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Tag Archives: पूजा अर्चना

Nine days festival, worshiping different forms of Maa every day..

अक्टूबर का महीना अपने साथ साथ वो मनमोहक कपूर की खुशबू भी लेकर आया है जो न सिर्फ हमारे घरों को पवित्र करती है, बल्कि घरों के साथ साथ हमारे मन को भी पाक कर देती है। आप बिलकुल सही समझे है, हम बात कर रहे है हिंदुओं के पवित्र त्योहार नवरात्रि कि। हम सब जानते है नवरात्रि हिंदुओं के पवित्र और मुख्य त्योहारों में से एक है। वैसे तो नवरात्रि पूरे साल में चार बार आते है लेकिन शुक्ल पक्ष के नवरात्रि अपने आप में खास है।

ये नौ दिनों का त्योहार है, जिसमें हर दिन मां आदि शक्ति के अलग अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। जी हां, 9 स्वरूपों का अपना अलग ही महत्व है।

तो चलिए और ज्यादा वक्त न लेते हुए हम आपको मां के और करीब ले जाते है और आपको बताते है मां के प्रथम स्वरूप मां शैल पुत्री के बारे में और इसी तरह हम आगे भी आपको इनके 9 स्वरूपों की चर्चा करते रहेंगे और मां की भक्ति और शक्ति की श्रद्धा भाव से स्तुति करेंगे।

तो सबसे पहले हम मां शैल पुत्री के बारे में आपको कुछ मुख्य बातें बताते है-

नवरात्रि का आरंभ मां शैल पुत्री की पूजा अर्चना से शुरू होता है।
मां शैलपुत्री को राजा हिमालय की बेटी भी माना जाता है। इनको मां सती और मां पार्वती का ही स्वरूप कहा जाता है। मां शैलपुत्री नंदी नमक बैल की सवारी करती है।इनके माथे पर चंद्रमा सुशोभित है, तथा इनके हाथों में कमल का फूल होता है।
मां शैलपुत्री को सफेद रंग बहुत पसंद है।
इनकी पूजा में भी सफेद रंग के फूल और सफेद रंग की मिठाई चढ़ाई जाती है। इनकी पूजा करते समय पीले वस्त्र धारण किए जाते है।

तो चलिए अब जानते है की मां शैलपुत्री को कैसे प्रसन्न करे-

मां शैलपुत्री भक्तों को उनकी भक्ति और श्रद्धा से प्रसन्न होकर मन मुताबिक फल प्रदान करने वाली है।

तो नीचे दिए गए कुछ नियमो का पालन कर आप भी मां से अपनी मुराद मांग सकते है:

1. प्रात: काल जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर पीले वस्त्र पहनने चाहिए।
2. मिट्टी से मां की वेदी बनाएं।
3. मां की वेदी बनाकर उसमें गेहूं और जौ मिलाकर बोएं।
4. कलश स्थापना करें।
5. इसके बाद सर्व प्रथम गणेश की पूजा करें।
6. मां शैल पुत्री की विधिवत पूजा करें।
7. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

तो आज के लिए बस इतना ही अगले लेख में करेंगे मां के अगले स्वरूप की चर्चा।
तब तक आप लोग मां की भक्ति में लीन रहें, मां जरूर सबकी मनोकामना पूरी करेंगी।

“अकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चंडाल का,

काल भी उसका क्या बिगड़े जो भक्त हो महाकाल का।”

“जिस समस्या का न कोई उपाय,

उसका हल सिर्फ ॐ नमः शिवाय!!

