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Tag Archives: Condom

They buy condoms but don't know how to enjoy safe sex!

Condom: इन दिनों मेडिकल स्टोर से लेकर मॉल तक सभी जगह आपको कंडोम उपलब्ध है। लेकिन हम सभी के लिए यह जानना जरूरी है कि क्या सभी कंडोम को वेजाइनल सेक्स के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। क्या इनका प्रयोग सेफ है? क्योंकि अक्सर हम एक्साइटमेंट में विभिन्न फ्लेवर, अलग-अलग डिजाइन के कंडोम तो खरीद लेते हैं पर बाद मे हमें परेशानी उठानी पड़ती है। असल में कंडोम का चयन महिलाओं की वेजाइनल हेल्थ को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए, क्योंकि पेनिट्रेशन के दौरान महिलाओं में संक्रमण का डर ज्यादा होता है।

हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया कि कंडोम के इस्तेमाल जुड़ी कुछ अहम बातें ताकि आप बिना किसी परेशानी के सही और सुरक्षित सेक्स का आनंद ले।

यहां जानें कंडोम के इस्तेमाल से जुडी कुछ जरूरी बातें

1. वेजाइनल सेक्स के लिए ना करें फ्लेवर्ड Condom का इस्तेमाल

आज के समय में आपको तमाम तरह के फ्लेवर में कंडोम उपलब्ध मिल जाएंगे। किसी भी फ्रूट के फ्लेवर से लेकर आइसक्रीम फ्लेवर तक के कंडोम उपलब्ध हैं। परंतु क्या इनका इस्तेमाल वेजाइनल सेक्स के लिए सुरक्षित है? जवाब है नहीं, फ्लेवर्ड कंडोम को ओरल सेक्स के लिए बनाया गया है। फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल वेजाइनल या एनल सेक्स के लिए नहीं करना चाहिए। खासकर अगर इनके पैकेट पर ऐडेड शुगर, फ्लेवर्ड कोटिंग जैसे इंस्ट्रक्शंस दिए गए हों, क्योंकि यह सभी वेजाइनल ईस्ट इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं।

2. Condom की एक्सपायरी डेट चेक करना ना भूलें

They buy condoms but don't know how to enjoy safe sex!

आमतौर पर हम खाने-पीने की चीजों पर तो एक्सपायरी डेट चेक करते हैं, परंतु कंडोम खरीदते वक्त शायद ही कोई ऐसा होगा जो एक्सपायरी डेट पर ध्यान देता हो। हालांकि, इस पर हम सभी को जरूर से जरूर ध्यान देना चाहिए। कंडोम के एक्सपायरी डेट पार हो जाने के बाद इन पर लगे लुब्रिकेंट आपके वेजाइना को नुकसान पहुंचा सकते हैं और इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा एक्सपायरी कंडोम के फटने की संभावना अधिक होती है, साथ ही साथ सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज और प्रेगनेंसी को प्रीवेंट करने की इसकी क्षमता भी बेहद कम हो जाती है।

3. लेटेक्स Condom के साथ सिलिकॉन बेस्ड ल्यूब का करें प्रयोग

लेटेक्स कंडोम के साथ हमेशा वॉटर बेस्ड या सिलिकॉन बेस्ड ल्यूब का इस्तेमाल करें। हालांकि, इन ल्यूब को किसी भी कंडोम के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। लेटेक्स कंडोम के साथ भूलकर भी ऑयल, लोशन, वैसलीन और ऑयल बेस्ड ल्यूब का इस्तेमाल न करें। ऑयल लेटेक्स कंडोम को डैमेज कर सकते हैं, जिसकी वजह से यह फट सकता है। ऐसे में प्रेगनेंसी और सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। आमतौर पर नॉन लेटेक्स प्लास्टिक कंडोम के साथ ऑयल बेस्ड ल्यूब का इस्तेमाल किया जाता है।

4. यहां रखें कंडोम

कंडोम को हमेशा धूप गर्मी और नमी युक्त जगह से दूर रखना चाहिए इसे सूखे और ठंडी जगह पर स्टोर करें। कंडोम को पर्स, बैग, पॉकेट में रखने से लेटेक्स खराब हो सकता है साथ ही इसकी ल्यूब भी खराब हो जाती है। इस स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

5. कंडोम को कभी भी दोबारा न करें इस्तेमाल

एक कंडोम को भूलकर भी दो बार इस्तेमाल ना करें। अगर आप एक ही समय में कुछ देर के गैप पर दो बार सेक्स कर रही हैं, तो भी कंडोम बदलना आवश्यक है, क्योंकि ऐसा न करने से महिला एवं पुरुष दोनों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही कंडोम कमजोर हो जाती है, और दूसरी बार इस्तेमाल के दौरान यह फट सकती है। एक ही कंडोम को दो बार इस्तेमाल करना बेहद अनहाइजीनिक है। हेल्थ और सेफ सेक्स के लिए एक कंडोम को सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल करें।

