शुक्रवार यानी 07 अप्रैल को गुड फ्राइडे (Good Friday) मनाया जाएगा। हम जानते हैं कि भारत में सभी पर्व-त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं। पर गुड फ्राइडे एक ऐसा पर्व है जिसे प्रभु यीशु के बलिदान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसलिए इसे ब्लैक फ्राइडे भी कहा जाता है और इस दिन लोग प्रभु यीशु के पवित्र बलिदान की याद में शोक जताते हैं।
गुड फ्राइडे के दिन ही प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था। इसलिए लोग इस दिन को शोक दिवस के रूप में मनाते हैं। यही वजह है कि आम दिनों की तरह गुड फ्राइडे पर चर्च में घंटी ना बजाकर लकड़ी के खटखटे बजाए जाते हैं तथा क्रॉस चुनकर प्रभु यीशु को याद करते हैं।
ब्लैक फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे और Holy Friday नामों से जाना जाता है
मालूम हो कि गुड फ्राइडे को ब्लैक फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे और Holy Friday जैसे नामों से भी पुकारा जाता है। यहूदी शासकों ने यीशु को कई शारीरिक और मानसिक यातनाएं दीं। कहा जाता है कि जिस दिन प्रभु यीशु को लकड़ी से क्रॉस बने हुए सूली पर लटकाया गया था उस दिन शुक्रवार था। सूली पर लटकाए जाने और यातनाएं देने के बावजूद भी यीशु ने अपने आखिरी लफ्जों में कहा- ‘हे ईश्वर इन्हें क्षमा करें, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं। हे फादर! मैं अपनी आत्मा को तेरे हाथों में सौंपता हूं।’ मुत्यु के पहले भी यीशु के मुख से आखिरी बार क्षमा और भलाई भरे संदेश ही निकले थे।
जानें सूली पर आखिर क्यों चढ़ाया गया?
ईसाई धर्म के पवित्र ग्रंथ बाइबल के मुताबिक प्रभु यीशु ने मानव जाति के कल्याण के लिए प्रेम, ज्ञान और अंहिसा का संदेश देते थे। ऐसे में जीजस क्राइस्ट यानी ईसा मसीह के प्रति लोगों का लगाव बढ़ता जा रहा था। यीशु की बढ़ती लोकप्रियता से यहूदियों को परेशानी होने लगी और उन्हें ऐसा लगाने लगा कि यीशु की लोकप्रियता की वजह से कहीं उनकी बनी बनाई सत्ता उनसे न छिन जाए। इसलिए यहूदियों ने यीशु को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और इसके बाद उन्हे सूली पर चढ़ा दिया गया। मानव जाति के भलाई के लिए यीशु ने अपने जीवन का बलिदान दे दिया।
ये है गुड फ्राइडे का महत्व
गुड फ्राइडे से पहले ईसाई धर्म के लोग पूरे 40 दिनों तक उपवास रखते हैं। वहीं, कुछ लोग सिर्फ गुड फ्राइडे के दिन ही उपवास रखते हैं। इसे ही लेंट कहा जाता है। गुड फ्राइडे के दिन चर्च को रौशन किया जाता है और खास प्रार्थना होती है। इस दिन लोग काले रंग के लिबास पहनकर चर्च जाते हैं, शोक जताते हैं और यीशु से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। गुड फ्राइडे के बाद आने वाले रविवार के दिन ईस्टर पर्व मनाया जाता है।