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Tag Archives: Health

कुछ लोगों को हम अक्सर देखते हैं कि वह हर दिन सुबह उठकर जूस पीना पसंद करते हैं लेकिन ऐसा करना अमूमन हेल्थ के लिए सही नहीं होता। ऐसे बहुत से और विकल्प हैं जिन्हें फॉलो कर अपनी दिन की हेल्दी शुरुआत कर सकते हैं।

लोग जानकारी के कमी की वजह से सुबह खाली पेट कुछ ऐसा खा लेते हैं जिसके कारण उनकी पूरी दिनचर्या प्रभावित हो सकती है। अगर आप सुबह का पहला खाना हेल्दी रखते हैं, तो यह आपके पूरे दिन के खाद्य पदार्थों को पचाने में मदद करता है।

सुबह हेल्दी खाने से वेट लॉस, हेल्दी डाइजेशन से लेकर सेहत संबंधी कई अन्य समस्याओं को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानेंगे की सुबह खाली पेट आप किन खाद्य पदार्थों को खा सकते हैं और किन खाद्य पदार्थों को खाना आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

न्यूट्रीशनिस्ट और वेलनेस कंसलटेंट ने बताया है कि किन खाद्य पदार्थों को सुबह खाली पेट नहीं खाना चाहिए साथ ही जानेंगे सुबह किन खाद्य पदार्थों का सेवन हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है।

कभी भी खाली पेट न करें इन खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल

1. चीनी और राइस सिरप

ज्यादातर लोग इसे खाली पेट लेते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह फैट बर्न करने में मदद करता है। हालांकि Honey में चीनी की तुलना में ज्यादा कैलोरी और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी अधिक होता है। बिना किसी मिलावट के शुद्ध शहद मिलना बेहद मुश्किल है और ज्यादातर लोग शहद के नाम पर चीनी और राइस सिरप का सेवन करते हैं। यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा देता है जिसके परिणामस्वरूप पूरे दिन अधिक खाने की इच्छा होती रहती है। यदि आपके पास रॉ हनी है तब ही इसे अपनी मॉर्निंग डाइट में शामिल करें।

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2. खट्टे फल

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अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में फल बहुत जल्दी पच जाते हैं। इससे हमें एक घंटे के अंदर ही भूख लग जाती है। वहीं खाली पेट खट्टे फल खाने से एसिडिटी हो सकती है। खट्टे फल में कई महत्वपूर्ण विटामिन, मिनरल्स और फाइबर मौजूद होते हैं। परंतु फिर भी इनसे खाली पेट परहेज रखने की सलाह दी जाती है। संतरा, कीवी, अनानास जैसे फलों के सेवन से इनमें मौजूद फाइबर और फ्रुक्टोज की मात्रा आपके मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देती है, जिसकी वजह से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती है।

3. चाय और कॉफी

खाली पेट चाय या कॉफी का सेवन पेट में एसिड पैदा करता है और यह आपके पेट को असंतुलित कर सकता है और पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। इसके सेवन से ब्लोटिंग, कॉन्स्टिपेशन, हार्टबर्न जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसलिए सुबह चाय और कॉफी पीने से पहले कुछ खा लेना चाहिए और कोशिश करें कि चाय और कॉफी को अवॉयड कर सकें।

4. ब्रेकफास्ट में मीठे की जगह लें नमकीन

नमकीन नाश्ता आपके रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने के लिए उपयुक्त होता है। यह उन लोगों के लिए बिल्कुल सही है जो अपनी फिटनेस पर ध्यान देते हैं। प्रोटीन और फैट बेस्ड मॉर्निंग मील पूरे दिन की भूख को कम करने में मदद करता है। ऐसे में आप ओवरईटिंग नहीं करती।

मीठा नाश्ता आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा देता है या इसे तेजी से कम कर सकता है, जिससे आपको अधिक भूख लग सकती है, विशेष रूप से कार्ब्स की क्रेविंग्स होगी और ऊर्जा शक्ति में भी गिरावट देखने को मिलती है।

5. मसालेदार भोजन

सुबह खाली पेट मसालेदार भोजन करने से आपके पेट मे जलन का अनुभव हो सकता है। साथ ही साथ यह पाचन संबंधी विभिन्न प्रकार की समस्याओं का कारण बनती है, खासकर हार्टबर्न और पेट दर्द। वहीं आप पूरे दिन असहज महसूस कर सकती हैं।

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कुछ सामान्य हेल्थ से जुड़ी समस्याएं महिलाओं को महत्वहीन लग सकती हैं लेकिन ये गंभीर हो सकती हैं। इसलिए इनके बारे में जानना बेहद जरूरी है।

हैरियट स्टोव का प्रसिद्ध कथन है, “एक महिला का स्वास्थ्य उसकी पूंजी है।” पर अक्सर हम महिलाएं अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं। वक़्त की कमी, काम या घर से संबंधित तनाव, जागरूकता की कमी और यौन स्वास्थ्य के बारे में बात करने में झिझक, सभी ऐसे कारक हैं जो इसमें योगदान करते हैं। लेकिन सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी आपको इग्नोर नहीं करना चाहिए। खासतौर से जब वे बदलाव आपकी योनि या ब्रेस्ट में नजर आ रहे हों।

हां, महिलाओं की आम शिकायतें होती हैं, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। पर यह कुछ अधिक गंभीर होने का संकेत हो सकता है।

6 हेल्थ से जुड़ी समस्याएं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए

1. सेक्स के दौरान दर्द होना (Painful sex)

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महिलाएं अक्सर सेक्स के दौरान दर्द के बारे में बात करने से हिचकिचाती हैं। हालांकि, दर्दनाक सेक्स एंडोमेट्रियोसिस का लक्षण भी हो सकता है। एक ऐसी स्थिति जिसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत गर्भाशय के बाहर जमा हो जाती है। यह पीआईडी ​​​​(पेल्विक सूजन की बीमारी) की वजह से भी हो सकता है, जो अक्सर वेजाइनल डिस्चार्ज के साथ रिप्रोडक्टिव ऑर्गन का संक्रमण होता है। अपर्याप्त लुब्रिकेशन और ड्राई वेजाइना के कारण भी सेक्स दर्दनाक हो सकता है।

2. अनियमित या असामान्य माहवारी (Irregular periods)

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मासिक धर्म हर 21-35 दिनों में नियमित रूप से होना चाहिए। भारी प्रवाह, मध्य-चक्र रक्तस्राव या स्पॉटिंग, लंबे समय तक पीरियड साइकिल, यह थायराइड, पीसीओडी या फाइब्रॉएड जैसे हार्मोनल रोगों के कारण हो सकता है, जो गर्भाशय के सौम्य ट्यूमर हैं।

सेक्स के बाद रक्तस्राव या रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। यह ओवेरियन कैंसर का संकेत हो सकता है और इसकी जांच की जरूरत है।

3. स्तन परिवर्तन (Changes in breast)

स्तनों में गांठ फाइब्रोएडीनोमा जैसी हानिरहित स्थितियों के कारण हो सकती है। हालांकि ब्रेस्ट में गांठ होना भी ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है। जागरूकता की कमी के कारण महिलाओं में स्तन कैंसर अक्सर उन्नत चरणों में पाया जाता है। स्तनों में गांठ जो स्तन के बाकी टिश्यू से सख्त और अलग लगती हैं या निप्पल से स्राव को चैक किया जाना चाहिए। महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए नियमित चेकअप करवाना चाहिए। स्तन में किसी भी परिवर्तन का शीघ्र पता लगाने के लिए ब्रेस्ट सेल्फ टेस्टिंग के तरीकों के बारे में भी पता होना चाहिए।

4. अचानक वजन घटना और बढ़ना (Sudden weight loss or gain)

Thappad

हालांकि, अचानक वजन कम होना खुशी की बात हो सकती है, लेकिन अचानक वजन कम होना टीबी के साथ-साथ कैंसर या थायरॉयड विकारों का भी संकेत हो सकता है और इसका मूल्यांकन किया जाना चाहिए। अचानक वजन बढ़ना पीसीओडी या थायराइड की समस्या के कारण हो सकता है और अगर इसका पता चल जाए तो इसे बहुत अच्छी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है।

5. थकान (Feeling tired)

Because not everyone is big hearted.

बहुत सी महिलाएं हर समय थकान महसूस करती हैं। बार-बार थकान एनीमिया, थायराइड विकार, सूक्ष्म पोषक तत्वों और विटामिन डी की कमी के कारण हो सकती है और इसकी जांच होनी चाहिए। पूरी रात की नींद के बाद भी थकान महसूस होना भी तनाव, चिंता, डिप्रेशन या ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का कारण हो सकता है। इसलिए इसे कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

6. ब्लोटिंग (Bloating)

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बहुत सी महिलाएं खास कर मासिक धर्म से पहले फूला हुआ या गैसी महसूस करती हैं। यह अधिक सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। हालांकि, अगर ब्लोटिंग महसूस करना बहुत बार होता है, तो इसे चैक करवाना चाहिए। यह इरिटेबल बावल सिंड्रोम, एंडोमेट्रियोसिस या यहां तक ​​कि ओवरियन कैंसर का संकेत हो सकता है।

