आयुर्वेद में ऐसी मान्यता है कि तांबे (Copper) के बर्तन का पानी तीन दोषों कफ, वात और पित्त को संतुलित रखकर आपके पेट और गले से जुड़ी बीमारियों को बहुत हद तक ठीक करने में मदद करता है। आपको डेली सुबह खाली पेट तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना चाहिए। आइये, जानते हैं इसके फायदे-
डाइजेशन सिस्टम को करता है मजबूत
तांबा पेट, लिवर और किडनी सभी को डिटॉक्स करता है। इसमें ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो पेट को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टिरिया को मार देते हैं, जिस कारण से पेट में कभी भी अल्सर और इंफेक्शन नहीं होता।
अर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द से देता है राहत
तांबे में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज दर्द से राहत दिलाती है, इसलिए अर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों को आवश्य पीना चाहिए। इसके साथ ही तांबा हड्डियों और रोग प्रतिरोधक झमता को भी मजबूत करता है।
स्किन के लिए उपयोगी
तांबे में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स चेहरे की फाइन लाइन्स और झाइयों को खत्म करता है। साथ ही फाइन लाइन्स को बढ़ाने वाले सबसे बड़े कारण यानी फ्री रेडिकल्स से बचाकर स्किन पर एक सुरक्षा लेयर बनाता है, जिस वजह से आप लंबे समय तक जवां रहते हैं।
वजन कम करने में असरदार
अगर आपको कम समय में वजन कम करना है तो तांबे के बर्तन का पानी पिएं। इससे आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर कर बेकार फैट्स को शरीर से बाहर निकालता है।
दिमाग को तेज करता है
मस्तिष्क को उत्तेजित कर उसे सक्रिय बनाए रखने में तांबे का पानी बहुत सहायक होता है। इसके इस्तेमाल से स्मरणशक्ति मजबूत होती है और दिमाग तेज होता है।
इसका उपयोग ऐसे करें
आयुर्वेद ही नहीं, विज्ञान ने भी तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना फायदेमंद बताया है। इस पानी का पूरी तरह से लाभ तभी मिलता है, जब तांबे के बरतन में कम से कम 08 घंटे तक पानी रखा जाए। इसलिए लोग रात को तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखते हैं, जिससे सुबह उठकर सबसे पहले इस पानी का इस्तेमाल कर सकें।