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Dhanteras: Know the auspicious time of shopping on Dhanteras

Dhanteras: धनतेरस का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना जाता है। हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। धनतेरस के त्योहार को धन त्रयोदशी और भगवान धन्वंतरि की जयंती के मौके पर भी मनाई जाती है। हिंदू धर्म में धन, संपदा, सुख-समृद्धि और आरोग्यता के इस त्योहार का खास महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस पर्व पर भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। धनतेरस से 05 दिवसीय दीपावली पर्व की शुरुआत हो जाती है।

धनतेरस पर पूजा और खरीदारी का खास महत्व होता है। धनतेरस पर खरीदारी, निवेश और किसी नए कार्य की शुरुआत को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस बार धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग का संयोग बन रहा है। ऐसी मान्यता है धनतेरस पर खरीदारी और नए कार्य करने से इसमें तीन गुना फल की प्राप्ति होती है। धनतेरस पर मुख्य रूप से बर्तन, सोना-चांदी और वाहन की खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस तिथि पर देवताओं के वैध भगवान धन्वंतरि की प्रागट्य हुआ था। आइए जानते हैं धनतेरस की तिथि, पूजा विधि और खरीदारी का शुभ मुहूर्त आदि।

धनतेरस तिथि और शुभ मुहूर्त

धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि का पूजन और बर्तन की खरीदारी करना विशेष लाभकारी कहा गया है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रगट हुए थे। जिस कारण से हर साल धनतेरस को धन्वंतरि जयंती के नाम से मनाया जाता है। धनतेरस पर बर्तन खरीदने की प्रथा काफी पुरानी है।

  • त्रयोदशी तिथि आरंभ- 29 अक्तूबर सुबह 10:31 मिनट से
  • त्रयोदशी तिथि समाप्त- 30 अक्तूबर दोपहर 01:15 तक

धनतेरस पर खरीदारी का शुभ योग

Dhanteras: Know the auspicious time of shopping on Dhanteras

धनतेरस पांच दिनों तक चलने वाले दीपोत्सव का पहला पर्व है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक धनतेरस पर पूजा और बर्तन खरीदने पर कभी भी धन का भंडार खाली नहीं रहता है। धनतेरस के दिन धन और समृद्धि प्रदान करने वाली देवी लक्ष्मी की पूजा करने का विधान होता है। इस दिन जो भी व्यक्ति धन की देवी मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और धन्वंतरि की पूजा करता है उसके जीवन में कभी भी धन, वैभव, सुख और समृद्धि की कमी नहीं होती है। धनतेरस पर सोने के आभूषण, चांदी के सिक्के, बर्तन, कार, मोटरसाइकिल, इलेक्ट्रानिक चीजें और नए कपड़े शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए खरीदे जाते हैं।

धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त

  • पहला मुहूर्त- सुबह 06:31 से अगले दिन सुबह 10: 31 मिनट तक
  • दूसरा मुहूर्त (अभिजीत मुहूर्त)- सुबह 11:42 दोपहर 12: 27 मिनट तक
  • तीसरा मुहूर्त- शाम 06:36 से रात 8:32 मिनट तक

धनतेरस पर पूजा विधि और नियम

Dhanteras: Know the auspicious time of shopping on Dhanteras

धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की 16 क्रियायों से पूजा करने का विशेष महत्व होता है। जिसे षोडशोपचार पूजा विधि कहते हैं। इस दिन सोने-चांदी के सिक्के, आभूषण और बर्तन की खरीदारी की जाती है और शाम को मुख्य द्वार और आंगन में दीपक जलाए जाते हैं। धनतेरस पर दीपक जलाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। अलावा इसके धनतेरस की शाम को यमदेवता के लिए दीपदान किया जाता है।

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त

शाम 06: 30 से 08: 12 मिनट तक
प्रदोषकाल मुहूर्त
शाम 05: 37 से 08:12 मिनट तक
वृषभ काल मुहूर्त
06: 30 से लेकर 08: 26 मिनट तक

