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Tag Archives: Heart Disease

good sleep

Oversleeping- कम नींद के साथ ज्यादा नींद भी नुकसानदायक है कैसे? आगे हम इसी बात को समझाने का प्रयास करेंगे बस आप जागे रहें क्योंकि आपका स्वास्थ्य रहना हमारी प्राथमिकताओं में से एक है। कम सोना या रात में बार-बार नींद खुलना शरीर के लिए नुकसानदेह है जिससे कि पूरे दिन मन भारी रहता है, इन्सान अवसाद से ग्रस्त हो सकता है। कम नींद के साथ-साथ ज्यादा नींद भी हेल्थ के लिए हानिकारक है। अधिक सोने से हेल्थ पर नेगेटिव प्रभाव भी देखा जाता है। ह्दय रोग जैसी बीमारियां भी ज्यादा नींद का सबब बन सकती हैं।

नींद की मात्रा कितनी है जरूरी

पूरे लाइफटाइम के दौरान जरूरी नींद की मात्रा काफी अलग हो सकती है। यह उम्र और गतिविधि स्तर के साथ-साथ सामान्य स्वास्थ्य और जीवनशैली की आदतों पर भी निर्भर करता है। तनाव या बीमारी के दौरान नींद की जरूरत ज्यादा महसूस हो सकती है। समय के साथ और हर व्यक्ति के लिए नींद की ज़रूरतें अलग-अलग होती हैं। विशेषज्ञ के अनुसार, किसी भी एडल्ट को हर रात सात से नौ घंटे के बीच सोना चाहिए। यदि आप इससे बहुत अधिक सोती हैं, तो यह स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।

कुछ लोग क्यों होते हैं ज्यादा Oversleeping के आदि

Oversleeping

जो लोग हाइपरसोमनिया से पीड़ित होते हैं, उनके लिए अधिक सोना विकार के समान है। इस स्थिति के कारण लोगों को पूरे दिन अत्यधिक नींद आती है। यह आमतौर पर झपकी लेने से दूर नहीं होती है। इसके कारण उन्हें रात में असामान्य रूप से लंबे समय तक सोना पड़ता है। हाइपरसोमनिया से पीड़ित लोग नींद के कारण एंग्जायटी, थकान, लो एनर्जी और मेमोरी लॉस जैसी समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं।

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया डिसऑर्डर के कारण लोग नींद के दौरान कुछ देर के लिए सांस लेना बंद कर देते हैं। इससे भी नींद की जरूरत बढ़ सकती है। यह सामान्य नींद चक्र को बाधित करता है। अवसाद सहित अन्य चिकित्सीय स्थिति लोगों के अधिक सोने का कारण बन सकती है।

यहां हैं ज्यादा सोने से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं

1 मधुमेह (Diabetes)

हार्वर्ड हेल्थ के अध्ययन भी बताते हैं कि हर रात बहुत देर तक या पर्याप्त नींद न लेने से मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है।

2 मोटापा (Obesity)

बहुत अधिक या बहुत कम सोने से वजन बहुत अधिक हो सकता है। मेंटल हेल्थ जर्नल के अध्ययन के अनुसार, जो लोग हर रात नौ या 10 घंटे सोते हैं, उनके छह साल की अवधि में मोटापे से ग्रस्त होने की संभावना सात से आठ घंटे के बीच सोने वाले लोगों की तुलना में 21% अधिक होती है।

3 सिरदर्द (Headache)

सिरदर्द से ग्रस्त कुछ लोगों के लिए, सप्ताहांत या छुट्टी पर सामान्य से अधिक समय तक सोना सिर दर्द का कारण बन सकता है। अधिक सोने से सेरोटोनिन सहित मस्तिष्क के कुछ न्यूरोट्रांसमीटरों पर प्रभाव पड़ने के कारण होता है। जो लोग दिन में बहुत अधिक सोते हैं और रात की नींद पूरी नहीं कर पाते हैं, वे भी सुबह सिरदर्द से पीड़ित हो सकते हैं।

4 पीठ दर्द (Back Pain)

सामान्य से अधिक सोने पर पीठ दर्द की समस्या हो सकती है। इसके कारण पूरे शरीर में भी दर्द हो सकता है। यदि दर्द का अनुभव लगातार हो रहा है, तो डॉक्टर से जांच अवश्य कराएं।

5 अवसाद (Depression)

