसे खाली पेट लेते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह फैट बर्न करने में मदद करता है। हालांकि Honey में चीनी की तुलना में ज्यादा कैलोरी और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी अधिक होता है। बिना किसी मिलावट के शुद्ध शहद मिलना बेहद मुश्किल है और ज्यादातर लोग शहद के नाम पर चीनी और राइस सिरप का सेवन करते हैं। यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा देता है जिसके परिणामस्वरूप पूरे दिन अधिक खाने की इच्छा होती रहती है। यदि आपके पास रॉ हनी है तब ही इसे अपनी मॉर्निंग डाइट में शामिल करें।

इसे करें ट्राई:
2. खट्टे फल

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अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में फल बहुत जल्दी पच जाते हैं। इससे हमें एक घंटे के अंदर ही भूख लग जाती है। वहीं खाली पेट खट्टे फल खाने से एसिडिटी हो सकती है। खट्टे फल में कई महत्वपूर्ण विटामिन, मिनरल्स और फाइबर मौजूद होते हैं। परंतु फिर भी इनसे खाली पेट परहेज रखने की सलाह दी जाती है। संतरा, कीवी, अनानास जैसे फलों के सेवन से इनमें मौजूद फाइबर और फ्रुक्टोज की मात्रा आपके मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देती है, जिसकी वजह से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती है।

3. चाय और कॉफी

खाली पेट चाय या कॉफी का सेवन पेट में एसिड पैदा करता है और यह आपके पेट को असंतुलित कर सकता है और पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। इसके सेवन से ब्लोटिंग, कॉन्स्टिपेशन, हार्टबर्न जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसलिए सुबह चाय और कॉफी पीने से पहले कुछ खा लेना चाहिए और कोशिश करें कि चाय और कॉफी को अवॉयड कर सकें।

4. ब्रेकफास्ट में मीठे की जगह लें नमकीन

नमकीन नाश्ता आपके रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने के लिए उपयुक्त होता है। यह उन लोगों के लिए बिल्कुल सही है जो अपनी फिटनेस पर ध्यान देते हैं। प्रोटीन और फैट बेस्ड मॉर्निंग मील पूरे दिन की भूख को कम करने में मदद करता है। ऐसे में आप ओवरईटिंग नहीं करती।

मीठा नाश्ता आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा देता है या इसे तेजी से कम कर सकता है, जिससे आपको अधिक भूख लग सकती है, विशेष रूप से कार्ब्स की क्रेविंग्स होगी और ऊर्जा शक्ति में भी गिरावट देखने को मिलती है।

5. मसालेदार भोजन

सुबह खाली पेट मसालेदार भोजन करने से आपके पेट मे जलन का अनुभव हो सकता है। साथ ही साथ यह पाचन संबंधी विभिन्न प्रकार की समस्याओं का कारण बनती है, खासकर हार्टबर्न और पेट दर्द। वहीं आप पूरे दिन असहज महसूस कर सकती हैं।

सुबह सवेरे टहलने से लेकर ये तमाम व्यायाम आपकी मेंटल हेल्थ को बनाए रखने का काम करती है। जानते हैं वो एक्सरसाइज़ जो आपको मेंटल तौर पर रखती है फिट और फाइन।

तन और मन को हेल्दी रखने के लिए खान पान के अलावा व्यायाम भी बेहद ज़रूरी है। नियमित व्यायाम हमारे माइंड को डिप्रेशन और एंग्जाइटी से दूर रखता है। डब्ल्यूएचओ (World Health Organization) की रिपोर्ट के मुताबिक विश्वभर में साल 2016 में सुसाइड के 7,93,000 मामले सामने आए। दरअसल, दिनभर काम में व्यस्त रहने की वजह से मांइड हर समय एक दबाव में रहता है। जब मस्तिस्क उस प्रेशर को झेलने में सक्षम नहीं होता है, तो लोग मेंटल तौर पर अस्वस्थ्य होने लगते हैं। ऐसे में मार्निंग वॉक से लेकर ये तमाम एक्सरसाइज़ आपकी मेंटल हेल्थ को बनाए रखने का काम करती है। जानते हैं वो एक्सरसाइज़ जो आपको मेंटल तौर पर रखती है फिट एंड फाइन।

इन एक्सरसाइज़ को रूटीन में करें शामिल और मेंटल हेल्थ को करें इंप्रूव

1. योग का अभ्यास

Yoga

योग हमारे मन को शांति का अहसास कराता है। ध्यान लगाने से हम सभी दुश्चिंताओं से मुक्त होने लगते हैं। इससे हमारे माइंड में सेरोटोनिन का लेवल बढ़ने लगता हैं। इससे मांइड रिलैक्स होने लगता है और हम खुशहाली का अनुभव करने लगते हैं। योग करने से शरीर में हल्कापन महसूस होने लगता है। मूड बूस्टर के तौर पर काम करने वाला योग हमें क्रोध और तनाव रहित रखता है। इस बारे में डिवाइन सोल योग के डायरेक्टर डॉ. अमित खन्ना के मुताबिक योग मुद्राओं की मदद से तनावग्रस्त जीवन से मुक्ति मिल जाती है और हमारा माइंड फ्रेश फील करता है। सुबह उठकर कुछ देर ध्यान करने के अलावा कुछ खास योग मुद्राएं आपको फिट एंड फाइन रखने का काम करती है। इसके लिए सुखासन, अधो मुख श्वानासन, उर्ध्व मुख श्वानासन और बालासन बेहद फायदेमंद योग हैं।

