Search
  • Noida, Uttar Pradesh,Email- masakalii.lifestyle@gmail.com
  • Mon - Sat 10.00 - 22.00

Tag Archives: Tension

Fertility Rate: If you want to plan a baby

Egg Quality: क्या आप कंसीव करने का सोच रही हैं? फिर जरूरी है कि पहले इसके लिए अपनी बॉडी को पूरी तरह तैयार करें। आजकल इनफर्टिलिटी के केस काफी ज्यादा सुनने को मिलते हैं। बहुत सी महिलाएं हैं, जो कंसीव करना चाहती हैं लेकिन इस दौरान प्रेगनेंसी फेलियर के बाद उन्हें पता चलता है कि वे कंसीव करने में समर्थ नहीं हैं। इस तरह के दिक्कतों से बचने के लिए शुरुआत से ही अपनी फर्टिलिटी पर ध्यान दें। जिस तरह आप अपनी स्किन एवं हेयर का केयर करती हैं, उसी तरह अपनी एग क्वालिटी का भी ख्याल रखें।

कई ऐसी नियमित हैबिट और स्थितियां हैं जो आपकी एग क्वालिटी को प्रभावित कर सकती हैं। ऐसे में सचेत रहना जरूरी होता है। विशेषज्ञ के मुताबिक एग क्वालिटी बेहतर बनाने के लिए कुछ खास सुझाव के बारे में विस्तार से जानते हैं-

अच्छी एग क्वालिटी के लिए अनिवार्य चीजें-

हॉर्मोन्स का संतुलित स्तर

नियमित पीरियड साइकिल

पीरियड के दौरान शरीर के बेसलाइन टर्म्प्रेचर

और सर्वाइकल फ्लूइड में भिन्नता।

एक स्वस्थ अंडे या ओवम में प्रॉपर जेनेटिक वाले 23 क्रोमोज़ोम होते हैं। क्रोमोज़ोम संबंधी असामान्यता वाले अंडे में 23 से कम या अधिक क्रोमोज़ोम होते हैं। इसके परिणामस्वरूप अंडे की गुणवत्ता कम होती है और आपको परेशानी हो सकती है।

खराब गुणवत्ता वाले एग के संकेतों में शामिल हैं-

Foods For Pregnant Woman

हार्मोनल असंतुलन अनियमित पीरियड्स का कारण हो सकते हैं, जिसका अंडों की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ सकता है।
खराब गुणवत्ता वाले अंडों का संकेत में क्रोमोज़ोम की असंतुलित संख्या भी शामिल है। असामान्य या कम गुणवत्ता वाले अंडों में सामान्य से कम या अधिक क्रोमोज़ोम होते हैं।

क्रोमोज़ोम सबंधी समस्या के कारण एबॉर्शन हो सकता है, यह अंडों की खराब गुणवत्ता का संकेत हो सालता है। फॉलिकल-स्टिम्युलेटिंग हॉरमोन (FSH) का कम स्तर अंडे की गुणवत्ता में गिरावट का संकेत हो सकता है। FSH एक हॉरमोन है जो पिट्यूटरी ग्लैंड द्वारा रिलीज किया जाता है। एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट, अंडे की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं।

जानें एग क्वालिटी बढ़ने के टिप्स

1. ब्लड फ्लो इम्प्रूव करें

हेल्दी एग प्रोडक्शन ओवरी में ऑक्सीजन युक्त ब्लड फ्लो पर निर्भर करता है। इन अंगों में ऑक्सीजन युक्त ब्लड फ्लो को बढ़ावा देने के लिए उचित हाइड्रेशन मेंटेन करना महत्वपूर्ण है। हर दिन कम से कम 6 से 8 गिलास पानी या अन्य हाइड्रेटिंग ड्रिंक पिएं। इसके अलावा नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, क्योंकि यह पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है और हृदय में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है। इसके अलावा, मसाज चिकित्सा और योग ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

2. हेल्दी वेट मैनेजमेंट पर ध्यान दें

keep obesity and stress away from yourself

आईवीएफ और प्रेगनेंसी के दौरान एग क्वालिटी में सुधार के लिए हेल्दी वेट मेंटेन करना महत्वपूर्ण है। अधिक वजन या कम वजन होने से हार्मोन का स्तर प्रभावित हो सकता है और मेंस्ट्रुअल साइकिल प्रभावित हो सकती है, जिससे कंसीव करना मुश्किल हो जाता है। एक हेल्दी वेट मैनेजमेंट के साथ आपके हेल्दी एग प्रोडक्शन की संभावना भी बढ़ जाती है, जो एक हेल्दी और कम्प्लीकेशन फ्री प्रेगनेंसी के लिए महत्वपूर्ण है।