डिप्रेशन

अधिक सोने की तुलना में अनिद्रा को आमतौर पर अवसाद से जोड़ा जाता है। मेंटल हेल्थ जर्नल की स्टडी बताती है कि अवसाद से पीड़ित लगभग 15 फीसदी लोग बहुत अधिक सोते हैं। ज्यादा सोने से डिप्रेशन और भी अधिक हो सकता है।

6 दिल का रोग (Heart Disease)

ग्यारह घंटे या उससे भी अधिक सोने पर कोरोनरी हृदय रोग होने की आशंका ज्यादा हो सकती है। हालांकि अधिक सोने और हृदय रोग के बीच संबंध का कोई कारण अब तक किसी शोध में नहीं आ पाया है।

इस समस्या से ऐसे बचें

बढ़ियां रूटीन बनाएं, जसमें सोने और जागने का निश्चित समय हो। साउंड स्लीप के लिए जरूरी वातावरण हो। सप्ताहांत पर अधिक सोने से बचें। सोते वक्त गैजेट को खुद से दूर रखें। दिन में हेल्दी ईटिंग की आदत हो। झपकी लेने से बचें। दिन में एक्सरसाइज जरूर करें।

If you get such signs, then understand that heart problems have started

देश में हार्ट अटैक (Heart Attack) के केस में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। पिछले कुछ समय में आए दिन एक के बाद एक कई जानीमानी हस्तियों को दिल का दौरा पड़ने की खबरें आई थी जिसमें कई लोगों ने अपनी जान भी गंवा दी। दिल का मर्ज और उससे होने वाली मौत ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया। और सबसे अहम बात यह है कि हार्ट अटैक की कई घटनाओं में जान गंवाने वाले लोग यंग और पूरी तरह स्वस्थ्य थे। हार्ट अटैक रोकने के लिए सबसे आवश्यक है कि हमें पता होना चाहिए कि हमारे दिल की नसों में कोई मेजर रुकावटें आ रही हैं।

दिल की धमनियां आपके शरीर की प्रमुख रक्त वाहिकाएं हैं जो आपके दिल तक ब्लड की आपूर्ति करती हैं। अगर इनमें कुछ गड़बड़ी होती है या इनमें किसी वजह से ब्लॉकेज आ जाता है तो यह अमुमन आपको हार्ट अटैक के कई चेतावनी संकेत देती हैं।

जानें इस चेतावनी के बारे में

दिल की नसें ब्लॉक होने पर आपको सीने में भारीपन हो सकता है। थोड़ी सी मेहनत करने पर भी आप हांफने लगते हैं या आपको सीने में दर्द, घुटन, बेचैनी और अस्वस्थ महसूस होता है, तो यह हार्ट अटैक आने के लक्षण हो सकते हैं। थकान, सांस फूलना, दिल की धड़कन का अचानक तेज हो जाना भी हार्ट अटैक आने का संकेत है जो आपकी धमनियां आपको दे रही हैं।अलावा इसके दिल के रोग, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को सीने में होने वाला दर्द या दबाव हार्ट अटैक की निशानी हो सकता है।

हार्ट में गड़बड़ी के संकेत मिलने पर जरूरी अहतियात

If you get such signs, then understand that heart problems have started

अगर किसी मरीज को ये लक्षण महसूस होते हैं तो उन्हें तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट यानी दिल के डॉक्टर को दिखाना चाहिए। खासकर अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियों की फैमिली हिस्ट्री है तो आपको अपने दिल का कंप्लीट चेकअप करवाना चाहिए।

क्या है इलाज?

ऐसे मरीज जिन्हें 70 फीसदी से कम ब्लॉकेज है, उनका इलाज दवाओं से हो जाता है। लक्षणों के साथ 75 फीसदी से अधिक ब्लॉकेज वाले रोगियों का इलाज या तो एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी के जरिए किया जाता है।

दिल को कैसे रखें हेल्दी

  • तंबाकू का सेवन करें बंद।
  • शराब से करें परहेज
  • ताजा फूड खाएं और नमक, फैट और चीनी से बनें खाद्य पदार्थों से बचें। मिठाई, जंक फूड और स्ट्रीट फूड से दूर रहना जरूरी।
  • वजन नियंत्रित रखें।
  • नियमित तौर पर व्यायाम करें।
  • स्वस्थ और फिट रहने के लिए आप सप्ताह में कम से कम 5 दिन 35-45 मिनट की ब्रिस्क वॉक कर सकते हैं।
  • डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों को काबू में रखें जिसके लिए इनकी नियमित जांच करानी चाहिए।
  • तनाव से रहे दूर।
  • हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें।
WHO warning: Long working hours increase the risk of heart disease and heart attack