2. बॉक्सिंग से माइंड रिलैक्स रहता है

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक बॉक्सिंग हमारे शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को कम करके शरीर को तनाव मुक्त रखने में सहायक है। इसकी मदद से बॉडी एग्रेशन अपने आप कम हो जाता है। आपका माइंड रिलैक्स और हेल्दी फील करता है। दरअसल, हर बार पंचिंग बैग पर मुक्केबाज़ी करने से आपका माइंड एंडोर्फिन का प्रोडक्शन बढ़ाने लगता है। इससे न्यूरोट्रांसमीटर से पॉजिटिव थिकिंग का विकास होता है। इसके अलावा पंचिंग मांसपेशियों के तनाव को दूर करने में मदद करता है। आप जैसे जैसे पंच मारते हैं आपका ध्यान एक जगह पर केंद्रित होने लगता है। इससे आपकी एकाग्रता में बढ़ोतरी होने लगती है। बॉक्सिग को रूटीन में शामिल करने से मानसिक स्वास्थ्य के अलावा कैलोरी बर्न करने में भी मदद मिलती है। इसे रोज़ाना करने से सैगी आर्म्स और बैली फैट की समस्या हल हो जाती है।

3. पिलेट्स शरीर को ऐसे करता है बूस्ट

पिलेट्स एक ऐसी एक्सरसाइज़ जो माइंड और बॉडी दोनों को रिलैक्स और बूस्ट करती है। इसकी मदद से शरीर में फ्लैक्सिबिलिटी और मज़बूती दोनों ही बढ़ने लगते हैं। पिलेट्स एक्सरसाइज़ करने से समस्त शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव का अनुभव होता है। इससे शरीर में होने वाले दर्द से भी मुक्ति मिल जाती है। पिलेट्स का संबध शारीरिक फिटनेस के साथ मानसिक फिटनेस से भी है। इसे करने से शरीर में एंडोमॉर्फिन यानी प्रोटीन न्यूरोट्रांसमीटर बढ़ने लगते हैं। इससे हम सकारात्मक रहते है और मेंटल स्ट्रेस दूर होने लगता है।

इनहे इस्तेमाल करे:

दो प्रकार के पिलेट्स

मैट बेस्ड पिलेट्स

इस व्यायाम को ज़मीन पर लेटकर किया जाता है। इससे शरीर की मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन से मुक्ति मिलती है। इसे नियमित तौर पर करने से शरीर हेल्दी रहता है और शारीरिक शक्ति का विकास होता है।

इक्विपमेंट्स बेस्ड पिलेट्स

कुछ पिलेट्स एक्सरसाइज़ उपकरणों की मदद से की जाती है। बॉल, चेयर, एंकल वेट और स्लाइडिंग डिस्क की मदद से पिलेट्स एक्सरसाइज़ करते है। इससे बॉडी में स्टेमिना बिल्ड होता है और तनाव से शरीर मुक्त हो जाता है।

मेंटल हेल्थ इंप्रूव करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

8 से 10 घंटे की पूरी नींद लें। इससे शरीर में हैप्पी हार्मोस रिलीज़ होते हैं और माइंड रिलैक्स रहता है।

दोस्तों के साथ आउटडोर एक्टीविटीज़ के लिए जाएं।

सेल्फ हैप्पीनेस के लिए पसंदीदा एक्टीविटीज़ को करने में समय बिताएं।

खान पान का पूरा ख्याल रखें। इससे शरीरिक और मेंटल हेल्थ दोनों की हेल्दी होने लगते हैं।

बालों की सही देखरेख न होने के चलते दोमुंहे बालों की समस्या बढ़ जाती है। स्पिल्ड एंडस से छुटकारा पाने के लिए इन splecial टिप्स को ज़रूर फॉलो करें।

बालों को स्वस्थ बनाने के लिए हम कई तरीक के प्रोडक्टस का इस्तेमाल करते हैं। जो बालों को कई तरह से नुकसान पहुंचाने का भी काम करते हैं। इससे स्पिल्ट एंडस की समस्या बढ़ने लगती है और उसका प्रभाव हेयर ग्रोथ पर दिखने लगता है। बालों की शाइन खो जाती है और दोमुंहे बालों से रूखापन दिखने लगता है। डल, फ्रीजी और टूट रहे बालों को पोषण प्रदान करने के लिए हमें कुछ बातों का ख्याल रखना होगा।

जानते हैं, वो आसान दिप्स जिससे आप दोमुंहे बालों कर समस्या से बच सकती हैं।

स्प्लिट एंड्स क्या होते हैं (split ends)

स्प्लिट एंड्स बालों के टिप पर होते हैं। दरअसल, हेयर एंडस पर मौजूद क्यूटिकल की एक मज़बूत परत जब हट जाती है, तो उस वक्त टिप्स पर स्प्लिट एंड्स नज़र आने लगते हैं। टिप्स पर पहले ये दो हिस्सों में फिर तीन से चार हिस्सों में भी बंटे हुए नज़र आने लगते हैं। दो मुंहे बाल बनने से उनके टूटने की समस्या भी बढ़ने लगती है।

