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Category Archives: Lifestyle

Shahid-Meera repeat the real scene filmed on Shahrukh and Kajol

क्या आपको सुपरहिट फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे का वो आखिरी सीन तो जरूर याद है, जिसमें काजोल ट्रेन के पीछे भागती है और शाहरुख खान हाथ बढ़ाकर उन्हें पकड़ लेते हैं। इस पूरी फिल्म में यह सीन मेन है और इतना आइकॉनिक है कि सभी इस सीन की नकल करने के ख्वाहिशमंद होते हैं। इस सीन को एक बार फिर रीक्रिएट किया है अभिनेता शाहिद कपूर और उनकी पत्नी (Shahid-Meera Rajpoot) मीरा राजपूत ने।

शाहिद और मीरा कुछ समय पहले यूरोप टूर पर गए थे, जहां से उन्होंने अपनी कई शानदार फोटोज फैन्स के साथ साझा की थीं। मीना ने इसी ट्रिप की एक थ्रोबैक तस्वीर अपने इंस्टाग्राम पेज पर शेयर की है। इस फोटो में मीरा और शाहिद ने DDLJ के आइकॉनिक ट्रेन वाले सीन को रीक्रिएट किया है। यह फोटो किसी को भी शाहरुख खान और काजोल पर फिल्माए गए रियल सीन की याद दिला सकती है। इसके साथ ही मीरा ने ट्रेन के भीतर खींची गई अपनी एक तस्वीर भी शेयर की है।

स्विट्जरलैंड की खींची गई है तस्वीरें

Shahid-Meera repeat the real scene filmed on Shahrukh and Kajol

ये फोटोज स्विट्जरलैंड की है और इसमें शाहिद कपूर कैमरे को पोज देते मुस्कुराते दिख रहे हैं। इस तस्वीर में उन्होंने सनग्लासेज लगा रखे हैं और व्हाइट कलर के कपड़े पहने हुए हैं। तस्वीर में शाहिद ट्रेन पर खड़े हैं और उन्होंने मीरा का हाथ पकड़ रखा है। इस फोटो में पीछे ऐल्प्स पर्वत की झलक भी दिखाई दे रही है। तस्वीर को शेयर करते हुए मीरा ने लिखा कि चिल करने की एक्टिंग, थोड़ा चीज़ी भी।

इस रोमांटिक जोड़ी पर फैन्स ने लुटाया अपना प्यार

शाहिद और मीरा की ये तस्वीर उनके फैंस को खूब भा रही है। कई लोगों ने कहा कि इस तस्वीर ने उन्हें DDLJ के शाहरुख और काजोल की याद दिला दी। वहीं, एक फैन ने करीना कपूर और शाहिद कपूर स्टारर ‘जब वी मेट’ का जिक्र करते हुए कमेंट में लिखा, ‘दूसरी तस्वीर मुझे आदित्य और गीत की याद दिलाती है।’ वहीं किसी और ने लिखा कि DDLJ-2 का प्रोमो।’

स्विट्जरलैंड के यादगार पल

Meera Rajpoot

मीरा और शाहिद कुछ दिन पहले अपने बच्चों मीशा और ज़ैन के साथ स्विटज़रलैंड में छुट्टियां मना रहे थे। इसके बाद उन्हें लंदन में स्पॉट किया गया था। स्विट्जरलैंड में वक्त बिताने के दौरान उन्होंने बहुत सी खूबसूरत जगहों की सैर की, झीलें देखीं, ट्रेकिंग की और लोकल जगहों को भी एक्सप्लोर किया। उसी दौरान मीरा ने अपनी एक इंस्टाग्राम स्टोरी में स्विट्ज़रलैंड के एक होटल में वेजिटेरियन फूड नहीं मिलने की शिकायत भी की थी। हालांकि बाद में होटल मैनेजमेंट ने ये मामला सुलझा लिया था।

Anniversary पर एक-दूसरे को ऐसे किया विश

07 जुलाई को शाहिद और मीरा की शादी की 7वीं सालगिरह थी। इस अवसर पर शाहिद और मीरा दोनों ने इंस्टाग्राम पर एक-दूसरे को बधाई दी। मीरा के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए शाहिद ने लिखा कि 07 डाउन बेबी। हैप्पी एनिवर्सरी, तुमने ये मुश्किल 07 साल बिता लिए। तुम एक सर्वाइवर हो, एक लेजेंड हो।’

दूसरी तरफ, मीरा ने भी शाहिद के साथ वेकेशन की एक तस्वीर शेयर की, जिसमें वो दोनों धूप में आराम कर रहे हैं। इसके कैप्शन में मीरा ने लिखा कि मेरी ज़िंदगी का प्यार, हैप्पी 07 बेबी। मैं तुमसे बेहद प्यार करती हूं।

शाहिन ने पूरी की थ्रिलर फिल्म की शूटिंग

बात करें शाहिद की फिल्मों की, तो हाल ही में उन्होंने अली अब्बास जफर के साथ एक एक्शन थ्रिलर फिल्म की शूटिंग पूरी की है। इसके अलावा राज और डीके की ‘फर्जी’ से शाहिद ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी डेब्यू करने वाले हैं। खबरें ये भी हैं कि शाहिद कपूर पहली बार दिनेश विजान के मैडॉक प्रोडक्शन के साथ एक फिल्म में काम करने वाले हैं। कहा जा रहा है कि ये फिल्म मैडॉक प्रोडक्शन की अब तक की सबसे बड़ी लव स्टोरी होगी।

Friendship with books will never let you feel alone.

पापा अक्सर कहा करते थे कि जिंदगी में अगर दोस्त (Friendship ) बनाना है तो आपका सबसे अच्छा दोस्त किताबें ही कहलाएंगी, जो जिंदगी के किसी भी मोड़ पर आपका साथ नहीं छोड़ेंगी। जब कभी आप जिंदगी के किसी मुश्किल दोराहे पर खड़े होंगे, उस समय में भी यह आपको सही रास्ता दिखाने में मदद करेंगी। किताबों से दोस्ती के बाद आप खुद को कभी अकेला नहीं पाएंगे।

तब तो यह सिर्फ पापा की दी हुई सीख समझकर सुन ली जाती थी, लेकिन बचपन में कभी उनकी इस सीख पर अमल नहीं किया, लेकिन अब जब भी खुद को अकेला महसूस करती हूं, तो किताबों के और करीब चली जाती हूं। और आप यकीन मानो पापा की दी हुई सीख बिल्कुल सटीक थी । उसी की बदौलत आज आपको ऐसी 05 किताबों के बारे में बताती हूं, जो मेरे अनुसार हर महिला को जरूर पढ़नी चाहिए बेशक चाहे वह कामकाजी हो या घरेलू। तो चलिए जानते हैं:

1. हजारों दमकते ख्वाब:

यह दो साधारण सी अफगानी महिलाओं की कहानी है। इसमें इनकी जिंदगी के दर्द और हजारों तकलीफ आपको भावनात्मक रूप से इन से जुड़ने को मजबूर कर देंगी। यह कहानी आपको जिंदगी की असल अहमियत जानने में मदद करेंगी। इस कहानी को पढ़ने के बाद आप समझ पाएंगे, कि आपको भगवान का शुक्रगुजार होना चाहिए कि आप और लोगों से बेहतर स्थिति में हैं।

2. कोई अच्छा सा लड़का:

यह एक ऐसी प्रेम कहानी है जो विभाजन के समय की स्थिति को दर्शाती है। जो स्त्रियां प्रेम जैसी पवित्र भावना में विश्वास करती हैं उनके लिए यह किताब एक उपहार से कम नहीं है।

3. मुझे चांद चाहिए:

यह किताब सुरेंद्र वर्मा ने लिखी है, इस किताब की नायिका वर्षा एक बहुत महत्वकांक्षी लड़की है। जो अपने जीवन में बहुत कुछ करना चाहती है, वह अभिनेत्री बनना चाहती हैं। ये कहानी उसके सपनों और जीवन की हकीकतो के बीच के द्वंद को दर्शाती है। ये कहानी आपको जरूर पढ़नी चाहिए।

4. द्रौपदी की महाभारत:

इस किताब में महाभारत को द्रौपदी की नजरों से दिखाया गया है। द्रौपदी हमारे पुराणों के अनुसार सबसे धैर्यवान महिलाओं में से एक थी। इस किताब के माध्यम से लेखक बताना चाहता है कि औरतों को कभी हार नहीं माननी चाहिए ।

5. मामूली चीजों का देवता:

यह किताब दो बहनों की जिंदगी के सफर को दर्शाती है, इसमें बताया गया है कि कैसे समाज के दायरों के बीच फंसकर बहुत बार हम वह हासिल नहीं कर पाते जो हम डीजर्व करते हैं। इस किताब को लिखने में पूरे 04 साल लगे।

If you have everything in life and if you do not have a mother, then everything seems deserted.

‘मां’ हां ये वही है जिसको सुनते ही एक 60 साल का बुजुर्ग व्यक्ति भी अपने आप को छोटा बच्चा महसूस करने लगता है। दरअसल ये शब्द ही इतना ज्यादा प्यारा है सब को कि कभी हमें कुछ हो जाए तो भी सब से पहले मां ही निकलता है मुंह से..और हम परेशान हो, दर्द में हो तब भी मां ही सबसे पहले याद आती हैं।

“वो किसी ने कहा है ना कि भगवान हर जगह नहीं हो सकते थे इसलिए उन्होंने मां को बनाया”
बिल्कुल सही कहा है, जिंदगी में सब कुछ हो और मां ना हो तो सब अधूरा सा हो जाता है। मां है तो दुनिया की सारी खुशियां हमारी हो जाती है।
आज भी हमारे बीच कुछ लोग है जो अपने मां-बाप को इज्जत नहीं देते..उन्हें वो मान सम्मान नहीं देते जिनके वो हकदार है। बहुत ज्यादा गुस्सा, बुरा व्यवहार और अत्याचार करते है वो अपने मां बाप पर… उनको लगता है कि उन्होंने उनके लिए कुछ नहीं किया और अगर किया भी है तो वो उनकी ड्यूटी थी।। सच कहा जाए तो वैसे लोग कितने बेवकूफ़ है वो.. जिस चीज को वो ड्यूटी समझते है वो उनकी ममता होती है और रही बात ड्यूटी की तो …फिर कुछ ड्यूटी बच्चों की भी तो होती है… तो क्या वो उन्हें पूरा कर रहे हैं, अगर इसका जवाब मिल जाए तो खुद सोचना कि उन्होंने अपने मां-बाप के लिए क्या किया है?

