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Tag Archives: Govardhan Puja

Govardhan Puja: Govardhan Puja on 13 or 14 November?

Govardhan Puja: गोवर्धन पूजा का एक खास महत्व है। दिवाली के बाद मनाए जाने वाले इस पर्व से श्रीकृष्ण की पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। पंचांग के मुताबिक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा की जाती है।

इस दिन गोबर लीपकर घर के आंगन में गोवर्धन पर्वत और श्रीकृष्ण (Shri Krishna) की प्रतिमा बनाई जाती है। ज्यादातर दिवाली के अगले दिन ही गोवर्धन पूजा की जाती है लेकिन इस साल गोवर्धन पूजा की तिथि को लेकर उलझन की स्थिति बन रही है। किसी का कहना है कि यह पूजा 13 नवंबर यानी दिवाली के अगले दिन होनी है तो कोई इसे भैया दूज वाले दिन बता रहा है। ऐसे में इस साल 13 नवंबर या फिर 14 नवंबर के दिन गोवर्धन पूजा की जाएगी।

गोवर्धन पूजा किस दिन की जाएगी

पंचांग के मुताबिक इस साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 13 नवंबर, सोमवार दोपहर 02 बजकर 56 मिनट पर आरम्भ होगी और इसका समापन अगले दिन 14 नवंबर, मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 36 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार इस वर्ष गोवर्धन पूजा 14 नवंबर के दिन की जाएगी। गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:25 मिनट से रात 9:36 मिनट के बीच है।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक इंद्रदेव के घमंड के चलते पूरे गांव को तूफान और बारिश का प्रकोप सहना पड़ रहा था. श्रीकृष्ण ने अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकार ब्रजवासियों को बचाया था। इसके बाद से ही हर साल गोवर्धन पूजा की शुरुआत हुई।

गोवर्धन पूजा की विधि

गोवर्धन पूजा करने के लिए गोबर से गोवर्धन पर्वत और श्रीकृष्ण की प्रतिमा बनाते हैं। फूलों से गोवर्धन पर्वत सजाया जाता है। पूजा सामग्री में धूप, रोली, अक्षत, खील दीप, बताशे, और अन्नकूट आदि शामिल किए जाते हैं। इसके बाद गोवर्धन पूजा में गोवर्धन पर्वत की कथा पढ़ी जाती है और गोबर से तैयार गोवर्धन की सात बार परिक्रमा करते हुए आरती की जाती है और जयकारे लगाए जाते हैं। इस तरह सम्पन्न होती है गोवर्धन पूजा।