Search
  • Noida, Uttar Pradesh,Email- masakalii.lifestyle@gmail.com
  • Mon - Sat 10.00 - 22.00

Tag Archives: Doctor

Prepare yourself before becoming a mother

Pregnancy: अगर आप प्रेग्रेंट हैं और बार-बार उल्टियां आ रही है? आपके वजन में भी कमी आ रही है? हो सकता है कि आप मॉर्निंग सिकनेस की शिकार हैं। अब आपके दिमाग में यह सवाल लाज़मी है कि आपको तो यह समस्या दिन के किसी भी पहर में हो जाती है। तो क्या ऐसा होना मुमकिन है। यह समस्या किसी भी वक्त आपकी परेशानी का सबब बन सकती है।यहां सवाल है पैदा होता है कि भला यह समस्या होती कब है? इसे लेकर डॉक्टर का कहना है कि प्रेग्रेनेंसी के दौरान एक महिला के बॉडी में हार्मोन का बदलाव या असंतुलन होना आम बात है।

खासतौर पर एस्ट्रोजन हार्मोन का बढ़ना, जिसका नतीजा हो सकती है मॉर्निंग सिकनेस। यह समस्या 16 से 20 हफ्तों में खत्म हो जाती है। अध्ययन बताते हैं कि लगभग 75 फीसदी गर्भवती महिलाएं इससे जूझती हैं। यह समस्या तनाव, अधिक काम करने, कुछ खाद्य पदार्थो को खाने आदि के कारण भी हो सकती है। यह समस्या इनके अलावा ब्लड शुगर के कम स्तर के कारण भी हो सकती है। थायरॉइड और लिवर से जुड़ी बीमारियां भी इसका कारण बन सकती हैं। लिहाजा, बेहतर होगा कि आप अपनी इस समस्या का कारण जानें और उसके हिसाब से इससे निपटने की रणनीति तय करें। जरुरत होने पर मेडिकल परामर्श लें।

क्या है लक्ष्ण

सबसे पहले तो यह समझ लेना होगा कि आखिर है क्या मॉर्निंग सिकनेस? दिन में कई बार उल्टी होना, शरीर में पानी की कमी होना (जिसका अंदाजा पेशाब के रंग से लगता है), खड़े होने पर चक्कर आना, वजन कम होना, किसी तरह की खास महक, खाने-पीने की चीजों के स्वाद के प्रति संवेदनशील हो जाना और उसके कारण उल्टी होना, बुखार, बार-बार सिर दर्द, धड़कन का तेज होना आदि मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

If you are troubled by vomiting during pregnancy then don't panic

कुछ बातों का ख्याल रखकर मॉर्निंग सिकनेस को काफी हद तक नियंत्रित रखा जा सकता है। इस बाबत आहार सलाहाकार के मुताबिक रात के खाने और सुबह के नाश्ते के बीच का अंतराल लंबा हो जाता है। ऐसे में यह समस्या और बढ़ सकती है। लिहाजा, इस बात का ख्याल रखें। इसके लिए आपको अपने रात के खाने को देर से करने की जरूरत नहीं है बल्कि आप उसे जितना जल्दी और हल्का लेंगी, उतना ही अच्छा होगा। मुमकिन हो तो सोने के कुछ देर पहले दूध को अपनी खुराक में जगह दें। उसमें आप पिसे हुए मेवे भी मिला सकती हैं। सुबह उठते ही काम में जुटने से बचें।

डॉक्टर के अनुसार समस्या के दौरान खुद को समझें यानी आपको किन चीजों से परेशानी हो रही है, उस पर जरूर गौर करें। साथ ही इस सोच से दूर रहे कि आपको दो लोगों के हिस्से की खुराक लेनी है। अपने पोषण में बढ़ोतरी करें खुराक में नहीं। ज्यादा खाना भी शरीर में भारीपन और थकान का कारण बन सकता है। नीबू पानी का सेवन करें। नारियल पानी पोटैशियम का अच्छा स्रोत है। इसे भी खुराक में शामिल करें। एकमुश्त खाने की जगह आपको 2-2 घंटे के अंतराल में कम-कम मात्रा में कुछ-न-कुछ खाना चाहिए। ये छोटे-छोटे ब्रेक न सिर्फ आपको जलन से बचाएंगे बल्कि गैस से भी निजात मिलेगी।

