हम में से ज्यादातर लोग अपनी मां को दिलो-जान से प्यार करते हैं, उतना पिता से नहीं होता। प्यार तो हम उनसे भी करते हैं पर क्या कभी हम उन्हें गले लगाकर या उनके साथ बैठकर बातें करके ये बताते हैं कि वह हमारे लिए कितने खास हैं। मदर्स डे पर हम ना जाने कितनी तैयारियां करते हैं। मां को शॉपिंग के लिए ले जाते हैं, कार्ड्स बनाते हैं हैं या केक बेक करते हैं पर फादर्स डे पर आप ये सब भूल जाते हैं।
मालूम हो कि हर वर्ष फादर्स डे जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। हमारे पिता हमसे बहुत प्यार करने के बाद भी इसे इजहार नहीं करते और ना ही हम कभी उनसे खुलकर अपने इमोशन या फिलिंग्स के बारे में चर्चा कर पाते हैं। ऐसा नहीं है कि हम अपनी जिंदगी में अपने पिता के अहम योगदान और त्याग को भूल जाते हैं।
बाप और बच्चों के रिश्तों के मद्देनजर बॉलीवुड फिल्मों ने बड़ी ही खूबसूरती से कई फिल्मों को दिलचस्प बनाया है। फादर्स डे के मौके पर कुछ चुनिंदा फिल्मों की सूची-
1. पीकू-
एक मेहनती बेटी (दीपिका पादुकोण) अपने हाइपोकॉन्ड्रिएक पिता (अमिताभ बच्चन) के साथ दिल्ली से कोलकाता के लिए रोड ट्रिप पर जाती है। ‘पीकू’ उन फिल्मों में से एक है जो आपको जितना हंसाएगी, उतना ही रुलाएगी। फिल्म में हम देखते हैं कि बाप-बेटी की यह जोड़ी एक-दूसरे को बेहद परेशान करती है पर यह भी साफ है कि दोनों एक-दूसरे को समझते भी हैं और समर्थन भी करते हैं।
2.दंगल-
महावीर सिंह फोगाट (आमिर खान) जो कि एक एक्स रेसलर हैं, जो अपनी बेटियों गीता और बबीता को पहलवान बनाना चाहते हैं। फिल्म में फोगाट एक कठिन टास्क मास्टर की भूमिका निभाते हैं जो अपनी बेटियों को रेसलिंग की ट्रेनिंग देने में कोई कसर नहीं छोड़ते। रियल लाइफ स्टोरी पर बेस्ड यह फिल्म दिखाती है कि जब बच्चों की जिंदगी बनाने की बात आती है तो पिता को अपने बच्चों के लिए बहुत कठोर भी होना पड़ता है। यह खेल पर बेस्ड मूवी आपके वीकेंड प्लान के लिए बेस्ट ऑप्शन है।
3. अंग्रेजी मीडियम-
इसी साल बड़े पर्दे पर रिलीज हुई इरफान खान और राधिका माधन की फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ ने बाप-बेटी के रिश्ते के बेहद सुंदर तरीके से दिखाया। फिल्म की कहानी उस पिता पर केंद्रित है, जो लंदन की एक यूनिवर्सिटी में अपनी बेटी का एडमिशन कराने के लिए किसी हद तक जा सकता है। हालांकि, उनके रास्ते में कई बाधाएं आती हैं जिससे उसकी बेटी के साथ उसका रिश्ता भी प्रभावित होता है। यह फिल्म आपको गुदगुदाने के साथ-साथ इमोशनल करने में भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ती है।
4. थप्पड़-
जब अमृता (तापसी पन्नू) अपने पति के थप्पड़ मारने के बाद तलाक देने का फैसला करती है, तो उसके पिता (कुमुद मिश्रा) उसके साथ खड़े होते हैं। असल में, वह पूरे परिवार में अकेले व्यक्ति होते हैं जो उसके दर्द को समझते हैं व उसके फैसले पर सवाल नहीं उठाते। जैसे अमृता हर रोज एक नई परेशानी का सामना करती है, उसके पिता बिना शर्त उसे समर्थन करते हैं।
5. एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा-
रियल लाइफ पापा और बेटी, अनिल कपूर और सोनम कपूर, इस फिल्म में मुख्य किरदारों में नजर आते हैं। हालांकि, इस फिल्म को एक लव स्टोरी के तौर पर दिखाया गया है, लेकिन इसका फोकस स्वीटी पर होता है जो अपने रूढ़िवादी परिवार से निकलकर बाहर आती है। यह एक काफी खूबसूरत फिल्म है, जो एक पिता के रूढ़िवादी होने से प्रोग्रेसिव व्यक्ति बनने तक के सफर को बखूबी दिखाती है।