Never ignore unresolved problems related to Ladies' health

स्वयं और परिवार की पूरी जिम्मेदारी आमतौर पर घर की महिलाओं (Ladies) पर ही होती है। ऐसे में उनके लिए खुद को देने के लिए वक्त बचता ही नहीं। कामकाजी महिलाओं के लिए वर्क लाइफ बैलेंस करना और भी मुश्किल होता है। ऐसे में अक्सर महिलाएं अपने स्वास्थ्य के साथ समझौता करती हैं और यही वजह है कि महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं (Health Problems In Women) लगातार बढ़ रही हैं। अब वक्त आ गया है कि महिलाओं के स्वास्थ्य (Women’s Health) के मद्देनजर थोड़ा सा अलर्ट रहा जाएं। स्वास्थ्य से जुड़े कुछ समस्याएं हैं जो महिलाओं में आमतौर पर देखने को मिलता है, आज हम उन्हीं की बात कर रहे हैं।

महिलाओं में आम है ये हेल्थ से जुड़ी समस्याएं

ब्रेस्ट कैंसर

महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। महिलाओं में ब्रेस्ट सेल्स का अनियमित विकास ब्रेस्ट ब्रेस्ट कैंसर की असल बनता है। अक्सर शुरुआत मिल्क डक्ट की लायनिंग से होती है, जिसकी वजह से ब्रेस्ट में नॉड्स बन जाते हैं। ब्रेस्ट के ऊपर की स्किन के कलर में बदलाव, कड़ापन या ब्रेस्ट साइज में बदलाव इसके कुछ आम लक्षण होते हैं।

बार-बार पेशाब आना

Never ignore unresolved problems related to Ladies' health

मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) तब होते हैं जब बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में प्रवेश कर जाते हैं और बढ़ने लगते हैं। वे महिलाओं में विशेष रूप से आम हैं, क्योंकि उनका मूत्रमार्ग पुरुषों की तुलना में अधिक छोटा होता है। इससे मूत्राशय तक पहुंचने के लिए बैक्टीरिया के यात्रा करने की लंबाई कम हो जाती है। यूटीआई के लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, पेशाब करते समय दर्द या जलन और धुंधला पेशाब शामिल हैं।

चिंता और अवसाद

महिलाओं में हार्मोनल बदलाव से डिप्रेशन (अवसाद) और एंजायटी (चिंता) की संभावना बढ़ जाती है. प्रेग्नेंसी के दौरान और उसके बाद महिलाओं में ये समस्या काफी सामान्य होती जा रही है।

दिल की बीमारी

दिल की बीमारी महिलाओं में लगातार बढ़ रही है. दिल के दौरे के लक्षणों में सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और बाहों में कमजोरी शामिल हैं. हालांकि, महिलाएं दिल के दौरे के रूप में अपने लक्षणों को नहीं पहचान सकती हैं, उन्हें लगता है कि अधिक काम करने की वजह से उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है. मैनोपोज हृदय रोग का कारण नहीं बन सकता है, मैनोपोज के बाद कुछ जोखिम कारक अधिक सामान्य होते हैं, जैसे हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल और कम एस्ट्रोजन।

Blood Clot Symptoms

शरीर में खून (Blood) का थक्का बनना काफी फायदेमंद साबित होचा है। ब्लड क्लॉट यानी खून का धक्का होने पर खून तरह पदार्थ से एक जेल में बदलने लगता है जिसका स्वरूप एक थक्के जैसा होता है। इसे थ्रोम्बोसिस भी कहते हैं। चोट या कहीं कट लग जाने की स्थिति में ब्लड क्लॉटिंग जरूरी होती है क्योंकि ये शरीर से ज्यादा खून निकलने से रोकता है पर जब ये क्लॉटिंग शरीर के अंदर नसों में होने लगती है तो खतरनाक बन जाती है। नसों की ब्लड क्लॉटिंग काफी ज्यादा खतरनाक होती है।

ब्लड क्लॉट कई तरह के होते हैं। ज्यादातर पैर के निचले हिस्से में ब्लड क्लॉटिंग देखने को मिलती है पर हाथ, हृदय, पेल्विस, फेफड़े, ब्रेन, पेट और शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकती है। अलावा इसके नसों और धमनियों में भी ब्लड क्लॉट हो सकता है।

कोविड-19 के दुष्प्रभावों में से एक रक्त के थक्के जमना है, जिससे धमनियों में थक्का बनने का खतरा भी बढ़ जाता है, जिसके चलते दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. कोविड-19 के बाद के प्रभावों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग वायरस से संक्रमित हुए, उनमें करीब एक साल बाद खून के थक्के बनने का खतरा काफी ज्यादा पाया गया. इसके बाद की गई अन्य स्टडीज में भी इस बात की पुष्टि की गई कि कोरोना वायरस के कारण खून के थक्के बनने का खतरा काफी ज्यादा होता है जिसके कारण हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है.