कौन है भगवान धन्वंतरि-

समुद्र मंथन से 14 प्रमुख रत्नों की उत्पत्ति हुई जिनमें चौदहवें रत्न के रूप में स्वयं भगवान धन्वन्तरि प्रकट हुए जो अपने हाथों में अमृत कलश लिए हुए थे। भगवान विष्णु ने इन्हें देवताओं का वैद्य और वनस्पतियों तथा औषधियों का स्वामी नियुक्त किया। इन्हीं के वरदान स्वरूप सभी वृक्षों-वनस्पतियों में रोगनाशक शक्ति का प्रादुर्भाव हुआ। भगवान धन्वन्तरि आरोग्य और औषधियों के देव हैं।

धनतेरस पर किस चीज की करें खरीदारी

धनतेरस के दिन सोना-चांदी के अलावा बर्तन, वाहन और कुबेर यंत्र खरीदना शुभ होता है।
इसके अलावा झाड़ू खरीदना भी अच्छा माना जाता है। मान्यता यह है इस दिन झाड़ू खरीदने से मां लक्ष्मी मेहरबान रहती हैं।
धनतेरस पर साबुत धनिया जरूर घर ले आएं।
धनतेरस पर गोमती चक्र भी खरीद सकते हैं। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

धनतेरस पर किस चीज की खरीदारी ना करें

धनतेरस लोहा या लोहे से बनी वस्तुएं घर लाना शुभ नहीं माना जाता है।
धनतेरस पर एल्युमिनियम या स्टील की वस्तुएं न खरीदें।
धनतेरस के शुभ अवसर पर शीशे या कांच की बनी चीजें भी बिल्कुल नहीं खरीदनी चाहिए।
ज्योतिष के अनुसार धनतेरस के दिन चीनी मिट्टी या बोन चाइना की कोई भी वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए।

धनतेरस पर करें ये उपाय

धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, कुबेर, यमराज और भगवान गणेश जी की पूजा करें।
धनतेरस के दिन घर और बाहर 13 दीपक जलाने से बीमारियों को दूर किया जा सकता है।
दान करना पुण्य कर्म है। धनतेरस के दिन दान करने का विशेष महत्व होता है।
धनतेरस पर पशुओं की पूजा करने से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

Diwali 2023: How to worship Goddess Lakshmi on Diwali

Diwali का पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। मान्यता है इस दिन भगवान राम रावण का वध करके अयोध्या वापस लौटे थे। उनके आने की खुशी में ही अयोध्या के लोगों ने दीप जलाकर उनका भारी स्वागत किया था। तभी से ही इस दिन रोशनी का महापर्व दिवाली मनाया जाने लगा। दिवाली एक दिन का नहीं बल्कि पूरे 5 दिन तक चलने वाला त्योहार है। दिवाली की रात में जहां लोग अपने घरों के बाहर दीपक जलाकर खुशियां बनाते हैं तो वहीं, घर में लोग विधि विधान लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं।
जानिए दिवाली पूजा विधि की सम्पूर्ण जानकारी:

एक चौकी, लाल कपड़ा, भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की प्रतिमा, अक्षत यानी साबुत चावल, लौंग, इलायची, एक तांबे या पीतल का कलश, कुमकुम, हल्दी, दूर्वा, सुपारी, मौली, 02 नारियल, 02 बड़े दीपक, आम के पत्ते, पान के पत्ते, 11 छोटे दीपक, अगरबत्ती, जल पात्र, गंगाजल, घी, सरसों का तेल, दीये की बाती, धूप, मीठे बताशे, खील, मिठाई, फल, पुष्प, कमल का फूल, पकवान, मेवे। कई लोग दिवाली पर मां लक्ष्मी को कमलगट्टे, कौड़ी और धनिया भी चढ़ाते हैं।

