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Tag Archives: Society

Alia and Kiara

आदि काल से ही नारी संसार को भगवान का एक महत्वपूर्ण वरदान है। नारी बिना सब कुछ अधूरा है। नारी से संसार में समाज में रौनक है।। आदि काल से अब तक यह माना जाता रहा है कि एक सभ्य नारी संसार को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है लेकिन दोस्तों भारतीय नारी आजकल वेस्टर्न कल्चर से बहुत अधिक आकर्षित है।

इसके लिए वह इस से जुड़ी सारी चीजों को अपनी जिंदगी में शामिल करना चाहती हैं लेकिन हमें यह समझना होगा कि हम जिस भारतीय संस्कृति से ताल्लुक रखते हैं, वह अपने आप में अद्वितीय है। इसलिए हमें किसी और सभ्यता की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए।

अब इसमें भी दो तर्क जुड़े हैं कि कुछ अच्छा हमें जरूर सीखना चाहिए लेकिन बुराई से दूर रहकर ।

मैं अक्सर देखती हूं भारतीय महिलाएं अन्य मुल्कों की महिलाओं को देखकर बहुत जल्दी आकर्षित हो जाती हैं। कभी वो कोरियन महिलाओं की तरह चमकती त्वचा पाना चाहती है तो कभी सऊदी अरब की महिलाओं की तरह घने बाल और इन सब के चक्कर में वो न जाने क्या क्या ट्राई कर लेती है, जिससे कई बार उन्हें हानि उठानी पड़ती हैं।

तो दोस्तों, यकीन मानिए हम भारतीय महिलाएं अपने आप में इतनी पूर्ण है कि हमें किसी से भी आकर्षित हों की जरूरत नहीं है।
यकीन नहीं होता तो चलिए आज मै आपको ऐसी 05 चीजें बताती हूं जिससे आपको यकीन हो जायेगा की आप कितनी खूबसूरत है।

1. खूबसूरती: आपकी खूबसूरती मेकअप किट या किसी महंगे गहनों से है, यह एक बहुत बड़ा मिथ्य है।। मेकअप और गहने आपको दिखावटी बनाते है। एक महिला की असली खूबसूरती उसके अंदर है। और ये खुबसूरती उसकी अपनी है ये उससे कोई नहीं छीन सकता।। और यह खूबसूरती किसी अन्य चीज कि मोहताज नही है, बस आपको इसे समझना होगा।

2. संवेदना: नारी का चाहे कोई भी रूप हो मां, बेटी, पत्नी, बहन, दोस्त या प्रेमिका वह हर रूप में पूर्ण है।और उसकी इस पूर्णता का राज है उसकी संवेदना।। इस संवेदना के साथ ही महिलाएं अधिक आकर्षित नज़र आती है।

3. ज़िद और जुनून: ज़िद महिला का ऐसा हथियार है जिसकी वजह से वह कभी हार नहीं मानती। जिस महिला में ज़िद है वह अपने सपनो की मंजिल के रास्ते में किसी भी बाधा को पार कर जाती है।इस ज़िद की बदौलत वह बड़े से बड़े सपने को हासिल करने में कामयाब होती है।

4. बचपना: किसी भी मुश्किल को आसानी से झेल जाना, बच्चो के साथ बच्ची बन जाना, और जिंदगी के हर लम्हे को खूबसूरत बनाना एक भारतीय नारी की बहुत बड़ी खूबी है।

5. दिमाग़: आम तौर पर महिला को शारिरिक व मानसिक तौर पर कमजोर समझा जाता है, लेकिन एक दिमागी तौर पर मजबूत महिला को कभी कोई हानि नहीं पंहुचा पाता।

First of all free yourself from the clutches of the society

हमारी आंखे अक्सर चेहरे की सुंदरता को ही देख पाती हैं, काश कि मन की सुंदरता को भी इसी तरह से देखा जा सकता।
अगर हम चेहरा देखने की जगह मन के विचारों की सुंदरता देख पाते तो शायद सुंदरता की परिभाषा अलग होती।।

