सुरेश की अंग्रेजी ज्यादा अच्छी नहीं थी, लेकिन वह उसे समझता है, लिखता भी है लेकिन उसका यह प्रदर्शन केवल घर पर होता है।
विद्यालय जाने पर उसका यह प्रदर्शन जीरो हो जाता है। ऐसा क्यों ? उसको समझने के लिए सुरेश के मां-पापा को एक मनोवैज्ञानिक की मदद लेनी पड़ी।
जिसने उन्हें बताया कि उन्हें सुरेश को ‘उसकी अंग्रेजी कमजोर है’ कहने के बजाय हर रोज यह कहना चाहिए कि ‘तुम्हारी अंग्रेजी तो बहुत अच्छी है।’ सुरेश के माता-पिता ने मनोवैज्ञानिक के कहे अनुसार ही किया और नतीजा यह सामने आया कि सुरेश के अंग्रेजी में बहुत अच्छे मार्क्स के आया।
आपको क्या लगता है कि क्या यह जादू है? नहीं जादू तो नहीं है, लेकिन जादू से कम भी नहीं है, दरअसल यह मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि अगर हम हमारे बच्चों को डांटते हैं या बुरा व्यवहार करते हैं तो बच्चा अपने लिए एक नेगेटिव इमेज बना लेता है। जो उसके सर्वमुखी प्रदर्शन पर असर डालता है तो चलिए जानते हैं कि आप किस तरह कुछ बातों का ध्यान रखकर अपने बच्चों के सामाजिक और नैतिक विकास में उसकी मदद कर सकते हैं-
बस आपको यह पांच बातें अपने बच्चों से रोज बोलनी है:
1. Wow,तुम बहुत अच्छे हो: हमेशा याद रखें कि अपने बच्चे के लिए कभी भी कोई भी नेगेटिव वर्ड यूज ना करें। अगर आपको उनकी किसी शरारत पर या किसी हरकत पर गुस्सा भी आए तब भी आप अपने गुस्से पर नियंत्रण रखते हुए उन्हें आराम से समझाएं और किसी अच्छे काम के लिए उनकी हमेशा तारीफ करें।
2. आई लव यू : जी हां, यह तीन मैजिकल वर्ल्ड आपके बच्चे के नैतिक और सामाजिक विकास पर बहुत ज्यादा असर डालते हैं। जब आप उन्हें एहसास कराते हैं कि वह आपके लिए बहुत खास है। आप उससे बहुत ज्यादा जुड़े हुए हैं तो वो अपने आप को खास समझते है। उन्हें हमेशा महसूस कराएं कि उनकी जिंदगी भर की कमाई पैसा नहीं है जो उन्होंने दिन रात मेहनत करके कमाया है बल्कि उनकी जिंदगी भर की कमाई उनके बच्चे है।
3. अच्छा फिर क्या हुआ: जी हां, जब भी आपके बच्चे आपसे कुछ शेयर करें तब आप उन्हें इस तरीके का एहसास कराएं कि इस समय सबसे इंपोर्टेंट चीज आपके लिए यही है कि आपका बच्चा आपसे कुछ शेयर कर रहा है और आप बहुत ध्यान से उसे सुन रही हैं तो जब भी वह आपसे कुछ शेयर करें। बीच में इन तीन वर्ड का यूज जरूर करें- हां अच्छा फिर क्या हुआ।
4. सॉरी और थैंक्यू: जैसा कि हम सब जानते हैं कि यह दो शब्द हमारी जिंदगी को बहुत आसान बना देते हैं ऐसा ही आप अपने बच्चे के साथ कर सकती हैं अगर कभी आप उसे डांट देती हैं या कुछ गलत व्यवहार कर देती हैं तो हमेशा उसे सॉरी कहें ताकि उसे यह एहसास हो कि आपको अपनी गलती का एहसास हुआ इसलिए आपने उन्हें सॉरी कहा और ऐसे ही आप अपने बच्चे क्या कोई अच्छा काम करने या आपकी मदद करने के बाद थैंक यू कहना ना भूलें।
5. इस पर तुम्हारा क्या विचार है : जी हां, वैसे तो घर के फैसले बड़े ही लिया करते हैं लेकिन कुछ चीजें घरों में ऐसी होती हैं जिस पर आपको अपने बच्चों का विचार भी जानना चाहिए या आप उसकी राय जानना चाहते हो। इसीलिए आप उन्हें एहसास कराएं कि घर के कुछ मामलों में उनकी राय भी जरूरी है इसलिए घर की छोटी-मोटी चीजों में उनकी राय जरूर लिया करें।
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