फोटो सौजन्य- गूगल

Flavored condom increases vaginal infection

सुरक्षित SEX को लेकर कंडोम का प्रयोग किया जाता है। यह सभी तरह के सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) से बचाता है। सेक्स के दौरान कुछ लोग फ्लेवर्ड के Condom का भी इस्तेमाल करते हैं। कुछ महिलाएं पार्टनर के फ्लेवर्ड Condom कंडोम का इस्तेमाल करने पर वेजाइनल इंफेक्शन से हुई परेशानी का जिक्र करती हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक फ्लेवर्ड कंडोम का प्रयोग हमेशा नहीं करना चाहिए। इसकी वजह से ही इन्फेक्शन होता है।

क्या है Male Condom

मेल कंडोम एक पतला आवरण वाला होता है, जिसे सुरक्षित यौन संबंध के लिए पेनिस के ऊपर रखा जाता है। इनसे सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (Sexually Transmitted Disease) से बचाने में मदद मिलती है। इससे अवांछित गर्भधारण को रोकने में मदद मिलती है। एक समय में एक से अधिक प्रकार के कंडोम का उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे कंडोम के फटने का डर बना रहता है।

क्या है Flavored Condom

गायनेकोलोजिस्ट एंड ऑब्सटेट्रिक्स डॉ. रिद्धिमा शेट्टी अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, ‘फ्लेवर्ड कंडोम विशेष रूप से ओरल सेक्स के लिए बनाए जाते हैं। अन्य प्रकार के सेक्स के लिए फ्लेवर्ड कंडोम का उपयोग स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है, फ्लेवर्ड कंडोम में उपयोग किए जाने वाले तत्व जलन और संक्रमण का कारण बन सकते हैं। फ्लेवर्ड कंडोम के लयूब्रीकेंट में फ्लेवर मिलाया जाता है। फ्लेवर्ड कंडोम के विकल्प के रूप में फ्लेवर्ड ल्यूब (Flavored Lube) का उपयोग बिना लयूब्रीकेंट वाले कंडोम के साथ किया जा सकता है।’

इस तरह के सेक्स के लिए फ्लेवर्ड कंडोम

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डॉक्टर के मुताबिक आपके पार्टनर पेनिट्रेटिव सेक्स के लिए फ्लेवर्ड कंडोम का उपयोग कर रहे हैं, तो इसके लिए डॉक्टर मनाही करते हैं। फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल केवल ओरल सेक्स के लिए किया जाता ((Flavored Condom for Oral Sex) है। दरअसल, फ्लेवर्ड कंडोम में आर्टिफिशियल शुगर (Artificial Sugar) मौजूद होता है, जो योनि के पीएच स्तर को बाधित (Flavored Condom affects Vaginal PH) कर देता है। यह फंगल और कभी-कभी बैक्टीरियल इन्फेक्शन का भी कारण बन (Flavored Condom causes Bacterial Infection) सकता है।

ये नियमित कंडोम (Regular Condom) के समान होते हैं, लेकिन लयूब्रीकेंट में पसंदीदा फ्लेवर मिलाए जाते हैं। यह एक सामान्य परिवर्तन है, लेकिन अतिरिक्त स्वाद कंडोम के कार्य को थोड़ा बदल देता है। पेनिट्रेटिव सेक्स के दौरान नियमित कंडोम का ही उपयोग करना चाहिए।

लुब्रिकेंट का उपयोग

Flavored condom increases vaginal infection

सभी लयूब्रीकेंट ओरली निगलने के लिए सुरक्षित नहीं होते हैं। प्रयोग करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए और उपयोग किये जा रहे प्रोडक्ट का लेबल भी पढ़ना चाहिए। उचित लयूब्रीकेंट का उपयोग करना जरूरी है। तेल आधारित लयूब्रीकेंट लेटेक्स कंडोम (Latex Condom) के साथ अच्छी तरह से काम नहीं करते हैं। ये आम तौर पर मुंह में डालने के लिए भी सुरक्षित नहीं होते हैं। आयल कंडोम के रबर को कमजोर कर देती है और इसके टूटने का खतरा बढ़ जाता है।

यहां हैं फ्लेवर्ड कंडोम के खतरा

डॉक्टर्स के अनुसार अगर सही तरीके से उपयोग नहीं किया जाए, तो फ्लेवर्ड कंडोम सामान्य कंडोम की तुलना में जोखिम पैदा कर सकते हैं। इसके एनल या वेजाइनल सेक्स के दौरान टूटने, फटने और फिसलने का डर बना रहता है। इससे किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन या आकस्मिक गर्भावस्था की संभावना भी बन सकती है। फ्लेवर्ड कंडोम ओरल सेक्स के लिए हैं। इसलिए एक टूटा हुआ कंडोम आपको और आपके पार्टनर को एसटीआई (STI) के जोखिम में ला सकता है। एसटीआई के कारण हरपीज, गोनोरिया, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPLV), ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV), एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) जैसे जानलेवा रोगों का खतरा बढ़ जाता है।