नसों और धमनियों के जरिए शरीर में रक्त का संचार होता है। धमनियों में बनने वाले रक्त के थक्के को आर्टेरियल क्लॉट कहते हैं। आर्टेरियल क्लॉट की वजह से दर्द और लकवा हो सकता है। इसकी वजह से दिल का दौरा या स्ट्रोक भी हो सकता है। नसों में होने वाले ब्लड क्लॉट को वेनस क्लॉट कहा जाता है। इस तरह की क्लॉटिंग धीरे-धीरे बढ़ती है जो जानलेवा भी हो सकती है। मस्तिष्क में खून का थक्का बनने से खून का प्रवाह रुक जाता है जिसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

शरीर में खून का थक्का बनने पर कई तरह के लक्षण दिखने लगते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने शरीर में दिखने वाले इन लक्षणों को नजरअंदाज करने की गलती ना करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

आइए जानते हैं शरीर में दिखने वाले ब्लड क्लॉट के लक्षण-

ब्लड क्लॉटिंग के लक्षण (Blood Clot Symptoms)

Blood Clot Symptoms

स्किन का कलर बदलना

अगर कोई थक्का आपके हाथ या पैर की नसों को बंद कर देता है, तो वह नीले या लाल रंग के दिख सकते हैं। नसें डैमेज होने के कारण आपकी स्किन फीकी पड़ सकती है।

सूजन- जब कभी भी खून का थक्का आपके शरीर में ब्लड के फ्लो को रोकता या कम करता है तो यह कोशिकाओं में जमने लगता है जिससे इनमें सूजन आने लगती है। आपके हाथ या पेट में भी खून का थक्का बन सकता है. इसके ठीक होने के बाद, तीन में से एक व्यक्ति में सूजन बनी रहती है और कभी -कभी रक्त वाहिकाओं के डैमेज होने के कारण दर्द और घाव भी हो सकता है।

सीने में तेज दर्द

अगर आपको अचानक से छाती में तेज दर्द होता है तो इसका मतलब है कि आपके शरीर के अंदर बनने वाला खून का थक्का टूट चुका है. या यह इस बात का भी संकेत हो सकता है कि आपकी धामनियों में मौजूद खून के थक्के के कारण आपको हार्ट अटैक आ सकता है. ऐसा होने पर, आपको भी अपनी बाहों में दर्द महसूस हो सकता है, खासकर बाईं ओर.

सांस लेने में परेशानी

अगर आपको सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है तो यह फेफड़ों और हृदय में क्लॉटिंग का संकेत हो सकता है। इसके के कारण आपके हार्टबीट ज्यादा बढ़ सकता है और आप बेहोश भी हो सकते हैं। इसे काफी गंभीर लक्षण माना जाता है।

खांसी का लगातार आना, थक्का बनने का है संकेत

लगातार आने वाली खांसी भी शरीर में खून का थक्का बनने का एक लक्षण है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर सीने में दर्द के साथ ही आपको सूखी खांसी या कभी-कभी बलगम या खून आने की समस्या का सामना करना पड़ता है तो जरूरी है कि आप जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं।

walnuts

Benefits of Walnut: अखरोट तो सभी खाते हैं लेकिन अखरोट के बेहिसाब फायदे शायद ही कोई जानता होगा। आप को तो मालूम है कि यह काफी सेहतमंद होता है पर क्या आप जानते हैं कि अखरोट को रात भर भिगोना और फिर अगली सुबह उसका सेवन करना और भी अधिक फायदेमंद होता है। अखरोट एक ब्रेन बूस्टिंग नट है। दिमाग के आकार के ये नट्स विटामिन, फाइबर, आयरन, कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं जो इन्हें सुपर-हेल्दी नट्स बनाते हैं। सुबह के समय इनका सेवन करने से यह सुनिश्चित हो जाता है कि आपको आवश्यक पोषक तत्व मिल रहे हैं और आप अपने दिन की शुरुआत हेल्दी तरीके से कर रहे हैं।

बालों का पतलापन करता है दूर

अपनी डेली डाइट में अखरोट का एक और लाभ यह है कि वे बालों के लिए बेहतरीन है। वे बालों की ग्रोथ में सहायता करते हैं और स्कैल्प को पोषण देने और बालों के रोम को मजबूत करने के साथ-साथ बालों का पतला होना भी कम करते हैं।

मेटाबॉलिज्म के लिए हैं बेस्ट

अखरोट आयरन, पोटैशियम, जिंक और कैल्शियम से भरपूर होता है जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है और वजन कम करने में भी मदद करता है। फाइबर की मात्रा शरीर को भरा रखती है जिससे आपको बार-बार स्नैकिंग से बचने में मदद मिल सकती है। यह भूख के दर्द को भी रोकता है।