दोमुंहे बालों की समस्या को सुलझाने के लिए इन स्टेप्स को करें फॉलो (how to prevent split ends)

1. बालों को रेगुलर ट्रिम करें

अगर आपके बाल दोमुंहे नज़र आ रहे हैं, तो उन्हें नियमित तौर पर ट्रिम करके उनकी ग्रोथ को बढ़ाया जा सकता है। दरअसल, उन बालों को रिपेयर करना संभव नहीं होता है, जिसका प्रभाव बालों की लेंथ पर दिखने लगता है। अगर आप बालों को ज्यों का त्यों छोड़ दते है। तो बालों में रफलेस बढ़ने लगती है। रेगुलर ट्रिम होने से बाल शाइनी और हेल्दी बने रहते हैं। इससे बालों का विकास अपनी गति से होने लगता है।

2.हेयर स्टाइलिंग से बचें

रोज़ाना बालों पर हीट स्टाइलिंग टूल का प्रयोग करने से बचें। इससे स्पिल्ट एंडस बढ़ने लगते हैं और बालों की रूटस को नुकसान पहुंचने लगता है। नजीतन बाल दोमुहे होकर झड़ने लगते हैं। हीट.स्टाइलिंग टूल का सीमित मात्रा में इस्तेमाल करके और रेगुलर हेयर ट्रिमिंग से बाल पहले जैसे मुलायम और शाइनी बने रहते हैं। इसके अलावा आप हेयर सीरम भी उपयोग कर सकते हैं, जो बालों की खोई चमक और रूखेपन को दूर रखते हैं। बालों को नया लुक देने के लिए उस तरह के हेयर स्टाइल्स को अपनाएं, जिससे आपके बालों को ज्ञटाइल करने के लिए टूल्स का इस्तेमाल न हो।

इनहे ट्राई करे:
3. हेयर मास्क को करें हेयर केयर रुटीन में शामिल

इस समस्या से निपटने के लिए हेयर मास्क का इस्तेमाल ज़रूरी है। इसके लिए एक चम्मच एवोकाडो में दो चम्मच नारियल का तेल मिलाएं। अब समान मात्रा में ऑलिव ऑयल को एड करें। इससे जब एक क्रीमी पेस्ट बन जाए, तो उसे बालों की जड़ों और लैन्थ दोनों पर ही पूर्ण रूप से अप्लाई करें। 30 से 45 मिनट तक लगे रहने के बाद बालों को माइल्ड शैम्पू से धो लें। इससे बालों का रूखापन दूर होने लगेगा। सप्ताह में दो से तीन बार अप्लाई करें। एवोकाडो में मौजूद विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन और फोलिक एसिड बालों को मज़बूत बनाकर ग्रोथ में सहायक साबित होते हैं। इससे दो मुंहे बालों की समस्या कम होती है।

4. हेल्दी बालों के लिए जरूरी है हेल्दी डाइट

Hair tips

आपको डाइट में सामान्य बदलाव करने की ज़रूरत है। डाइट में बीटा कैरोटीन की मात्रा को बढ़ाएं। इसके अलावा विटामिन्स और मिनरल्स आपके शरीर के अलावा बालों की सेहत के लिए भी ज़रूरी है। स्पिल्ट एंडस की समस्या से बचने के लिए पत्तेदार साग, नट्स और अंडे को डाइट में शामिल करें। जो स्वस्थ बालों के विकास को बढ़ावा देता है और बाल टूटने से भी रोकता हैं।

5. ऑयलिंग से मिलेगा labh

बालों को दोमुहे बनने से रोकने के लिए ट्रिम करना ज़रूरी हैं। ट्रिम करने के अलावा बालों को सेहतमंद बनाए रखने के लिए जड़ों में ऑयलिंग करें। इससे बालों को पोषण मिलने लगता है। साथ ही रूखे और बेजान दिखने वाले बालों में नमी बरकरार रहती है। इससे बालों की ग्रोथ बढ़ती है। बालों में सप्ताह में दो से तीन बार तेल लगाएं। इससे बालों का टेक्सचर भी सुधरने लगता है। ऑयलिंग के लिए आप एसेंशियल ऑयल की कुछ बंदों को नारियल के तेल में मिलाकर लगाएं।

अगर आप रोज़ाना बालों पर नए प्रकार के शैम्पू और कंडीशनर को अप्लाई करेंगी, तो इसका प्रभाव बालों की ग्रोथ पर दिखने लगता है। इससे फॉलिकल्स कमज़ोर होंगे और बाल झड़ने की समस्या बनी रहेगी। ऐसे में बालों पर नेचुरल प्रोडक्टस का अप्लाई करें। ध्यान रखें कि आंवला, शिकाकाई औरीठा जैसे पदार्थ बालों को जड़ों से मज़बूत बनाते हैं। इन्हें प्रयेग करके बाल झड़ने और स्पिल्ट एंडस की समस्या दूर होगी।

Sexual intimacy helps in recovering from loneliness and depression

फोरप्ले (Fore Play) के दौरान अपने पार्टनर के नर्व एंडिंग यानी की वासनोत्तेजक क्षेत्र पर आइस क्यूब्स का स्पर्श देने से उन्हें ठंडक और आराम पहुंचेगा। साथ ही यह उत्तेजना को भी बढ़ावा दे सकता है।

