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Tag Archives: Long Life

आयुर्वेद में वात, पित्त और कफ बॉडी बिल्डिंग ब्लॉक्स माने जाते हैं। इन्हीं पर पूरा बॉडी निर्भर करता है। अगर ये तीनों ब्लॉक्स हमारी बॉडी में सही प्रोपोर्शन में रहते हैं तो इन्सान स्वस्थ्य रहता है। वहीं, दूसरी तरफ अगर ये तीनों दोष के तौर पर शरीर को परिवर्तित करने लगते हैं तो वे उम्र घटाने का भी काम करते हैं। अगर आप लंबी (long life) उम्र और हेल्दी लाइफ चाहते हैं तो अपने लाइफस्टाइल में ये प्रभावशाली बदलाव करने होंगे।

यहां हम जानने का प्रयास करेंगे कि वो कौन सी ऐसी चीजें हैं जिससे आप लंबी उम्र जी सकते हैं।

प्रकृति और बॉडी क्लॉक को समझना आवश्यक

स्वस्थ और हेल्दी रहने के लिए शरीर की क्लॉक को नेचर की क्लॉक से मैच करके चलें। इसका मतलब कि इस बात को समझें कि दिन है तो आप हेल्दी और हैवी मील लें। क्योंकि की इस दौरान पाचन शक्ति बढ़ जाती है। मगर शाम ढलते ही हल्का खाना खाएं। रात के वक्त पाचन तंत्र धीमा हो जाता है। रात को जल्द सो जाएं। दरअसल, रात में मेलाटैनिन हार्मोन रिलीज होता है और आप स्लीपिंग डिसआर्डर से बच सकते हैं। इस बारे में हमारी एक्सपर्ट टोनऑप से डॉ रूचि सोनी बता रही है कि लंबी उम्र के लिए किस तरह करें आयुर्वेद का पालन।

जानें आयुर्वेद के वे सीक्रेट जो आपकी उम्र में कर सकते हैं इजाफा

आहार ही आधार है

डॉक्टर बताते हैं कि अक्सर फ्राइड और जंक फूड खाने से शरीर में कई तरह की समस्याएं पैदा होने लगती है। इससे बचने के लिए मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन करनें। इनसे हमें उच्च मात्रा में फाइबर, जिंक, विटामिन्स और मिनरल्स की प्राप्ति होती है। इससे शरीर स्वस्थ रहता है और हम बीमारियों से भी दूर हो जाते हैं।

खाना खाने के दौरान कोल ड्रिंक्स पीने से परहेज करें। इससे मेटाबाल्ज्मि कमज़ोर होता है। डाइजेशन को सुधारने के लिए रूम टेम्परेचर में जूस और पानी पिएं। इससे शरीर को चमत्कारी लाभ मिलता है।

पौष्टिक आहार को डाइट का हिस्सा बनाएं। इससे शरीर में रस धातु का संचार हेता है, जो हमारे इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने का काम करता है। इसके अलावा खाने का धीरे-धीरे पूरी तरह से चबाकर खाएं, ताकि वो आसानी से डाइजेस्ट हो पाए।

डॉक्टर्स के मुताबिक फास्टिंग हेल्दी रहने की एक सुप्रीम रेमेडी है, जो हमारी गट हेल्थ को मज़बूत करने में मदद करती है।

सोने और जागने का समय

Your sleeping position reveals your personality

ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि अच्छी आदतें ही किसी इंसान को स्वस्थ, अमीर और बुद्धिमान बना सकती है। देर रात तक जागना और सुबह देर से उठना शरीर को कमज़ोर बनाता है। खुद को फिट रखने के लिए सुबह 4 बजे उठना और रात 10 बजे तक बिस्तर पर जाना बेहद ज़रूरी है। अगर आप दिनभर बंद कमरे या ऑफिस में अपना वक्त बिताते हैं, तो सुबह उठने के बाद मार्निंग वॉक या योग को अपने रूटीन में ज़रूर शामिल करें। इससे आपके शरीर में एनर्जी लेवल बढ़ता है। साथ ही खुली हवा में सांस लेने में रेसपिरेटरी संबधी परेशानियां अपने आप दूर होने लगती हैं।

आयुर्वेद के हिसाब से हमें सुबह सुर्योदय से दो घंटे पहले यानी 04 बजे तक उठना अनिवार्य है। इस समय में शरीर के सभी हार्मोंस एक्टिव होने लगते हैं। इस समय में उठने से शरीर में भारीपन और सुस्ती का एहसास होता है। ऐसे में योग और मेडिटेशन के ज़रिए शरीर को एक्टिवेट किया जा सकता है।

ज्यादा खाना यानी उम्र कम

फास्टिंग हेल्दी रहने की एक सुप्रीम रेमेडी है, जो हमारी गट हेल्थ को मज़बूत करने में मदद करती है। इसके अलावा दैनिक आहार में अत्यधिक खाने से बचें। इससे आप स्वस्थ और लंबा जीवन व्यतीत कर सकते हैं। सेंट लुइस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की ओर से 2008 में एक रिसर्च किया गया था। इसके हिसाब से यदि आप अपनी भूख का 80 प्रतिशत खाना खा लेते है, तो इसका अर्थ है कि आपकी उम्र अब कम हो रही है।

अलाव इसके कैलोरी को घटाने से T3 नामक थायराइड हार्मोन के उत्पादन को कम करने में मदद मिलती है। यह आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और एजिंग प्रोसेस को कम करता है।