Omega 3 Fatty Acid अच्छे स्वास्थ्य के लिए: शरीर को हेल्दी रहने के लिए विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्वों का सेवन जरूरी होता है। अगर आप अपने आहार पर ध्यान नहीं दे रहे हैं तो शरीर में कई तरह की कमी हो सकती है और परेशान करने वाले लक्षण हो सकते हैं। ऐसी ही एक समस्या है ओमेगा- 3 की कमी, ब्ल्ड के धक्के जमने के साथ-साथ हार्मोन बनाने के लिए शरीर द्वारा ओमेगा-3 फैटी एसिड की जरूरत होती है। ओमेगा- 3 में पाए जाने वाले ईपीए और डीएचए आपकी स्किन के स्वास्थ्य और आंखों की रोशनी में भी मदद करते हैं।
यहां कुछ संकेत दिए गए हैं जो शरीर में ओमेगा- 3 की कमी के साइन दे सकते हैं-

नाखून टूटना और रूखी त्वचा इसके संकेत हो सकते हैं

आपकी त्वचा, बालों और नाखूनों को दुरुस्त रखने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड की आवश्यकता पड़ती है। इस स्वस्थ वसा की कमी से शुष्क त्वचा के साथ-साथ त्वचा पर चकत्ते भी हो सकते हैं। सूखे, टूटे और कमजोर नाखून भी ओमेगा-3 की कमी के लक्षण हो सकते हैं। आपके नाखून और सूजन को कम करने के लिए ओमेगा -3 फैटी एसिड जरूरी हैं। ओमेगा-3 वसा आपके बालों को पोषण देने और घने बालों को सहारा देने के लिए आवश्यक हैं। इसलिए कमी से त्वचा की कोशिकाओं और बालों के रोम के कुपोषित होने के कारण बालों का झड़ना हो सकता है। इस कमी के अन्य सामान्य लक्षणों में नींद में कमी और थकान शामिल हैं।

Heart Disease और Heart Attack का होता है खतरा

लॉन्ग-चेन ओमेगा-3 फैटी एसिड आपके दिल को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक ओमेगा-3 की कमी से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड आपके शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में भी मदद करता है, जिसके उच्च स्तर आपको हृदय रोग और स्ट्रोक के खतरे में डाल सकते हैं। शरीर में ओमेगा -3 फैटी एसिड की खपत बढ़ाने के लिए आप कुछ खाद्य पदार्थ खा सकते हैं जिनमें शामिल हैं: वनस्पति तेल, अलसी के बीज, भांग के बीज, चिया के बीज, पालक और अखरोट, समुद्री भोजन भी एक बड़ा स्रोत है जिसमें तैलीय मछली जैसे सामन, सार्डिन, हेरिंग और एंकोवी शामिल हैं।

अगर आपमें कमी है तो क्या करें?

अगर आपको लगता है कि आपको ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी हो सकती है तो डॉक्टर से सलाह लें। अपने आहार में ओमेगा-3 से भरपूर तत्वों की मात्रा बढ़ाने से कमी के लक्षण कम हो सकते हैं। अगर आप ओमेगा-3 सप्लीमेंट लेने की योजना बना रहे हैं तो अपने डॉक्टर से बात करें.

What is flaxseed, in which problems does flaxseed bring relief?

जब कभी आपने किसी के सामने अपने जोड़ों में होने वाले दर्द का जिक्र किया होगा तो यकीनन उसने आपको अलसी के बीज खाने को बोला गया होगा। हालांकि हम में से अधिकतर लोग अलसी के बारे में और उस से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं। जब भी हमें इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो एक विचार जो हमारे जहन में सबसे पहले आता है वह यह है कि डॉक्टर से दवाई ले आनी चाहिए।

देखिए, किसी भी शारीरिक परेशानी के बारे में चिकित्सक से परामर्श जरूर लेना चाहिए लेकिन कुछ परेशानियों से हमें अपनी आदतों में बदलाव करके या कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर निजात मिल सकती है। हमारी अधिकतर समस्याओं का इलाज हमारे घर में मौजूद रसोई में ही हो सकता है। तो चलिए, आज जानते हैं अलसी से जूड़ी अहम जानकारियां-

अलसी क्या है ?
किन परेशानियों में राहत पहुंचाती है अलसी ?
इसके क्या फायदे हैं, इसके क्या नुकसान हैं?
इसको कैसे इस्तेमाल किया जाता है?

