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Tag Archives: Life

Feeling guilty can be a good thing, provided..

कई बार जिंदगी में हमसे कुछ गलतियां हो जाती हैं। कुछ ऐसी गलतियां जिनके बाद हमें उसे करने का बहुत अधिक अफसोस और पछतावा होता है। यदि आप किसी को धोखा देते हैं और यह आपको महसूस हो जाए , तो यह अच्छी बात है लेकिन इस चीज के लिए अपराध बोध की भावना को अपने ऊपर हावी कर लेना, तो यह आपके लिए ठीक नहीं है ।

यह आपको मानसिक रूप से बीमार कर सकता है, जो आपके लिए बिल्कुल उपयुक्त नहीं है। गिल्टी फील करना एक अच्छी बात हो सकती है क्योंकि यह आपको भविष्य में वही गलती दोबारा न करने के लिए प्रेरित करती हैं। लेकिन समस्या वहां आती है, जब आप छोटी-छोटी चीजों के लिए अपराधी महसूस करने लगते हैं । यह आपकी मेंटल हेल्थ के लिए घातक साबित हो सकता है।

तो चलिए जानते हैं कि इस स्थिति में कैसे बचा जाए-

1.अपनी भावनाओं को पहचाने: कई बार कुछ गलतियां हमसे अनजाने में से हो जाती है। जिसके लिए हम अपने आपको बहुत अधिक परेशान करने लगते है। लेकिन यह ठीक नहीं, आप खुद सोचे की क्या आप उस गलती को जान बूझ कर कर सकती है। और आपको आपका जवाब खुद ही मिल जायेगा। इसलिए अपने भावना को पहचानें।

2. खुद को माफ कर दें: अगर आपने किसी को धोखा दिया या किसी को नुकसान पहुंचाया है, और आपको उसका पछतावा है, तो यह इस बात की और संकेत करता है कि आप अगली बार कुछ भी ऐसा करते हुए सोचेंगी, और दुबारा ऐसा नहीं करेंगी। इसलिए खुद को परेशान करने की बजाए अपने आप को माफ कर दे।

3. अपने प्रति सोच को बदलें: गलती का पछतावा करना भूत अच्छी बात है लेकिन अपने आपको उसमे बांध के रखना बुरी बात है। किसी भी गलती की वजह से कुछ से नफरत न करे। अपने प्रति अपनी सोच को साकारात्मक रखे।

4. निष्पक्षता की तलाश करें : किसी भी गलती के लिए आप खुद को कोसना शुरू ना करे। अपने आप के लिए निष्पक्ष भाव से सोचें। गहनता से सोचने पर आपको अहसास होगा कि आप अपने लिए बहुत ज्यादा सख्त हो जाते है, जो आपके भविष्य के प्लान्स के लिए बिल्कुल सही नहीं है।

5. गलतियों से सीखे: आपसे गलती हुई, आपको इस बात का पछतावा भी है, तो फिर अपने आपको अपराधी घोषित करने से कुछ भी ठीक नहीं होगा । अपनी गलतियों से हमेशा सीखे। और भविष्य में ऐसा न करने का संकल्प लें और जीवन में आगे बढ़ जाए।

First of all free yourself from the clutches of the society

हमारी आंखे अक्सर चेहरे की सुंदरता को ही देख पाती हैं, काश कि मन की सुंदरता को भी इसी तरह से देखा जा सकता।
अगर हम चेहरा देखने की जगह मन के विचारों की सुंदरता देख पाते तो शायद सुंदरता की परिभाषा अलग होती।।

दो सहेलियों ने एक जॉब के लिए इंटरव्यू दिया, और एक को चुन लिया गया और जिसको चुना गया उसने दूसरे को यह कहते हुए ताना मारा कि काबिलियत की किसे परवाह है? मुझे तो मेरा चेहरा देखकर ही चुन लिया गया।

इस तरह की बातों को देखकर सुनकर अक्सर दिल में ख्याल आता है, कि क्या सुंदर ना होना वास्तव में एक अपराध है? हर दिन न जाने कितने ही लड़के और लड़कियां सुंदरता के नाम पर किए जाने वाले इस भेदभाव के शिकार होते हैं। समाज की इस दुत्कार की वजह से हीन भावना का शिकार होते हैं।

दोस्तों, हम समाज की परिभाषा नहीं बदल सकते पर अपनी बदल सकते हैं। खुद को समाज के इस तराजू में तौलना बंद कर दीजिए।
याद रखिए, यह आपका अपना शरीर है और यही सब कुछ है। दरअसल, जिनके पास जो नहीं है, वह उसी को पाना चाहता है। फिर चाहे पैसा हो , सफलता हो, संबंध हो या फिर सुंदरता।।

