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Tag Archives: Life Style

कुछ लोगों को हम अक्सर देखते हैं कि वह हर दिन सुबह उठकर जूस पीना पसंद करते हैं लेकिन ऐसा करना अमूमन हेल्थ के लिए सही नहीं होता। ऐसे बहुत से और विकल्प हैं जिन्हें फॉलो कर अपनी दिन की हेल्दी शुरुआत कर सकते हैं।

लोग जानकारी के कमी की वजह से सुबह खाली पेट कुछ ऐसा खा लेते हैं जिसके कारण उनकी पूरी दिनचर्या प्रभावित हो सकती है। अगर आप सुबह का पहला खाना हेल्दी रखते हैं, तो यह आपके पूरे दिन के खाद्य पदार्थों को पचाने में मदद करता है।

सुबह हेल्दी खाने से वेट लॉस, हेल्दी डाइजेशन से लेकर सेहत संबंधी कई अन्य समस्याओं को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानेंगे की सुबह खाली पेट आप किन खाद्य पदार्थों को खा सकते हैं और किन खाद्य पदार्थों को खाना आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

न्यूट्रीशनिस्ट और वेलनेस कंसलटेंट ने बताया है कि किन खाद्य पदार्थों को सुबह खाली पेट नहीं खाना चाहिए साथ ही जानेंगे सुबह किन खाद्य पदार्थों का सेवन हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है।

कभी भी खाली पेट न करें इन खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल

1. चीनी और राइस सिरप

ज्यादातर लोग इसे खाली पेट लेते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह फैट बर्न करने में मदद करता है। हालांकि Honey में चीनी की तुलना में ज्यादा कैलोरी और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी अधिक होता है। बिना किसी मिलावट के शुद्ध शहद मिलना बेहद मुश्किल है और ज्यादातर लोग शहद के नाम पर चीनी और राइस सिरप का सेवन करते हैं। यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा देता है जिसके परिणामस्वरूप पूरे दिन अधिक खाने की इच्छा होती रहती है। यदि आपके पास रॉ हनी है तब ही इसे अपनी मॉर्निंग डाइट में शामिल करें।

इसे करें ट्राई:
2. खट्टे फल

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अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में फल बहुत जल्दी पच जाते हैं। इससे हमें एक घंटे के अंदर ही भूख लग जाती है। वहीं खाली पेट खट्टे फल खाने से एसिडिटी हो सकती है। खट्टे फल में कई महत्वपूर्ण विटामिन, मिनरल्स और फाइबर मौजूद होते हैं। परंतु फिर भी इनसे खाली पेट परहेज रखने की सलाह दी जाती है। संतरा, कीवी, अनानास जैसे फलों के सेवन से इनमें मौजूद फाइबर और फ्रुक्टोज की मात्रा आपके मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देती है, जिसकी वजह से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती है।

3. चाय और कॉफी

खाली पेट चाय या कॉफी का सेवन पेट में एसिड पैदा करता है और यह आपके पेट को असंतुलित कर सकता है और पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। इसके सेवन से ब्लोटिंग, कॉन्स्टिपेशन, हार्टबर्न जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसलिए सुबह चाय और कॉफी पीने से पहले कुछ खा लेना चाहिए और कोशिश करें कि चाय और कॉफी को अवॉयड कर सकें।

4. ब्रेकफास्ट में मीठे की जगह लें नमकीन

नमकीन नाश्ता आपके रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने के लिए उपयुक्त होता है। यह उन लोगों के लिए बिल्कुल सही है जो अपनी फिटनेस पर ध्यान देते हैं। प्रोटीन और फैट बेस्ड मॉर्निंग मील पूरे दिन की भूख को कम करने में मदद करता है। ऐसे में आप ओवरईटिंग नहीं करती।

मीठा नाश्ता आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा देता है या इसे तेजी से कम कर सकता है, जिससे आपको अधिक भूख लग सकती है, विशेष रूप से कार्ब्स की क्रेविंग्स होगी और ऊर्जा शक्ति में भी गिरावट देखने को मिलती है।

5. मसालेदार भोजन

सुबह खाली पेट मसालेदार भोजन करने से आपके पेट मे जलन का अनुभव हो सकता है। साथ ही साथ यह पाचन संबंधी विभिन्न प्रकार की समस्याओं का कारण बनती है, खासकर हार्टबर्न और पेट दर्द। वहीं आप पूरे दिन असहज महसूस कर सकती हैं।