तो सबसे पहले हम जानेंगे अलसी क्या है? अलसी एक जड़ी बूटी के रूप में काफी लोकप्रिय है। अनेक बीमारियों में अलसी रामबाण औषधि का काम करती है। कई वर्षों से लोगों द्वारा निरोग रहने की इच्छा से इस का उपयोग किया जाता है। यह एक प्रकार का बीज है जिसका रंग लाल भूरा या गहरा भूरा हो सकता है। साबुत अलसी का अंदरूनी हिस्सा नरम होता है लेकिन इसका छिलका थोड़ा सख्त हो सकता है जिस को पचाने में हमारे लीवर को थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।

तो चलिए अब हम जानते हैं यह किन परेशानियों में हमें राहत पहुंचाती है?

What is flaxseed, in which problems does flaxseed bring relief?

1. हृदय रोग में राहत पहुंचाती हैं:
यह मोनोसैक्चरेटेड होती है जिसकी वजह से यह हमारे दिल पर अधिक भर नहीं बढ़ने देती जिससे हमारा ह्रदय बेहतर तरीके से कार्य करता है।

2. ब्लड कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक है:
कई बार लोगो को कोलेस्ट्रोल की समस्या आती है इसमें अलसी का प्रयोग बेड कोलेस्ट्रोल को घटाती है और गुड कोलेस्ट्रोल को बढ़ात है।

3 .पाचन तंत्र को दुरुस्त करती है:
हालांकि इसके बीज ऊपर से सख्त होते है जो जल्दी से पचते नहीं है लेकिन इसको भूनकर या चूर्ण बना कर सेवन किया जाए तो यह हमारे पाचन क्रिया को बेहतर करता है।

4. त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद है:
इसमें खूब सारे मिनरल और विटामिन होते है इसलिए यह हमारी त्वचा को भी पोषण देती है तथा उसे स्वस्थ बनाती है।

5. वजन कम करने में भी बहुत अधिक सहायक होती है:
अलसी में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो आपको पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे भूख कम लगती है ।

6. कैंसर का खतरा कम करती हैं: इसमें मिनरल और विटामिन की भरपूर मात्रा होने के कारण शरीर में किसी तरह के हानिकारक केमिकल को बनने नहीं देता जिससे कैंसर का खतरा कम रहता है।

7. टाइप- मधुमेह में राहत दिलाती है: जी हां, मधुमेह के रोगियों के लिए यह रामबाण है।

8. हमारे शरीर की अंदरूनी सफाई करती है: इसका नियमित सेवन हमारे शरीर को अंदरूनी साफ करती है।

9. हमारे बालों से संबंधित समस्याओं को कम करती है: अक्सर हमारे बालों में रूसी, डेंड्रफ, खुजली जैसी दिक्कत होती है जिसका अलसी का सेवन एक बहुत सस्ता और आसान उपाय है।

इस के फायदे और नुकसान के बारे में जानने के साथ-साथ हमें यह भी जान लेना चाहिए कि इस की तासीर कैसी होती है? तो बता देते हैं कि अलसी की तासीर गर्म होती है।

अब हम इसके अन्य फायदों के बारे में जानते हैं:
सबसे पहले हम यह बता दें कि यह शरीर में प्रोटीन की पूर्ति करती हैं।
अलसी फाइबर से भरपूर होती है।
इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड मौजूद होता है।
इसमें बहुत सारे मिनरल्स और विटामिंस भी पाए जाते हैं।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एक सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी प्रकार अलसी को अपने आहार में शामिल करने के जितने फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं हम सभी जानते हैं और मानते भी हैं कि किसी भी चीज की अति बुरी होती है जो महिलाएं गर्भधारण किए होती है उनको अलसी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
जो महिलाएं बच्चों को स्तनपान कराती हैं उनको भी अलसी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
इसकी अधिकता से आंतों में रुकावट आ सकती है ।
यह एलर्जी रिएक्शन भी कर सकती है।

अब हम जानते है कि इसको लेना का सबसे अच्छा तरीका कौन सा है?
जैसा कि हम पहले भी बता चुके है कि इसका छिलका सख्त होता है जो पचने में दिक्कत करता है तो आपके लिए बेहतर है कि आप इसको हल्का भून लें और फिर इसको पिस कर इसका पाउडर बना लें तथा एक निश्चित मात्रा में दिन में एक बार ले सकते हैं।