गर्मी में अक्सर लोगों की सेक्स फ्रीक्वेंसी कम हो जाती है। बढ़ता तापमान लो लिबिडो का कारण हो सकता है। यदि आप इस गर्म मौसम में अपनी इंटिमेसी को एन्जॉय करना चाहती हैं तो समर सेक्स टिप्स को ध्यान में रखें साथ ही कुछ नया ट्राई कर सकती हैं। अपने सेक्सुअल एक्टिविटी में आईसी ट्रिक्स को शामिल करना एक अच्छा आईडिया रहेगा। आइस क्यूब्स की कूलिंग इफ़ेक्ट (Icy Tricks for Summer Sex) आपकी इंटिमेसी को ज्यादा मजेदार बना देंगी।

Some Natural Ways To Spice Up Your Sex Life

फोरप्ले के दौरान अपने पार्टनर के नर्व एंडिंग यानी की वासनोत्तेजक क्षेत्र पर आइस क्यूब्स का स्पर्श देने से उन्हें ठंडक और आराम पहुंचेगा। साथ ही यह उत्तेजना को भी बढ़ावा दे सकता है। दोनों पार्टनर एक दूसरे को इसका आनंद दे सकते हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसेही कुछ खास आईसी ट्रिक्स जो आपके समर सेक्स को एक्सिटिंग बना देगी। आप बेफिक्र होकर इसे अपनी इंटिमेसी का हिस्सा बना सकती हैं।

हेल्थ शॉट्स ने सेक्सुअल एक्टिविटी और फोरप्ले के दौरान आइस के इस्तेमाल को लेकर ऑरा क्लिनिक, गुड़गांव की डायरेक्टर एवं क्लाउड नाइन हॉस्पिटल, गुड़गांव की सीनियर कंसलटेंट डॉ रितु सेठी से सलाह ली। उन्होंने आइस के इस्तेमाल को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है। जिस प्रकार सेक्स के दौरान हाइजीन पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है, ठीक उसी प्रकार आइस का प्रयोग करते वक़्त भी हाइजीन का ध्यान रखना जरुरी है।

सेक्स सेशन को और भी मजेदार बना सकते हैं ये 4 आईसी ट्रिक्स (Icy Tricks)

1. आईसी किस

हम सभी Sex या फिर किसी भी प्रकार की रोमांटिक गतिविधियों की शुरुआत किस के साथ करते हैं। तो क्यों न शुरुआत को अधिक सेंसेशनल बनाया जाए। तो क्यों न इस गर्मी अपने किस को आईसी किस में बदला जाए। इसके लिए आपको हल्के पिघले हुए आइस क्यूब को अपने होठों में दबाना है और उसके बाद अपने पार्टनर को किस करना है। मुंह की गर्माहट और बर्फ की ठंडक पुरे स्पाइन को शिवर करती है और यह उत्तेजना को भी बढ़ा देती है।

2. रबिंग गेम

Fore Play शुरू करने से पहले अपने फ्रीजर से कुछ आइस क्यूब्स निकाल कर उन्हें अपने बेड के बगल में रख लें। फिर अपने पार्टनर को कहें की वे बर्फ के एक टुकड़े को लेकर धीरे-धीरे आपकी त्वचा पर रगड़ें।

होठों को बर्फ के टुकड़ों से छुएं साथ ही पेट के निचला हिस्से, निप्पल, आर्मपिट, क्लिटोरी, जांघों के बिच और अन्य वासनोत्तेजक क्षेत्रों (इरोजेनस स्पॉट) पर बर्फ के टुकड़ों का स्पर्श दें। क्लिटोरी पर पिघलते बर्फ का पानी डालने से उत्तेजित होना आसान हो जाता है इसके अलावा यह काफी रिलैक्सिंग हो सकता है।

इरोजेनस स्पॉट पर जाएं। इससे पुरुषों को भी उत्तेजित होने में मदद मिलती है।

3. पआईसी ओरल सेक्स ट्राई करें

आ Icy ओरल सेक्स भी ट्राई कर सकती हैं। पार्टनर को मुंह में एक आइस क्यूब रखने को कहें और अपने सामान्य ओरल सेक्स को अधिक एक्साइटिंग बनाएं। ऐसा करने से एक ही समय में आइस क्यूब की ठंडक और सांसों की गर्मी महसूस होगी। यह कामोत्तेजना को बढ़ावा देता है।

ओरल सेक्स के दौरान आनंद को बढ़ाने के लिए अपने पार्टनर को नाक का इस्तेमाल करने के लिए कह सकती हैं। यह योनि को ठंडक पहुॅचाता है और आपको रिलैक्स रहने में मदद करता है। ठीक इसी प्रकार महिला पार्टनर भी अपने मुंह में आइस क्यूब रखकर ब्लो जॉब दे सकती हैं जिससे की पुरुषों को भी आराम मिलता है।

4. Sex Toys को दें आईसी इफेक्ट

अगर आप सेक्स टॉय का इस्तेमाल करती हैं तो अपने Sex Toys को ठंडा कर के इस्तेमाल कर सकती हैं। खासकर गर्मी में ठंडे टॉयज का इस्तेमाल करना आपको केवल प्लेजर ही नहीं बल्कि आपके वेजाइना को पर्याप्त ठंडक भी प्रदान करता है। पार्टनर के साथ सेक्स करते हुए यदि टॉयज का इस्तेमाल करती हैं तो अपने पार्टनर से इन्हे ठंडा करने को कह सकती हैं। हालांकि, इन्हे इस्तेमाल करने से पहले अपने हाथ पर रख कर देख लें ताकि आपको आइस बर्न से न जुजरना पड़े।