Diwali Puja Vidhi 2023 (दिवाली पूजा की तैयारी कैसे करें)

  • पूजा वाले स्थान को अच्छे से साफ कर लें।
  • फिर ज़मीन पर आटे या चावल से चौक बना लें।
  • आपसे चौक न बन पाए तो केवल कुमकुम से स्वास्तिक ही बना लें या फिर आप चाहें तो कुछ दाने अक्षत भी रख सकते हैं।
  • इस पर चौकी रखें और चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
  • चौकी पर 2 जगह अक्षत से आसन बनाएं और उस पर माता लक्ष्मी और गणेश जी को विराजमान करें।
  • ध्यान रहे कि लक्ष्मी जी को गणेश जी के दाहिने ओर ही स्थापित करना है और दोनों प्रतिमाओं का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा की तरफ होना चाहिए।
  • अब भगवान की प्रतिमाओं के आगे थोड़े रुपए, गहने और चांदी के सिक्के रख दें।
  • दरअसल चांदी के सिक्के देवता कुबेर का स्वरूप माने जाते हैं।
  • अगर चांदी के सिक्के न हों तो आप कुबेर जी का चित्र या प्रतिमा भी स्थापित कर सकते हैं।
  • इसके बाद लक्ष्मी जी के दाहिनी तरफ अक्षत से 8 पखुंडियों वाला एक पुष्प बनाएं।
  • इसके बाद लक्ष्मी जी के दाहिनी तरफ अक्षत से 8 पखुंडियों वाला एक पुष्प बनाएं।
  • फिर एक कलश में जल भरकर उस पर रख दें।
  • कलश के थोड़ा सा गंगा जल, कुमकुम, हल्दी, अक्षत, दूर्वा, सुपारी, लौंग और इलायची का जोड़ा डालें।
  • लेकिन अगर आपके पास ये सभी सामग्री नहीं है तो आप सिर्फ शुद्ध जल, अक्षत, हल्दी और कुमकुम भी डाल सकते हैं।
  • इसके अलावा ही आम के पत्तों पर भी हल्दी-कुमकुम लगा लें।
  • फिर आम के पत्ते को कलश में डालें और उसके ऊपर एक नारियल मौली बांधकर रख दें।
  • अब भगवान की चौकी के सामने अन्य पूजा सामग्री भी रख दें।
  • दो बड़े चौमुखी घी का दीपक रख लें और 11 दीयों में सरसों का तेल डाल लें।

दिवाली की पूजा विधि (Diwali Puja Vidhi)

दिवाली पर मुख्य रूप से मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। ऐसे में पूजा के लिए सबसे पहले पूजा की जगह को साफ करें और एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। फिर इस चौकी पर बीच में मुट्ठी भर अनाज रखें। कलश को अनाज के बीच में रखें। इसके बाद कलश में पानी भरकर एक सुपारी, गेंदे का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें। कलश पर 5 आम के पत्ते गोलाकार आकार में रखें। बीच में देवी लक्ष्मी की मूर्ति और कलश के दाहिनी ओर भगवान गणेश की मूर्ति रखें। फिर एक छोटी-सी थाली में चावल के दानों का एक छोटा सा पहाड़ बनाएं, हल्दी से कमल का फूल बनाएं, कुछ सिक्के डालें और मूर्ति के सामने रखें। इसके बाद अपने व्यापार/लेखा पुस्तक और अन्य धन/व्यवसाय से संबंधित वस्तुओं को मूर्ति के सामने रखें। अब देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक करें और फिर दीपक प्रज्वलित करें।

दिवाली पूजा मुहूर्त 2023 (Diwali Puja Muhurat 2023)

दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर, 2023 को शाम 5:39 मिनट से लेकर 7:35 तक है।

दिवाली पर कितने दीपक जलाने चाहिए

दिवाली पर कम से कम 13 या 26 छोटे दीपक जलाने चाहिए। साथ में दो बड़े दीपक जलाने चाहिए जिसमें एक घी का दीपक और एक सरसों के तेल का दीपक होना चाहिए।