हम सुंदर होने के लिए इसलिए बेचैन होते हैं क्योंकि हम मान लेते हैं कि हम सुंदर नहीं हैं।
आपने सुना होगा मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। तो बस फिर आज से ही मानना शुरू कर दीजिए कि आप बहुत सुंदर हैं।
सबसे पहले अपने आपको समाज के चुंगल से छुड़ाए और अपनी चिंता करें।

1. सुंदरता को समाज नहीं बल्कि आप तय कीजिए। यह समाज कभी भी अपनी राय आपके लिए बदल सकता है लेकिन उससे पहले आपको अपने बारे में सोच बदलनी पड़ेगी।।

2. आपको एक ही जीवन मिला है और एक ही शरीर। यही शरीर आपका अंत तक साथ देगा इसलिए यह आपके लिए साधना का स्रोत है। इसका आभार व्यक्त करें ,इसे प्यार करें और स्वीकार करें।

3. हमारे लिए विचारों की सुंदरता अहम होती हैं। समाज चेहरे से आकर्षित हो सकता है, लेकिन प्यार गुणों से ही होता है। अपनी सेहत का ध्यान रखें और अपने साथ मुस्कुराहट को जरूर रखें।

4. कभी भी अपने आप को कोसिए मत। आपने अपने को जानने की कोशिश कीजिए ,आपको क्या पसंद है, आप किस वजह से खुश होती हैं। यह सब अपने बारे में जानिए और उसी तरीके से आप अपने जीवन को बिताएं।

5. खुद को प्रकृति से जोड़ना सीखे ।आईने में दिखने वाले से नहीं , अपनों के हंसते-मुस्कुराते चेहरों में खुद को देखने की कोशिश करें।।

Because not everyone is big hearted.

कुछ लोगों को जिंदगी से बहुत शिकायतें होती हैं। हर इन्सान को यही लगता है जैसे दुनिया की सारी मुश्किलें भगवान ने उन्हीं की झोली में डाल दी है लेकिन क्या कभी आपने खुद उस लम्हें को महसूस किया है, जब कोई छोटा बच्चा खिलौनों की दुकान के बाहर खड़ा होकर उन्हें ऐसे देख रहा होता है, जैसे कोई जादू है और सच में जादू ही तो है उसके लिए।

वहीं, जादू जिसे वह देख तो सकता है, लेकिन अपने नन्हें हाथों से महसूस नहीं कर सकता। सच में कितना भयानक जोड़ है ना ( गरीबी + बचपन)!

कोई भी बड़ा समझदार इंसान अपने हालातों से समझौता कर सकता है, और हालातों को बदलने के लिए कोशिश करने का भी संकल्प ले सकता है, लेकिन वह बच्चा जिसने अभी दुनिया से अपना रिश्ता नया नया शुरू किया है सोचें उसके लिए कैसा होता होगा।

एक छोटा बच्चा जो मेले के दरवाजे पर खड़ा है और उसके पास अंदर जाने के लिए पैसे नहीं है। हम और आप शायद सोच भी नहीं सकते, कि किस तरह वो मासूम अपने दिल को समझाता होगा। वह कढ़ाई में बनती गरम गरम जलेबी उसे कैसे ललचा रही होंगी और हर हवा के झोंके के साथ जब खुशबू आ रही होती होगी तो उसके कानों में यही कहकर जाती होगी कि तुम सिर्फ महसूस करो।

Because not everyone is big hearted.

झूले पर झूलते वह बच्चे जो इस भयानक जोड़ गरीबी और बचपन का हिस्सा नहीं है जब जब वह झूला झूलते हुए खिलखिलाते है, तो किस कदर वह नन्ना दिल मचल जाता है, वह ढेर सारे झूले झूलने को। और फिर इन सब से 01 मिनट के लिए ध्यान हटा तो वह आइसक्रीम वाले अंकल घंटी बजा देते हैं। वो वाला एक लम्हा इतना भारी हो जाता है कि वह बच्चा सोचने लगता है कि काश उसके पास भी पैसे होते तो वह भी अपने सपनों के महल सजा पाता। बस एक यही लम्हा उसे मजबूर कर देता है, इतना मजबूर कि दिल की सुनना उसके लिए जरूरत बन जाता है। और फिर दिल को मनाने का जो सिलसिला शुरू होता है, वह उसे लोगों से मांगने पर भी मजबूर कर देता है। जब कोई अन्य हाथ में आइसक्रीम लेकर बाहर आता है तो उसे बस यही समझ आता है कि मायूस आंखों से उसे देखने की बजाय उसके आगे हाथ बढ़ाकर मांग ले। और उसके बाद फिर किसी का झूठा भी मिल जाए तो क्या फर्क पड़ता है।

