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Category Archives: Health

Blood Pressure

कचौरी, चाट और पकौड़े के साथ परोसी गई समोसे की चटपटी चटनी का स्वाद तो आपने कई बार चखा होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं आवश्यकता से अधिक इन चीजों का सेवन आपको ब्लड प्रेशर का मरीज बना सकता है। हाई ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) जिसे हाईपरटेंशन के नाम से भी जाना जाता है, एक जनरल स्थिति है जिसका कई लोग सामना करते हैं। ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन के मुताबिक हार्ट से जुड़ी दिक्कतों और मृत्यु दर को घटाने के लिए ब्लड प्रेशर को बढ़ने से रोकना बेहद जरूरी है। ऐसे में अगर आप हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कंट्रोल करके रखना चाहते हैं तो इन खाने की चीजों का सेवन करना तुरंत बंद कर दें।

ब्लड प्रेशर में आचार ना खाएं

हाई बीपी के मरीजों को अचार का अधिक सेवन करने से बचना चाहिए। अचार में नमक की मात्रा ज्यादा होने से शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है। यह ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचाने के साथ ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियां जैसे हार्ट अटैक आदि का खतरा बढ़ सकता है।

कॉफी जरूरत से ज्यादा ना लें

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कॉफी में कैफीन नाम का उत्तेजक ब्लड प्रेशर लेवल को बहुत अधिक बढ़ा सकता है। इसमें कैफीन के साथ-साथ शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है। यही वजह है कि इसे हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को लेने से मना किया जाता है।

प्रोसेस्ड मीट से बचें

प्रोसेस्ड मीट में सोडियम जरूरत से ज्यादा होता है, इस तरह के खाने के समान को नमकीन बनाया जाता है। अलावा इसके सैंडविच या बर्गर के लिए सॉस, अचार, पनीर, या ब्रेड के साथर इन मीट को टॉप करने से आपके शरीर में सोडियम का लेवल बहुत ज्यादा हो जाएगा और ब्लड प्रेशर भी तेजी से बढ़ेगा।

मीठा हो सकता है नुकसानदेह

हाई बीपी में ज्यादा मीठा खाने से भी सेहत को नुकसान हो सकता है। काफी ज्यादा चीनी का सेवन करने से मोटापा, दांतों की समस्या यहां तक की हाइपरटेंशन भी इसका परिणाम हो सकता है। ये हाई बीपी की समस्या को और बढ़ा सकता है।

पिज्जा और चिप्स को कहे ना

हाई बीपी में पिज्जा-चिप्स जैसी चीजें खाने से बचें। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का मानना है कि पिज्जा के सॉस और बाकी टॉपिंग्स में भी सोडियम एसिटेट जैसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। ये हाई बीपी की समस्या को और बढ़ा सकता है। अलावा इसके चिप्स में मसाला और नमक की मात्रा ज्यादा होती है। साथ ही इसमें ऊपर से भी सोडियम मिलाया जाता है जिससे हाई बीपी की समस्या और अधिक हो सकती है।

Blood Clot Symptoms

शरीर में खून (Blood) का थक्का बनना काफी फायदेमंद साबित होचा है। ब्लड क्लॉट यानी खून का धक्का होने पर खून तरह पदार्थ से एक जेल में बदलने लगता है जिसका स्वरूप एक थक्के जैसा होता है। इसे थ्रोम्बोसिस भी कहते हैं। चोट या कहीं कट लग जाने की स्थिति में ब्लड क्लॉटिंग जरूरी होती है क्योंकि ये शरीर से ज्यादा खून निकलने से रोकता है पर जब ये क्लॉटिंग शरीर के अंदर नसों में होने लगती है तो खतरनाक बन जाती है। नसों की ब्लड क्लॉटिंग काफी ज्यादा खतरनाक होती है।

ब्लड क्लॉट कई तरह के होते हैं। ज्यादातर पैर के निचले हिस्से में ब्लड क्लॉटिंग देखने को मिलती है पर हाथ, हृदय, पेल्विस, फेफड़े, ब्रेन, पेट और शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकती है। अलावा इसके नसों और धमनियों में भी ब्लड क्लॉट हो सकता है।

कोविड-19 के दुष्प्रभावों में से एक रक्त के थक्के जमना है, जिससे धमनियों में थक्का बनने का खतरा भी बढ़ जाता है, जिसके चलते दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. कोविड-19 के बाद के प्रभावों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग वायरस से संक्रमित हुए, उनमें करीब एक साल बाद खून के थक्के बनने का खतरा काफी ज्यादा पाया गया. इसके बाद की गई अन्य स्टडीज में भी इस बात की पुष्टि की गई कि कोरोना वायरस के कारण खून के थक्के बनने का खतरा काफी ज्यादा होता है जिसके कारण हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है.

नसों और धमनियों के जरिए शरीर में रक्त का संचार होता है। धमनियों में बनने वाले रक्त के थक्के को आर्टेरियल क्लॉट कहते हैं। आर्टेरियल क्लॉट की वजह से दर्द और लकवा हो सकता है। इसकी वजह से दिल का दौरा या स्ट्रोक भी हो सकता है। नसों में होने वाले ब्लड क्लॉट को वेनस क्लॉट कहा जाता है। इस तरह की क्लॉटिंग धीरे-धीरे बढ़ती है जो जानलेवा भी हो सकती है। मस्तिष्क में खून का थक्का बनने से खून का प्रवाह रुक जाता है जिसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

शरीर में खून का थक्का बनने पर कई तरह के लक्षण दिखने लगते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने शरीर में दिखने वाले इन लक्षणों को नजरअंदाज करने की गलती ना करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

आइए जानते हैं शरीर में दिखने वाले ब्लड क्लॉट के लक्षण-

ब्लड क्लॉटिंग के लक्षण (Blood Clot Symptoms)

Blood Clot Symptoms

स्किन का कलर बदलना

अगर कोई थक्का आपके हाथ या पैर की नसों को बंद कर देता है, तो वह नीले या लाल रंग के दिख सकते हैं। नसें डैमेज होने के कारण आपकी स्किन फीकी पड़ सकती है।

सूजन- जब कभी भी खून का थक्का आपके शरीर में ब्लड के फ्लो को रोकता या कम करता है तो यह कोशिकाओं में जमने लगता है जिससे इनमें सूजन आने लगती है। आपके हाथ या पेट में भी खून का थक्का बन सकता है. इसके ठीक होने के बाद, तीन में से एक व्यक्ति में सूजन बनी रहती है और कभी -कभी रक्त वाहिकाओं के डैमेज होने के कारण दर्द और घाव भी हो सकता है।

सीने में तेज दर्द

अगर आपको अचानक से छाती में तेज दर्द होता है तो इसका मतलब है कि आपके शरीर के अंदर बनने वाला खून का थक्का टूट चुका है. या यह इस बात का भी संकेत हो सकता है कि आपकी धामनियों में मौजूद खून के थक्के के कारण आपको हार्ट अटैक आ सकता है. ऐसा होने पर, आपको भी अपनी बाहों में दर्द महसूस हो सकता है, खासकर बाईं ओर.

सांस लेने में परेशानी

अगर आपको सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है तो यह फेफड़ों और हृदय में क्लॉटिंग का संकेत हो सकता है। इसके के कारण आपके हार्टबीट ज्यादा बढ़ सकता है और आप बेहोश भी हो सकते हैं। इसे काफी गंभीर लक्षण माना जाता है।

खांसी का लगातार आना, थक्का बनने का है संकेत

लगातार आने वाली खांसी भी शरीर में खून का थक्का बनने का एक लक्षण है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर सीने में दर्द के साथ ही आपको सूखी खांसी या कभी-कभी बलगम या खून आने की समस्या का सामना करना पड़ता है तो जरूरी है कि आप जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं।

Science and Ayurveda also believe that drinking water in a copper vessel is beneficial

आयुर्वेद में ऐसी मान्यता है कि तांबे (Copper) के बर्तन का पानी तीन दोषों कफ, वात और पित्त को संतुलित रखकर आपके पेट और गले से जुड़ी बीमारियों को बहुत हद तक ठीक करने में मदद करता है। आपको डेली सुबह खाली पेट तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना चाहिए। आइये, जानते हैं इसके फायदे-

डाइजेशन सिस्टम को करता है मजबूत

तांबा पेट, लिवर और किडनी सभी को डिटॉक्स करता है। इसमें ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो पेट को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टिरिया को मार देते हैं, जिस कारण से पेट में कभी भी अल्सर और इंफेक्शन नहीं होता।

अर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द से देता है राहत

तांबे में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज दर्द से राहत दिलाती है, इसलिए अर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों को आवश्य पीना चाहिए। इसके साथ ही तांबा हड्डियों और रोग प्रतिरोधक झमता को भी मजबूत करता है।

स्किन के लिए उपयोगी

Science and Ayurveda also believe that drinking water in a copper vessel is beneficial

तांबे में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स चेहरे की फाइन लाइन्स और झाइयों को खत्म करता है। साथ ही फाइन लाइन्स को बढ़ाने वाले सबसे बड़े कारण यानी फ्री रेडिकल्स से बचाकर स्किन पर एक सुरक्षा लेयर बनाता है, जिस वजह से आप लंबे समय तक जवां रहते हैं।

वजन कम करने में असरदार

अगर आपको कम समय में वजन कम करना है तो तांबे के बर्तन का पानी पिएं। इससे आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर कर बेकार फैट्स को शरीर से बाहर निकालता है।

दिमाग को तेज करता है

मस्तिष्क को उत्तेजित कर उसे सक्रिय बनाए रखने में तांबे का पानी बहुत सहायक होता है। इसके इस्तेमाल से स्मरणशक्ति मजबूत होती है और दिमाग तेज होता है।

इसका उपयोग ऐसे करें

आयुर्वेद ही नहीं, विज्ञान ने भी तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना फायदेमंद बताया है। इस पानी का पूरी तरह से लाभ तभी मिलता है, जब तांबे के बरतन में कम से कम 08 घंटे तक पानी रखा जाए। इसलिए लोग रात को तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखते हैं, जिससे सुबह उठकर सबसे पहले इस पानी का इस्तेमाल कर सकें।

Feeding

मां बनना एक खास अहसास है, लेकिन ज्यादातर लोग मानते हैं कि यह हमारे मुताबिक आसान वक्त हो सकता है क्योंकि बच्चा बहुत छोटा है। इसके साथ होने वाली भ्रम और टेंशन बहुत मुश्किल भरा हो सकता है। स्तनपान (Breast Feeding) जैसा आसान कार्य, जो बिल्कुल सिंपल लगता है, उसे सही तरह से ना करना पेचीदा हो सकता है। यहां पर कुछ जरूरी सुझाव दिए गए हैं जो यह बताने के लिए काफी है कि आप और आपका शिशु स्तनपान की इस दुनिया को सहजता से अपना सकें।

-जितना जल्दी हो सके अपने शिशु को स्तानपान कराना ना भूले, अगर आप और आपका शिशु ठीक-ठाक है तो जन्म के फौरन बाद इसे करना अच्छा माना जाता है।

-सही स्थिति में स्तनपान कराने के लिए हेल्प लें। अगर आपको दर्द हो रहा है तो शायद यह स्थिति आगे कोई समस्या हो सकती है। शुरुआती कोमलता का अनुभव करना सामान्य है लेकिन अगर आप महसूस कर रही पीड़ा असहनीय हो जाती है, तो यह सामान्य नहीं है। कोई नर्स अगर आपके घर पर आती है तो वह स्थनपान की स्थिति निर्धारण में सुधार करने में आपकी सहायता कर सकती है, जिससे यह असहनीय नहीं होगा।

-अपने शिशु को अपने शरीर के करीब रखें। जब आपका शिशु आपसे लिपटा हो, तब त्वचा से संपर्क, आपके शिशु के लिए सुखदायक हो सकता है और भूख लगने पर उनके द्वारा किए जाने वाले संकेतों को आपको प्रतिक्रिया देने में मदद होगी।

-नवजात के शुरुआती दिनों में बार-बार दूध पीना सामान्य प्रक्रिया हैं क्योंकि भूख शिशुओं की एक सक्रिय आदत है।

-फिलहाल एक दिनचर्या बनाने की कोशिश ना करें, बस अपने शिशु की जरूरत और प्रतिक्रियाओं के साथ चलें। शुरुआती दिनों मे यह बार-बार हो सकता हैं।

-हर बार दोनों स्तनों से शिशु को दूध पिलाएं, भले ही आपका शिशु सिर्फ एक से ही पीता हो।

-स्तनपान ऐसी प्रक्रिया है जिसे आपको और शिशु को एकसाथ सीखना है और इसे सामान्य और प्राकृतिक महसूस करने में थोड़ा वक्त लग सकता है। शुरुआती दिनों और हफ्ते में जो होता है वह अच्छे में बदलता है और वक्त बीतने पर आप इसे सबसे आरामदायक चीज़ की तरह महसूस करेंगी|

-जब आप शिशु को स्तनपान करा रहीं हैं तो बेहतर होगा कि उसे किसी भी तरह के बोतल से दूध पिलाने की आदत ना डालें। बोतल और चूसक का उपयोग आपके शिशु के स्तनपान के ‘गुण’ पर प्रभाव डाल सकता है।

-अगर आप लंबे समय तक पीड़ा-मुक्त स्तनपान के बाद पीड़ा महसूस कर रही हैं, तो यह आपके निप्पल पर फंगल संक्रमण के कारण हो सकता हैं। अपने डॉक्टर से संपर्क करें। अगर यह स्थिति होने पर आपको और आपके शिशु को चिकित्सा की आवश्यकता पड़ेगी ।

Breast Feeding

-सही यह होगा कि स्तनपान के दौरान आप समय ना देखें। स्तनपान पर आपका शिशु कितने समय तक है और यह प्राप्त किये जाने वाले दूध की मात्रा को नहीं दर्शाता है। कई शिशु कुछ मिनट में जितना उन्हें चाहिए उतना पी लेते हैं जबकि अन्य कुछ ज्यादा वक्त लेते हैं। बस अपने शिशु की जरूरतों पर ध्यान रखें।

-ज्यादातर शिशु स्तनपान के वक्त स्वाभाविक रूप से विश्राम लेते हैं जो कि समय में भिन्न होते हैं। लेकिन लंबे स्तनपान (जैसे, नियमित रूप से एक घंटे से अधिक) जो आपके शिशु को खुश रखने में विफल होते हैं और उन्हें बैचैन कर देते है, एक संकेत है कि शायद कुछ सही नहीं हैं। एक बार फिर स्थिति निर्धारण की जांच करें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपका शिशु संतोषजनक मात्रा में दूध पी रहा है।

अपने स्तन पैड को नियमित रूप से बदलें क्योंकि गंदे स्तन पैड बैक्टीरिया विकसित कर सकते हैं।

स्तनपान रोकने के लिए धीरे से शिशु के जरिए बनाई गई सक्शन सील को समाप्त कर अपने शिशु को निप्पल से हटा लें। यह करने के लिए अपनी उंगली को अपने शिशु के मुंह के कोने तक धीरे से सरकाएं और आहिस्ते से उन्हें दूर खींच लें।

अपने निप्पल पर थोड़ा दूध निचोड़े और इससे मसाज करें। अगर संभव हो तो अपने नीपल को थोड़ी देर खुली हवा में सूखने दें। यह स्वास्थ्य और सफाई रखने में मदद करेगा।

 

walnuts

Benefits of Walnut: अखरोट तो सभी खाते हैं लेकिन अखरोट के बेहिसाब फायदे शायद ही कोई जानता होगा। आप को तो मालूम है कि यह काफी सेहतमंद होता है पर क्या आप जानते हैं कि अखरोट को रात भर भिगोना और फिर अगली सुबह उसका सेवन करना और भी अधिक फायदेमंद होता है। अखरोट एक ब्रेन बूस्टिंग नट है। दिमाग के आकार के ये नट्स विटामिन, फाइबर, आयरन, कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं जो इन्हें सुपर-हेल्दी नट्स बनाते हैं। सुबह के समय इनका सेवन करने से यह सुनिश्चित हो जाता है कि आपको आवश्यक पोषक तत्व मिल रहे हैं और आप अपने दिन की शुरुआत हेल्दी तरीके से कर रहे हैं।

बालों का पतलापन करता है दूर

अपनी डेली डाइट में अखरोट का एक और लाभ यह है कि वे बालों के लिए बेहतरीन है। वे बालों की ग्रोथ में सहायता करते हैं और स्कैल्प को पोषण देने और बालों के रोम को मजबूत करने के साथ-साथ बालों का पतला होना भी कम करते हैं।

मेटाबॉलिज्म के लिए हैं बेस्ट

अखरोट आयरन, पोटैशियम, जिंक और कैल्शियम से भरपूर होता है जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है और वजन कम करने में भी मदद करता है। फाइबर की मात्रा शरीर को भरा रखती है जिससे आपको बार-बार स्नैकिंग से बचने में मदद मिल सकती है। यह भूख के दर्द को भी रोकता है।

हेल्दी त्वचा का राज

खरोट हेल्दी स्किन के लिए एक सुपरफूड है क्योंकि वे एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन ई से भरपूर होते हैं, जो दोनों हेल्दी, मुलायम और चमकती त्वचा के लिए जाने जाते हैं।

हड्डियों के लिए हैं फायदेमंद

अखरोट कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं इस वजह से ये हमारे शरीर में हड्डियों को मजबूत करते हैं और हड्डियों के निर्माण में सहायता करते हैं। नियमित रूप से इनका सेवन करने से आपकी हड्डियों की समग्र संरचना में भी सुधार होता है।

भिगोए हुए Walnut खाने के 07 गजब फायदे, डे बाई डे दिखेंगे जवां, हड्डियों, बालों और Memory Power के लिए भी लाजवाब
Soaked Walnut Benefits: दिमाग के आकार के ये नट्स विटामिन, फाइबर, आयरन से भरे हैं।

Frequent urination at night can be a sign of serious illness, a look at the dangers

अगर आपको सामान्य से ज्यादा यूरिन (Urine) की शिकायत है तो इसकी जांच फौरन डॉक्टर से कराना चाहिए क्योंकि ये किसी गंभीर बीमारी के संकेत हो सकते हैं। अक्सर लोगों का कहना होता है कि उन्हें रात में कई बार यूरिन के लिए उठना पड़ा है जिसकी वजह से उनकी उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है। बता दें कि इस समस्या को मेडिकल में नोक्टूरिया कहते हैं। आइये जानते हैं इस बीमारी के बारे में-

सामान्यत: रात में एक से दो बार यूरिन लगता है। पर इससे अधिक किसी आंतरिक समस्या का संकेत हो सकता है। जरा पहले इसके सामान्य कारणों पर डालते हैं एक नजर।

Frequent urination at night can be a sign of serious illness, a look at the dangers

रात में बार-बार यूरिन के लिए उठना कैफीन, एल्कोहल, स्मोकिंग, स्ट्रेस हो सकता है। ये सारे तत्व यूरिन को ट्रिगर करते हैं। ज्यादा अल्कोहल और चाय व कॉफी यूरिन को उत्पन्न करते हैं।

अब जानते हैं नोक्टूरिया क्या है- यह बीमारी बढ़ती उम्र में होने वाले हार्मोनल बदलावों की वजह से भी होता है। इससे कई बार यूरिन इंफेक्शन होने का भी खतरा बढ़ जाता है। इसमें यूरिन करते वक्त जलन महसूस होती है औरे पेट में भी दर्द रहता है।

टाइप-2 डायबिटीज भी इस बीमारी की वजह हो सकता है। अलावा इसके यह बीमारी किडनी इन्फेक्शन ब्लैडर प्रोलैप्स के कारण भी हो सकती है।

7 common life mistakes that can ruin your sex life

हर रिश्ते में सुनहरा टाइम हमेशा नहीं रहता लेकिन समय के साथ यह तनाव और कुछ समस्याओं को जन्म देता है, लाइफ के परिणामस्वरूप होने वाली शारीरिक और इमोशनल अंतरंगता को नकारा नहीं जा सकता है। कपल्स के लिए स्वास्थ्य यौन जीवन (Sex Life) को बनाए रखना और भी अहम हो जाता है। अगर आपको लगता है कि आप अपने रिलेशन में समस्याओं से गुजर रहे हैं तो यह जानने के लिए नीचे पढ़ें कि क्या सही नहीं हो रहा है।

खुशहाल रिश्ते क्यों नहीं बना पा रहे हैं आप

आपस में बात कम होना

बात करना आपको पार्टनर के साथ खुलने का एक माध्यम होता है। यह आपको एक ही वक्त असुरक्षित और सुरक्षित महसूस कराएगा। अगर आपको पता नहीं है कि आपके साथी के साथ क्या हो रहा है तो संभावना है कि आप बेडरूम के भीतर और बाहर उनसे डिस्कनेक्ट हो जाएंगे। आप सिर्फ शारीरिक सुख की तलाश में ऑटोमेटन नहीं हैं, व्यक्तिगत स्तर पर अपने साथी से जुड़ें।

टेक्नोलॉजी

हम आपके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बारे में बात कर रहे हैं। हमारा दिमाग किसी भी तकनीकी संकेत पर प्रतिक्रिया करने का आदी हो गया है, चाहे वह कोई नया नोटिफिकेशन हो या कोई अहम कॉल। अपने प्यार के ऊंचाइयों पर उपकरणों को लाने से आपकी एकाग्रता चंचल हो जाएगी और आप केंद्रित नहीं रह पाएंगे।

तनाव को ना बढ़ने दें

हम सभी को मालूम हैं कि सेक्स एक अद्भुत स्ट्रेस बस्टर है पर अगर दूसरे तरीके से लिया जाए, तो तनाव आपके यौन जीवन को नुकसान पहुंचा सकता है और आपकी सेक्स करने की इच्छा को खत्म कर सकता है। लाखों पुरुषों के लिए स्तंभन दोष एक तनाव प्रतिक्रिया से ज्यादा कुछ नहीं है जो एक क्लासिक मन-शरीर की घटना को ट्रिगर करता है। यहां तक कि महिलाओं के लिए भी तनाव एक नकारात्मक संकेतक बन जाता है और उन्हें यौन सुख प्राप्त करने से रोकता है।

