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Tag Archives: Daughter

Ruckus over Aishwarya Rai Bachchan's 'lip kiss'

मुंबई: बॉलीवुड की हर दिल अजीज एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) अपनी अदाकारी के साथ-लाथ अपनी फिल्मों को लेकर सुर्खियों में बनी रहती हैं। इस बार वह अपनी एक फोटो को लेकर ट्रोल हो रही हैं। ऐश्वर्या राय की तस्वीर को नेटीजन्स एक तरह बेहद प्यारी और खूबसूरत बता रहे हैं। वहीं दूसरी तरह कुछ उन्हें संस्कृति का पाठ पढ़ाते नजर आ रहे हैं। ऐश्वर्या राय बच्चन की नई तस्वीर पर बवाल बढ़ता ही नजर आ रहा हैं।

बेटी के होठों पर किस वाली फोटो पर हुई ट्रोल

16 नवंबर को ऐश्वर्या राय बच्चन की बेटी आराध्या बच्चन का जन्मदिन हैं। एक्ट्रेस ने रात 12 बजे बेटी के जन्मदिन सेलिब्रेशन की एक फोटो पोस्ट की हैं। फोटो में ऐश्वर्या राय बच्चन बेटी का 11वां जन्मदिन मनाती हुई दिखाई दे रही हैं। फोटो में ऐश्वर्या अपनी बेटी के आराध्या के होठों पर किस कर रही हैं। फोटो शेयर करने के साथ ऐश्वर्या ने लिखा- ‘माय लव, माय लाइफ…मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं…मेरी आराध्या।’ऐश्वर्या राय बच्चन की इसी तस्वीर पर नेटीजन्स ने हंगामा करना शुरू कर दिया हैं।

Aishwarya Rai Bachchan

क्या कहना है लोगों का ?

सोशल मीडिया पर एक तरफ लोग मां-बेटी के प्यार की नजर उतार रहे हैं। तारीफों के पुल बांध रहे हैं, वहीं कुछ लोग ऐश्वर्य़ा राय बच्चन को संस्कृति का पाठ पढ़ाते हुए नजर आ रहे हैं। एक्ट्रेस को यह कहकर ट्रोल किया जा रहा हैं कि बेटा-बेटी को होठ पर किया जाना हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं हैं। जबकि एक यूजर ने लिखा- आप ऐसे प्यार कर रही हैं ठीक हैं लेकिन ऐसी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर नहीं करनी चाहिए।

mother

मां, वह घर छूटे अरसा हो गया है और वैसे ही वह बेफ़िक्री से सोए हुए अरसा हो गया। तुम्हें याद है, मैं हमेशा तुम्हें कह कर सोती थी कि मां मुझे जल्दी उठा देना लेकिन तुमने कभी मुझे सोते हुए नहीं उठाया।

पर सच कहूं तो वो वाली नींद भी वही छूट गई, अब ऐसी नींद आती नहीं। आंखे ना जाने क्यों अलार्म बजने से पहले खुल जाती है।ना जाने किस बात की बेचैनी है। जब से वह घर छूटा है ना, खाना भी अच्छा नहीं लगता। पता नहीं तुम आटे में क्या मिलाया करती थी, वैसी रोटी कहीं खाने को ही नहीं मिलती। कई बार कोशिश की तुम्हारे जैसा स्वाद खाने में लाने की, लेकिन ना जाने क्यों अपने हाथ से बनाया हुआ पनीर भी लौकी जैसा लगता है। और हां, लौक़ी से याद आया तुम्हें याद है, जब जब घर पर लौकी बनती थी तो तुम मेरे लिए कोई और दूसरी सब्जी बना देती थी। मां, तुम कितने अच्छे से जानती थी कि मैं नहीं खाऊंगी, मुझे पसंद नहीं है। तुम्हें पता है मैं अब बड़ी हो गई हूं, अब लौकी बनती है, तो मैं आचार से रोटी खा लेते हूं और जब सवाल करती हूं खुद से की दूसरी सब्जी? तो इस दिले नादान को समझाती हूं कि यह पापा का घर नहीं है।

सब से लेट सो कर, सब से लेट उठती थी मैं। वैसे, सब से लेट तो यहां पर भी सोती हूं, लेकिन सुबह सबसे पहले उठने के लिए। अलार्म कई बार बजती है, कई बार मुझसे यह कहते हुए रूठ जाती है, कि तुम्हें मेरी क्या जरूरत है? मैं उसे कैसे समझाऊं कि मुझे उसकी जरूरत जागने के लिए नहीं, बल्कि कभी गलती से मीठे सपनों में खो कर आंख ना खुलने पर देर ना हो जाए इसलिए हैं।

mother

पतंग को देखकर आसमान में दूर तक उड़ जाने के ख्वाब देखने वाली मैं , ये फिजूल के मतलबी रिश्ते निभाते निभाते मशीन हो गई हूं। तुम्हें पता है मां, अब दिल दुखना ही भूल गया है। पहले कोई दिल दुखाता था, तो उसकी शक्ल ना देखने की कसम खाने वाली मैं, अब झूठा मुस्कुराना सीख गई हूं। दिल अंदर चीख रहा होता है और बाहर कोई सुन नहीं सकता, मेरी हंसी के पीछे इस मासूम की चीख कुछ भी नहीं है। जब तुम पास थी तो एक छोटी सी खरोच भी बहुत बड़ी चोट होती थी, लेकिन अब अक्सर खाना बनाते हुए हाथ जल जाते हैं मेरे, और कमाल देखो मां, तुम्हारी ये बेहतरीन अदाकारा, मुंह से उफ्फ भी नहीं करती।