अपने स्टेनलेस स्टील और रबर टॉयज को अच्छे से क्लीन कर लें और साफ़ पानी में आइस क्यूब्स डाल दें, फिर टॉयज को पानी में डालें और जब ये ठंडा हो जाएं तो इन्हे इस्तेमाल करें।

Breast Feeding

अक्सर लड़कियां अपने ब्रेस्ट साइज को लेकर फ़िकरमंद रहती हैं। फिर चाहे वे छोटे हों, बड़े या बहुत बड़े। एक्सपर्ट मानते हैं कि हर ब्रेस्ट साइज सुंदर है, बशर्ते कि वे स्वस्थ हों।

महिलाएं अपने ब्रेस्ट के आकार को लेकर अक्सर असहज महसूस करती हैं। कुछ महिलाएं इसे बढ़ाना चाहती हैं, तो कुछ घटाना। असल में ब्रेस्ट साइज का कोई पैमाना सही नहीं है। आकार से ज्यादा जरूरी है ब्रेस्ट हेल्थ पर ध्यान देना। आपके ब्रेस्ट की जो भी साइज़ है, उसके साथ सहज रहना जरूरी है। कई योगासन हैं जो ब्रेस्ट को होने वाली बीमारियों के जोखिम को दूर रखकर स्वस्थ रखती हैं। यहां ब्रेस्ट हेल्थ के लिए ऐसे ही कुछ योगासनों के बारे में जानें डॉक्टर से-

ब्रेस्ट हेल्थ के लिए फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर ध्यान देना आवश्यक

डॉ. स्मृति अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में कहती हैं, ‘ब्रेस्ट साइज़ बढ़ाने या घटाने के स्थान पर आप यह सोचें आपके अंग कितने स्वस्थ हैं? आपका ब्लड कितना साफ रहता है? अपने गट हेल्थ पर ध्यान दें। अपने मंकी माइंड (Monkey mind) पर कंट्रोल करें। मानसिक स्वास्थ्य (Mental health) पर काम कर मानसिक रूप से स्थिर बनें। अपने शरीर से प्यार करें। जिस दिन शारीरिक रूप से किसी और की तरह दिखना बंद कर देंगी, उस दिन आपका अपना शरीर और ब्रेस्ट साइज़ भी सर्वश्रेष्ठ लगने लगेगा।’

डॉक्टर के बताये योगासन, जो ब्रेस्ट हेल्थ के लिए सभी महिलाओं के लिए जरूरी हैं 

1. भुजंगासन (Bhujangasana or Cobra pose)

भुजंगासन दर्द दूर करने के लिए कंधों और गर्दन को खोलता है। पेट को टोन करता है। पूरी पीठ और कंधों को मजबूत बनाता है। ब्रेस्ट को सही आकार में लाता है। ब्लड फ्लो में सुधार लाकर थकान और तनाव कम करता है।

कैसे करें भुजंगासन (How to do Bhujangasana)

पेट के बल लेट जाएं। कंधों और हथेलियों को अपनी जगह रखते हुए सांस लें।
सिर, छाती और पेट को उठाएं।

कोहनी पर झुके हुए हाथ धीरे-धीरे गर्दन की ओर झुकाएं। ऊपर की ओर देखें।
पेट के बल लेट जाएं। कंधों और हथेलियों को अपनी जगह रखते हुए सांस लें।
सिर, छाती और पेट को उठाएं।

2. सेतुबंधासन (setubandhasana or Bridge Pose)

Yoga for women

सेतु बंधासन करते समय गर्दन, ब्रेस्ट, फ्लेक्सर मांसपेशियों और जांघों के पिछले हिस्से की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। यह इन मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है। यह हिप्स की मांसपेशियों को मजबूत करने में भी मदद कर सकता है।

कैसे करें सेतुबंधासना (how to do setu bandhasana)

पीठ के बल लेट कर दोनों घुटनों को मोड़ें।
पैरों को हिप्स की चौड़ाई पर फर्श पर सपाट रखें।
पैरों को फर्श पर दबाएं। सांस लें और हिप्स को ऊपर उठाएं।
रीढ़ को फर्श से ऊपर उठाएं।
चेस्ट को ऊपर उठाने के लिए बाहों और कंधों को नीचे दबाएं।
सांस लें और 4-8 सांसों तक रोकें।
ऊपर जाते समय सांस लें और नीचे आते समय सांस छोड़ें। सरवाइकल पेन हो तो अधिक नहीं करें।

3 उष्ट्रासन (Ustrasana or Camel Pose)

उष्ट्रासन चेस्ट, पेट और क्वाड्रिसेप्स की मांसपेशियों को मजबूत करता है। ग्लूट्स और हैमस्ट्रिंग (जांघ के पीछे) की मांसपेशियों को टोन करता है। उष्ट्रासन बैकबेंड में गर्दन को खींचते हुए सर्वाइकल स्ट्रेस को कम कर सकता है। यह कंधों, बाहों, पीठ और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने में (yoga asanas for breast health) भी मदद कर सकता है।