दो सहेलियों ने एक जॉब के लिए इंटरव्यू दिया, और एक को चुन लिया गया और जिसको चुना गया उसने दूसरे को यह कहते हुए ताना मारा कि काबिलियत की किसे परवाह है? मुझे तो मेरा चेहरा देखकर ही चुन लिया गया।

इस तरह की बातों को देखकर सुनकर अक्सर दिल में ख्याल आता है, कि क्या सुंदर ना होना वास्तव में एक अपराध है? हर दिन न जाने कितने ही लड़के और लड़कियां सुंदरता के नाम पर किए जाने वाले इस भेदभाव के शिकार होते हैं। समाज की इस दुत्कार की वजह से हीन भावना का शिकार होते हैं।

दोस्तों, हम समाज की परिभाषा नहीं बदल सकते पर अपनी बदल सकते हैं। खुद को समाज के इस तराजू में तौलना बंद कर दीजिए।
याद रखिए, यह आपका अपना शरीर है और यही सब कुछ है। दरअसल, जिनके पास जो नहीं है, वह उसी को पाना चाहता है। फिर चाहे पैसा हो , सफलता हो, संबंध हो या फिर सुंदरता।।

हम सुंदर होने के लिए इसलिए बेचैन होते हैं क्योंकि हम मान लेते हैं कि हम सुंदर नहीं हैं।
आपने सुना होगा मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। तो बस फिर आज से ही मानना शुरू कर दीजिए कि आप बहुत सुंदर हैं।
सबसे पहले अपने आपको समाज के चुंगल से छुड़ाए और अपनी चिंता करें।

1. सुंदरता को समाज नहीं बल्कि आप तय कीजिए। यह समाज कभी भी अपनी राय आपके लिए बदल सकता है लेकिन उससे पहले आपको अपने बारे में सोच बदलनी पड़ेगी।।

2. आपको एक ही जीवन मिला है और एक ही शरीर। यही शरीर आपका अंत तक साथ देगा इसलिए यह आपके लिए साधना का स्रोत है। इसका आभार व्यक्त करें ,इसे प्यार करें और स्वीकार करें।

3. हमारे लिए विचारों की सुंदरता अहम होती हैं। समाज चेहरे से आकर्षित हो सकता है, लेकिन प्यार गुणों से ही होता है। अपनी सेहत का ध्यान रखें और अपने साथ मुस्कुराहट को जरूर रखें।

4. कभी भी अपने आप को कोसिए मत। आपने अपने को जानने की कोशिश कीजिए ,आपको क्या पसंद है, आप किस वजह से खुश होती हैं। यह सब अपने बारे में जानिए और उसी तरीके से आप अपने जीवन को बिताएं।

5. खुद को प्रकृति से जोड़ना सीखे ।आईने में दिखने वाले से नहीं , अपनों के हंसते-मुस्कुराते चेहरों में खुद को देखने की कोशिश करें।।

अमीरी का दिखावा

समाज में बहुत से लोग होते हैं जिनसे मिलकर आपको लगेगा कि वो बहुत ज्यादा जिद्दी है  या बहुत ज्यादा गुस्से वाले है… या कभी-कभी हम उन्हें घमंडी भी समझ लेते है लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि हम कभी-कभी लोगों को बहुत ज्यादा जल्दी जज कर लेते हैं… और ये मान लेते है कि हमें उनसे कोई वास्ता नहीं रखना चाहिए।

लेकिन कई बार वो नहीं बल्कि उनके बारे में हम गलत होते है। दरअसल हमें सब को एक जैसा देखने की आदत हो गई है इसलिए हम उन अलग से लोगों को पचा नहीं पाते। क्योंकि वो लोग हमारी दिखावे की दुनिया का हिस्सा नहीं होते, झूठ से उन्हें नफरत होती है, धोखा से वो कोसों दूर होते है, और अपने फायदे के लिए उन्हें किसी को नीचा दिखाना नहीं आता… हां थोड़े सडू हो सकते है… गुस्सा भी नाक पर हो ये भी हो सकता है.. लेकिन दोस्तों मेरे हिसाब से ऐसे इंसान हमारे समाज के लिए ज्यादा अच्छे है…क्योंकि इन्हें अपने फायदे के लिए गिरगिट बनना नहीं आता…. लेकिन आज समाज में इस तरह के लोग बहुत ज्यादा अकेलापन और पिछड़ा हुआ महसूस करते हैं।