..and after marriage your responsibilities also increase

शादी, जी हां, शादी किसी भी व्यक्ति के जीवन का बहुत अहम फैसला होता है। वहीं, शादी के बाद जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं । वैसे तो पति-पत्नी दोनों पर ही नई-नई जिम्मेदारियों का बोझ होता है लेकिन जहां लड़की अपने घर को छोड़कर इस नई दुनिया, नए संसार में आती है तो उससे उम्मीदें कुछ ज्यादा होती हैं ।

ससुराल वाले उससे उम्मीद रखते हैं कि वह रिश्तों, घर, परिवार और अपनी व्यक्तिगत जिंदगी में संतुलन बनाए रखेगी। ऐसे में लड़कियों का घबराना या डरना स्वाभाविक है क्योंकि उनके लिए उस घर में सब नया होता है। परिवार नया, घर नया और माहौल नया। ऐसे में उनके मन में अनेक सवाल उठते हैं कि क्या मैं ये सब कर पाऊंगी या क्या मैं इन सब की उम्मीदों पर खरी उतर पाऊंगी तो नई दुल्हन के इन स्वाभाविक से सवालों का जवाब आज हम लेकर आए हैं कुछ ऐसे टिप्स जिनसे नए ससुराल में नई दुल्हन सबकी चहेती बन जाएगी तो चलिए जानते हैं-

1. बड़े बुजुर्गों के साथ हमेशा बच्चों की तरह व्यवहार करें:

जी हां, जब भी आप अपनी ससुराल में जाते हैं तो वहां पर आपको अपने बुजुर्गों से बिल्कुल ऐसे व्यवहार करना है जैसे आप बच्चों के साथ करते हैं क्योंकि उस उम्र में हर बूढ़े का मन बच्चों जैसा हो जाता है इसलिए वह थोड़ा सा जिद्दी थोड़ा सा शरारती थोड़ा भावुक हो जाता है। इसलिए आप उसने हमेशा बच्चों जैसा बर्ताव करें ताकि उन्हें किसी भी मोड़ पर यह किसी भी परिस्थिति में ठेस ना पहुंचे।।

2. चेहरे पर मुस्कान है जरूरी:

जी हां, ससुराल में जाते ही आप अपने चेहरे पर सदैव मुस्कान बनाए रखें । किसी से भी मिले मुस्कान के साथ ही मिले। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मुस्कान किसी का भी मन मोह लेती है इसलिए आप कभी किसी से मिलते समय बुरा बर्ताव न करें और हमेशा हर किसी से मुस्काते हुए मिलें।

3. ससुराल में ना केवल परिवार वालों का बल्कि रिश्तेदारों का भी उतना ही सम्मान करें:

जैसे कि आप परिवार में सब का मान और सम्मान रखते हैं। उसी तरह जब भी रिश्तेदार आपके घर आए उनकी भली-भांति स्वागत सत्कार करें और उनको उतना ही सम्मान दे जितना आप अपने परिवार के मेंबर्स को देते हैं।

4. जिम्मेदारियों को निभाना सीखे:

जब आप ससुराल जाती हैं तो ससुराल वालों को आप से बहुत सी उम्मीदें होती हैं और शादी के बाद आपकी जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं। इसलिए ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी जिम्मेदारियां लेना सीखे और उनका भली-भांति निर्वाह करें।

5. नए घर में हर पल को बहुत खुशहाली से जिएं:

वैसे तो हर लड़की के लिए अपना घर छोड़कर ससुराल में जाना बहुत मुश्किल होता है लेकिन अब शादी के बाद यही उसका घर परिवार है इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि हर पल को खुशहाली से जिए और अपने परिवार को भी खुशहाल बनाने की कोशिश करें।।

6. सारे काम खुद से करने की कोशिश ना करें:

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि ससुराल में जाने के बाद लड़कियों का घबराना स्वभाविक है उन्हें हमेशा यही लगता है कि यह सब मैं कैसे कर पाऊंगी लेकिन इसी के बीच हम आपको यह सलाह देते हैं कि जितना भी आप काम करें मन लगाकर करें अगर आपको काम की अधिकता का एहसास हो तो किसी की मदद जरूर लें क्योंकि सारे काम अकेले करने से आपको थकान भी होगी और आपका समय भी ज्यादा लगेगा जिससे आप अपने परिवार को टाइम नहीं दे पाएंगे।

ख्वाहिशें

आज हम कुछ ऐसी परिस्थितियों पर बात करने जा रहे है जो हमारे ऊपर इस कदर हावी हो जाती है कि हम उनकी ऊंगली पकड़े सब पीछे छोड़ उनके साथ हो लेते है। वैसे सच कहूं तो हमारे सामने कोई दूसरा विकल्प नहीं होता इसलिए हम कुछ नहीं कर पाते।

तो मैं आपका ज्यादा समय ना लेते हुए आपको उलझनों में न डालते हुए शुरू करती हूं तो चलिए…

भागमभाग के इस दौड़ में हम उस ज़िन्दगी से बहुत दूर निकल आए है  जिसे कभी हमने भरपूर जिया होता है हर लम्हें को पास से छू कर देखा होता है, शोर के साथ अपनी आवाज़ मिलाकर दिल के तार छेड़े होते है, खामोशियों के साथ अपनी अलग ही कोडिंग की होती है।

हवा के झोंके के साथ बहना सीखा होता है, कड़ी धूप में भी अपनी मस्ती के साथ छांव का अहसास किया होता है, रात भर आखों से गुम हुई नींद को छत पर बैठकर तारों से बातें करते हुए आवाज़ लगाई होती है…हर पल को कुछ इस तरह से जिया होता है जैसे वो हमारी ज़िन्दगी का आखिरी पल हो।

लेकिन कहते है ना “जब सिर पर जिम्मेदारियां बढ़ जाती है तो ख्वाहिशें खुदकुशी कर लेती है” बस कुछ यही होता है जब ज़िन्दगी अपनी रफ्तार से आगे बढ़ रही होती है और हम उसी रफ्तार से पीछे छूट रहे होते है…पर फिर भी कभी कभी उस पीछे छूटी ज़िन्दगी को दिल बिल्कुल वैसे ही दोबारा अपनी मुट्ठी में दबाना चाहता है जैसे वो अपनी मां का दिया हुए एक रुपये का सिक्का ये समझ कर दबा लेता है कि ये सिर्फ उसका है और इसपर सिर्फ उसका हक है…फिर कितनी कोशिश करनी होती है उसे समझने के लिए देखिए:-

बहुत समझाया मैंने ख्वाहिशों को फिर भी मुंह उठाए चली आती है।

वो ज़िन्दगी रहती ही नहीं अब उस पते पर आकर वो जिसकी डोर बेल  बजाती है।।

समझती नहीं वो की समझदारी आते ही, मासूमियत अपनी सीट छोड़े जाती है, लफ्ज़ जब तक समझ आते है ठीक से, तब तक बातें बेअसर हो जाती है। समझती ही नहीं वो की अब वो सुकून भरी रात कहां आती है।

जब तक उस लम्हें तक पहुंचते है हम, तब तक ज़िन्दगी दोबारा रफ्तार भरे जाती है। बहुत समझाया मैंने ख्वाहिशों को फिर भी मुंह उठाए चली आती हैं, वो ज़िंदगी रहती ही नहीं अब उस पते पर, आकर वो जिसकी डोर बेल बजाती है।

समझती नहीं वो की सर्दियों की वो गरम धूप अब मेरी ठिठुरन और बढ़ाती है, जब तक ज़िम्मेदारियों से फारिक़ होते है हम, तब तक वो भी अपने घर लौट जाती है।

कैसे समझाऊं इसे कि ये बारिश मेरे कपड़ों की बजाए, अब मेरी रूह को भिगोती है, नहीं समझती वो कि ज़िन्दगी अब एक साबुन सी हो गई है जितना जीने कि कोशिश करो उतना घिसती चली जाती है।

आती है अब भी वो पुरानी यादें, और मेरे कंधे पर सिर रखकर अपना मन हल्का किए जाती है,

जो कुछ छूट गया है पीछे उन सब की लिस्ट मुझे थमा जाती है,

कैसे समझाऊं उसे कि इन सब बातों को दिल पर ना ले,

ये ज़िन्दगी है यूंही कट जाती है,

कभी हम ख्वाहिशों को छोड़ देते है और कभी ख्वाहिशें हमें छोड़ जाती है..।

बहुत समझाया मैंने ख्वाहिशों को फिर भी मुंह उठाए चली आती हैं,

वो ज़िंदगी रहती ही नहीं अब उस पते पर, आकर वो जिसकी डोर बेल बजाती है।