मैं सिर्फ़ इतना ही कहना चाहती हूं ऐसे लोगों से कि जिनके साथ तुम रह रहे हो ना, जिन्होंने तुम्हे चलना सिखाया, कंधे पर बैठा कर दुनिया दिखाया, वो सिर्फ़ मां बाप नहीं हैं.. वो भगवान का रूप है। तुम खुशनसीब हो जो यही उनके दर्शन हो गए। इसलिए उन्हें वो सब दो जिसके वो हकदार है। आज का ये लेख उन लोगों के लिए ख़ास तौर पर लिखा गया है जिनको अपने मां-बाप की कोई अहमियत समझ नहीं आती। हर पल उन्हें सिर्फ यही लगता है कि उनके मां-बाप उनके लिए जो कुछ भी कर रहे है वो कोई अहसान नहीं है बल्कि ये तो उनकी ड्यूटी है जो हर मां-बाप करते है। बहुत नासमझ हैं वो लोग जिनको कभी समझ ही नहीं आता कि मां-बाप भगवान का दिया हुआ वो तोहफ़ा होते है, जो सब के नसीब में नहीं होते। इसलिए इनके लिए हम जितना करें उतना कम है।

गर अभी भी कुछ लोगों को समझ नहीं आया तो मैं कुछ पंक्तियों के जरिए एक कोशिश और करना चाहूंगी-

एक छोटा सा घर है हमारा, मगर उसे बनाने में खूब पसीने बहाए हैं,
चूल्हे की आंच पर रोटियां पकाते हुए, कई बार मां ने अपने हाथ भी जलाए हैं,
ज़िम्मेदारी के बोझ ने कुछ ऐसे दिन भी दिखाए हैं,
कि सालों तक त्यौहार मां ने एक ही साड़ी में मनाए हैं।।

दो समय की रोटी के लिए, मां ने कई दिन सिर्फ पानी पीकर बिताए हैं,
बच्चे भूखे ना सो जाए इसलिए भारी भारी बोझ भी उठाए हैं,
जी हां, ज़िम्मेदारी के बोझ ने कुछ ऐसे दिन भी दिखाए हैं,
की सालों तक त्यौहार मां ने एक ही साड़ी में मनाए है।।

बहुत मुश्किल था वो दौर, उस दौर में शायद ही दो पैसों की बचत हो पाए लेकिन फिर भी जैसे तैसे करके मां ने वो बचाए है,
मेरे बच्चों का भविष्य बहुत सुनहरा हो, रातों को जाग कर मां ने ये सपने सजाए है,
जी हां, ज़िम्मेदारी के बोझ ने कुछ ऐसे दिन भी दिखाए है,
की सालों तक त्यौहार मां ने एक ही साड़ी में मनाए है।।

एक बार यूंही देखे मैंने उनके हाथ, उनके हाथों में बहुत सारी दरारें हैं,
हमारी परवरिश के लिए, उन्होंने अपने सुंदर हाथ भी बिगड़े है,
हमारे सारे सपने पूरे हों, इसलिए उसने अपने सारे सपने दांव पर लगाए हैं,
अपनी पसंद, अपने शौक सब छोड़ दिया, कहती हैं कि मुझे मेरे बच्चे उन सब से प्यारे हैं,
ज़िम्मेदारी के बोझ ने कुछ ऐसे दिन भी दिखाए हैं,
कि सालों तक त्यौहार मां ने एक ही साड़ी में मनाए है।।

जिंदगी की इस तपती राह पर हमारे लिए, उसने अपने पांव जलाए है,
पीठे की वो मिठाई जो उन्हे बहुत पसंद है, उसके लिए बचाए पैसे भी हमारे आने वाले कल के लिए बचाए है
जी हां, ज़िम्मेदारी के बोझ ने कुछ ऐसे दिन भी दिखाए है,
कि सालों तक त्यौहार मां ने एक ही साड़ी में मनाए है।।

जब जब मैंने खुद को मुश्किलों से घेरा है, तब तब मैंने अपनी मां को मेरे साथ खड़ा हुआ पाया है,
भगवान को देखा नहीं कभी मैंने लेकिन, वो मेरी मां ही है जिसने उनके होने का अहसास कराया है,
बहुत किया है उन्होंने मेरे लिए लेकिन अब मुझे उनके लिए कुछ करके दिखाना है,
जो कुछ भी छोड़ा उन्होंने मेरे लिए वो उन्हें वापिस भी तो दिलाना है…
इन्हीं जिम्मदारियों के कारण ऐसा होता आया है,
कि सालों तक हर त्यौहार मां ने एक ही साड़ी में मनाया है।।

There is a lot of crowd here but we cannot call anyone our own.

हाल ही में एक खबर सुनी, जिसमें बताया गया कि एक शिक्षक का तबादला होने के बाद उसके शिष्य फूट-फूट कर रोए। क्या हुआ ? सुनने में अजीब लगा ना ?

