Birth Control Pills: बर्थ कंट्रोल पिल्स एक वक्त में सबसे अधिक प्रचलित कॉन्ट्रासेप्टिव माध्यम था। बता दें कि 15-20 साल पहले नब्बे फीसदी महिलाएं गर्भ निरोध के लिए इनका इस्तेमाल करतीं थीं, लेकिन महिलाओं में ज्यों-ज्यों अपने हेल्थ के प्रति जागरुकता बढ़ी, उन्होंने गर्भनिरोधक दवाएं की बजाएं दूसरे विकल्पों को प्राथमिकता देना शुरु कर दिया। इनमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय कंडोम हैं। मालूम हो कि मेल और फीमेल दोनों तरह के कंडोम उपलब्ध होने के बावजूद मेल कंडोम ही इस समय गर्भ निरोध का सबसे लोकप्रिय जरिया है। आखिर क्या करण है कि अब ज्यादातर महिलाएं ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स यानी गर्भनिरोधक दवाएं को लेना पसंद नहीं करतीं।
अनचाहे गर्भ से बचने के लिए गर्भ निरोधक गोलियां एक विश्वसनीय माध्यम हुआ करती थीं। जो हर दिन नियमित रूप से लेने पर 99 फीसदी प्रभावी होती हैं। इसके बावजूद महिलाएं इसे लेने से घबराती हैं। असल में यह घबराहट बेवजह नहीं है। इनके तात्कालिक और लॉन्ग टर्म साइड इफेक्ट्स किसी भी महिला को परेशान कर सकते हैं। इसलिए इन्हें सबसे कम पसंद किया जाने वाला गर्भनिरोधक उपाय माना जाता है। क्या हैं गर्भनिरोधक गोलियों के नुकसान, आइये जानते हैं-
पहले बर्थ कंट्रोल पिल्स के बारे में जान लेते हैं
एक सीनियर डॉक्टर बताती हैं कि ये एक तरह का ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड है जो हार्मोन्स का उपयोग करके कन्सीव करने को रोकती है। ओरल का मतलब है कि इसे मुंह से लिया जाता है। कॉन्ट्रासेप्शन का मतलब गर्भधारण को रोकने का कोई भी तरीका।
इन गोलियों में ऐसे हार्मोन्स होते हैं जो पीरियड्स को कंट्रोल करते हैं, PMS के लक्षणों को कम करते हैं, ओवरी और यूट्रस के कैंसर का खतरा कम करते हैं, और एंडोमेट्रियोसिस का इलाज करते हैं। कई लोगों के लिए, यह गोली उनके दैनिक रूटीन का एक हिस्सा होती है। जब आप इन्हें रोज, पूरे तरह से निर्धारित तरीके से लेते हैं, तो यह गर्भधारण को 99 प्रतिशत तक रोकती हैं।
कैसे काम करती हैं बर्थ कंट्रोल पिल्स?
डॉक्टर आगे समझाते हुए कहती हैं कि यह गोलियां गर्भधारण को रोकने के लिए हार्मोन्स का उपयोग करती हैं, जो स्पर्म को एग्स के फर्टिलाइजेशन से रोकती हैं। ये आपकी यूट्रस में भी बदलाव लाती हैं ताकि आप गोली लेते समय कंसीव ना करें। यह ओव्यूलेशन को रोकती हैं या कम करती हैं। सर्विक म्यूकस को गाढ़ा करती हैं, जो स्पर्म को यूट्रस में जाने से रोकता है। आपकी यूट्रस की ऊपरी लेयर को पतला करती हैं ।
बर्थ कंट्रोल पिल्स के नुकसान
वो इसके बारे मे सचेत करती हैं कि कॉन्ट्रासेप्टिव दवा को डॉक्टर के परामर्श के साथ लिया जा सकता है लेकिन इन्हे ज्यादा खाना सेहत के लिए नुकसानदेय हो सकता है क्योंकि इसके कई स्वास्थ्य संबंधी जोखिम हो सकते हैं। इन्हे लेने के बाद आपको ब्रेस्ट में सूजन या दर्द, हैवी ब्लीडिंग, मूड स्विंग, हल्का सिरदर्द और पेट दर्द जैसे लक्षणों का अनुभव भी हो सकता है। जो महिलाओं मे कमजोरी का कारण बन सकती हैं।
निम्नलिखित नुकसान, जिन्हें ‘ACHES’ शब्द से याद रखना आसान है, ये कम सामान्य लेकिन गंभीर होते हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण हो, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। ये लक्षण गंभीर बीमारियों जैसे लीवर डीजीज, ब्लैडर का रोग, स्ट्रोक, ब्लड क्लॉटिंग, हाई ब्लडप्रेशर, हृदय रोग, स्ट्रोक, ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) का खतरा, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, वजन बढ़ना, मासिक धर्म में बदलाव, इन्फर्टिलिटी आदि का जोखिम बना रहता है। ये हैं-
पेट में दर्द : A for (Abdomen pain)
छाती में दर्द : C for (Chest pain)
सिरदर्द: H for (Headaches)
आंखों की समस्याएं : E for (Eye problems )
पैरों में गंभीर सूजन: S for (Severe leg swelling)
क्या इनके कुछ लॉन्ग टर्म नुकसान भी हैं?