आज बाजार में एक मां अपनी बच्ची को खिलौना दिला रही थी। बहुत खुश थी वह बच्ची खिलौने लेकर। लेकिन तभी एक ख्याल मन में आया कि आज जब मां पास है तो बाजार के सारे खिलौने अपने लगते हैं,लेकिन जब वही मां पास नहीं होती लोग उसी को खिलौना बना कर खेलते रहते हैं। कभी उसके दिल से और कभी उसके जज्बात से।
तुम बहुत याद आती हो, मां जब कभी सड़क पार करनी होती थी तो तुम और ज्यादा कसकर मेरा हाथ पकड़ लेती थी। आज जब कभी अकेले सड़क पार करती हूं , तो लगता है तुम यहीं हो मेरे साथ।

अब बड़ी हो गई हूं, मां अकेले सड़क पार करने के अलावा जिंदगी की मुश्किलों से लड़ना सीख गई हूं ,समझौते करना सीख गई हूं ,दिल में बहुत सारा दर्द लेकर हंसना सीख गई हूं और इनमें कोई बुराई भी नहीं है। जिंदगी का दूसरा नाम आजमाइश ही तो है। तुमने हर मोड़ पर मेरा साथ दिया है और आगे भी देती रहोगी, लेकिन सबको अकेले ही अपनी जिंदगी के अंधेरों से लड़ना पड़ता है। और मैं डटकर सारे अंधेरों का सामना करूंगी बस तुम ठीक वैसे ही मेरा हाथ पकड़े रखना जैसे तुम सड़क पार करते वक्त पकड़ा करती थी।
‘आई मिस यू मां’
‘आई लव यू लॉट’।

The work that Kalki had to do to feed her daughter was no less than an example for a working mother.

मुंबई: कल्कि कोचलिन (kalki koechlin) अपनी शाददार एक्टिंग के साथ-साथ बेबाकी के लिए फेमस है। कल्कि 2 साल की प्यारी बेटी की मां हैं और अकेले ही अपनी बेटी की ख्याल रखती हैं। वह अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी बेटी संग खूबसूरत तस्वीरें शेयर करती रहती हैं, जिस पर फैंस भी खूब प्यार लुटाते हैं। लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि कल्कि को वर्किंग मां होने के कारण बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसकी एक झलक अभिनेत्री ने सोशल मीडिया पर शेयर की है।

अभिनेत्री ब्रेस्ट मिल्क पंप करते हुए खींची सेल्फी

कल्कि कोचलिन ने इंस्टाग्राम पर एक थ्रोबेक फोटो साझा की है, जो उनके ड्रेसिंग रूम की है। इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि अभिनेत्री ब्रेस्ट मिल्क पंप करते हुए तैयार हो रही हैं और वह सामने मिरर सेल्फी ले रही हैं। बता दें कि यह सेल्फी शूटिंग शुरू होने से पहले की है। इस फोटो के साथ अभिनेत्री ने कैप्शन में लिखा, ‘एक मां के अपराध बोध की याद में..’ इसके साथ ही उन्होंने कैप्शन में हैशटैग ‘वर्किंग मदर’ और ‘मदरहुड’ का प्रयोग किया है।

 

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कल्कि कोचलिन की यह फोटो सोशल मीडिया पर फैंस को खूब पसंद आ रही हैं। हर किसी ने अभिनेत्री को एक मजबूत मां बताया है। एक फैन ने लिखा- मातृत्व हेहतरीन है। वहीं, दूसरे फैंस ने लिखा- हम सभी जानते हैं कि आप अपना सर्वश्रेष्ठ कर रही हैं और आप जिस काम को करना पसंद करती हैं उसे करके आप सबसे अच्छे लोगों में शुमार हो सकती हैं। हमेशा खास बनो और कभी मत बदलो क्योंकि यही आपको अद्वितीय बनाता है। अलावा इसके एक और यूजर ने लिखा- आपको पता नहीं है कि यह छवि कितनी शक्तिशाली है, कल्कि! बहुत प्रेरक।

गौरतलब है कि कल्कि कोचलिन ने वर्ष 2011 में फिल्ममेकर अनुराग कश्यप से शादी की लेकिन दोनों की शादी ज्यादा दिन नहीं टिक सकी और सार 2015 में दोनों ने अलग होने को फैसला कर लिया। अगर अभिनेत्री के वर्क फ्रंट की बात करें तो कल्कि अपनी फिल्म ‘गोल्डफिश’ और ‘एमा एंड एंजल’ की शूटिंग खत्म कर चुकी हैं।

 