लगना स्वाभाविक भी है क्योंकि आजकल इतनी भावुकता दिखाता कौन है? वह भी किसी अन्य के लिए। आज के समाज में लोग अपने अपनो के लिए समर्पित नहीं है, जितना ये शिष्य अपने शिक्षक के लिए हो रहे हैं । सच ही तो है, आजकल जिंदगी फेसबुक सी हो गई है, जिसमें भीड़ तो बहुत है, लेकिन हम किसी को अपना नहीं कह सकते। इस फेसबुक, इंस्टा और व्हाट्सएप ने हमें हमारे अपने अपनों से इतना दूर कर दिया है। आलम यह है कि एक साथ बैठे हुए भी हम एक दूसरे से ना बात कर पा रहे हैं, ना उसे महसूस कर पा रहे हैं।

अंदर की भावनाएं तो जैसे मर सी गई है। ना किसी को अपनी कहनी है, ना किसी की सुननी है ।

कभी-कभी हम अपने से इस हद तक दूर हो जाते हैं कि बहुत परेशानी में हम अपने दिल का गुबार तक नहीं निकाल पाते। ऐसे में शुरू होता है डिप्रेशन का दौर।

इस डिप्रेशन में फिर हम अपनी दिखावटी दुनिया(सोशल मीडिया) से भी दूर होने लगते हैं।
डिप्रेशन एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति को सामान्य रूप से अपनी दिनचर्या जारी रखने में अक्षम कर देती है।

इसके लक्षण इस प्रकार है:

1. दिन भर उदासी महसूस करते रहना।

2. थकावट और कमजोरी महसूस करना।

3. डिप्रेशन होने पर इंसान हर समय अपने आप को गुनहगार सा महसूस करने लगता है।

4. वह अपने फैसले खुद नहीं ले पाता।

5. नींद पूरी या अच्छी तरह से नहीं ले पाता।

6. उस को हमेशा आत्महत्या का विचार आने आता है।

7. बेचैनी महसूस करते हैं ।

8. दिनचर्या की हर गतिविधि में नीरसता होती है।

वैसे तो यह एक मानसिक स्थिति है, लेकिन यह व्यक्ति को शारीरिक तौर पर प्रभावित करती हैं।
डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में लगभग 30 करोड लोग डिप्रेशन से ग्रस्त हैं । भारत में इसकी संख्या 5 करोड़ से ज्यादा है । इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितनी व्यापक बीमारी का रूप ले चुकी है। लेकिन दिनचर्या में बदलाव, आदतों में बदलाव के साथ हम इस पर काबू पा सकते हैं। चलिए जानते हैं इसके बचाव के उपाय:

1. इससे बचाव का सबसे पहला तरीका यही है कि इंसान 08 घंटे की नींद पूरी लें। इसे उसका दिमाग तरोताजा रहेगा।

2. मन में कभी भी नकारात्मक विचार ना आने दे। हमेशा अपने आप को मोटिवेट करते रहें।

3. 10 मिनट रोजाना सूरज की रोशनी में रहें। इससे आपका डिप्रेशन जल्दी हटेगा।

4. सुबह-शाम बाहर टहलने जाए।

5. योग और ध्यान भी आपको इसमें मदद कर सकता है।

6. अपनी हॉबीज को समय दें। जो आपको पसंद हो वो करे।।

7. अपने आप को हमेशा व्यस्त रखें।

8. इससे छुटकारा पाने के लिए आप संगीत भी सुन सकते हैं।

9. हमेशा प्रकृति के साथ समय बिताएं।

10. परिवार के साथ बाहर घूमने जाएं।

11. नियमित अंतराल पर बाहर खाना खाने का प्लान बनाएं।

12. सबसे अहम, कभी भी किसी भी एंटी डिप्रेशन पिल की आदत ना डालें।

Those who desire fame and respect should offer this to Shivling along with Gangajal.

“हर हर महादेव” जी हां, अब आप हर दिन किसी न किसी से यह जादुई शब्द सुनेंगे । हर तरफ सिर्फ भक्ति की धुन और श्रद्धा की खुशबू फैल जाएगी। यह सब मुमकिन है क्योंकि सावन मास जो शुरू हो चुका है । दोस्तों गुरु पूर्णिमा के साथ आषाढ़ महीने का अंत हो जाता है तथा इसके अगले दिन से सावन मास की शुरुआत होती है ।

यह हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण व पवित्र महीना माना जाता है। इस बार सावन महीने की शुरूआत 14 जुलाई से हो रही है और इसका समापन 12 अगस्त को होगा।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सावन में भोलेनाथ की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है । सावन में सोमवार के व्रत उपवास करने का भी एक अलग महत्व है। सावन के पूरे महीने शिवभक्त शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं, मंदिरों में खासी भीड़ होती है।

सावन के महीने में कुछ श्रद्धालु कावड़ लेने भी जाते हैं। नंगे पैर हर हर भोले नाथ के नारों के साथ ही पूरा वातावरण पवित्र हो जाता है। कुछ लोग अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए संकल्प के साथ सोलह सोमवार का व्रत भी करते हैं जिसकी शुरुआत सावन के महीने के पहले सोमवार से की जाती है । वैसे तो भोलेनाथ बहुत भोले हैं । भक्तों द्वारा सिर्फ गंगा जल अर्पण करने भर से ही वो प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों को उनकी मन वांछित वस्तु देते हैं। लेकिन कुछ आसान उपायों के साथ आप भोलेनाथ से अपनी मनोकामना जल्द पूरी करा सकते हैं चलिए आज ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में जानते हैं:

