आप लोगों को रोजमर्रा की ज़िन्दगी में ऐसे बहुत से लोग मिलेंगे जो ये कहेंगे कि उन्हें बहुत कम मिला हैं, ईश्वर ने उन्हें दूसरों से कम दिया हैं… हालांकि वो कुछ पाने के लिए खुद के हाथ-पैरों को बिल्कुल भी कष्ट नहीं देना चाहते, वास्तव में वे सोचते हैं कि वे बहुत कुछ के योग्य हैं लेकिन उनपर ईश्वर की कृपा नहीं है।
लेकिन उनके लिए मैं बस इतना कहूंगी
“कि रुके हुए हो किसके लिए बीच सफ़र में यूं,
तुम भी किस उलझन में पड़ कर रह गए,
एक बार कोशिश तो करो,
सुना है मैंने जिन्होंने रास्ते बनाए खुद वो दूसरों के लिए मिसाल बन गए ।।
अब ज़रा ऐसे समझें:-
सबको गिला है कि बहुत कम मिला हैं,
ज़रा सोचिए जनाब, जितना आपको मिला है,
उसके लिए आपने क्या किया हैं ?
कुछ हट के खाने का मन किया कभी, तो आपने मां को उसका ऑर्डर दिया हैं,
अगर हो जाए गलती से कुछ नमक कम, तो फ़िर शिकायत है की,
खाना आपको बेस्वाद मिला हैं।।
जब से अहसान फरामोशी का ये दौर चला है,
हर बन्दे को इसके लिए अपने से भी बढ़कर उस्ताद मिला हैं, ज़रा सोचिए जनाब,
जब आपने किसी का फ़ायदा उठाना चाहा, तो बदले में आपको भी वही मिला हैं।।
किसी से ज्यादा लेकर आपने उसे कितना थोड़ा दिया हैं,
उसके भरोसे का आपने पूरा फ़ायदा लिया हैं,
अब ये जो बेचैनी का तोहफा आपको मिला हैं,
तो ये शिकायतें क्यों की आपको नींद की बजाए अंधेरे से भरा आसमान मिला हैं।।
चालाकियां कर के आज आप ख़ुश हैं कि आपने जो सोचा आपको उससे ज्यादा मिला हैं,
लेकिन उस पल का इंतज़ार भी तो करो जनाब,
जब आपको ये एहसास होगा कि क्या बोया मैने जो मुझे ये मिला हैं ?
ज़िन्दगी के गणित में आपने जो 2+2 को 5 किया हैं,
ये आपने दूसरों को नहीं बल्कि ख़ुद को धोखे में रख दिया हैं,
लेकिन आप भूल गए जनाब, कि ये ज़िन्दगी का गणित है यहां 2+2 को 5 बनाने वाले ने किसी ना किसी मोड़ पर अपना सब खो दिया है ।।
पागल नहीं है वो जिसने अपना सोचे बिना दूसरों को अपने से आगे रखा है,
क्या मिलेगा ये ना सोचकर, सिर्फ क्या दिया मैंने ये सोचा है,
इन शिकायतों के दौर का हिस्सा बनना बन्द कीजिए जनाब,
क्योंकि ज़िन्दगी को सबसे बेहतर उसी ने जिया है जिसने किसी से 01 लेकर उसे अपना 100 दिया है।।
तो अब ये ना कीजिए कि आपको बहुत कम मिला हैं,
लोग ऐसे भी है ज़माने में, जिनको लगता हैं कि भगवान ने आपको सब दिया हैं।।