हेल्दी त्वचा का राज

खरोट हेल्दी स्किन के लिए एक सुपरफूड है क्योंकि वे एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन ई से भरपूर होते हैं, जो दोनों हेल्दी, मुलायम और चमकती त्वचा के लिए जाने जाते हैं।

हड्डियों के लिए हैं फायदेमंद

अखरोट कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं इस वजह से ये हमारे शरीर में हड्डियों को मजबूत करते हैं और हड्डियों के निर्माण में सहायता करते हैं। नियमित रूप से इनका सेवन करने से आपकी हड्डियों की समग्र संरचना में भी सुधार होता है।

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Make your kitchen smarter and healthier with these easy ways

महिलाएं अक्सर घर की सफाई में अपने दिन का आधा समय बिता देती हैं और पूरे घर को चमकाना उनका पहला मोटिव होता है । वैसे तो घर का हर हिस्सा साफ हो यह ध्यान रखना चाहिए क्योंकि घर की साफ सफाई से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य जुड़ा हुआ है।

घर की किचन या रसोई हमारे घर का सबसे अहम हिस्सा होता है। किचन में किसी भी प्रकार की गंदगी या रसोई का अव्यवस्थित होने का सीधा असर घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
किचन को सामान्यतः हम बहुत अधिक उपयोग करते हैं इसलिए उसकी नियमित सफाई बहुत जरूरी सी हो जाती है आपकी रसोई साफ होगी तो आपका खाना बनाने का भी मन करेगा और आपके अपने भी स्वस्थ रहेंगे तो चलिए कुछ ऐसे टिप्स जानते हैं जिनसे आप किचन को चमका कर रख सकती हैं।।

1. सिंक में कभी भी गंदे बर्तन ना छोड़ें: जी हां, हमारी दादी-नानी हमेशा हमें यही समझती रही हैं कि कभी भी सिंक में झूठे बर्तन नहीं छोड़ना चाहिए यह एक परंपरा ही नहीं बल्कि साइंटिफिक रीजन है। जिससे हमारे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है । गंदे बर्तन सिंक में पड़े होने से उनमें बैक्टीरिया पनपते हैं जिससे हमारे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है और हम बीमार भी पड़ सकते हैं।

2 सिंक की सफाई भी बहुत जरूरी है: यह नहीं कि आपने सिर्फ सिंक में पड़े गंदे बर्तनों को साफ कर दिया और आपकी ड्यूटी खत्म। आपको सिंक की सफाई भी करना बहुत जरूरी है ।आप नियमित रूप से उसे साफ करें। उसके पाइप को साफ करें और नाली को भी साफ रखें।

3. गीले बर्तन कभी भी रैक में ना रखे: कई बार हम बर्तन धोने के तुरंत बाद उनको रैक में लगा देते हैं जिससे रैक में नमी हो जाती है। और नमी के कारण वहां पर कीड़े या बैक्टीरिया पनप सकते हैं। जिससे आपको स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है इसलिए कोशिश करें कि बर्तन को सूखने के बाद ही रैक में सजाएं।।

4. अपने चूल्हे की भी नियमित सफाई करें: हम खाना पकाते वक्त नियमित रूप से चूल्हे का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए हमें उसकी सफाई का भी नियमित तौर पर ध्यान रखना चाहिए क्योंकि वह बहुत ज्यादा जरूरी है।

5. किचन स्लैब की सफाई : किचन स्लैब पर हम अपने बर्तन खाने का सामान और कंटेनर जिनमें हमारे खाद्य पदार्थ भरे होते हैं, रखते हैं इसलिए बहुत जरूरी हो जाता है कि हम नियमित तौर से अपने किचन स्लैब की सफाई करें क्योंकि अगर किचन स्लैब गंदा होगा तो वह हमारे खाद्य पदार्थों को भी गंदा करेगा।

6. किचन में रखे कंटेनर की सफाई पर ध्यान दें : जी हां, किचन में कंटेनर्स उपलब्ध होते हैं जिनमें हम अपने कच्चे खाद्य पदार्थों या सूखे खाद्य पदार्थों को रखते हैं इसलिए यह जरूरी होता है कि आप नियमित तौर पर या नियमित अंतराल में उनको साफ करती रहें क्योंकि उनकी सफाई ही यह सुनिश्चित करेगी कि आपके खाद्य पदार्थ साफ और सुरक्षित हैं।।