जी हां, दोस्तों ये जुमले आपने बहुत बार सुने होंगे  लेकिन सावन के महीने में यह बच्चों से लेकर बड़ों तक सब की जुबान पर होते है।

दोस्तों, महादेव का प्रताप ही ऐसा है कोई भी उनकी स्तुति करने से खुद को रोक ही नहीं पाता। शिव की भक्ति और उनकी साधना से जो मन को शांति और सुकून मिलता है वो कहीं और है ही नहीं।

यूं तो हम साल के 365 दिन भगवान शिव की आराधना करते है, लेकिन सावन के महीने में शिव की पूजा अर्चना का ख़ास महत्व होता है। इस महीने भक्तजन भगवान शिव के सोमवार व्रत रखते है और कुछ लोग कावड़ भी लाते है। इस पूरे महीने भोले के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के अनेकों पर्यत्न करते है। धार्मिक दृष्टि से सावन का महीना बहुत शुभ माना जाता है।

इस महीने कुछ कार्यों को विशेष रूप से करने की सलाह दी जाती है तो कुछ कार्यों को करना वर्जित माना जाता है। इस महीने में लोग सावन के व्रत करने का संकल्प भी लेते है तो ऐसे में ये जानना और भी जरूरी हो जाता है कि हमें सावन के महीने में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

तो चलिए जानते है की भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए हमें क्या करना चाहिए:

बोल बम

  1. सावन के महीने में हमें ध्यान रखना चाहिए कि हमारी पूजा अर्चना भगवान शिव पर ही केंद्रित हो। क्योंकि सावन का महीना भगवान शिव को ही समर्पित है।
  2. सावन के महीने में हमें शिव को प्रसन्न करने के लिए हर दिन शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए।
  3. अक्सर कहा जाता है कि सावन के महीने में हमारा पाचन तंत्र धीमी गति से कार्य करता है। ऐसे में बहुत जरूरी हो जाता है कि हम हल्का और सुपाच्य भोजन करे जो जल्दी पच जाए।
  4. सावन के महीने में शिव की आराधना का विशेष महत्व है तो कोशिश करे कि दिन में एक बार ॐ नमः शिवाय का जाप ज़रूर करे।
  5. अगर किसी इंसान को किसी बीमारी ने घेरा है तो तो लंबी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए दिन में एक बार महामृत्युंजय का पाठ करे ।
  6. भोलेनाथ की आरती का विशेष ध्यान रखें और हर दिन आरती करे।
  7. बड़े बुजुर्गों को प्रसन्न रखे। जी हां ध्यान रखे कि घर में जो बुजुर्ग है उनका किसी भी वजह से दिल न दुखे जितना हो सके कोशिश करे कि वो खुश रहे।

तो चलिए दोस्तों अब हम उन कामों के बारे में जान ले जो हमें नहीं करने चाहिए:

  1. मांस मदिरा का सेवन करने से बचें: ध्यान रखें ये पूर्ण रूप से भक्ति को समर्पित महीना है इस महीने में हमें मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। ये आपकी सेहत के लिहाज से भी ठीक नहीं है। इस महीने में इन सब चीज़ों को पचाने में दिक्कत होती है।
  2. झूठ न बोले : भोलेनाथ बहुत थोड़े में ही खुश हो जाते है और आपकी मनोकामना पूरी कर देते है, लेकिन वो कभी भी झूठ का साथ नहीं देते। तो इसलिए किसी भी बात के लिए झूठ मत बोलिए।
  3. बड़े बुजुर्गों के अपमान से बचे: बड़े बुजर्गों को कोशिश करे कि खुश रखें उनका कभी भी किसी भी बात के लिए अनादर न करे।
  4. व्रत को अधूरा ना छोड़ें: किसी भी स्थिति में व्रत को अधूरा ना छोड़े। कुछ लोग जोश जोश में व्रत शुरू कर देते है लेकिन फिर बीच में ही छोड़ देते है। अगर आप सक्षम नहीं है तो व्रत का संकल्प ना लें।
  5. अपना आचरण पवित्र रखे: जी हां, सावन के महीने में भगवान शिव की भक्ति में डूब जाए। तथा अपना आचरण भी पवित्र रखें।

आशा करती हूं दोस्तों, आप भगवान शिव को प्रसन्न करने में सफल होंगे, फिर मिलेंगे नए विषय के साथ।

तब तक ॐ नमः शिवाय जपते रहिए, अपनी हर बाधा से मुक्ति पाइए।