1. अगर आपको कहा जाए कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने भर से ही महादेव आप के कष्टों को दूर कर देंगे तो आप यह जरूर करना चाहेंगे।
तो चलिए आज हम बताते हैं कि जल के साथ ऐसी कौन सी वस्तु आप शिवलिंग पर अर्पण करें जिससे आपकी मनोकामना जल्दी पूरी हो:
अगर आप आरोग्य होने की इच्छा से शिवलिंग की आराधना करते हैं तो आप शिवलिंग पर दूध अर्पण करें ।

2. जीवन में सुकून और शांति के लिए आपको शिवलिंग पर जल चढ़ाने के साथ ही दही अर्पण करना चाहिए। इससे आपको सुकून और शांति की प्राप्ति होगी।

3. अगर आप समाज में लोकप्रिय होना चाहते हैं, फेमस होना चाहते हैं, फेम पाना चाहते हैं तो शिवलिंग पर गंगा जल के साथ शहद अर्पण करें ।

4. जो व्यक्ति सुख समृद्धि की इच्छा रखते हैं, उन्हें शिवलिंग पर जल के साथ शक्कर चढ़ाने की सलाह दी जाती हैं। शक्कर चढ़ाकर वह सुख समृद्धि की प्राप्ति अवश्य ही कर पाएंगे ।

5. यश और मान सम्मान की इच्छा रखने वाले मनुष्य को गंगाजल के साथ चंदन शिवलिंग पर अर्पण करना चाहिए। जिससे उनको यश और मान-सम्मान की प्राप्ति होगी।

6. अक्सर देखा जाता है कि आजकल पति पत्नी के झगड़े बहुत बढ़ गए हैं, आपसी दूरियों के कारण वह आपस में मिलजुल कर नहीं रह पाते हैं, तो अपने दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाने की इच्छा रखने वाले लोगों को शिवलिंग की आराधना करते वक्त शिवलिंग पर गंगाजल के साथ केसर अर्पण करना चाहिए। इससे उनका जीवन सुखमय हो जाएगा और प्रेम भी बढ़ेगा।

7 संतान की इच्छा रखने वाले दांपत्य को सलाह दी जाती है कि वह शिवलिंग पर गंगाजल के साथ गेहूं भी अर्पण करें। इससे उनको संतान की प्राप्ति होगी ।

8. काले तिल चढ़ाने से पापों का नाश और रोगों का नाश होगा। जी हां, जो लोग अपने पापों का नाश और रोगों का नाश करने की इच्छा रखते हैं उन्हें शिवलिंग पर गंगाजल के साथ काले तिलों को अर्पण करना चाहिए।

फोटो सौजन्य- गूगल

Janhvi Kapoor was seen in a fun-filled style with Varun, shared the photo on Instagram

मुंबई: बॉलीवुड स्टार किड जान्हवी कपूर (Jahnvi Kapoor) इस वक्त बिजी अभिनेत्रियों में से एक हैं। बता दें कि इस वक्त उनके पास कई बड़े प्रोजेक्ट्स हैं। जान्हवी जल्द ही अपनी नई फिल्म ‘गुड लक जैरी’ मे नजर आने वाली हैं। हाल ही में फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया जिसे लोगों ने काफी पसंद किया है। इस फिल्म में जान्हवी बिहारी अंदाज में लोगों की हंसाती दिखाई देने वाली है। इस फिल्म के अलावा जान्हवी इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म ‘बवाल’ को लेकर काफी चर्चा में हैं।

अभिनेता वरुण धवन के साथ जान्हवी इन दिनों विदेश में इसी फिल्म की शूटिंग कर रही हैं। इसी शूटिंग के दौरान वह बीच-बीच में एक्टर के साथ अपनी फोटोज और वीडियो भी फैंस के साथ साझा करती हैं। उन्होंने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम हैंडल से कुछ फोटोज साझा ही है, जो फैन्स को काफी पसंद आ रही है।

मस्ती के मूड में दिखे वरुण और जान्हवी

 

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जान्हवी-वरुण की यह फोटोज यूरोप की है। इन फोटोज में दोनों की मस्ती साफ झलक रही है। एक्ट्रेस की ओर से साझा की गईं दो फोटो मे वरुण और जान्हवी अलग-अलग पोज में नजर आ रहे हैं। पहली तस्वीर में दोनों बेहद अच्छे तरीके से पोज दे रहे हैं। जबकि, दूसरी तस्वीर में जान्हवी वरुण के साथ कोई प्रैंक करने के मूड में नजर आ रही हैं। इन तस्वीरों को जान्हवी ने कैप्शन भी दिया है। उन्होंने लिखा, ‘इंस्टाग्राम बनाम वास्तविकता।’

फिल्म इस तारीख को होगी रिलीज

Janhvi Kapoor was seen in a fun-filled style with Varun, shared the photo on Instagram

उल्लेखनीय है कि जान्हवी की अपकमिंग फिल्म ‘बवाल’ रिलीज से पहले ही लोगों के बीच शानदार बज बना चुकी हैं। मालूम हो कि इस फिल्म का निर्देशन नितेश तिवारी कर रहे हैं। इससे पहले नितेश ‘दंगल’ और ‘छिछोरे’ जैसी फिल्म कर चुके हैं। उनके निर्देशन में बनी दोनों फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट हुई थी।