7. गैर जरूरी सामानों को किचन में स्टोर ना करें : कई बार हम घर का सामान लाते हैं और कई गैर जरूरी सामान को हम किचन में रख देते हैं। जहां उनका स्थान नहीं होता। जी हां, आप अपने किचन को गैर जरूरी सामान से ना भरे।

8. फ्रिज की सफाई का भी पूरा ख्याल रखें: आपके बहुत सारे खाद्य पदार्थों को आपका फ्रीज खराब होने से बचा लेता है। लेकिन अगर आप इसकी सफाई का ध्यान नहीं रखेंगी तो आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जिससे आप पर आर्थिक बोझ बढ़ जायेगा।

can have a negative effect on your health

अपनी पूरी जिंदगी में बहुत सी गलतियां करते हैं। कुछ हमारे स्वास्थ्य (Health) से जुड़ी होती हैं, कुछ हमारी दिनचर्या से जुड़ी होती है और कुछ हमारे रिश्तों से जुड़ी होती हैं। कुछ गलतियों का कोई रिवर्स गियर नहीं है यानी कि समय बीत जाने पर या समय रहते भी हम उन्हें सुधार नहीं सकते लेकिन कुछ गलतियां ऐसी होती हैं जिन्हें सही समय रहते सुधारा जा सकता है और इसमें से सबसे महत्वपूर्ण उन गलतियों को सुधारना है जो हमारे स्वास्थ्य से जुड़ी हैं।

इस भागमभाग भरी जिंदगी में हमारे पास खुद के लिए भी समय नहीं है। सबसे आगे रहने की इस होड़ ने हमारे स्वास्थ्य को कहीं पीछे छोड़ दिया है और फिर एक के बाद एक बीमारी जब हमें परेशान करने लगती हैं तो हमें समझ आता है कि उस समय अगर अपने लिए थोड़ा समय निकाला होता तो आज हमें डॉक्टरों के पास जाकर अपना कीमती समय गवाना ना पड़ता।

कुछ गलतियों को हमें समय रहते सुधार लेना चाहिए वरना इसका खामियाजा न सिर्फ हमें बल्कि हमारे अपनों को भी भुगतना पड़ता है।

तो चलिए जानते हैं स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी कौन सी गलतियां हैं जो आपको बिना समय गवाएं सुधार लेनी जरूरी है-

1. पानी पीना भूल जाना: जी हां, दोस्तों कामकाजी होने के कारण तथा काम को जल्द से जल्द निपटाने की चाह में हम अक्सर खाना समय पर खाना और पानी पीना भूल जाते हैं, लेकिन चिकित्सकों की मानें तो हमें रोजाना 08 से 10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। पानी की कमी के कारण आपको बहुत सी बीमारियां घेर सकती हैं। पानी ना पीने से आपको डिहाईड्रेशन हो सकता है, आपकी त्वचा ड्राई होने लगती है और आपको झुर्रियां होने लगती हैं।

2. नींद पूरी ना लेना:

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दोस्तों, कई लोग काम की वजह से अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते लेकिन एक रिसर्च में पाया गया है कि नींद पूरी ना होने से आपको स्ट्रेस, हार्ट से जुड़ी दिक्कत और बलड प्रेसर की समस्या हो सकती है। इसलिए रोजाना 07 से 08 घंटे की नींद पूरी लेनी चाहिए।

3. सुबह के नाश्ते को नजरअंदाज करना: सुबह दफ्तर जल्दी पहुंचने की भाग दौड़ में हम अक्सर नाश्ते को नजरअंदाज कर देते हैं। जो हमारे स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। सुबह का नाश्ता ना करने से दिनभर थकान, कमजोरी महसूस होती है और शरीर पर बुरा असर भी डालती है।

4. लगातार एक ही पोजीशन में बैठे रहना: कई बार हम एक ही पोजीशन में बैठकर अपने प्रोजेक्ट या किसी जरूरी फाइल पर काम कर रहे होते हैं । हमें इसकी सुधि नहीं रहती कि हमने घंटों एक ही जगह बैठ कर बिता दिया है। ऐसे में खाना ठीक तरह से पच नहीं पाता। जिससे मोटापा बढ़ने लगता है। इसीलिए हमें अपने काम के बीच बीच में 10 से 15 मिनट का ब्रेक लेकर टहलना चाहिए।

5. मल्टीटास्किंग: जी हां, मल्टीटास्किंग का अर्थ है कि एक ही समय पर बहुत सारे कार्य को करना। हमसे से कई लोग मल्टीटास्किंग में माहिर होते हैं। खास तौर पर महिलाएं ऐसा करती हैं लेकिन पुरुष हो या महिला यह सभी के लिए घातक है मल्टीटास्किंग में एनर्जी तो लगती है, साथ ही इस स्ट्रेस भी बढ़ता है। जिसकी वजह से ब्रेन से संबंधित बीमारी या फिर दिल से संबंधित दिक्कतें महसूस हो सकती है।

फाइल फोटो- गूगल

When the taste of tea gets spoiled, natural solution for tea addiction..

