आज गुरु पूर्णिमा है। यह हिन्दुओं के मुख्य त्योहारों में से एक है।
क्या आप जानते हैं कि क्यों हिंदुओं के लिए गुरु पूर्णिमा इतनी खास है ?
क्यों हिंदुओं के लिए इसका इतना महत्व है?
आपको बताते हैं कि यह दिन इतना खास क्यों है
दरअसल, आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन महाभारत के रचयिता वेद व्यास जी का जन्म हुआ था उन्हीं की जन्मतिथि के उपलक्ष में गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। इस दिन गुरु और शिक्षकों का सम्मान भी किया जाता है। जैसा कि प्राचीन समय से ही हम लोग देखते और सुनते आए हैं कि किसी भी बालक के जीवन में सही राह दिखाने वाला गुरु ही होता है। इसी कारण हिंदू धर्म में गुरु को भगवान का स्थान दिया गया है। इस शुभ दिन पर समस्त गुरुजनों के प्रति आभार और धन्यवाद का भाव व्यक्त किया जाता है।
अब हम जान लेते हैं गुरु का अर्थ क्या है
गु का अर्थ है अंधकार और रू का अर्थ है उसका निरोधक यानी गुरु या शिक्षक को सर्वोत्तम स्थान इसलिए दिया जाता है कि गुरु हमारे जीवन के अंधकार को खत्म कर हमें प्रकाश की ओर ले जाते हैं ।
इस बार की गुरु पूर्णिमा बेहद खास है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार गुरु पूर्णिमा बहुत ही खास है, क्योंकि इस दिन कई राज योग बन रहे हैं। इस दिन बुध ग्रह भी अनुकूल स्थिति में रहेगा। अलावा इसके शुक्र ग्रह भी अपने मित्र ग्रहों के साथ होंगे, जिसे बेहद शुभ माना जाता है।
ग्रहों के मुताबिक कब होगी शुरुआत:
गुरु पूर्णिमा की शुरुआत इस बार यानी कि 13 जुलाई, 2022 को गुरु पूर्णिमा का प्रारंभ सुबह 4:00 बजे से शुरू होगा जो 14 जुलाई की रात 12:06 मिनट तक रहेगा।
अपने जीवन में आने वाली नौकरी जैसी समस्याओं के लिए गुरु पूर्णिमा को करें ये उपाय :
अगर आपकी नौकरी लगने में व्यवधान आ रहे हैं, तो इस दिन अपने गुरुओं का ध्यान कर मंत्र जाप करें। हो सके तो अपनी इच्छा अनुसार मिठाई, फल तथा कुछ उपहार अपने गुरु को भेंट स्वरूप दें ।
गुरु पूर्णिमा के दिन पूजन कैसे करें :
1. गुरु पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
2. स्नानादि से निवृत्त होकर साफ-सुथरे कपड़े पहने।
3. पूजा घर के सामने अपने इष्ट देव और गुरु की प्रतिमा रखकर पूजा करें।
4. गुरु और इष्टदेव का ध्यान कर मंत्रों का जाप करें ।
5. इसके पश्चात प्रसाद बांटे और खुद भी प्रसाद ग्रहण करें।