Lalit Modi is dating Sushmita Sen, had a breakup with model Rohman 6 months ago

मुंबई: Sushmita Sen इन दिनों आईपीएल फाउंडर और बिजनेसमैन ललित मोदी को डेट कर रही हैं। इस बात को खुद बिजनेसमैन ने चंद तस्वीरों के साथ अनाउंस किया हैं। मीडिया में ये भी खबरें आईं कि दोनों ने विदेश में शादी कर ली हैं पर ललित ने ट्विटर पर सफाई देते हुए कहा कि दोनों फिलहाल सिर्फ डेट कर रहे हैं, पर शादी भी कर सकते हैं।

बता दें कि सुष्मिता का महज 06 महीने पहले ही मॉडल रोहमन शॉल से ब्रेकअप हुआ हैं, ऐसे में उनके अचानक दूसरे रिश्ते में आने से फैंस भी हैरानी में पड़ गए हैं। ललित मोदी से पहले सुष्मिता का नाम रणदीप हुड्डा, विक्रम भट्ट जैसे करीब 11 लोगों से जुड़ चुका हैं। इससे पहले भी सुष्मिता अपनी लव लाइफ समेत जिंदगी से जुड़े अहम फैसलों से लोगों को हैरान कर चुकी हैं। आइए जानते हैं उनके कुछ ऐसे ही राजों से भरे फैसलों के बारे में जो बताते हैं कि सुष्मिता अपनी अलग जिंदगी में मगन रहना पसंद करती हैं-

साल 1996 में डायरेक्टर से था एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर

मिस यूनिवर्स बनने के बाद सुष्मिता सेन ने साल 1996 की फिल्म दस्तक से फिल्मों में कदम रखा था। इस फिल्म का निर्देशन विक्रम भट्ट ने किया था। शूटिंग के दौरान ही दोनों की नजदीकियां बढ़ गई थीं। सुष्मिता से नाम जुड़ने के दौरान विक्रम पहले से ही शादीशुदा थे। विक्रम के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की खबरें खूब सुर्खियों में थीं। पहली ही फिल्म के डायरेक्टर से अफेयर रखने पर सुष्मिता ने भी खूब सुर्खियां बटोरी थीं, हालांकि दोनों का रिश्ता चंद महीनों में ही खत्म हो गया। ब्रेकअप के बाद विक्रम ने भी अपनी पत्नी को धोखा देने पर अफसोस जताया था।

करियर के शुरुआत में ही बेटी को गोद लेकर लोगों को किया था हैरान

सुष्मिता सेन ने साल 2002 में एक मासूम बच्ची को गोद लिया था। बेटी को गोद लेते समय सुष्मिता महज 24 साल की थीं। उस समय सुष्मिता के पास कई हिट फिल्में थीं पर बेटी को गोद लेने के बाद उन्होंने फिल्मों में काम करना लगभग बंद कर दिया था। इसके कुछ सालों बाद सुष्मिता ने दोबारा एक बेटी अलीशा को एडॉप्ट किया।

16 साल छोटे रोहमन के साथ था रिलेशनशिप

सुष्मिता सेन ललित मोदी से पहले मॉडल रोहमन शॉल के साथ रिलेशनशिप में थीं। सुष्मिता, रोहमन से 16 साल बड़ी थीं, इसके बावजूद भी लोगों को इनकी केमिस्ट्री पसंद थी। ठीक 6 महीने पहले ही सुष्मिता ने एक पोस्ट के जरिए रोहमन से ब्रेकअप करने की अनाउंसमेंट की थी लेकिन ब्रेकअप के बाद आज भी दोनों अच्छे दोस्त हैं। रोहमन से पहले सुष्मिता सेन का नाम कई हस्तियों के साथ जुड़ चुके हैं, जिसमें विक्रम भट्‌ट, बंटी सजदेह, वसीम अकरम, संजय नारंग और रणदीप हुड्‌डा जैसे कई लोगों के नाम शामिल हैं।

In the affair of children, you get away from your husband, you can wake up like this beautiful love before

अक्सर महिलाएं मां बनने के बाद अपना सारा जीवन बच्चों को समर्पित कर देती हैं। आप ने ऐसा माहौल कई घरों में देखा होगा जहां मांओं ने अपने बच्चों के खातिर अपना सब कुछ भूला देती हैं। हालांकि, वो ये भूल जाती हैं कि इस सबका बुरा असर उनके मैरिज रिलेशन पर पड़ता है। सिर्फ बच्चे ही हमारी प्रायोरिटी नहीं हैं बल्कि पैरेंट बनने के बाद शादी के रिश्ते को संभालकर रखना भी आवश्यक होता है वरना एक परिवार का अधिकार बिगड़ने लगता है।

बेबी के आने से माता-पिता दोनों की जिंदगी में खुशियां आ जाती हैं। उसके साथ खेलना, हर चीज मन को खुशी देती है। मांओं ने अपने बच्‍चे को अपनी आंखों का तारा बनाकर रखती हैं और इस चक्‍कर में अक्‍सर पति खुद को इग्‍नोर महसूस करने लगते हैं। आप भले ही मां बन गई हैं लेकिन पति के लिए आपकी जिम्‍मेदारियां और प्‍यार खत्‍म नहीं हुआ है। आपको अपने इस रिश्‍ते पर भी ध्‍यान देना चाहिए।

बच्चों के कारण शादी पर होता है असर

बच्‍चे पर ही सारा ध्‍यान देने वाली औरतों के पति अक्‍सर खुद को इग्‍नोर महसूस करने लगते हैं। उन्‍हें मालूम है कि मां और बच्‍चे का रिश्‍ता बहुत मजबूत होता है और उन्‍हें लग सकता है कि वो इस रिश्‍ते का हिस्‍सा नहीं बन सकता है।

जहां, औरतों का सारा ध्‍यान सिर्फ अपने बच्‍चे पर रहता है, वहां पर कपल्‍स के बीच गलतफहमियां, अकेलापन और झगड़े होने लगते हैं। लग रहा है कि आप और आपके पति दोनों इस रास्‍ते पर हैं, तो आपको समय रहते अपनी शादी को बेबी प्रूफ कर लेना चाहिए।

जानें किस तरह आप पैरेंट बनने के बाद भी अपनी शादीशुदा जिंदगी में प्‍यार बरकरार रख सकते हैं-

अपनी शादी में रोमांस को बनाए रखना जरूरी है। आप दोनों के बीच इमोशनल के साथ-साथ फिजिकल कनेक्‍शन भी होना चाहिए। इससे दोनों के बीच प्‍यार को बनाए रखने में मदद मिलती है।

पैरेंट्स बनने के बाद अक्‍सर कपल्‍स एक-दूसरे को बच्‍चे की मम्‍मी या पापा कह कर बुलाते हैं। इसकी जगह आप अपने पार्टनर का नाम लें और उन्‍हें याद दिलाएं कि बच्‍चे से पहले वो आपकी जिंदगी में आए थे। बच्‍चे के होमवर्क का बहाना बनाकर पति के साथ डिनर ना करने की गलती कभी ना करें। अपने पति को भी थोड़ा वक्त दें। बच्‍चे के कामों के मद्देनजर एक-दूसरे के साथ समय बिताने से चूकना आपके रिश्‍ते पर भारी पड़ सकता है।

हमें लगता है कि हम उनसे प्‍यार तो करते ही हैं फिर जताने की क्‍या जरूरत है, वो खुद ही समझ जाएंगे। प्‍यार का एहसास तभी होता है, जब उसे जाहिर किया जाए और आप भी अपने प‍ति या पत्‍नी के प्रति प्‍यार का इजहार करते रहें।

Know what is mentioned in the Puranas about sexual relations and rape?

भले ही आज विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली हो , लेकिन आज भी कुछ सवालों के जवाब हम पुराणों, प्राचीन ग्रंथों में ही ढूंढ सकते हैं।
हमारे पुराणों में जीवन, मृत्यु और कर्मों के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है। विज्ञान की वजह से दुनिया कितनी भी आगे चली गई हो , लेकिन पुराणों में निहित ज्ञान का कोई दूसरा स्रोत नहीं है। उन्हीं पुराणों में से एक है गरुड़ पुराण। जीवन में अनेक मुसीबतें झेलनी पड़े तो इसके लिए इसमें सही कर्मों का उल्लेख किया गया है।
इसमें संभोग गलत तरीके से या किसी गलत इरादे से करने के बाद क्या परिणाम होता है इसका भी उल्लेख किया गया है। इन्हीं कर्मों के आधार पर अगले जन्म के बारे में भी बताया गया है।

तो आइए जानते हैं कि पुराणों के अनुसार यौन संबंधों के बारे में क्या उल्लेख है:

1. दोस्तों गरुड़ पुराण में बलात्कारी का क्या अंजाम होता है इसका विस्तार से उल्लेख है। जी हां ,बलात्कार करने वाला ना सिर्फ सामाजिक और आर्थिक कष्ट झेलता है, बल्कि मृत्यु के बाद भी वह मुक्ति के लिए तरसता रहता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एक बलात्कारी ना सिर्फ अपनी बल्कि किसी और की भी जिंदगी को बर्बाद कर देता है। जिसकी वजह से मृत्यु के बाद उसकी आत्मा को मुक्ति नहीं मिल पाती और वह मोक्ष प्राप्ति के लिए तरसती रहती है।

2. दोस्तों बच्चों का यौन शोषण करना किसी भी दृष्टि से हम सही नहीं मानते। संसार में बहुत सारे लोग आज भी ऐसे हैं जो बच्चों का यौन शोषण करने से पहले एक बार भी नहीं सोचते लेकिन गरुड़ पुराण में इसका विस्तार से उल्लेख है । जो भी पुरुष या स्त्री बच्चों का यौन शोषण करते हैं वह मृत्यु के बाद बहुत ही ज्यादा प्रताड़ना झेलते हैं। अगले जन्म के बारे में गरुड़ पुराण में उल्लेख है कि जो लोग बच्चों का यौन शोषण करते हैं वह अगले जन्म में अजगर के रूप में जन्म लेते हैं।

3. दोस्तों आजकल लव मैरिज यानी कि प्रेम विवाह एक परंपरा सी बन गया है। ऐसे में लड़का-लड़की बिना कुछ सोचे समझे एक दूसरे के प्रेम में पड़कर बहुत सारी गलतियां कर देते हैं। कई बार देखा गया है कि लड़का अपने ही गोत्र की लड़की के साथ विवाह कर लेता है, लेकिन दोस्तों गरुड़ पुराण के अनुसार यह बहुत बड़ा गलत काम होता है। इस तरीके के कर्म करने के बाद इंसान को मुक्ति नहीं मिल पाती। जी हां, जो अपने ही गोत्र की लड़की के साथ विवाह करता है उसको अगले जन्म में लकड़बग्घे के रूप में जन्म लेना पड़ता है।