हमारी जिंदगी में चाय एक बहुत ही स्पेशल और शानदार पेय है। कई तरह की चाय बाजार में देखने को मिलती है। चाय में कई कंपाउंड कई हेल्थ बेनीफिट से जुड़े होते हैं, जिससे अधिकतर लोगों को लगता है कि इसे अपनी डाइट में शामिल रखना चाहिए। बता दें हम यहां जिस ज़ायकेदार चाय की बात कर रहा हूं उसका साइंटिफिक नेम कैमेलिया साइनेंसिस है।

कुछ लोगों का मानना है कि चाय के कुछ कंपाउंड में लत लगाने वाले गुण होते हैं और बहुत अधिक पीने से फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकता है। विभिन्न प्रकार की चाय में अलग-अलग मात्रा में कैफीन होता है, जो दुनिया भर में सबसे ज्यादा खपत किया जाने वाला साइकोएक्टिव मटेरियल है। यह एक नेचुरल स्टीमुलेंट है। इस कंपाउंड को अक्सर चाय की लत लगाने के लिए दोषी ठहराया जाता है। अक्सर कैफीन को एक तरह के लत के रूप में बताया जाता है, क्योंकि इसमें एक रासायनिक संरचना होती है जो एडेनोसाइन से मिलती-जुलती है। एडेनोसाइन आपके शरीर में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक कंपाउंड है, जो आपके सेंट्रल नर्वस सिस्टम को रेस्ट देता है।

इस रासायनिक संरचना की वजह से कैफीन आपके मस्तिष्क में मौजूद एडेनोसाइन रिसेप्टर्स में फिट हो सकता है और एडेनोसाइन को उनके साथ मिलने से रोकता है। एडेनोसिन की कमी आपके मस्तिष्क की कोशिकाओं को संकेत देने से रोकती है कि आप थक चुके हैं।

When the taste of tea gets spoiled, natural solution for tea addiction..

यह आपके शरीर को बड़ी मात्रा में अन्य नेचुरल स्टीमुलेंट को छोड़ने का कारण बन सकता है, जैसे कि डोपामाइन, जो थकान की भावनाओं को दबाता है और आपको सचेत रहने में मदद करता है। समय के साथ कैफीन से समान प्रभाव का अनुभव करने के लिए आपको ज्यादा मात्रा में चाय की जरूरत होती है। अगर आप अचानक इसे पीना छोड़ देते हैं, तो इससे आपको withdrawal symptom भी हो सकता है।

रिसर्च के मुताबिक जो लोग लगातार कैफीन का इस्तेमाल करते हैं, उनमें इसके एडिक्शन के लक्षण आने लगते हैं। आधिकारिक तौर पर वर्ड हेल्थ ऑर्गेनाजेशन (WHO) कैफीन की निर्भरता को एक सिंड्रोम के रूप में बताता है।

हालांकि, अमेरिकन साइकिएट्रिक असोसिएशन (APA) कैफीन की लत को सब्सटेंस एब्यूज डिसऑर्डर के रूप में नहीं मानता है। फिलहाल यह साफ नहीं है कि कितने लोगों में चाय पीने की वजह से इसकी लत विकसित हुई है। इसके साथ ही इस बारे में भी सीमित जानकारी है कि क्या चाय पीने वाले इसके मात्रा को कम करने में संघर्ष करते हैं। इसलिए, चाय के नशे के बारे में निष्कर्ष निकालने से पहले इसपर अधिक रिसर्च की आवश्यकता है।

आपको चाय की लत है या नहीं, यह कहना मुश्किल है लेकिन, फिर भी अगर आप अपनी चाय की मात्रा को कम करते हैं और इससे आपके सिर में दर्द महसूस होता है यानी आप चाय के आदी हो चुके हैं। एक और तरीका है, अगर आप अचानक से चाय पीना बंद कर दें और आपको withdrawal symptom आने लगे, तब भी आप चाय की आदी हो सकते हैं। इस withdrawal symptom में सर दर्द होना, ध्यान की कमी, थकान, चिड़चिड़ापन और मन का उदास होना जैसे लक्षण शामिल हैं।

ये लक्षण आपकी डाइट से चाय को कम करने के 12-24 घंटे बाद से शुरू हो जाते हैं और लगभग 09 दिनों तक रह सकता है। इन लक्षणों की गंभीरता आमतौर पर पहले 09 दिनों के भीतर ही दिखाई देती है और उसके बाद धीरे-धीरे कम होने लगती है।

अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के साथ ही यूरोपीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण (EFSA) लोगों को प्रति दिन 400 मिलीग्राम से अधिक कैफीन का सेवन करने के लिए मना करता है। वहीं, जो गर्भवती हैं उन्हें अपने पूरे दिन में 200 मिग्रा से अधिक कैफीन का सेवन करने से मना किया जाता है। इस मात्रा में चाय का सेवन करना ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो कैफीन के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील हो सकते हैं। इस वजह से उन्हें कम मात्रा में भी ही लेने से दिक्कत हो सकती है।

इसकी वजह से घबराहट, नींद का कम होना, यूरिन का बार-बार पास होना, चिड़चिड़ापन, मांसपेशियों में जकड़न, धड़कन तेज हो जाना, माइग्रेन और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ सकता है। इसीलिए एंजाइटी, दिल का दौरा, किडनी की बीमारी और लीवर की बीमारी से पीड़ित लोगों को कम चाय पीने की सलाह दी जाती है।

अगर आप धीरे-धीरे कैफीन यानी चाय का सेवन कम करना चाहते हैं तो ये कैफीन फ्री ड्रिंक आपके लिए अच्छे विकल्प साबित हो सकते हैं, जैसे कि- अदरक, हल्दी या ताजे पुदीने के पत्तों का रस, एक कप गर्म पानी के साथ निचोड़ा हुआ नींबू का रस, सेब का रस, गर्म चुकंदर या गाजर का रस।

बहरहाल, किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल हेल्थ के लिए ठीक नहीं होता, इसलिए थोड़ा लें और स्वस्थ रहें क्योंकि अति किसी भी चीज की नुकसादायक ही होती है।

फोटो सौजन्य- गूगल

If bones want strong and heart fit then eat makhana daily

मखाना एक तरह का ड्राई फ्रूट है जो खाने में काफी स्वादिष्ट होटा है। पोषक तत्वों से भरपूर मखाने में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, Calcium, Magnesium और प्रोटीन के गुण पाए जाते हैं। साथ ही इनमें Sodium, Fats की मात्रा भी काफी कम होती। मखाने का इस्तेमाल करने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं दूर होती हैं। जो लोग ब्लड की कमी से जूझ रहे हैं, हेल्थ एक्सपर्ट उन्हें दूध में मखाना उबालकर खाने की सलाह देते हैं। यह ना सिर्फ पाचन तंत्र को दुरुस्त करते हैं बल्कि शरीर में ऊर्जा का भी संचलन करते हैं।

हड्डियां बनती हैं स्ट्रोंग

मखाने में कैल्शियम की काफी मात्रा में पाया जाता है। नियमित तौर पर मखाने का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। आप अगर चाहें तो मखाने को घी में फ्राई कर भी सेवन कर सकते हैं।

दिल को रखे फिट

मखाना खाने में जितने स्वादिष्ट होते हैं, उतने ही इनमें पोषक तत्व मौजूद होते हैं। मखाने में एक्केलाइड नामक तत्व पाया जाता है जो दिल को दुरुस्त रखने में सहायक होता है। मखाने को डेली सेवन करने से दिल का दौरा का खतरा भी कम होता है।

नींद की समस्या

जो लोग नींद ना आने की समस्या का सामना कर रहे हैं उनके लिए भी मखाना जरूरी हो सकता है। रात में सोने से पहले मखाने वाले दूध के सेवन से अच्छी नींद आती है और अनिंद्रा की समस्या दूर हो जाती है।

एनर्जी का संचयन

मखाना का रोजाना इस्तेमाल से शरीर मजबूत बनता है, क्योंकि यह शरीर में एनर्जी को संचयित करता है। दूध में मौजूद प्रोटीन प्रोटीन बॉडी में ऊर्जा को संचयन करता है।

झुर्रियों से दिलाए छुटकारा

मखाने में मौजूद तत्व एजिंग के निशान यानी झुर्रियों से भी छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। रोजाना मखाने का सेवन करने से त्वचा में इलास्टिसिटी बढ़ जाती है।

डाइजेस्टिव सिस्टम दुरुस्त रखने में असरदार

जो लोग पेट की समस्या यानी कब्ज से परेशान रहते हैं, उनके लिए मखाना किसी रामबाण से कम नहीं है। मखाने में मौजूद फाइबर और आयरन तत्व गैस और अपच की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं। आप दूध में उबालकर मखाने का सेवन कर सकते हैं।

परिवार के साथ वक्त बिताने का मौका
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अभी फिलहाल जो एक तरीका है वो यही है कि लॉकडाउन हो जाओ यानी अपने घर में बंद रहें, सुरक्षित रहें लेकिन जो लोग पूरे दिन बाहर काम करते हैं