भारी खाने के बाद 30 मिनट तक बलबलगम चबाना आपके पाचन को सुधारने में सहायक रहता है। इससे लार ग्रंथियां उत्तेजित होती हैं और लार अधिक बनती है, जो कि पेट के एसिड कम करने का काम करता है। अदरक का सेवन करें। यह शुगर स्तर को भी नियंत्रित रखेगी। अदरक सुबह की थकान से भी निजात देती है। हल्दी जलन कम करने में तो कारगर है ही, साथ ही यह दर्द कम करती है। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करती है। वहीं, कालीमिर्च में यह क्रोमियम सर्वोत्तम श्रोत है। यह ब्लड शुगर को ठीक रखती है। इसे रोज 30 एमसीजी खाना चाहिए। इलाइची खाने से आपका जी नहीं मिचलाएगा।

कब होती है समस्या?

आमतौर पर महिलाओं का मॉर्निंग सिकनेस की यह समस्या गर्भावस्था के दौरान हो सकती है। अलावा इसके यह समय शरीर में ब्लड शुगर के स्तर में कमी आने पर भी होती है। थायरॉइड और लिवर से जुड़ी बीमारियां भी मॉर्निंग सिकनेस की वजह बन सकती हैं। समस्या होने पर अपने डॉक्टर से राय जरूर लें।

फोटो सौजन्य- गूगल

Never ignore unresolved problems related to Ladies' health

स्वयं और परिवार की पूरी जिम्मेदारी आमतौर पर घर की महिलाओं (Ladies) पर ही होती है। ऐसे में उनके लिए खुद को देने के लिए वक्त बचता ही नहीं। कामकाजी महिलाओं के लिए वर्क लाइफ बैलेंस करना और भी मुश्किल होता है। ऐसे में अक्सर महिलाएं अपने स्वास्थ्य के साथ समझौता करती हैं और यही वजह है कि महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं (Health Problems In Women) लगातार बढ़ रही हैं। अब वक्त आ गया है कि महिलाओं के स्वास्थ्य (Women’s Health) के मद्देनजर थोड़ा सा अलर्ट रहा जाएं। स्वास्थ्य से जुड़े कुछ समस्याएं हैं जो महिलाओं में आमतौर पर देखने को मिलता है, आज हम उन्हीं की बात कर रहे हैं।

महिलाओं में आम है ये हेल्थ से जुड़ी समस्याएं

ब्रेस्ट कैंसर

महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। महिलाओं में ब्रेस्ट सेल्स का अनियमित विकास ब्रेस्ट ब्रेस्ट कैंसर की असल बनता है। अक्सर शुरुआत मिल्क डक्ट की लायनिंग से होती है, जिसकी वजह से ब्रेस्ट में नॉड्स बन जाते हैं। ब्रेस्ट के ऊपर की स्किन के कलर में बदलाव, कड़ापन या ब्रेस्ट साइज में बदलाव इसके कुछ आम लक्षण होते हैं।

बार-बार पेशाब आना

Never ignore unresolved problems related to Ladies' health

मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) तब होते हैं जब बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में प्रवेश कर जाते हैं और बढ़ने लगते हैं। वे महिलाओं में विशेष रूप से आम हैं, क्योंकि उनका मूत्रमार्ग पुरुषों की तुलना में अधिक छोटा होता है। इससे मूत्राशय तक पहुंचने के लिए बैक्टीरिया के यात्रा करने की लंबाई कम हो जाती है। यूटीआई के लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, पेशाब करते समय दर्द या जलन और धुंधला पेशाब शामिल हैं।

चिंता और अवसाद

महिलाओं में हार्मोनल बदलाव से डिप्रेशन (अवसाद) और एंजायटी (चिंता) की संभावना बढ़ जाती है. प्रेग्नेंसी के दौरान और उसके बाद महिलाओं में ये समस्या काफी सामान्य होती जा रही है।

दिल की बीमारी

दिल की बीमारी महिलाओं में लगातार बढ़ रही है. दिल के दौरे के लक्षणों में सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और बाहों में कमजोरी शामिल हैं. हालांकि, महिलाएं दिल के दौरे के रूप में अपने लक्षणों को नहीं पहचान सकती हैं, उन्हें लगता है कि अधिक काम करने की वजह से उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है. मैनोपोज हृदय रोग का कारण नहीं बन सकता है, मैनोपोज के बाद कुछ जोखिम कारक अधिक सामान्य होते हैं, जैसे हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल और कम एस्ट्रोजन।