विश्वास की कमी

हफ्तों पहले हुई अनसुलझी लड़ाई आपके यौन संबंधों के लिए हानिकारक हो सकती है। यौन एक अंतरंग कार्य है जो आपके साथी में आपके विश्वास की मांग करता है. अगर आप स्वयं समस्या का समाधान नहीं कर सकते हैं तो आपको किसी तीसरे व्यक्ति से सहायता की जरूरत हो सकती है, लेकिन अनसुलझे मुद्दों को अपने भीतर न जाने दें, वे आपके यौन जीवन का दम घोंट देंगे.

फिटनेस है जरूरी

नियमित एरोबिक व्यायाम ब्लड फ्लो को बनाए रखते हैं और धमनियों को नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन करते हैं, जो यौन उत्तेजना की कुंजी है। जो पुरुष और महिलाएं व्यायाम नहीं करते हैं, उनमें उत्तेजना संबंधी समस्याओं का अनुभव होने की संभावना अधिक होती है। साथ ही, फिट रहने से सकारात्मक आत्म-सम्मान पैदा होता है, जो आपकी सेक्स ड्राइव को भी बढ़ा सकता है।

विश्वास की कमी

7 common life mistakes that can ruin your sex life

हफ्तों पहले हुई अनसुलझी लड़ाई आपके यौन संबंधों के लिए घातक हो सकती है। यौन एक अंतरंग कार्य है जो आपके साथी में आपके विश्वास की मांग करता है. अगर आप स्वयं समस्या का समाधान नहीं कर सकते हैं तो आपको किसी तीसरे व्यक्ति से सहायता की जरूरत हो सकती है पर अनसुलझे मुद्दों को अपने भीतर न जाने दें, वे आपके यौन जीवन का दम घोंट देंगे।

ज्यादा सामान्य होना बंद करना होगा

हर किसी का एक अलग पक्ष होता है। आपको बस इतना धैर्य रखना होगा कि आपका साथी इसे प्रकट कर सके. अगर आप हमेशा बेसिक रूटीन से चिपके रहते हैं तो यह उबाऊ हो जाएगा. कभी-कभी आपको अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना पड़ता है. कुछ नए विकल्पों को आजमाने में संकोच न करें. एडवेंचर फैक्टर को चालू रखें और यौन जीवन को और दिलचस्प बनाने के नए तरीके खोजें.

अत्यधिक मेडिसीन ना लें

कई दवाएं आपकी सेक्स ड्राइव पर सीधा हानिकारक प्रभाव डालती हैं। नए शोध से पता चला है कि जो पुरुष ड्रग्स लेते हैं, उनका यौन जीवन अच्छा नहीं रहता है, भले ही उन्होंने उन्हें लेना बंद कर दिया हो।

Male Inferlity

मेल इनफर्टिलिटी उपचार: एक अध्ययन के मुताबिक कुल कपल्स में 40 फीसदी को संतान प्राप्ति नहीं हो सकती है, जिसकी वजह से Boys बांझपन की शिकायत बढ़ जाती है। मेल इनफर्टिलिटी की समस्या होने पर इंट्रासाइटोप्लास्मिक तकनीक में शुक्राणु का इंजेक्शन देना एक प्रभावकारी इलाज है। ICSI का अगला प्रभावी उपाय आईएमएसआई है।

इस माइक्रोस्कोप मशीन से चेक होती है Sperm Quality

ये तकनीक प्रेग्नेंसी रेट दिलाने में बहुत कारगर साबित हुई है। माइक्रोस्कोप मशीन की मदद से अच्छे और कमजोर Sperms की पहचान की जा सकती है। यह माइक्रोस्कोप मशीन स्पर्म यानी शुक्राणु को उसके मूल आकार से बड़ा दिखाता है।

IVF से भी प्रभावी है इंट्रासाइटोप्लास्मिक तकनीक

Male Inferlity

इसी तकनीक को इंट्रासाइटोप्लास्मिक कहते है, जो स्पर्म के इंजेक्शन के जरिए दी जाती है। इसका नतीजा आईवीएफ तकनीक से भी अधिक अच्छा पाया जाता है। जो दम्पति कुदरती तरीके से संतान नहीं पा सकते हैं वे IVF तकनीक को अपनाना चाहते हैं। इसमें भी प्रभावकारी स्पर्म को सिलेक्ट करना सबसे अहम हिस्सा है। कई बार ऐसा भी होता है कि पति के शुक्राणू प्रभावकारी नहीं होते है और स्पर्म का काउंट रेट कम होता है। इन हालातों में स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स मेडिकल मायक्रोस्कोप के जरिए यह पता करते है कि कौन से स्पर्म बेहतर हैं, जिससे प्रेग्रनेंसी हासिक की जा सके।

IVF तकनीक का खर्च लगभग 80,000 से 1,00000 तक आता है, इतना खर्च होने के बाद दम्पति हाल में प्रेग्नेंसी पाने में कोई कोई रिक्स उठाना नहीं चाहते हैं, उन कपल्स के लिए इंट्रैसायटोप्लास्मिक मॉफेलोजी तकनीक काफी उपयुक्त हो सकती है।

ICSIआय क्या है?

ICSI तकनीक में एक बीज को एक जीवित शुक्राणू के साथ मायक्रोमैनिप्यूलेटर मशीन से मिलाया जाता है। इस मिलन या फलित क्रिया को माता के शरीर के बाहर करवाया जाता हैं यानी बच्चे के जन्म की आरंभिक प्रक्रिया मां के शरीर के बाहर करवाई जाती है। फिर दो दिनों के बाद भ्रूण को मां के गर्भाशय छोड़ा जाता है और प्रेग्नेंसी को कन्फर्म करने के एक ब्लड टेस्ट 14 दिनों के बाद किया जाता है।

बता दें कि इस पूरी क्रिया से पहले कपल्स में फीमेल को हार्मोनल इंजेक्शन 10-12 दिन पहले दिए जाते है, ताकि वो 10-12 बीज तैयार कर सके। फिर इन बीजों को निकाला जाता है, जिसे ओव्हम-पिक कहते है, यह तकलीफ देह नहीं होता है। इसके बाद पति से शुक्राणु निकाले जाते है, इस पद्धति को टेस्टाक्यूलर बायोप्सी कहते है। ज्यादा से ज्यादा इसमें 15-20 मिनट लगते है, और पेशंट को अनेस्थेशिया दिया जाता है। ICSI इनट्रैसायटोप्लास्मिक मेफोलॉजी में स्पर्म इंजेक्शन दिए जाते हैं, वैसे यह आईसीएसआई तकनीक का अगला पड़ाव है। बस फर्क इतना है कि ICSI स्पर्म का चुनाव काफी सावधानीपूर्वक करते हैं। जबकि पारंपारिक ICSI तकनीक से यह काफी प्रभावकारी है, जिन पुरुषों का स्पर्म काउंट कम है या एब्नॉर्मल है उन्हें ICSI से फायदा हासिल हो सकता है।

Women who do not wear BRA, be careful, be alert to avoid harm

ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जिन्हें ब्रा (BRA) पहनना घुटन का एहसास कराता है। ब्रा पहनने में महिलाओं का कहना है कि उन्हें काफी कसा हुआ लगता है। ब्रा को लेकर अलग-अलग हेल्थ एक्सपर्ट की अपनी अलग ही सोच होती है। वहीं, दूसरी तरफ कुछ का मानना है कि ब्रा पहनने से सेहत को कोई घाटा नहीं होता, जबकि कुछ का मानना है कि महिलाओं के लिए ब्रा पहनना काफी जरूरी होता है। ब्रा पहनना या ना पहनना वैसे तो हर महिला की अपनी पर्सनल च्वॉइस होती है पर आइये जानते हैं कि इस संबंध में हेल्थ एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?

कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां ब्रेस्ट को लेकर

Bra के फायदों के बारे में जानने से पहले आपको अपने ब्रेस्ट के बारे में जानना काफी जरूरी होता है। ब्रेस्ट ग्लेंड्यूलर टिशू (ग्रंथि ऊतक) और फैट से बने होते हैं। न्यू जर्सी में प्लास्टिक सर्जरी में बोर्ड-सर्टिफाइड प्लास्टिक सर्जन, एमडी, एलेक्सिस पार्सल्स ने बताया कि ब्रेस्ट को फर्म रखने के लिए एक लिगामेंट होता है, जिसे कूपर लिगामेंट कहते हैं। ब्रेस्ट का शेप ग्लेंड्यूलर टिशू और फैट पर निर्भर करता है।

ब्रा पहनना या बिना ब्रा के रहना हर महिला की अपनी पर्सनल च्वॉइस है। अगर आप Bra नहीं पहनती हैं तो आपको इस बात से डरने की कोई जरूरत नहीं है कि इससे आप अपने ब्रेस्ट को नुकसान पहुंचा रही हैं या ब्रा ना पहनने से कुछ बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है लेकिन कुछ स्पेसिफिक टाइमिंग पर जब आप ब्रा नहीं पहनती तो इससे आपके ब्रेस्ट डैमेज हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं ब्रा पहनने के कुछ फायदे-नुकसान-