क्योंकि आज कल के दिखावे से ये लोग कोसो दूर होते हैं और समाज में आज वही अपना पैर जमा लेता है जो दिखावे से भरा हुआ है। आज कल लोगों को सच सुनने की आदत नहीं रही लेकिन ये लोग तो सिर्फ और सिर्फ सच बोलते है। आज कल लोगों को अपनी निंदा सुनने की आदत नहीं रही  लेकिन ये लोग तो जो बोलना होता है वो मुंह पर बोल देते है। आज कल लोगों को झूठी तारीफों से बड़ा मोह है, लेकिन ये लोग ऐसा कर पाने में असमर्थ होते हैं।

अमीरी का दिखावा

सबसे बड़ी परेशानी इनको यही होती है कि आजकल का समाज इनको स्वीकार नहीं पाता और न ये इस दिखावे वाले और दोगले समाज का हिस्सा बनना चाहते है। इसलिए कभी कभी ये लोग ऐसी स्थिति का सामना करते है जब ये अपने आपको दुनिया से बिल्कुल कटा हुआ महसूस करते है। बाकी आप इन पंक्तियों से भी समझ सकते है जो किसी ऐसे ही इंसान पर लिखी गई हैं-

भर जाती हूं आत्मग्लानि से,

जब कभी सोचती हूं कि मैं पिछड़ गई हूं,

हर उस इंसान से जो दिखावा करता है,

मन दुखी हो जाता है, जब कभी मैं उस दिखावे का हिस्सा नहीं बन पाती,

लोगों की तरह बाहर कुछ और अंदर कुछ नहीं हो पाती।

भर जाती हूं आत्मग्लानि से,

जब कभी ये पाती हूं कि अकेली रह गई हूं,

दूर हो गई हूं हर उस इंसान से जो धोखा करता है,

बहुत परेशान हो जाती हूं, जब किसी को धोखे मे नहीं रख पाती,

हां, जब लोगों की तरह किसी की पीठ में छुरा नहीं घोंप पाती।।

 

भर जाती हूं आत्मग्लानि से,

जब कभी सोचती हूं की मैं कितनी गरीब हो गई हूं,

लोगो को देखा है पैसे के लिए कुछ भी करते हुए,

मन उदास हो जाता है जब कभी मैं इस मुहिम का हिस्सा नहीं बन पाती,

हां, मैं पैसों के लिए किसी के तलवे नहीं चाट पाती।।

 

भर जाती हूं आत्मग्लानि से,

जब कभी सोचती हूं कि दुनिया से बहुत अलग रह गई हूं,

हर उस इंसान से अलग जो किसी को नीचा दिखाना चाहता है,

मन बैचेन हो जाता है, जब मैं किसी को नीचा नहीं दिखा पाती,

हां, दुनिया की इन उम्मीदों पर मैं खरा नहीं उतर पाती।।

 

हां बहुत जिद्दी हूं, हर किसी की हां में हां नहीं मिला पाती,

दिमाग़ है मेरे पास इसलिए किसी और के हिसाब से नहीं चल पाती,

मुझे गलत के लिए बोलना आता है,

इसलिए आखें बंद किए चैन से बैठ नहीं पाती।।

 

मेरे लिए वो हर इंसान गलत है जो गलत को बढ़ावा दे,

लेकिन मैं गलत के खिलाफ बोले बिना रह नहीं पाती,

इसलिए बहुत कम लोग है मेरी जिंदगी में जो पसंद करते है मुझे,

बाकियों के लिए तो बहुत बुरी हूं मैं क्योंकि झूठ, धोखा, दिखावा, फरेब मैं पचा नहीं पाती।

फोटो सौजन्य- गूगल