डॉक्टर बताती हैं, हालांकि, हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव तरीके अधिकांश लोगों के लिए सुरक्षित होती हैं, बशर्ते उन्हें डॉक्टर की मंजूरी मिली हो। लेकिन कुछ लोगों में काॅन्ट्रासेप्टिव पिल्स के लॉन्ग टर्म साइड इफेक्ट्स में ब्लड क्लाॅटिंग और कुछ कैंसर का जोखिम शामिल हो सकता है। ये उस कॉन्ट्रासेप्टिव पिल के प्रकार से निर्भर होते हैं, जिसे आप चुनते हैं।
ब्लड क्लॉटिंग का खतरा
गोलियां लेने वाले लोगों में ब्लड क्लॉटिंग का जोखिम अधिक हो सकता है। हाई एस्ट्रोजन वाली गोलियां इस खतरे को और बढ़ा देती हैं। कुछ मामलों में, ये क्लॉटिंग जीवन के लिए खतरा बन सकते हैं यदि वे ब्लड फ्लो के माध्यम से दिमाग, फेफड़ा और दिल तक पहुँचते हैं।
दिल की बीमारी और स्ट्रोक का डर
स्ट्रोक या हार्ट अटैक का जोखिम गोलियां लेने वाले लोगों में अधिक हो सकता है। कुछ अध्ययन बताते हैं कि इस्कीमिक स्ट्रोक का जोखिम हर 10 माइक्रोग्राम एस्ट्रोजन में बढ़ता है, साथ ही ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव के उपयोग के पांच साल के अंतराल में भी। हार्ट अटैक का खतरा गोलियों में एस्ट्रोजन की खुराक के साथ बढ़ता है।
ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम
कुछ अध्ययनों से यह पता चला है कि गोलियां लेने वाले लोगों में उन लोगों की तुलना में ब्रेस्ट कैंसर विकसित होने की आशंका अधिक होती है, जो ओरल कॉन्ट्रासेपशन का उपयोग नहीं करते। इसमें पाया जानु वाला सिंथेटिक एस्ट्रोजन मुख्य चिंता का विषय है। इस संबंध पर रीसर्च के परिणाम मिश्रित रहे हैं। नए रीसर्च के मुताबिक हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन के उपयोग और ब्रेस्ट कैंसर के बीच का संबंध वास्तव में ट्यूमर के टाइप पर निर्भर कर सकता है। गोलियाँ लेने वाले लोगों में यूट्रस कैंसर विकसित होने का जोखिम भी अधिक होता है।
माइग्रेन का खतरा
जो लोग माइग्रेन के सिरदर्द का अनुभव करते हैं, उन्हें ऐसे कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स से बचना चाहिए जिनमें एस्ट्रोजन हो। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) 35 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए, जो माइग्रेन का अनुभव करते हैं, एस्ट्रोजन वाली गोलियों के उपयोग की सलाह नहीं देता। उधर, ये उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती हैं, जो पीरीयड्स में माइग्रेन का सामना करती हैं।
ब्लैडर की बीमारियां
शोध से पता चलता है कि कुछ हार्मोनल काॅन्ट्रासेप्टिव पिल्स गाॅल ब्लैडर की बीमारी का जोखिम बढ़ा सकती हैं, लेकिन ओरल काॅन्ट्रासेप्शन इनमें से नहीं हैं। डेपो-प्रोवेरा में प्रोजेस्टिन और लेवोनोर्गेस्ट्रेल अंतर्गर्भाशयी उपकरण (IUD) के उपयोग ने इस जोखिम को बढ़ा दिया है। ये हेपेटोसेलुलर एडेनोमा लगभग 4 फीसदी मामलों में कैंसर में बदल सकते हैं।
ये ट्यूमर फट भी सकते हैं और ब्लीडिंग हो सकती है, इसलिए ट्यूमर वाले लोगों के लिए ओरल कॉन्ट्रासेप्शन से बचना जरूरी है।
अगर बर्थ कंट्रोल पिल्स ले रही हैं, तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान
- शराब और धूम्रपान का सेवन न करें।
- अगर आप ब्रेस्ट फीड करती हैं तो इनके सेवन से बचें।
- गोलियां हर दिन एक ही समय पर लें ताकि गोली का सबसे अच्छा असर हो सके।
- ये गोलियां सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से नहीं बचातीं।
- अगर हाल ही में आपका मिसकैरेज या एबॉर्शन हुआ हो तो इन गोलियों को लेने से बचें।
- अगर आप गोली लेना भूल जाते हैं तो क्या करना है, इसकी एक योजना बनाएं।
- एक बैकअप, जैसे कंडोम, अपने पास रखें, ताकि अगर आप गोली लेना भूल जाएं।
- गोली के साथ दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ें और निर्देशों का पालन करें।