If the gynecologist asks such questions, do not be shy but answer boldly

Reproductive Health को मेनटेन रखने के लिए हर महिला के लिए आवश्यक है कि वह गायनेकोलॉजिस्ट (Gynecologist) के पास जाकर नियमित रूप से अपना चेकअप कपाएं पर बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं जो अफनी सेक्सुअल हेल्थ के बारे में बताने से बचती हैं। इंटीमेट हेल्थ से जुड़ी समस्याओं को लेकर गायनेकोलॉजिस्ट से खुलकर बात ना करना कई बार आपके लिए काफी महंगा साबित हो सकता है। ऐसे में आवश्यकता है कि आप गायनेकोलॉजिस्ट की ओर से पूछे गए प्रश्नों का बिना शरमाये जवाब दें।

इंटीमेट हेल्थ से जुड़ी समस्याओं को लेकर गायनेकोलॉजिस्ट से खुलकर बात ना करना कई बार आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. ऐसे में जरूरी है कि आप गायनेकोलॉजिस्ट की तरफ से पूछे गए प्रश्नों का बिना शरमाते हुए जवाब दें। चेकअप के दौरान आपकी इंटीमेट हेल्थ को लेकर गायनेकोलॉजिस्ट आपसे कई तरह के सवाल पूछ सकती हैं।

आइये देखते हैं उन प्रश्नों के बारे में जिनका जवाब बिना किसी लाज शर्म के देना चाहिए-

हालांकि डॉक्टर का ये सवाल आपको बेकार लग सकता है पर इस सवाल के जवाब के आधार पर ही डॉक्टर यह डिसाइड करते हैं कि आपको कौन से टेस्ट करवाने हैं। एक गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार आप जितनी जानकारी डॉक्टर के साथ साझा करती हैं उसी के हिसाब से आपकी देखभाल होती है।

कितने सेक्सुअल पार्टनर रह चुके हैं ?

इस सवाल का जवाब देने में अक्सर महिलाएं कतराती हैं। अगर आप पिछले 15 सालों से किसी एक ही पार्टनर के साथ रह रही हैं तो डॉक्टर आपको STD टेस्ट ना करवाने का सुझाव दे सकते हैं लेकिन अगर आपने एक ही महीने में तीन अलग-अलग लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाए हैं तो डॉक्टर आपको STD टेस्ट करवाने के लिए बोल सकते हैं।

हर माह पीरियड्स वक्त पर होता है?

If the gynecologist asks such questions, do not be shy but answer boldly

महिलाओं में रेगुलर पीरियड साइकिल 28 दिनों का होता है। डेट से 3-4 दिन आगे-पीछे पीरियड्स का आना कॉमन होता है लेकिन अगर यह गैप काफी अधिक हो तो इसे अनियमित पीरियड्स कहा जाता है। पीरियड्स रेगुलर ना होना कई बार काफी सीरियस हो सकता है। ऐसा होने पर डॉक्टर से अवश्य संपर्क करना चाहिए।

सेक्स के दौरान या बाद में होता है दर्द

सेक्स के दौरान या बाद में अगर कभी-कभी आपकी वजाइना या पेल्विस में दर्द होता है तो इसमें घबराने की कोई जरूरत नहीं होती. हालांकि अगर आपको हर बार सेक्स के दौरान या बाद में दर्द का सामना करना पड़ता है तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए. इसके लिए डॉक्टर आपको बेसिक वजाइनल इंफेक्शन के टेस्ट या एंडोमेट्रियोसिस करवाने के लिए बोल सकते हैं।

आप अपने ब्रेस्ट को सेल्फ चेक करती हैं?

हर महिला के लिए यह काफी जरूरी है कि वह अपने ब्रेस्ट की सेल्फ-चेकिंग करें। हालांकि, यह आपके डॉक्टर का काम है कि वह ऐसा करने के लिए आपको याद दिलाए। सही से चेकिंग के लिए डॉक्टर आपको और भी कई जरूरी तरीके बता सकते हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल