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Tag Archives: प्रेगनेंसी

Sexual intimacy helps in recovering from loneliness and depression

Reproductive Organ में अगर किसी तरह की कोई खराबी नहीं होती फिर भी प्रेगनेंसी में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। Conceive का प्लान करने के बावजूद हसबैंड और वाइफ दोनों को निराश होना पड़ता है। जिन्हें प्रेगनेंसी में दिक्कत होती है, उन्हें फ्रेंड्स सलाह देते हैं कि इंटरकोर्स के बाद कुछ देर तक बिस्तर पर ही लेटे रहें। क्या यह वाकई कारगर है? क्या है कोई साइंटिफिक वजह है? हम यहां एक्सपर्ट के जरिए जानेंगे प्रेगनेंसी के इस खास तरीके का पूरा सच।

SEX के बाद लेटने से कंसीव करना आसान हो जाता है?

एक्सपर्ट के मुताबिक जब प्रेगनेंसी किन्हीं कारणों से लेट होने लगती है, तो डॉक्टर भी सेक्स के बाद 15- 20 मिनट तक बेड पर लेटे रहने की सलाह देते हैं। दरअसल, सेक्स के बाद स्पर्म का बाहर निकलना सामान्य है। ऐसा ग्रेविटी के कारण होता है। सेक्स के बाद स्पर्म का बाहर निकलने से गर्भधारण की संभावना कम नहीं होती। हालांकि खड़े होने या बाथरूम जाने से गुरुत्वाकर्षण शुक्राणु को गर्भाशय ग्रीवा से खींच कर दूर ले जा सकता है। इसलिए इस मामले में ज्यादातर डॉक्टर सलाह देते हैं कि सेक्स के बाद कम से कम 05 मिनट तक लेटे रहें। इससे गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।

कंसीव करने के लिए SEX के बाद कितनी देर तक लेटे रहना चाहिए और कैसे?

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एक्सपर्ट इस बात की सलाह देते हैं कि अगर आप कंसीव करना चाहती हैं, तो सेक्स के बाद अपने हिप्स के नीचे एक तकिया लगा लें। इससे सीमेन को गर्भाशय की ओर ले जाने में ग्रेवेटी की मदद मिलती है। इस अवस्था में 10–15 मिनट रहने की सलाह दी जाती है। यह अवधि स्पर्म के लिए पर्याप्त होती है।

इस विधि के अलावा विशेषज्ञ पैर ऊपर करने की भी सलाह देते हैं। पैरों को एक साथ उठाकर दीवार से लगा दें। इस अवस्था में आराम करें। इस विधि में भी गुरुत्वाकर्षण को स्पर्म की मदद करने का अवसर मिलता है। यह भी एक असरदार तरीका है।

कितनी देर में गर्भाशय तक पहुंचता है स्पर्म

यदि स्पर्म के मूवमेंट की बात की जाए, तो स्पर्म को फैलोपियन ट्यूब के भीतर अपने गंतव्य तक पहुंचने में 2 मिनट से भी कम समय लग सकता है। अक्सर शुक्राणु अंडाशय से एग जारी होने तक धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करते हैं। ये शरीर में लगभग पांच दिनों तक जीवित रह सकते हैं। इसका मतलब हुआ कि गर्भाधान वास्तव में सेक्स के कई दिनों बाद भी हो सकता है।

ओवुलेशन के दौरान कैसे ऐग मिलता है स्पर्म से

जो महिलाएं अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान से गुजरती हैं, उनमें स्पर्म की बड़ी संख्या को गर्भाशय के नजदीक छोड़ दिया जाता है। इससे ओव्यूलेशन के दौरान एक अंडा स्पर्म से मिलकर जायगोट बना लेता है। इसमें भी ग्रेविटी के रूल को ही फ़ॉलो किया जाता है।

SEX के बाद यूरीन पास करें या नहीं!

एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई कि 15 मिनट तक लेटने से गर्भधारण की दर 27 फीसदी तक बढ़ जाती है। जबकि इंटरकोर्स के तुरंत बाद उठने वाले लोगों में प्रेगनेंसी की दर 18 फीसदी थी।

अगर आप प्रेगनेंट नहीं होना चाहतीं और सेक्स के दौरान स्पर्म अंदर चला गया है, तो डॉक्टर आपको तुरंत यूरीन पास करने की सलाह देते हैं। यही कारण है कि प्रेगनेंसी को रोकने के तरीके के रूप में सेक्स के बाद यूरीन पास करने की सलाह दी जाती है। सेक्स के बाद पेशाब करने से यूटेरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन से बचाव हो सकता है।

इसके कारण सेक्सुअली ट्रांसमिट होने वाले कुछ संक्रमण को रोकने में भी मदद मिल सकती है। ग्रेविटी फ़ोर्स की वजह से सीमेन वेजाइना के अंदर नहीं जा सकते हैं। लेकिन सभी को यह बात जान लेनी चाहिए कि यूरीन एक छोटे से छेद से निकलता है, जिसे यूरेथरा कहा जाता है। सेक्स के बाद यूरीन करने से योनि से शुक्राणु नहीं निकल पाते हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

Foods For Pregnant Woman

Foods in Pregnancy: आप ने ये जरूर सुना होगा कि प्रेगनेंसी के समय आपकी खाने की आदतें बदल सकती हैं। आपको ऐसे खाद्य पदार्थ मिलेंगे जो आपके फेवेरिट होंगे और जो आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए हेल्दी होंगे। पौष्टिक आहार खाने से आपको अपनी प्रेगनेंसी और अपने शरीर में होने वाले नए बदलावों को समर्थन करने में सहाता मिलेगी। प्रेगनेंसी के वक्त हेल्थी खाने में यह जानना आवश्यक है कि कितना खाना है और कौन सा आहार जरूरी है।

इसमें आपके बच्चे के विकास के लिए पर्याप्त पोषक तत्व लेने और आपके साथ-साथ बच्चे के स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए बैलेंस बनाना भी शामिल है। पोषक तत्व शरीर के निर्माण खंड हैं जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा। आइये जानते हैं कि आपको प्रेगनेंसी में कौन से खाद्य आहार लेने चाहिए-

प्रेगनेंसी में किन खाद्य पदार्थों का सेवन करना है जरूरी, जानते हैं एक्सपर्ट से-

सबसे पहले जाने प्रेगनेंसी के दौरान लिए जाने वाले जरूरी पोषक तत्व

Why the demand for this new process increased to prevent unwanted pregnancy

फोलिक एसिड– फोलिक एसिड मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के कुछ जन्म दोषों को रोकने में मदद करता है।

आयरन– आयरन आपके बच्चे के विकास में मदद करता है और कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त आयरन नहीं मिलता है। इसके लिए डॉक्टर आपको कुछ दवाई भी देते है।

आयोडीन– आयोडीन आपके बच्चे के मस्तिष्क के लिए अहम है। अगर आप घर पर नमक का इस्तेमाल करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि यह आयोडीन युक्त नमक हो।

कोलीन– कोलीन आपके बच्चे के मस्तिष्क के लिए भी महत्वपूर्ण है। कोलीन युक्त खाद्य पदार्थ चुनें – जैसे कम वसा और वसा रहित डेयरी, अंडे, लीन मांस, सी फूड, बीन्स और दालें।

प्रेगनेंसी में करें इन खाद्य पदार्थों का सेवन

These symptoms of pregnancy start appearing only 3 to 4 days after conceiving, pregnancy is confirmed even before the period is missed

दालें

अगर आप नॉनवेज खाते है या नहीं आपको दालों से प्रोटीन जरूर लेना चाहिए। एक कप पकी हुई दाल में लगभग 17 ग्राम प्रोटीन और लगभग 7 मिलीग्राम आयरन होता है।

दालें बी विटामिन होता हैं, जो आपके बच्चे के मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है और स्पाइना बिफिडा जैसे न्यूरल-ट्यूब डिफेक्ट के खिलाफ एक शक्तिशाली सुरक्षात्मक प्रभाव है, एक जन्म विकार जिसमें रीढ़ ठीक से नहीं बनती है।

नट्स

नट्स छोटे जरूर दिख सकते है लेकिन ये बहुत ताकतवर होचे है। इसमें मैग्नीशियम, जिंक, पोटैशियम और विटामिन ई जैसे महत्वपूर्ण विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में होते हैं, साथ ही प्रोटीन, फाइबर और स्वस्थ वसा भी होते हैं। इन्हें आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है, जिससे ये गर्भावस्था के दौरान खाने के लिए आदर्श स्नैक बन जाते हैं।

एवोकाडो

क्रीम जैसा हरा फल फोलेट से भरपूर होता है, साथ ही इसमें विटामिन बी6 भी होता है, जो बच्चे के लिए स्वस्थ ऊतक और मस्तिष्क के विकास को बढ़ावा देता है और ये आपको मॉर्निंग सिकनेस से निजात दिलाने में भी सहायक हो सकता है।

यह स्वस्थ मोनोअनसैचुरेटेड फैट का भी एक स्वादिष्ट स्रोत है, जो आपके शरीर को फलों और सब्जियों में पाए जाने वाले कई विटामिनों को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करता है।

अंडे
आप शायद जानते होंगे कि अंडे प्रोटीन का एक सस्ता स्रोत है। ये पकाने में आसान में आसान होते है और एक बड़ा अंडा 6 ग्राम प्रोटीन देता है। अंडे विटामिन डी के कुछ खाद्य स्रोतों में से एक हैं। विटामिन डी आपके बच्चे की हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करने के साथ-साथ आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए रखने में बहुत मदद करते है।

ओट्स

फाइबर आपको लंबे समय भूख महसूस होने नहीं देता है और गर्भावस्था के दौरान होने वाली असहज कब्ज से बचने में मदद मिल सकती है। ओट्स फाइबर का बेहतरीन स्रोत है। फाइबर के साथ साथ एक कप ओट्स आपके रोजाना मैग्नीशियम का 30 फीसदी से ज़्यादा प्रदान करता है, ये आपके बच्चे को स्वस्थ हड्डियों और दांतों के निर्माण में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

फोटो सौजन्य- गूगल

These symptoms of pregnancy start appearing only 3 to 4 days after conceiving, pregnancy is confirmed even before the period is missed

आज के समय में हर तरह के दबाव, जॉब का प्रेशर और लॉकडाउन की वजह से बिगड़ा लाइफस्‍टाइल रिप्रोडक्शन सिस्टम पर गहरा असर डाल रहा है। जिसका नतीजा यह है कि महिलाओं को कंसीव करने में दिक्‍कत आ रही है। इसलिए डॉक्‍टरों का कहना हैं कि अगर कोई कपल कंसीव करता है तो उन्‍हें इसके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। जो लोग बेसब्री से पेरेंट्स बनाना चाहते हैं उनके लिए पीरियड मिस होने तक इंतजार करना बहुत मुश्किल भरा हो जाता है पर आपको अपनी प्रेग्‍नेंसी पता करने के लिए रिलेशन बनाने के बाद एक महीने तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है। बल्कि आपको 03 से 04 दिनों में ही पता चल जाएगा कि आप प्रेगनेंट हैं या नहीं। आज हम आपको प्रेगनेंसी के कुछ ऐसे शुरुआती लक्षण बता रहे हैं जो कंसीव करने के 3-4 दिनों बाद ही दिख जाते हैं।

पहला लक्षण होता है ब्‍ल‍ीडिंग

जब फर्टिलाइज्‍ड एग आपकी बच्‍चेदानी की लाइनिंग से चिपकने लगता है तो उस प्रोसेस में कुछ ब्‍लड वेसल्‍स फट जाते हैं, जिससे हल्‍की ब्‍लीडिंग महसूस हो सकती है। इसे आप पीरियड्स के साथ कन्‍फ्यूज न करें, क्‍योंकि पीरियड्स की ब्‍लीडिंग में ब्‍लड फ्लो के साथ निकलता है और पेट या कमर में तेज दर्द होता है। लेकिन इस प्रोसेस में ब्‍लड बहुत हल्‍का आता है और यूट्रस में थोड़ी बहुत क्रैम्पिंग महसूस हो सकती है, हालांकि ये लक्षण हर किसी में नहीं दिखता है।

Vaginal Discharge का होना

These symptoms of pregnancy start appearing only 3 to 4 days after conceiving, pregnancy is confirmed even before the period is missed

ये लक्षण भी कन्‍सीव करते के तुरंत बाद ही दिख जाता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि जब एक महिला कन्‍सीव करती है तो उसके बाद बॉडी में हॉर्मोनल चेंजेज होने लगते हैं। इसकी वजह से वजाइना की वॉल मोटी हो जाती है जिसके कारण वजाइना के सेल्‍स बहुत तेजी से बढ़ने लगते हैं। इसकी वजह से थोड़ा बहुत डिस्चार्ज हो सकता है। लेकिन अगर आपको डिस्चार्ज के साथ वजाइना में दर्द, जलन या बदबू महसूस हो तो आपको डॉक्‍टर को दिखाना चाहिए। ये इंफेक्‍शन का लक्षण हो सकता है।

ब्रेस्‍ट में बदलाव दिखना

जब एक महिला कंसीव कर लेती है तो ब्रेस्‍ट में भी कई तरह के बदलाव महसूस किए जाते हैं। जैसे कि ब्रेस्‍ट में भारीपन या झनझनाहट महसूस होना, या फिर छूने पर दर्द भी हो सकता है।

थकान का एहसास

कंसीव करने के बाद महिलाओं की बॉडी में हॉर्मोनल चेंजेज होने लगता है जिसके कारण थकान होती है। इसमें थोड़ा सा काम करने के बाद आराम करने का मन करता है और महिलाओं को ज्‍यादा देर खड़े होने में भी दिक्‍कत होती है।

मॉर्निंग सिकनेस का होना

हालांकि ये लक्षण पहले पीरियड के मिस होने के कुछ दिन पहले दिखता है। मॉर्निंग सिकनेस कुछ महिलाओं को सुबह की बजाय दोपहर या शाम में भी हो सकती है। इसमें उल्‍टी होना, जी मचलना या सब्‍जी छौंकने से बदबू महसूस होना जैसे लक्षण दिख सकते हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

Prepare yourself before becoming a mother

प्रेगनेंसी एक महिला के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी के साथ-साथ सबसे बड़ी जिम्मेदारी भी होती है। जब महिलाएं कंसीव करने के बारे में सोचती हैं तो उनके मन में ढेरों सवाल होते हैं और यह स्वाभाविक भी है क्योंकि कई बार महिलाएं आसानी से कंसीव कर लेती हैं और कुछ महिलाओं को इस में दिक्कत आती है। लेकिन इस स्थिति में निराश होने की बजाय उन्हें अपने कंसीव करने के अवसर बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। तो आज हम चर्चा करते हैं कुछ ऐसी चीजों के बारे में जिस में बदलाव करके महिलाएं अपने कंसीव करने केअवसर को बढ़ा सकती हैं।

1.जब कभी आप प्लान करें कि अब आप कंसीव करना चाह रहे हैं तो सबसे पहले जो आपको करना है वह यह है कि अगर आप गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन तुरंत बंद कर दें।

2. जब कभी हम प्रेगनेंसी के लिए प्लान करने के बारे में सोचते हैं, हमारे शरीर को तैयार करने के लिए हमें बहुत सारे मल्टीविटामिन की जरूरत पड़ती है जो हमें और हमारे शरीर को अंदर से तैयार करते है।

3. जब कभी हम प्रेगनेंसी प्लान करते हैं तो सबसे जरूरी चीज जो हमें करनी चाहिए वह है हमारे आहार में कुछ बदलाव करना एक अच्छे भोजन को हमारी सूची में शामिल करना।

4. हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि हम जब भी अपनी प्रेगनेंसी प्लान करने के बारे में सोचें उससे पहले डॉक्टर के पास जाकर अपना पूरा चेकअप करा लें ताकि उससे यह पता चल सके, कि आपको कोई परेशानी होगी तो डॉक्टर उसका आपको सही इलाज बताएगा और आपको अंदर से तैयार होने में मदद मिलेगी।

5. मां बनने के लिए तैयार होने के लिए सबसे जरूरी चीज है कि आप को अपने आहार में एल्कोहल का सेवन बिल्कुल बंद करना चाहिए।

6. डॉक्टर आपको अक्सर सलाह देते हैं कि धूम्रपान आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। जी हां, ऐसे में आप जब प्रेगनेंसी प्लान करती हैं तो यह और भी ज्यादा हानिकारक बन जाता है तो ज्यादा अच्छा यही है कि आप जब भी प्रेगनेंसी प्लान करें उस टाइम आप धूम्रपान की आदत बेशर्त छोड़ें।

7. मां बनने के लिए अपने शरीर को तैयार करने के लिए आपको तली भुनी चीजों से परहेज करना चाहिए और डीप फ्राई या डीप फ्रीज की हुई चीजों से भी दूरी बनानी चाहिए।

8. जब भी हम मां बनने के लिए अपने शरीर को तैयार करते हैं तो हमें ध्यान रखना चाहिए कि हम किसी भी संक्रमण से बचे रहें।

9. अगर आप बहुत समय से प्रयास कर रही हैं और आप कंसीव नहीं कर पा रही हैं तो सबसे पहले अपने आप को दोष देना बंद करें।

10. कई बार कुछ हार्मोनल गड़बड़ी की वजह से आप कंसीव नहीं कर पाती हैं तो अपनी दिनचर्या में फेरबदल करके आप ऐसा जरूर कर पाएंगी। लेकिन इससे पहले आपको अपने आप को दोष देना बंद करना होगा।

11. सबसे जरूरी बात इन परिस्थितियों में आप तनाव लेने से बचें। तनाव लेने से हार्मोन बिगड़ जाते हैं। आपके अंडे की जो क्वालिटी होती है, वह भी बिगड़ जाती है। जिससे वह ढंग से फर्टिलाइज नहीं हो पाता तो इसलिए ऐसी परिस्थितियों में आप जितना हो सके अपने आप को खुश रखने की कोशिश करें।

12. ध्यान रहे जब भी आप मां बनने के लिए अपने आप को अपने शरीर को तैयार कर रही होती हैं तो विटामिन और फोलिक एसिड लेना आपके लिए बहुत ज्यादा जरूरी होता है।

13. ‘लास्ट बट नॉट लीस्ट’ जी हां, दोस्तों सबसे आखिरी बात और सबसे जरूरी बात आप अपने शरीर को तैयार करते वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखें कि शरीर में पानी की कमी बिल्कुल भी ना होने दें पानी की कमी की वजह से हमारा ब्लड फ्लो जो है वह मंद गति से हो से हो जाता है और उससे कई सारी परेशानियां सामने आती हैं तो जितना ज्यादा हो सके आप पूरा दिन में 10 ग्लास पानी जरूर पिएं।

14. अपने आहार में डायरी डेरी प्रोडक्ट जरूर शामिल करें।

15. मल्टीविटामिन व विटामिन-A और विटामिन-C जरूर शामिल करें। यह आपको इंफेक्शन से सुरक्षा प्रदान करता है।

फोटो सौजन्य- गूगल