छोटी बच्ची

आज यही पड़ोस के घर में रोने की तेज आवाजों ने मेरी नींद को तोड़ने में एक क्षण भी नहीं लगाया। लगातार बस यही सुनने को मिल रहा था, कि लड़की हुई है, इससे अच्छा तो होती ही ना।

लड़की को पैदा करने के जुर्म में उसकी मां को भी लगातार गालियां सुनने को मिल रही थी, बार बार उसको ये अहसास दिलाया जा रहा था कि उसने कितना भयानक जुर्म किया है। बार बार उसे ताने देकर बताया जा रहा था कि अगर वो लड़की की जगह लड़का पैदा करती तो आज मातम की जगह खुशियां मनाई जाती। उसे पड़ोस वाली औरतें भी ये बता रही थी कि उसमें लड़का पैदा करने कि क्षमता नहीं है, इसलिए लड़की पैदा करने के बाद वो किसी से भी ये उम्मीद न रखे कि सब लोग उसे इज्ज़त बक्शेंगें।

लेकिन इन सब के बीच वो नन्हीं सी परी अपनी मोटी-मोटी आंखो को खोले बहुत आस से एक एक करके सबको देख रही थी कि गलती से कोई मुस्करा कर उसे गोदी में उठा ले। लेकिन बच्ची है, नादान है, जानती ही नहीं कि ये सारे बेशर्म लोग उसके आने से खुश नहीं बल्कि उनपर तो जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो। कोई उसे गोदी लेना तो दूर उसको देखना तक नहीं चाहता।

वाकई ये सच कितना कड़वा है ना कि बहु सब को सर्वगुण संपन्न चाहिए लेकिन आज भी समाज में ऐसे लोग है जो बेटी को पैदा करना ही नहीं चाहते, उसे आज भी बोझ मानते है, आज भी नानी दादी सिर्फ पोते की चाह रखती है। आज भी लड़की होने पर कभी उसे कचरे के डिब्बे में फेंक दिया जाता है या मार दिया जाता है।

ये समाज आज भी पहले की तरह ही अनपढ़ रवैया वाला समाज है, जो लड़कों के लिए अलग है और लड़कियों के लिए अलग।

आज की चर्चा उन लड़कियों के लिए है जिनके लिए आगे बढ़ना तो दूर…आगे बढ़ने के सपने देखना भी गुनाह है ।

बहुत दुख हो रहा है ये कहते हुए भी की आज भी लोग लड़को और लड़कियों में भेद करते है…

लाख बंदिश है जो उन्हें ये समझने ही नहीं देती कि उन्हें भी हक है अपनी ज़िन्दगी अपने तरीके से जीने का..बिल्कुल वैसे ही जैसे उनके भाई जीते है।

पता नहीं लोग क्यों ये नहीं समझना चाहते कि जब भगवान ने कोई फ़र्क नहीं किया तो वो क्यों इस पाप के भागीदार बन रहे है…जीने दो इन परियों को भी अपने तरीके से…. उड़ान भरने दो इन्हे भी अपनी गति से…।

और यकीन मनिए….एक दिन वो भी आएगा जब आपको इनपर नाज़ होगा … क्योंकि ये उस मुकाम पर होंगी जहां आपने कभी ख्वाहिश भी नहीं की होगी…

गौरतलब है कि उस वक़्त आपको यकीन नहीं होगा कि ये आपकी वहीं परियां है…. जिनके हंसने पर भी आपने पाबंदियां लगाई थी।।

चलिए जिसे समझना होगा वो इतने में समझ जाएगा… बाकी जिसको ये समझ नहीं आया उनके लिए कुछ और है मेरे पास….

मैं क्या जानू आज़ादी को, कैसे खुद को लड़का मानू,

मिले ही नहीं जो पंख मुझे, कैसे फिर मैं उड़ना जानूं ।

कैसे भुला दू इस हकीकत को, कैसे सच को सपना मानू,

जब आए अपने आंसू देने को, कैसे फ़िर मैं रिश्ते जानूं ।

सुकून दिया जिन फूलों में मुझे, कैसे उनको काटें मानू

हर पल जब खाई ठोकरें मैंने,कैसे फिर मैं उठना जानूं ।

दिखाए मैंने जो सपने दिल को, कैसे उनको टूटा मानू,

मिला ही नहीं कभी दरिया मुझे, कैसे फिर मैं प्यास को जानूं ।

भिगोया ही नहीं जिसने मुझे, कैसे उसको रिमझिम मानू,

जब मिली ही नहीं मूर्त मुझे, कैसे फिर मैं पूजा जानूं।

हर पल रुलाया जिसने मुझे, कैसे उसको अपना मानू

मिली ही नहीं कभी खुशी इस दिल को, कैसे फिर मैं हंसना जानूं ।

पाया है हर पल चार दीवारों मैं खुद को, कैसे इसको दुनिया मानू

मिला ही नहीं कभी जीवन मुझे तो, कैसे फिर मैं मौत को जानूं ।

मैं क्या जानूं आज़ादी को, कैसे खुद को लड़का मानू,

मिले ही नहीं कभी पंख मुझे तो कैसे फिर मैं उड़ना जानूं।।

 

फाइल फोटो- गूगल