इसी के साथ दुत्कार भी मिलती है, क्योंकि हर इन्सान बड़ा दिल वाला नहीं होता। कुछ छोटे दिल के लोग यह कभी नहीं समझ सकते कि एक छोटे बच्चे के लिए दिल को समझाना कितना मुश्किल होता है। आपकी दिलवाई हुई 10 रुपये की चीज उसे अंदर से कितना खुश कर जाएगी यह शब्दों में बयां नहीं हो सकता। त्योहारों के समय पर इस तरह के बच्चों के लिए शाहा रात में चमकते तारों के जैसे हो आप। इस समय उनके लिए उनके अंधेरों की कालिख में रोशनदान से छनता उजाला हैं आप।

मैं इन बच्चों को भीख या पैसे देने का समर्थन बिल्कुल नहीं करती, लेकिन इस दिवाली किसी एक बच्चे के चेहरे पर आपकी वजह से मुस्कान आ जाए तो समझ ही आपको भगवान की तरफ से दिवाली का तोहफा मिल गया है। किसी भूखे बच्चे को खाना खिलाइए, किसी को कपड़े दिला दीजिए, किसी बच्चे को जूते दिला दीजिए, किसी को उसकी पसंदीदा आइसक्रीम खिला कर, उसे यह समझा सकते हैं कि आप उन्हीं के जैसे हैं। हां, बस भगवान ने आपको थोड़ा ज्यादा इसलिए दिया कि उनके त्योहारों को आप रोशन कर सकें। कम से कम त्योहारों पर किसी की आंखों में आंसू ना हो।

Whatever happens, take care of your happiness..
जिंदगी में हर इन्सान सुखी रहना चाहता है। चाहे वह धन, शक्ति या फिजिकल सुख हो। लोग इसमें सुख के लिए लिप्त होते हैं। कुछ लोग दुख से भी आनंद हासिल करते हैं, क्योंकि इससे उन्हें प्रसन्नता मिलती है।
Everyone is sorry that they have got very little..

आप लोगों को रोजमर्रा की ज़िन्दगी में ऐसे बहुत से लोग मिलेंगे जो ये कहेंगे कि उन्हें बहुत कम मिला हैं, ईश्वर ने उन्हें दूसरों से कम दिया हैं… हालांकि वो कुछ पाने के लिए खुद के हाथ-पैरों को बिल्कुल भी कष्ट नहीं देना चाहते, वास्तव में वे सोचते हैं कि वे बहुत कुछ के योग्य हैं लेकिन उनपर ईश्वर की कृपा नहीं है।

लेकिन उनके लिए मैं बस इतना कहूंगी
“कि रुके हुए हो किसके लिए बीच सफ़र में यूं,
तुम भी किस उलझन में पड़ कर रह गए,
एक बार कोशिश तो करो,
सुना है मैंने जिन्होंने रास्ते बनाए खुद वो दूसरों के लिए मिसाल बन गए ।।

अब ज़रा ऐसे समझें:-

सबको गिला है कि बहुत कम मिला हैं,
ज़रा सोचिए जनाब, जितना आपको मिला है,
उसके लिए आपने क्या किया हैं ?
कुछ हट के खाने का मन किया कभी, तो आपने मां को उसका ऑर्डर दिया हैं,
अगर हो जाए गलती से कुछ नमक कम, तो फ़िर शिकायत है की,
खाना आपको बेस्वाद मिला हैं।।

जब से अहसान फरामोशी का ये दौर चला है,
हर बन्दे को इसके लिए अपने से भी बढ़कर उस्ताद मिला हैं, ज़रा सोचिए जनाब,
जब आपने किसी का फ़ायदा उठाना चाहा, तो बदले में आपको भी वही मिला हैं।।

किसी से ज्यादा लेकर आपने उसे कितना थोड़ा दिया हैं,
उसके भरोसे का आपने पूरा फ़ायदा लिया हैं,
अब ये जो बेचैनी का तोहफा आपको मिला हैं,
तो ये शिकायतें क्यों की आपको नींद की बजाए अंधेरे से भरा आसमान मिला हैं।।

चालाकियां कर के आज आप ख़ुश हैं कि आपने जो सोचा आपको उससे ज्यादा मिला हैं,
लेकिन उस पल का इंतज़ार भी तो करो जनाब,
जब आपको ये एहसास होगा कि क्या बोया मैने जो मुझे ये मिला हैं ?
ज़िन्दगी के गणित में आपने जो 2+2 को 5 किया हैं,
ये आपने दूसरों को नहीं बल्कि ख़ुद को धोखे में रख दिया हैं,
लेकिन आप भूल गए जनाब, कि ये ज़िन्दगी का गणित है यहां 2+2 को 5 बनाने वाले ने किसी ना किसी मोड़ पर अपना सब खो दिया है ।।

पागल नहीं है वो जिसने अपना सोचे बिना दूसरों को अपने से आगे रखा है,
क्या मिलेगा ये ना सोचकर, सिर्फ क्या दिया मैंने ये सोचा है,
इन शिकायतों के दौर का हिस्सा बनना बन्द कीजिए जनाब,
क्योंकि ज़िन्दगी को सबसे बेहतर उसी ने जिया है जिसने किसी से 01 लेकर उसे अपना 100 दिया है।।

तो अब ये ना कीजिए कि आपको बहुत कम मिला हैं,
लोग ऐसे भी है ज़माने में, जिनको लगता हैं कि भगवान ने आपको सब दिया हैं।।

Life wants to run me according to its own accord and heart at its own pace

पिछले कुछ सालों से याद ही नहीं कि कब मैं सुकून के दो पल बैठकर महसूस कर पाई हूं। बस भागती जा रही हूं.. ना तो ये पता है कि रास्ता सही भी है और ना ये पता है कि रास्ता अब और  कितना बचा है। ये भी नहीं पता कि खुद के लिए भाग रही हूं या जिंदगी मुझे भगा रही है। जब स्कूल में थे तो दिल करता था कि जल्दी से जल्दी बड़े हो जाए। अपने फैसले खुद ले पाएं लेकिन जब से बड़े हुए है जिंदगी सिर्फ भगाए जा रही है।

दरअसल, जिंदगी और इस जिद्दी दिल की ठनी हुई है, जिंदगी मुझे अपने हिसाब से चलाना चाहती है और दिल अपने हिसाब से।
सच में वो बचपन वाली जिंदगी बहुत हसीन हुआ करती थी। जो दिल करता था वो किया करते थे। जब भी कोई दिक्कत परेशानी हुआ करती थी तो मां हुआ करती थी पास, बस एक बार प्यार से सिर पर हाथ रख देती थी तो लगता था कि पूरी दुनिया बस हमारे ही इर्द गिर्द घूम रही है।
और कभी प्यार से गोदी में उठाकर माथा चूम लेती थी तो ये दिल सातवें आसमान पर होता था।
उस समय समझ नहीं थी फिर भी सुकून था। आज इस समझदारी ने सारा चैन छीन लिया है।
बड़े हो गए, शादी हो गई, सेटल हो गए लेकिन ये दिल आज भी उन पुराने दिनों में लौटना चाहता है, जहां मां और उसका ढेर सारा प्यार बिना मांगे मिलता था।

काफी समय बीत गया उस घर से विदा हुए,
काफी समय बीत गया नई दुनिया बसाए हुए
पर ना जाने क्यों शाम ढलते ही ये दिल उस घर पहुंच जाता है
मां की आवाज़ सुनने को ये दिल यूंही मचल जाता है
महक वो मां के खाने की महसूस करना चाहता है
वो हर त्यौहार उनका बहुत चाव से मनाना,
वो हर रोज सुबह जल्दी उठ जाना,
हम सब को खिलाकर फिर खुद खाना,
शाम को पापा के ऑफिस से आने का इंतजार करना,
हर जन्मदिन पर हमें नए कपड़े दिलाना,
और खुद कई त्यौहार उसी पुरानी लाल साड़ी में बिताना,
हमारे बीमार पड़ने पर उनका वो रात भर जागना,
हर बार पापा की डांट से हमें बचा लेना,
हमारी तकलीफ में खुद आंसू बहाना,
बहुत याद आता है वो घर जहां सिर्फ और सिर्फ अपनापन की ही बहार थी।

बहुत मुश्किल से दिल को समझाती हूं कि वो दिन बीत गए, अब उन दिनों को तुम सपने में जी लिया करो।

उन दिनों को याद कर मैं कुछ इस तरह जी पाती हूं,
आज भी मां से किए वो सारे वादे निभाती हूं,
सबको खुश रखने कि कोशिश में मैं खुद को भूल जाती हूं।
मैं भी अब मां की तरह सब को खिलाकर फिर खुद खाती हूं,
चाहे कितना ही लेट सोना हो फिर भी प्रात: काल उठ जाती हूं,
अपने अरमानों को अब में दिल के किसी कोने में दफनाती हूं,
कभी कभी मां की ही तरह मैं हालात से समझौते भी कर जाती हूं।

जानती हूं कि वो दिन अब लौट कर नहीं आयेंगे,
इसलिए मैं इस अड़ियल दिल को कई बार समझाती हूं,
जानती हूं कि वो सिर्फ मां नहीं भगवान है मेरी,
इसलिए अब भी तकलीफ होने पर सिर्फ उनको ही बताती हूं।।

 

...but even after lakhs of efforts, we could not get anyone's 'Ji-huzoori'.

दोस्तों, आज मैं आपकी होस्ट और दोस्त आपके लिए लेकर आई हूं जिंदगी से जुड़ी अनछुए पहलू जो उन पलों से जुड़ा हुआ जब हम अचानक बड़े हो जाते है और महसूस करते है कि जो दिखता है अक्सर उसके उल्ट होता है। वो बचपन में परिवार, पड़ोसियों और रिश्तेदारों से सीखी हुई रिश्तों की A, B, C.. अचानक से हम भूलने लगते है। ऐसा लगता है मानो जो जिंदगी हमने पहले जी है वो अब वाली जिंदगी से तो मेल ही नहीं खाती। तो क्या जो पहले सीखा वो सब बेबुनियाद था? क्यों उस वक्त किसी ने ये नहीं सिखाया कि आगे की जिंदगी सिर्फ और सिर्फ समझौते से भरी होगी।

कभी-कभी हम ज़िन्दगी के उस मोड़ पर होते है, जहां ठहरना कुछ ज़रूरी सा हो जाता है और उस वक्त हमारे पास यह मौका होता है जब हम अपनी आंखों पर बंधी पट्टियां उतार सकते है, अपने आपको झूठी तसल्लीयों की जो घुट्टी पिलाई होती है, उनको बाहर निकाल कर सकते है, दूसरों की अच्छाइयों की जो परतें खुद पर चढ़ाई हैं उन्हें धो सकते है।

दरअसल, आजकल हर चीज़ में मिलावट हो गई है, यहां तक कि लोगो ने रिश्तों को भी नहीं छोड़ा। अब ये बात हम सब को पता है लेकिन हम इसे हज़म नहीं कर पाते, हां भई, करें भी तो कैसे? रिश्ते तो सबको चाहिए अब कोई अकेले कैसे जी सकता है। बस, यही से शुरू होता वो दौर खुद को झूठी तसल्ली देने का, अगर किसी ने दिल दुखाया तो हम सेकंड नहीं लगाते खुद को ये बात समझाने में कि…उसने जान बूझ कर नहीं किया।

कोई धोखा दे …तो उसकी कोई मजबूरी रही होगी।
कोई फायदा उठाए… तो कोई नहीं अगली बार नहीं करेगा।
कोई बर्बाद करने पर भी उतारू हो.. तो कोई नहीं, भगवान देख रहा है।
फिर जब कभी इन सब से थक कर, किसी अंधेरी रात में किसी कोने में खुद को अकेला पाते है तब समझ आता है इन गलतफहमियों के साथ से तो अकेला रहना ज्यादा अच्छा है। तब समझ आता है जब मन ऊपर तक भर जाए और बहुत अकेला महसूस हो, तो खुद को दी गई झुठी तसल्ली भी कोई राहत नहीं पहुंचा सकती…उस रात को जो समझ आता है, उस पर ज़रा ग़ौर फरमाए:-

ज़िन्दगी तेरे रंगों से रंगदारी ना हो पायी,
लम्हा-लम्हा कोशिश की हमने, मगर यारी ना हो पायी,
गुनाह तो किए बहुत दूसरों को आबाद करने के,
मगर अफसोस कि किसी भी गुनाह से गिरफ्तारी ना हो पायी,
खुशियां हमने भी बेशुमार लुटाई सब पर,
पर गलती से भी वो खुशियां हमारी ना हो पायी,
लम्हा लम्हा कोशिश की हमने, मगर यारी ना हो पायी।।

इम्तहान बहुत दिए हमने, मगर कभी वो कामयाबी हासिल ना हो पायी,
ज़िन्दगी के इन मुश्किल इम्तहानों की हमसे कभी तैयारी ना हो पायी,
मौके बहुत दिए कुछ शातिर दिमाग़ लोगों ने, हमें पास कराने के,
लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी हमसे किसी की ‘जी- हुजूरी’ ना हो पायी,
लम्हा लम्हा कोशिश की हमने, मगर यारी ना हो पायी।।
अपने उसूलों पर जिए हम, इसलिए किसी से गद्दारी ना हो पायी,
लोगों की तरह ‘बाहर से कुछ अंदर से कुछ’ जैसी अदाकारी ना हो पायी,
जानते हैं जनाब, बहुत मुफलिसी में गुजारे है दिन हमने,
मगर फिर भी गुलाबी नोटों के लिए हमसे, किसी की गुलामी ना हो पायी,
लम्हा लम्हा कोशिश की हमनें मगर यारी ना हो पायी।

एक बार टूट जाने के बाद वो सुनहरे सपनों की कड़ी हमसे ना जुड़ पायी,
ओस की तरह गिर तो गए किसी के लिए, मगर फिर भी ये ज़िन्दगी चमकता मोती ना हो पायी,
हां, कभी सूखे पत्तों की तरह ठंड मिटाने को किसी की, जला तो दिया खुद को,
लेकिन चाह कर भी किसी के दिए की बाती ना बन पायी,
लम्हा लम्हा कोशिश की हमने मगर यारी ना हो पायी।।
दूसरों को मुस्कुराने की वजह देते देते, ये ज़िन्दगी कभी अपनी गिरेबान में ना झांक पायी,
उस चांद को पाने की चाह में ये आंखें ठीक से कभी सो ना पायी,
सोचा था कभी कि एक दिन अपने लिए भी सब सहेज लूंगी,
लेकिन आज ज़रा ठहरी हूं कुछ पल के लिए तो समझ आया कि अपने लिए तो मैं कभी कुछ कर ही नहीं पायी,
लम्हा लम्हा कोशिश की हमने मगर यारी ना हो पायी।।

Life is not easy but becomes easy when the teacher teaches the lesson of good and bad

एक आर्टिकल पढ़ने के बाद एक बार फिर ये एहसास हुआ कि हमारी जिंदगी में बहुत सारी चीज़ें ऐसी होती है जो हमारे पापा मम्मी , हमारे पड़ोसी हमें चाह कर भी नहीं सीखा पाते…लेकिन उन्हीं चीज़ों को कोई अगर अप्रत्यक्ष रूप से सीखा सकता है वो होता है शिक्षक

जी हां, शिक्षक ही तो है जो हमारे बच्चों को 07 घंटे अपनी छत्र छाया में रखकर वो हर सबक सिखाता है, जिससे जिंदगी जीना आसान ही नहीं बल्कि सहज हो जाता है। पाठशाला में वो उन्हें उन सारे कर्तव्यों को बताते हैं जो उन्हें एक काबिल नागरिक बनाने में मदद करता है।

जी हां, एक बच्चे के जीवन में शिक्षक का क्या महत्व होता है ये आप और मैं भली भांति जानते हैं।
एक बच्चे के जीवन में शिक्षक की क्या भूमिका है….इसे मैं इस आर्टिकल के माध्यम से समझना चाहूंगी।

“अब्राहम लिंकन का पत्र अपने पुत्र के शिक्षक के नाम”

हे शिक्षक, मैं जानता हूं और मानता हूं..
कि ना तो हर व्यक्ति सही होता है और ना ही होता है सच्चा,

किन्तु तुम्हें उसे सिखाना होगा कि कौन बुरा है और कौन अच्छा।

समय भले ही लग जाए, लेकिन
अगर सीखा सको तो उसे सिखाना
कि पाये हुए पांच रुपये से अधिक मूल्यवान है
स्वयं एक रुपया कमाना।

पायी हुई हार को कैसे झेले, उसे यह भी सिखाना
और साथ ही सिखाना, जीत की खुशी को मनाना।
उसे सिखाना कि सबकी बातें सुनते हुए अपने मन की भी सुन सके,

यदि सिखा सकते हो तो सिखाना कि दुःख में भी मुस्कुरा सके,
घनी वेदना से आहत हो, पर खुशी के गीत गा सके ।।

उसे यह भी सिखाना आंसू बहते हो तो उन्हें बहने दे,
इसमें कोई शर्म नहीं…कोई कुछ भी कहता हो … कहने दें ।

उसे साहस देना ताकि वक़्त पड़ने पर अधीर बने,
सहनशील बनाना ताकि वह वीर बन सके।

उसे सिखाना की वह स्वयं पर असीम विश्वास करे,
ताकि समस्त मानव जाति पर भरोसा व आस धरे।
यह एक बड़ा लंबा सा अनुरोध है,

पर तुम कर सकते हो, क्या इसका तुम्हे बोध है?
मेरे और तुम्हारे…दोनों के साथ उसका रिश्ता है;
सच मानो मेरा बेटा एक प्यारा सा नन्हा फरिश्ता है।।

फोटो सौजन्य- गूगल

If you don't like something between two different minded people

“A silent boy and a talkative girl are the perfect match for life”.