4. आजकल पति पत्नी के बीच दरार पड़ने का सबसे मुख्य कारण है कि पति या पत्नी में से किसी के भी संबंध किसी तीसरे के साथ होना। जी हां, अगर कोई औरत पराए मर्द के साथ संभोग करती है या उससे शारीरिक संबंध बनाती है तो गरुड़ पुराण के अनुसार यह उसका सही कर्म नहीं है उसके इन्हीं कर्मों की वजह से उसको अगले जन्म में दो मुख वाली सर्पणी का जन्म मिलता है।

5. दोस्तों गरुड़ पुराण में उल्लेख है कि जो पुरुष या स्त्री अपने गुरु की पत्नी या पति के साथ यौन संबंध जैसा कर्म करते हैं उन्हें कभी भी मुक्ति नहीं मिलती अर्थात मृत्यु के बाद वह काफी समय तक भटकता रहता है या रहती है और इन्हीं कर्मों की वजह से उनको अगला जन्म गिरगिट के रूप में प्राप्त होता है।

6 दोस्तों जो पुरुष अपनी कामवासना पर लगाम नहीं लगा पाता अर्थात वह किसी स्त्री या किसी महिला के प्रति जल्दी आकर्षित होता है तथा रोज उसके साथ संभोग वाला कर्म करता है अपने इन्हीं कर्मों के कारण वह अगले जन्म में घोड़े के रूप में जन्म लेता है।

7. गरुड़ पुराण में उल्लेख किया गया है कि यदि कोई पुरुष अपने दोस्त को धोखा देकर उसकी पत्नी के साथ यौन संबंध स्थापित करता है तो वह मृत्यु के पश्चात अगले जन्म में गधे के रूप में जन्म लेता है।

Know why this year's Guru Purnima is so special?

आज गुरु पूर्णिमा है। यह हिन्दुओं के मुख्य त्योहारों में से एक है।

क्या आप जानते हैं कि क्यों हिंदुओं के लिए गुरु पूर्णिमा इतनी खास है ?
क्यों हिंदुओं के लिए इसका इतना महत्व है?

आपको बताते हैं कि यह दिन इतना खास क्यों है

दरअसल, आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन महाभारत के रचयिता वेद व्यास जी का जन्म हुआ था उन्हीं की जन्मतिथि के उपलक्ष में गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। इस दिन गुरु और शिक्षकों का सम्मान भी किया जाता है। जैसा कि प्राचीन समय से ही हम लोग देखते और सुनते आए हैं कि किसी भी बालक के जीवन में सही राह दिखाने वाला गुरु ही होता है। इसी कारण हिंदू धर्म में गुरु को भगवान का स्थान दिया गया है। इस शुभ दिन पर समस्त गुरुजनों के प्रति आभार और धन्यवाद का भाव व्यक्त किया जाता है।

अब हम जान लेते हैं गुरु का अर्थ क्या है

गु का अर्थ है अंधकार और रू का अर्थ है उसका निरोधक यानी गुरु या शिक्षक को सर्वोत्तम स्थान इसलिए दिया जाता है कि गुरु हमारे जीवन के अंधकार को खत्म कर हमें प्रकाश की ओर ले जाते हैं ।

इस बार की गुरु पूर्णिमा बेहद खास है

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार गुरु पूर्णिमा बहुत ही खास है, क्योंकि इस दिन कई राज योग बन रहे हैं। इस दिन बुध ग्रह भी अनुकूल स्थिति में रहेगा। अलावा इसके शुक्र ग्रह भी अपने मित्र ग्रहों के साथ होंगे, जिसे बेहद शुभ माना जाता है।

ग्रहों के मुताबिक कब होगी शुरुआत:

गुरु पूर्णिमा की शुरुआत इस बार यानी कि 13 जुलाई, 2022 को गुरु पूर्णिमा का प्रारंभ सुबह 4:00 बजे से शुरू होगा जो 14 जुलाई की रात 12:06 मिनट तक रहेगा।

अपने जीवन में आने वाली नौकरी जैसी समस्याओं के लिए गुरु पूर्णिमा को करें ये उपाय :

अगर आपकी नौकरी लगने में व्यवधान आ रहे हैं, तो इस दिन अपने गुरुओं का ध्यान कर मंत्र जाप करें। हो सके तो अपनी इच्छा अनुसार मिठाई, फल तथा कुछ उपहार अपने गुरु को भेंट स्वरूप दें ।

गुरु पूर्णिमा के दिन पूजन कैसे करें :

1. गुरु पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
2. स्नानादि से निवृत्त होकर साफ-सुथरे कपड़े पहने।
3. पूजा घर के सामने अपने इष्ट देव और गुरु की प्रतिमा रखकर पूजा करें।
4. गुरु और इष्टदेव का ध्यान कर मंत्रों का जाप करें ।
5. इसके पश्चात प्रसाद बांटे और खुद भी प्रसाद ग्रहण करें।