गर्दन में हो सकता है Pain

Women who do not wear BRA, be careful, be alert to avoid harm

बोर्ड-सर्टिफाइड प्लास्टिक सर्जन और न्यूयॉर्क सिटी में ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन स्पेशलिस्ट एम चेन के मुताबिक अगर आपका ब्रेस्ट साइज ज्यादा है तो ब्रा ना पहनने से आपको गर्दन में दर्द का सामना करना पड़ सकता है। ‘द जर्नल ऑफ ऑर्थोपेडिक्स’ में पब्लिश एक स्टडी में ब्रेस्ट का लार्ज कप साइज और कंधे या गर्दन में दर्द के बीच एक लिंक पाया गया। स्टडी में पाया गया कि ब्रेस्ट का साइज ज्यादा होने पर ट्रेपेज़ियस मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है जिससे गर्दन के पीछे से कंधों तक दर्द का एहसास होता है। ऐसे में जरूरी है कि ब्रेस्ट को सपोर्ट देने के लिए और गर्दन के दर्द से बचने के लिए आप एक सही साइज की ब्रा पहनें।

आपका पॉश्चर हो सकता है ठीक

बहुत सी महिलाओं को ब्रा पहनना बिल्कुल भी पसंद नहीं होता क्योंकि उन्हें ब्रा पहनने पर काफी असहजता महसूस होती है। इसकी एक ही वजह, सही साइज और फेब्रिक की ब्रा ना पहनना हो सकता है। गलत ब्रा पहनने से आपके ब्रेस्ट में दर्द हो सकता है। ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जो गलत साइज की ब्रा पहनती हैं।

डॉ. पार्सल्स के मुताबिक गलत साइज की ब्रा पहनने से आपको असहज महसूस होने के साथ ही ब्रेस्ट में दर्द, हवा पास ना होना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है साथ ही इससे आपके पॉश्चर पर भी काफी बुरा असर पड़ता है और ब्रेस्ट मसल्स में भी काफी दिक्कत होती है। डॉ. पार्सल्स ने कहा कि जब आप एक अच्छी फिटेड ब्रा पहनती हैं तो इससे आपको काफी हल्का महसूस होता है और पता भी नहीं चलता कि आपने कुछ पहना है।

ब्रेस्ट झुकने की संभावना रहती है ज्यादा

एक अच्छी ब्रा आपके ब्रेस्ट को सपोर्ट करती है और उन्हें झुकने या लटकने से बचाती है। एनल्स ऑफ प्लास्टिक सर्जरी में हुई एक स्टडी में सुझाव दिया गया है कि उम्र, हाई बीएमआई, प्रेग्नेंसी और स्मोकिंग के कारण भी ब्रेस्ट झुकने या लटकने लगते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर- अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक, इंटरनेट पर कई तरह की अफवाहों के चलते माना जाता है कि ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर बढ़ता है। क्योंकि इससे लिंफ फ्लो में बाधा आती है। वैसे यह बिल्कुल भी सही नहीं है। वर्ष 2015 में हुई एक स्टडी के मुताबिक ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा नहीं होता।

एक्सरसाइज के दौरान नहीं होना चाहिए Braless

आप अगर एक्सरसाइज करती हैं या रनिंग के लिए जाती हैं तो जरूरी है कि ब्रा जरूर पहनें। एक्सरसाइज और रनिंग करते समय ब्रा आपके ब्रेस्ट को प्रोटेक्ट करती है। वर्कआउट करते समय ब्रेस्ट के लिगामेंट्स खिंच जाते हैं और लंबे समय तक बिना ब्रा के एक्सरसाइज करने से ब्रेस्ट का शेप भी खराब हो जाता है। बिना ब्रा के इंटेंस वर्कआउट करते समय ब्रेस्‍ट के चारों ओर लिंगामेंट में स्‍ट्रेच आ जाते हैं जिससे ब्रेस्ट लटकने लगते हैं।

Make plant based protein a part of your diet, you can include these things
शरीर को हेल्दी और फिट रखने के लिए कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर आहार की रोजाना जरूरत होती है, इसमें भी प्रोटीन वाली चीजों का सेवन करना और भी जरूरी हो जाता है। प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण और विकास के साथ शरीर को बेहतर तरीके से कार्य करने में अंगों की मदद करते हैं