हां जी, बहुत बार सुनी होंगी आपने ये खूबसूरत सी पंक्तियां… पर क्या लगता है आपको क्या ये पंक्तियां हमारी वास्तविक जीवन में सटीक बैठती होंगी..?
आज हम ऐसे ही खूबसूरत अहसास के बारे में बात करने वाले है…

हमारे आस पास ऐसे बहुत से कपल है जो हैबिट और नेचर में वो एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं लेकिन फिर भी बहुत ही डेडिकेशन के साथ खूबसूरत तरीके से अपने इस प्यारे से रिश्ते को निभाए जा रहे है।

दरअसल, बहुत बार देखने को मिलता है कि जब दो अलग सोच वाले लोग मिलते है तो उनके बीच की केमिस्ट्री बहुत ही बेहतरीन होती है बजाए दो एक जैसी सोच वाले लोगों के।
दो अलग सोच वाले लोगों में अगर किसी एक को कुछ पसंद नहीं होता तो दूसरे के साथ रहते रहते उसे भी वो चीजें पसंद आने लगती है , हां भले ही पूरी तरह से ऐसा ना हो लेकिन थोड़ा थोड़ा एडजस्ट करते करते वो एक ‘परफेक्ट पेयर’ बन जाते है।

If you don't like something between two different minded people

 

इसे समझने के लिए आपको मेरी आगे कि कुछ पंक्तियों पर गौर करना होगा…उम्मीद करती हूं कम शब्दों में आपको ज्यादा समझा सकूं…

हां, बहुत Simple हो तुम, और मैं अब भी High Heels की चाह रखती हूं,
Black Shirts से परहेज है तुम्हें, और मैं अलमारी में सिर्फ Black रखती हूं,
हां, बहुत खर्चीले हो तुम और मैं बचत में विश्वास रखती हूं,
कंजूस नहीं हूं मैं लेकिन आगे का सोच कर चलती हूं,
जानती हूं कि तुम बहुत कम में भी खुश हो लेकिन मुझे वो सब चाहिए जो मैं Deserve करती हूं ।

हां, बहुत Cute हो तुम, और मैं थोड़ा खडूस वाला Behave करती हूं,
बहुत Confident हो तुम, और मैं आज भी Nervous होने पर नाखुन चबाने लगती हूं,
हां, नहा कर तुम सरसों का तेल लगा लेते हो, और मैं अब भी Perfume की चाह रखती हूं,
तुम फेर लेते हो हाथ ऐसे ही बालों में, और मैं Straightner की चाह रखती हूं
जानती हूं कि तुम बहुत कम में भी खुश हो, लेकिन मुझे वो सब चाहिए जो मैं Deserve करती हूं ।

हां, तुम्हें चाय पसंद है जो कभी कभी तुम्हारे लिए मैं भी पी लेती हूं, पर फिर भी कोल्ड कॉफी की चाह रखती हूं,
कभी थकान होने पर तुम सोना पसंद करते हो, और मैं तुम्हारे कंधे पर सिर रखकर घंटों बैठे रहने की चाह रखती हूं,
जानती हूं कि तुम बहुत कम में भी खुश हो, लेकिन मुझे वो सब चाहिए जो मैं Deserve करती हूं ।

हां, तुम कुछ कहते नहीं हो कभी, और मैं बिन बोले ही तुम्हारे दिल का हाल जानती हूं,
इस प्यारे से रिश्ते को ऐसे ही निभाते रहे , बस यही दुआ मैं रोज मांगती हूं,
बहुत कुछ नहीं चाहिए तुम्हें, और मैं दुनिया कि हर खुशी तुम्हें देना चाहती हूं,
..अब तुम बहुत कम में खुश हो… तो रहो,
लेकिन मुझे वो सब चाहिए जो मैं Deserve करती हूं।।