कैसे करें उष्ट्रासन (how to do Ustrasana)

Yoga for women

घुटनोंसीधा के बल खड़ी हो जाएं। जांघों को पूरी तरह सीधा रखें।
पीछे की दिशा में झुकें।
हिप्स को आगे की दिशा में धकेलें।

सिर और बैक बोन को बिना तनाव के जितना हो सके पीछे की ओर झुकाएं।
शरीर और पीठ की मांसपेशियों को आराम दें।
सेंटर में रहते हुए सांस लें। साइड की तरफ रहते हुए सांस छोड़ें और फिर नॉर्मल सांस लें। सरवाइकल दर्द और पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने पर एक हाथ से करें।

 

Your sleeping position reveals your personality

कुछ सामान्य हेल्थ से जुड़ी समस्याएं महिलाओं को महत्वहीन लग सकती हैं लेकिन ये गंभीर हो सकती हैं। इसलिए इनके बारे में जानना बेहद जरूरी है।

हैरियट स्टोव का प्रसिद्ध कथन है, “एक महिला का स्वास्थ्य उसकी पूंजी है।” पर अक्सर हम महिलाएं अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं। वक़्त की कमी, काम या घर से संबंधित तनाव, जागरूकता की कमी और यौन स्वास्थ्य के बारे में बात करने में झिझक, सभी ऐसे कारक हैं जो इसमें योगदान करते हैं। लेकिन सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी आपको इग्नोर नहीं करना चाहिए। खासतौर से जब वे बदलाव आपकी योनि या ब्रेस्ट में नजर आ रहे हों।

हां, महिलाओं की आम शिकायतें होती हैं, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। पर यह कुछ अधिक गंभीर होने का संकेत हो सकता है।

6 हेल्थ से जुड़ी समस्याएं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए

1. सेक्स के दौरान दर्द होना (Painful sex)

Some Natural Ways To Spice Up Your Sex Life

महिलाएं अक्सर सेक्स के दौरान दर्द के बारे में बात करने से हिचकिचाती हैं। हालांकि, दर्दनाक सेक्स एंडोमेट्रियोसिस का लक्षण भी हो सकता है। एक ऐसी स्थिति जिसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत गर्भाशय के बाहर जमा हो जाती है। यह पीआईडी ​​​​(पेल्विक सूजन की बीमारी) की वजह से भी हो सकता है, जो अक्सर वेजाइनल डिस्चार्ज के साथ रिप्रोडक्टिव ऑर्गन का संक्रमण होता है। अपर्याप्त लुब्रिकेशन और ड्राई वेजाइना के कारण भी सेक्स दर्दनाक हो सकता है।

2. अनियमित या असामान्य माहवारी (Irregular periods)

How can you take care of your wife or girlfriend during periods?

मासिक धर्म हर 21-35 दिनों में नियमित रूप से होना चाहिए। भारी प्रवाह, मध्य-चक्र रक्तस्राव या स्पॉटिंग, लंबे समय तक पीरियड साइकिल, यह थायराइड, पीसीओडी या फाइब्रॉएड जैसे हार्मोनल रोगों के कारण हो सकता है, जो गर्भाशय के सौम्य ट्यूमर हैं।

सेक्स के बाद रक्तस्राव या रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। यह ओवेरियन कैंसर का संकेत हो सकता है और इसकी जांच की जरूरत है।

3. स्तन परिवर्तन (Changes in breast)

स्तनों में गांठ फाइब्रोएडीनोमा जैसी हानिरहित स्थितियों के कारण हो सकती है। हालांकि ब्रेस्ट में गांठ होना भी ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है। जागरूकता की कमी के कारण महिलाओं में स्तन कैंसर अक्सर उन्नत चरणों में पाया जाता है। स्तनों में गांठ जो स्तन के बाकी टिश्यू से सख्त और अलग लगती हैं या निप्पल से स्राव को चैक किया जाना चाहिए। महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए नियमित चेकअप करवाना चाहिए। स्तन में किसी भी परिवर्तन का शीघ्र पता लगाने के लिए ब्रेस्ट सेल्फ टेस्टिंग के तरीकों के बारे में भी पता होना चाहिए।

4. अचानक वजन घटना और बढ़ना (Sudden weight loss or gain)

Thappad

हालांकि, अचानक वजन कम होना खुशी की बात हो सकती है, लेकिन अचानक वजन कम होना टीबी के साथ-साथ कैंसर या थायरॉयड विकारों का भी संकेत हो सकता है और इसका मूल्यांकन किया जाना चाहिए। अचानक वजन बढ़ना पीसीओडी या थायराइड की समस्या के कारण हो सकता है और अगर इसका पता चल जाए तो इसे बहुत अच्छी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है।

5. थकान (Feeling tired)

Because not everyone is big hearted.

बहुत सी महिलाएं हर समय थकान महसूस करती हैं। बार-बार थकान एनीमिया, थायराइड विकार, सूक्ष्म पोषक तत्वों और विटामिन डी की कमी के कारण हो सकती है और इसकी जांच होनी चाहिए। पूरी रात की नींद के बाद भी थकान महसूस होना भी तनाव, चिंता, डिप्रेशन या ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का कारण हो सकता है। इसलिए इसे कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

6. ब्लोटिंग (Bloating)

Frequent urination at night can be a sign of serious illness, a look at the dangers

बहुत सी महिलाएं खास कर मासिक धर्म से पहले फूला हुआ या गैसी महसूस करती हैं। यह अधिक सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। हालांकि, अगर ब्लोटिंग महसूस करना बहुत बार होता है, तो इसे चैक करवाना चाहिए। यह इरिटेबल बावल सिंड्रोम, एंडोमेट्रियोसिस या यहां तक ​​कि ओवरियन कैंसर का संकेत हो सकता है।

If you get such signs, then understand that heart problems have started

देश में हार्ट अटैक (Heart Attack) के केस में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। पिछले कुछ समय में आए दिन एक के बाद एक कई जानीमानी हस्तियों को दिल का दौरा पड़ने की खबरें आई थी जिसमें कई लोगों ने अपनी जान भी गंवा दी। दिल का मर्ज और उससे होने वाली मौत ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया। और सबसे अहम बात यह है कि हार्ट अटैक की कई घटनाओं में जान गंवाने वाले लोग यंग और पूरी तरह स्वस्थ्य थे। हार्ट अटैक रोकने के लिए सबसे आवश्यक है कि हमें पता होना चाहिए कि हमारे दिल की नसों में कोई मेजर रुकावटें आ रही हैं।

दिल की धमनियां आपके शरीर की प्रमुख रक्त वाहिकाएं हैं जो आपके दिल तक ब्लड की आपूर्ति करती हैं। अगर इनमें कुछ गड़बड़ी होती है या इनमें किसी वजह से ब्लॉकेज आ जाता है तो यह अमुमन आपको हार्ट अटैक के कई चेतावनी संकेत देती हैं।

जानें इस चेतावनी के बारे में

दिल की नसें ब्लॉक होने पर आपको सीने में भारीपन हो सकता है। थोड़ी सी मेहनत करने पर भी आप हांफने लगते हैं या आपको सीने में दर्द, घुटन, बेचैनी और अस्वस्थ महसूस होता है, तो यह हार्ट अटैक आने के लक्षण हो सकते हैं। थकान, सांस फूलना, दिल की धड़कन का अचानक तेज हो जाना भी हार्ट अटैक आने का संकेत है जो आपकी धमनियां आपको दे रही हैं।अलावा इसके दिल के रोग, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को सीने में होने वाला दर्द या दबाव हार्ट अटैक की निशानी हो सकता है।

हार्ट में गड़बड़ी के संकेत मिलने पर जरूरी अहतियात

If you get such signs, then understand that heart problems have started

अगर किसी मरीज को ये लक्षण महसूस होते हैं तो उन्हें तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट यानी दिल के डॉक्टर को दिखाना चाहिए। खासकर अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियों की फैमिली हिस्ट्री है तो आपको अपने दिल का कंप्लीट चेकअप करवाना चाहिए।

क्या है इलाज?

ऐसे मरीज जिन्हें 70 फीसदी से कम ब्लॉकेज है, उनका इलाज दवाओं से हो जाता है। लक्षणों के साथ 75 फीसदी से अधिक ब्लॉकेज वाले रोगियों का इलाज या तो एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी के जरिए किया जाता है।

दिल को कैसे रखें हेल्दी

  • तंबाकू का सेवन करें बंद।
  • शराब से करें परहेज
  • ताजा फूड खाएं और नमक, फैट और चीनी से बनें खाद्य पदार्थों से बचें। मिठाई, जंक फूड और स्ट्रीट फूड से दूर रहना जरूरी।
  • वजन नियंत्रित रखें।
  • नियमित तौर पर व्यायाम करें।
  • स्वस्थ और फिट रहने के लिए आप सप्ताह में कम से कम 5 दिन 35-45 मिनट की ब्रिस्क वॉक कर सकते हैं।
  • डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों को काबू में रखें जिसके लिए इनकी नियमित जांच करानी चाहिए।
  • तनाव से रहे दूर।
  • हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें।
Women are more sensitive to diseases than men

महिलाएं ऐसे ही सेंसटिव (Sensitive) नहीं कहलाती, उनका स्वभाव और बॉडी भी पुरुषों की तुलना में ज्यादा संवेदनशील होती है। बीमारियों के मद्देनजर भी महिलाओं की स्थिति ऐसी होती हैं। कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जिनकी चपेट में आने की आशंका महिलाओं को ही अधिक होती है। पुरुष उनसे काफी हद तक बचे रहते हैं। ऐसे में बीमारियों को लेकर पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक सचेत रहने की आवश्यकता होती है।

आज हम ऐसी ही बीमारियों के बारे में जानने की कोशिश करेंगे, जिनसे महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा खतरा रहता है। महिलाओं को भी इन परेशानियों के बारे में जानना चाहिए।

विटामिन D की कमी होना

विटामिन D इंसान की बॉडी के लिए जरूरी तत्व है। इससे कई तरह की बीमारियां पनपने का खतरा पैदा हो जाता है. महिलाएं आमतौर पर विटामिन डी का शिकार हो जाती हैं। एक स्टडी में भी सामने आया है कि महिलाओं की एक चौथाई आबादी विटामिन डी की शिकार हैं। इसकी कमी से महिलाओं का इम्यून सिस्टम बहुत तेजी से कमजोर हो जाता है। इससे शारीरिक परेशानी होने के साथ हडडी भी कमजोर होने लगती हैं।

