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आंखों की समस्याओं को दूर भगाने में प्रभावी है Homeopathy

Homeopathy treatment is effective in eliminating eye problems

Homeopathy: हम सभी को मालूम है कि शरीर का सबसे कीमती अंग आंखें हैं। आंखों के बिना आप भगवान की बनाई इस दुनिया की खूबसूरती का दीदार भी नहीं कर सकते तो फिर कल्पना तो दूर की बात है। इसलिए आंखों का हेल्थी रहना बहुत जरूरी है। हमारी आंखों में कई तरह के प्रोब्लम्स होते हैं। तनाव और प्रदुशन की वजह से दर्द, खुजली या ज्यादा आंसू बहने के कारण आंखों की समस्याएं हो सकती हैं। इसके साथ ही मायोपिया, नजदीक की नजर कमजोर हो ना भी आपके जीवन को प्रभावित कर सकता है। होमियोपैथी द्वारा इस तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान मुमकिन है।

यकीनन आंखों की कुछ समस्याओं का होम्योपैथिक दवाओं के माध्यम से प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है। यहां कुछ रोगों के लिए प्रभावी दवाओं के नाम दिए जा रहे हैं। इन दवाओं के उपयोग के बारे में जाने-माने होम्योपैथ डॉक्टर कमर आलम ने मसक्कली को बताया और कहा कि कभी भी अपने मन से कोई दवा नहीं लेनी चाहिए।

आंखों की समस्याओं और आंखों के विकारों के लिए कितना कारगर होम्योपैथिक उपचार

इन दिनों ग्लूकोमा और कैटरेक्ट जैसी समस्याओं के लिए अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट को अपनाया जा रहा है। हालांकि आजकल होम्योपैथिक और वैकल्पिक उपचार पर काफी जोर दिया जाने लगा है। मोतियाबिंद (Cataract) और ग्लूकोमा (Glaucoma) जैसी आंखों की स्थितियों को सर्जरी से ही ठीक करने की जरूरत पड़ती है। सर्जरी एकमात्र प्रभावी इलाज है। वहीं, डॉक्टर कमर आलम ने बताया कि आंखों की कुछ और समस्याओं को होम्योपैथिक दवाओं के जरिए प्रभावी ढंग से ठीक किया जा सकता है।

मायोपिया का इलाज संभव है ?

Homeopathy treatment is effective in eliminating eye problems

जब आई बॉल की लंबाई सामान्य से ज्यादा होती है, तो मायोपिया हो जाता है। इसे किसी भी होम्योपैथिक दवा से ठीक नहीं किया जा सकता है। विजन में कई काले तैरते हुए धब्बे भी दिखाई देते हैं। इन्हें फ्लोटर्स कहा जाता है। इसे भी ठीक करना कठिन है। इसकी आदत डालनी होगी। अगर मायोपिया और नजदीक की नजर कमजोर हो गयी है, तो हर हाल में सही पॉवर वाला चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस पहनना जरूरी है।अगर काले धब्बे लाइट फ्लैश के साथ दिखाई देने लगे तो फौरन आई स्पेशलिस्ट से मिलना चाहिए। मायोपिया में लोगों में रेटिना कमजोर हो जाता है, जिन्हें लैटिस डीजनरेशन कहा जाता है। इसलिए नियमित रूप से आई स्पेशलिस्ट को दिखाना जरूरी है।

आंखों की समस्याओं और विकारों के लिए कितना कारगर होम्योपैथिक उपचार

इन दिनों ग्लूकोमा और कैटरेक्ट जैसी समस्याओं के लिए अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट को अपनाया जा रहा है। हालांकि काफी मात्रा में होम्योपैथिक और वैकल्पिक उपचार सुझाए जा रहे हैं। मोतियाबिंद (Cataract) और ग्लूकोमा (Glaucoma) जैसी आंखों की स्थितियों को सर्जरी से ही ठीक करने की आवश्यकता पड़ती है। सर्जरी एकमात्र कारगार इलाज है। जबकि आंखों की कुछ और समस्याओं को होम्योपैथिक दवाओं के जरिए से प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है।

आंखों की इन समस्याओं के इलाज में मददगार

Homeopathy treatment is effective in eliminating eye problems

आइये जानते हैं आंखों से जूड़ी समस्याएं और उपचार-

1. अत्यधिक पानी आना, जलन और आंखों में तनाव (Eye Stress)

आंखों में अत्यधिक पानी आने, जलन और प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता के साथ आंखों में तनाव होने पर यूफ्रेशिया ऑफिसिनैलिस दवा ली जा सकती है। यह राहत प्रदान कर सकती है।

2. दर्द और सूखापन (Pain and Dryness)

अगर तनाव के साथ आंखों में दर्द और सूखापन महसूस होता है, तो रूटा ग्रेवोलेंस असुविधा को कम करने में मददगार हो सकती है। रूटा आंखों को नमी युक्त बनाती है।

3. बार-बार पलकें झपकाने का रोग (Frequent eye blinking disease)

जो लोग घबराहट के साथ आंखों में तनाव और बार-बार पलकें झपकाने की आदत से ग्रसित हैं, उनके लिए अर्जेन्टम नाइट्रिकम दवा राहत प्रदान कर सकती है।

4 आंखों के आसपास मवाद और जलन (Pus and irritation around the eyes)

मोटी और लाल पलकें होने के साथ-साथ अत्यधिक दुर्गंधयुक्त स्राव जो जलन का कारण बनता है। आंखों के आसपास मवाद बनने के साथ फोड़े होने पर मर्क्यूरियस दवा मददगार है।

5 रेटिनाइटिस (Retinitis)

नेत्र दृष्टि विकार और अन्य नेत्र विकारों के लिए सबसे व्यापक रूप से बेलाडोना होमियोपैथी दवा इस्तेमाल की जाती है। गंभीर सूजन, सूखापन, इरिटिस या रेटिनाइटिस में यह दवा कारगर है। रेटिना में रक्तस्राव की स्थिति में यह दवा ली जाती है।

6 आई ग्लैंड का प्रभावित होना (Eye Gland)

आर्सेनिका नेत्र रोग विकार के लिए सबसे अच्छी होमियोपैथी दवा में से एक है। सूर्य की तेज रोशनी के कारण आंखों में तेज दर्द, आंखें बंद करने से आंखों में दर्द होने लगना, लिखा हुआ पढ़ने की कोशिश करते समय अक्षरों को पढ़ने में दिक्कत आना, आई ग्लैंड के प्रभावित होने पर भी यह दवा ली जा सकती है।

आखिर में बताता चलूं कि इनमें से किसी भी दवा का उपयोग केवल तभी किया जाना चाहिए जब आप अपने डॉक्टर को अपनी समस्या को साझा करते हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के लेने पर दवाओं से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है।

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