Janhvi Kapoor in saree on Diwali

मुंबई: जाह्नवी कपूर (Janhvi Kapoor) जितना फिल्मों में एक्टिव रहती हैं उतनी ही सोशल मीडिया पर भी नजर आती हैं। हाल ही में उन्होंने ग्लैमरस अंदाज में फैंस को बधाई दी है।

Janhvi Kapoor in saree on Diwali

जाह्नवी कपूर ने साड़ी पहन कर फोटोशूट कराया है। इन तस्वीरों में एक्ट्रेस का लुक देखते ही बन रहा है।

Janhvi Kapoor in saree on Diwali

सिल्वर कलर की साड़ी में जाह्नवी कपूर किलर पोज देती नजर आ रही हैं। एक्ट्रेस ने अपने लुक को न्यूड मेकअप और ओपन हेयर से कंप्लीट किया है।

 

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Janhvi Kapoor in saree on Diwali

इस पोस्ट के साथ जाह्नवी कपूर ने कैप्शन देते हुए अपने फैंस को दिवाली की ढेर सारी बधाईयां दी हैं। इस पर एक फैन ने रिएक्शन देते हुए कहा कि ‘हमारी दिवाली तो आपको देखकर मन गई है’।

Janhvi Kapoor in saree on Diwali

वर्कफ्रंट की बात करें तो जाह्नवी कपूर आखिरी बार ‘गुडलक जैरी’ में नजर आई थीं। इसके बाद अब जाह्नवी अपनी अपकमिंग फिल्म ‘Mili’ में दिखाई देंगी।

फोटो सौजन्य- गूगल

What to do on Diwali so that Maa Lakshmi's grace remains on you..

आपको और आपके परिवार को Masakalii Team की और से दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं।

ये तो सभी जानते है कि दिवाली देश का मुख्य त्यौहार है। यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इस दिन अर्ध रात्रि के समय लक्ष्मी जी सद्गहस्थों के घरों में विचरण करती है। इस दिन लोग अपने घर और बाहर को साफ करते है व सजाते है। इस दिन की गई पूजा से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर सद्गहस्थो के घरों में निवास करती हैं।
तो चलिए फिर जानते है कुछ ऐसी बातें जिससे लक्ष्मी जी आप से प्रसन्न होगी और उनका आशीर्वाद आप पर बना रहेगा:
1. सुबह उठकर स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र पहनें।
2. अब दिन भर के उपवास का संकल्प लें।
3. दिन में पकवान बनाएं व घर को और पूजा घर को पुष्पों से सजाएं।
4. मिठ्ठा अवश्य बनाएं व बड़ों को खिलाकर उनका आशीर्वाद लें।
5. इस दिन पूरा दिन सक्रिय रहें और दिन में न सोएं।
6. शाम को पुन: स्नान कर मां लक्ष्मी व दिवाली पर क्या करें जिससे मां लक्ष्मीकी मूर्ति की स्थापना करें।
7. भोग के लिए प्रसाद बनाएं।
8. लक्ष्मी जी कि चौकी लगाएं।
9. दोनों को तिलक लगाएं।
10.चौकी के आसपास 26 दीपक जलाएं।
11. मौली, चावल, फल, गुड़, अबीर, गुलाल, धूप और मिठाई आदि से विधिवत पूजा करें।
12. पूजा के बाद दीपक घर के हर कोने में रखें।
13. मां लक्ष्मी, गणेशजी व कुबेर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण करें व भोग लगाएं।
14. लक्ष्मी पूजन रात 12 बजे करने का विशेष महत्व है।
15. रात्रि में जागकर मां लक्ष्मी का आवाहन करें तथा सुबह कूड़ा फेंकने जाते समय बोले ‘लक्ष्मी लक्ष्मी आओ, दरिद्र-दरिद्र जाओ’।।