आयरन डेफिसिएंशी की परेशानी

Women are more sensitive to diseases than men

पीरियड, डिलेवरी और सही तरह से पोषक तत्व न लेने के कारण महिलाओं में ब्लड की कमी देखने को मिलती है। डॉक्टरों का कहना है कि आमतौर पर जितनी भी महिलाएं अस्पताल में आती हैं। अधिकांश एनीमिक होती हैं। एनीमिक से आशय ब्लड की कमी होना है। इसकी प्रमुख वजह हर महीने पीरियड का होना है। अगर पीरियड नार्मल दिनों से अधिक दिनों तक रहता है तो यह परेशानी और अधिक हो सकती है।

PCOS की चपेट में भी आती हैं महिलाएं

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानि पीसीओएस एक हॉर्मोनल सिंड्रोम है। यह महिलाओं की ओवेरी पर खराब प्रभाव डालता है। हार्मोनल इंबेलेंस होने से यह समस्या और अधिक गंभीर हो जाती है। इंडियन नेशनल हेल्थ पोर्टल में पब्लिस्ड सर्वे के मुताबिक दक्षिण भारत में 9.13 प्रतिशत महिलाएं एवं महाराष्ट्र में 22.5 प्रतिशत महिलाएं पीसीओएस की समस्या से पीड़ित हैं।

मैटरनल हेल्थ प्रोब्लम

महिलाओं में प्रेग्नेंसी की समस्या आमतौर पर देखने को मिलती है। हाल में यूएन की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि गर्भावस्था या इससे जुड़ी समस्याओं के कारण से हर 02 मिनट में एक महिला की जान चली जाती है। ऐसे में महिलाओं को होने वाली इस समस्या की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए। इससे महिलाओं को महफूज किया जा सकता है।

फोटो सौजन्य- गूगल

WHO warning: Long working hours increase the risk of heart disease and heart attack

Omega 3 Fatty Acid अच्छे स्वास्थ्य के लिए: शरीर को हेल्दी रहने के लिए विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्वों का सेवन जरूरी होता है। अगर आप अपने आहार पर ध्यान नहीं दे रहे हैं तो शरीर में कई तरह की कमी हो सकती है और परेशान करने वाले लक्षण हो सकते हैं। ऐसी ही एक समस्या है ओमेगा- 3 की कमी, ब्ल्ड के धक्के जमने के साथ-साथ हार्मोन बनाने के लिए शरीर द्वारा ओमेगा-3 फैटी एसिड की जरूरत होती है। ओमेगा- 3 में पाए जाने वाले ईपीए और डीएचए आपकी स्किन के स्वास्थ्य और आंखों की रोशनी में भी मदद करते हैं।
यहां कुछ संकेत दिए गए हैं जो शरीर में ओमेगा- 3 की कमी के साइन दे सकते हैं-

नाखून टूटना और रूखी त्वचा इसके संकेत हो सकते हैं

आपकी त्वचा, बालों और नाखूनों को दुरुस्त रखने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड की आवश्यकता पड़ती है। इस स्वस्थ वसा की कमी से शुष्क त्वचा के साथ-साथ त्वचा पर चकत्ते भी हो सकते हैं। सूखे, टूटे और कमजोर नाखून भी ओमेगा-3 की कमी के लक्षण हो सकते हैं। आपके नाखून और सूजन को कम करने के लिए ओमेगा -3 फैटी एसिड जरूरी हैं। ओमेगा-3 वसा आपके बालों को पोषण देने और घने बालों को सहारा देने के लिए आवश्यक हैं। इसलिए कमी से त्वचा की कोशिकाओं और बालों के रोम के कुपोषित होने के कारण बालों का झड़ना हो सकता है। इस कमी के अन्य सामान्य लक्षणों में नींद में कमी और थकान शामिल हैं।

Heart Disease और Heart Attack का होता है खतरा

लॉन्ग-चेन ओमेगा-3 फैटी एसिड आपके दिल को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक ओमेगा-3 की कमी से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड आपके शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में भी मदद करता है, जिसके उच्च स्तर आपको हृदय रोग और स्ट्रोक के खतरे में डाल सकते हैं। शरीर में ओमेगा -3 फैटी एसिड की खपत बढ़ाने के लिए आप कुछ खाद्य पदार्थ खा सकते हैं जिनमें शामिल हैं: वनस्पति तेल, अलसी के बीज, भांग के बीज, चिया के बीज, पालक और अखरोट, समुद्री भोजन भी एक बड़ा स्रोत है जिसमें तैलीय मछली जैसे सामन, सार्डिन, हेरिंग और एंकोवी शामिल हैं।

अगर आपमें कमी है तो क्या करें?

अगर आपको लगता है कि आपको ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी हो सकती है तो डॉक्टर से सलाह लें। अपने आहार में ओमेगा-3 से भरपूर तत्वों की मात्रा बढ़ाने से कमी के लक्षण कम हो सकते हैं। अगर आप ओमेगा-3 सप्लीमेंट लेने की योजना बना रहे हैं तो अपने डॉक्टर से बात करें.