तेल मालिश है बहुत खास

डॉक्टर बताते हैं कि शरीर को संतुलित करने में मसाज एक अहम रोल अदा करती है। सुबह स्नान करने से पहले कुछ मिनटों की तेल मालिश से शरीर के सभी दोष शांत होने लगते है। इससे स्टेमिना बढ़ने लगता है, स्किन में निखार आता है और रातभर में शरीर के अंदर रिलीज़ होने वाले टॉक्सिंस बाहर आ जाते हैं। इतना ही नहीं, स्किन कई तरह के बैक्टिरियल इंफेक्शन से भी दूर रहती है। अगर आप नियमित मसाज करते हैं तो किसी तरह का इंफेक्शन आसानी से नहीं ह सकता।

जीभ का भी रखें ख्याल

आयुर्वेद के हिसाब से बहुत सी बीमारियों का अंदाजा आपकी जीभ को देखकर लगाया जा सकता है। आमतौर पर जीवा हल्की गुलाबी नज़र आती है। कई बार बिना पचा हुआ खाना और क्लाग्ड आर्गन्स आपकी जीभ पर सफेद परत बना लेते हैं। इससे शरीर में टॉक्सिन जमा होने लगते हैं। ऐसे में रोज़ाना ब्रश करने के अलावा टंग क्लीनिंग का भी ख्याल रखें।

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अर्ली टू बेड एंड अर्ली टू राइज.. बचपन में हम सबने यह कविता पढ़ी है पर बड़े होकर कम लोग ही इसे फॉलो कर पाते हैं। वैसे यह केवल कही सुनी बात नहीं है। भारतीय ट्रडिशन के कुछ नियम वाकई हमारी लाइफ क्वालिटी में सुधार कर सकते हैं। यह बात अब विज्ञान भी मानता है। कई डॉक्टर्स अब लंबी उम्र जीने के लिए पुरानी पद्धति पर जिंदगी जीने की सलाह दे रहे हैं। जैसे हमारे पूर्वज जीते थे। वैसे, तो इंडियन ट्रडिशन से कई चीजें सीखने वाली हैं। यहां 10 ऐसे नियम हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी जिंदगी बदल सकते हैं।

भारतीय संस्कृति के ये 10 नियम अपनाकर हम बीमारियों से दूर रहकर लंबी उम्र जी सकते हैं।

वह पहला नियम बताती हैं ब्रह्म मुहूर्त में जागना। यानी सूरज निकलने से पहले जागना। सूर्योदय से पहले उठना हमारे हेल्थ के लिए बहुत अच्छा है। यह हमारे मेलानिन और कॉर्टिसॉल हॉरमोन को बैलेंस रखने में काफी अच्छा है। इससे हम खुश रहते हैं। ज्यादा देर से उठने वाले लोगों की अपेक्षा हमारे पास ज्यादा समय होता है। इससे हमारे काम करने की क्षमता भी बढ़ जाती है।

दूसरा नियम- ये बनाएं कि सुबह उठने के बाद अपने-अपने गॉड को धन्यवाद दें। आपके पास जो भी है उसके लिए धन्यवाद का भाव रखें। इससे मन उदास नहीं रहता। सूर्य, पृथ्वी, हवा, पानी, पेड़-पौधे इन सबके लिए ग्रैटिट्यूड रखें।

तीसरा नियम है– आसन, प्राणायाम, ध्यान, मुंद्रा, बंद, गतिस योग वगैरह नियमित रूप से करें।

चौथा नियम है- सूर्य को अर्घ्य देना। ऐसा करने से हमारी आंखें और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है। Vit- D मिलता है।

पांचवा काम आप नहाने के बाद प्रार्थना करें। सुबह उठकर नहाने से ब्लड प्रेशर नॉर्मल रहता है, हॉरमोन्स बैलेंस रहते हैं। साथ ही शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य रहता है।

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छठा नियम है जमीन पर बैठकर भोजन करना। पाल्थी मारकर या वज्र आसन में जमीन में बैठकर खाना खाने से पेट नहीं निकलता न ही मोटापा बढ़ता है। ऐसा करने जोड़ों में दर्द नहीं होता साथ ही एसिडिटी और पाचन की समस्या भी नहीं होती।

सातवां नियम- अपने हाथ से खाएं। छुरी-कांटा छोड़कर, साफ हाथों से खाना खाएं। यह भारत का पारंपरिक तरीका है। हमारे हाथ की उंगलियों में नर्व एंडिंग्स होती हैं। ये दिमाग से कनेक्टेड होती हैं। जब हम खाना छूते हैं तो दिमाग को सिग्नल मिलते हैं कि खाना आने वाला है। इससे हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम तैयार हो जाता है। छुरी-कांटे से खाने पर खाना शॉक की तरह से आता है तो डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतें हो जाती हैं।

आठवां तरीका है- आयुर्वेद मसाज। घर्षण क्रिया सहित कई ऐसी मसाज हैं जो हमारी कई बीमारियां दूर कर सकती हैं।

नौवां नियम है- घर का बना खाना। भारत में बनने वाली ट्रडिशनल डिशेज में कई मसाले और हर्ब्स होते हैं। ये हमारी हेल्थ के लिए अच्छे होते हैं। पारंपरिक तरह से घर का बना खाना हमारी हेल्थ के लिए अच्छा होता है।

दसवां नियम है- परिवार का प्यार और बॉन्डिंग। पूरी दुनिया में परिवार टूट रहे है लेकिन जॉइंट फैमिली भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। जब आप डिप्रेशन, किसी परेशानी या अकेलेपन में होते हैं तब आपको परिवार की अहमियत पता चलती है।