Let us know why the skin becomes lifeless in summer and why does one feel tired

मौसम ने करवट ले ली है.. अब अक्सर बाहर जाते समय या कुछ काम करते समय पसीने की बूंदों ने आपके चेहरे व शरीर पर अपना अधिकार जमाना शुरू कर दिया होगा । जी हां, मेरे कहने का मतलब है गर्मियों के दिनों को वापस आने में अब देर नहीं है और गर्मियों के दिन अपने साथ-साथ उमस भरे दिन, लू, और त्वचा (Skin) संबंधी दिक्कतें अपने साथ लाते हैं। अक्सर गर्मियों में हम सबसे ज्यादा परेशानी अपनी त्वचा संबंधी दिक्कतों को लेकर महसूस करते हैं। दोस्तों गर्मियों के दिन शुरू होते ही सबसे प्रमुख समस्याएं जो हम महसूस करते हैं वे इस प्रकार से है-

1.धूप में जाने से त्वचा का काला पड़ना।
2. शरीर पर पसीना रुकने से घमोरियां।
3. त्वचा का बेजान हो जाना ।
4. हाइड्रेशन की दिक्कत और
5. थकान।

तो ऐसा क्या किया जाए कि जैसे हम ने ठिठुरन भरी सर्दीयों को खूब इंजॉय किया वैसे ही हम उमस भरी, तपती जलती धूप वाले, मौसम को भी इंजॉय कर सकें?

ऐसा क्या किया जाए जिससे हमारी परेशानियां तो दूर हो ही जाए, साथ ही हमारा स्वास्थ्य भी दुरुस्त बना रहे?

आपके इसी तरह के सवालों के जवाब आज मैं ले कर आई हूं। जी हां, दोस्तों मैं आपकी होस्ट और दोस्त आपको ऐसे पांच उपायों के बारे में बताऊंगी, जिससे आप गर्मी में होने वाली समस्याओं से तुरंत राहत पा सकेंगे और गर्मी के दिनों में भी तरोताजा महसूस कर सकेंगे तो चलिए जानते हैं;

Let us know why the skin becomes lifeless in summer and why does one feel tired

1. व्यायाम: जी हां, व्यायाम करने से इम्यूनिटी सिस्टम दुरुस्त होता है । साथ ही साथ व्यायाम शरीर में स्ट्रेस हारमोंस को बढ़ने से रोकता है। यह हमें हीटस्ट्रोक और बहुत सारे इंफेक्शन से भी बचाता है। इसलिए संतुलित तापमान में व्यायाम जरूर करना चाहिए। गर्मियों के दिनों का सबसे बेहतरीन और पसंद किया जाने वाला व्यायाम स्विमिंग है । यह आपको स्वस्थ तो रखेगा ही तथा गर्मियों से भी राहत दिलाएगा।

2. योग: जी हां, योग हमारे शरीर को स्वस्थ बनाता है। हमारे शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालता है। पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है । और शरीर को लचीला बनाने में हमारी मदद करता है। खासतौर पर गर्मियों में आप पवनमुक्तासन कर सकते हैं यह हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ ठंडक भी प्रदान करता है।

3. सही खान-पान आपको अपने खान-पान पर ध्यान देना होगा लेकिन गर्मियों में हमारी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है कि हम एक संतुलित आहार पर जोर दें । गर्मियों में जो मौसमी फल बाजार में उपलब्ध होते हैं उनमें पानी की मात्रा अधिक होती है इसलिए इनका सेवन हमें जरूर करना चाहिए। गर्मियों में सामान्य खाना ही खाएं। ज्यादा तला भुना, मिर्च मसाले वाले खाने से परहेज करें तथा बाहर बाजार में उपलब्ध डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों को ना कहें।

4. तनाव से बचें : आज के समय में हम सब की एक सामान्य समस्या है तनाव। आज कल हर व्यक्ति इससे परेशान है।आज की भागम भाग जीवन शैली में यह होना स्वाभाविक हैं। लेकिन ध्यान रखें की इसे अपने ऊपर हावी ना होने दें। तनाव से बचने के लिए हमें शरीर और मस्तिष्क को शांत रखना चाहिए।
अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल कम से कम करें।
किताबें पढ़ें।
म्यूजिक सुने और ध्यान करें।

5. पानी अधिक सेवन करें: जी हां, गर्मियों में सबसे बड़ी दिक्कत जो हमारे सामने आती है या हम महसूस करते हैं वह है “डिहाइड्रेशन की दिक्कत”। गर्मियों में हमें ध्यान रखना चाहिए कि हम पानी अधिक से अधिक पिएं ।
डिहाइड्रेशन से बचने के लिए औसतन 03 से 04 लीटर पानी पीना चाहिए।
पानी हमारे शरीर में तापमान को नियंत्रित करता है।
मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है।
और शरीर को डीटॉक्सिफाई भी करता है।

फाइल फोटो- गूगल