संतुलित वजन बनाए रखना समग्र स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है, जिससे प्रेगनेंसी और डिलीवरी के दौरान कम्प्लीकेशन का जोखिम कम हो जाता है। पौष्टिक आहार और नियमित शारीरिक गतिविधियां स्वस्थ वजन प्राप्त करने में आपकी मदद कर सकती हैं।

3. आज ही छोड़े स्मोकिंग

स्मोकिंग परमानेंट बेसिस पर ओवरी में अंडे के नुकसान पहुंचा सकता है। सिगरेट में मौजूद केमिकल एग के सेल्स में डीएनए को बदल देती हैं, जिससे कुछ अंडे इनफर्टाइल हो जाते हैं। महिलाओं में उम्र के साथ अंडों की संख्या कम होती जाती है, इसलिए अंडों को स्वस्थ और अनावश्यक रसायनों से मुक्त रखना बेहद जरुरी है।

4. स्ट्रेस मैनेजमेंट पर ध्यान दें

Sometimes even a small difference between husband and wife is important

तनाव कोर्टिसोल और प्रोलैक्टिन जैसे हार्मोन उत्पन्न कर सकता है, जो ओव्यूलेशन में बाधा डाल सकते हैं या उसे रोक सकते हैं। योग, ध्यान, व्यायाम या हॉट शॉवर जैसी तनाव कम करने वाली गतिविधियों में भाग लें। यदि आप अत्यधिक तनाव में रहती हैं तो कंसीव करने से पहले अपनी मानसिक स्थिति में सुधर करें।

5. अच्छी नींद लें

good sleep

जब आप अच्छी नींद लेती हैं, तो आपका शरीर ऐसे हार्मोन बनाता है जो ओव्यूलेशन को नियंत्रित करते हैं और हेल्दी एग ग्रोथ का समर्थन करते हैं। अच्छी नींद तनाव को कम कर सकती है, इसका फर्टिलिटी पर सकारात्मक असर होता है। पर्याप्त आराम करें यह आपकी इम्युनिटी को बढ़ावा देता है। एक मजबूत इम्युनिटी हेल्दी प्रेगनेंसी को बढ़ावा देती है। इसके अतिरिक्त, नींद स्वस्थ वजन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो फर्टिलिटी के लिए महत्वपूर्ण है।

6. स्वस्थ आहार लें

अध्ययनों से पता चलता है कि फल, सब्जियां और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर डाइट फर्टिलिटी को बढ़ावा देती है। प्रोसेस्ड, शुगर और हाई सैचुरेटेड फैट वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहें। पौष्टिक आहार लेने के अलावा, अंडे के उत्पादन में सहायता करने वाले विटामिन का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। इसके अतिरिक्त, मछली का तेल, विटामिन ए और ई, और मेलाटोनिन अंडे की गुणवत्ता में सुधार करते हैं।

फोटो सौजन्य- गूगल

Stress Effects

Stress Effects: ये हम सभी जानते हैं कि सभी लोगों को कुछ ना कुछ टेंशन अवश्य होता है। लेकिन हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए। तनाव से होने वाले खतरे से बचने के लिए हमें अलर्ट भी रहना जरूरी है। बहुत ज्यादा तनाव हमें बीमार बना सकता है। रिसर्च बताते हैं कि तनाव की वजह से कुछ बीमारियां भी हो सकती है। टेंशन कुछ गंभीर बीमारियों को दावत भी देता है। लगातार तनाव में रहने पर शारीरिक लक्षण, जैसे कि हेडेक, पेट की समस्या, हाई ब्लड प्रेशर, सीने में दर्द हो सकता है। टेंशन के कारण सेक्स और नींद में समस्याएं भी हो सकती हैं।

तनाव आपके शरीर को कैसे करता है प्रभावित

Stress Effects

जब तनाव होता है, तो शरीर में केमिकल रिएक्शन होता है। यह तनाव के कारण होने वाले शारीरिक परिवर्तन को रोकने की कोशिश करता है। यह प्रतिक्रिया फाइट या फ्लाइट तनाव प्रतिक्रिया के रूप में जाना जाता है। स्ट्रेस से होने वाले रिएक्शन के दौरान व्यक्ति की हृदय गति बढ़ जाती है। सांस लेने की गति तेज हो जाती है। मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। यदि हार्ट बीट में लगातार और निरंतर वृद्धि होती है। स्ट्रेस हार्मोन और ब्लड प्रेशर का हाई लेवल रहता है, तो यह शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। लंबे समय तक चलने वाला यह तनाव हाई ब्लडप्रेशर, दिल का दौरा या स्ट्रोक के खतरे को भी बढ़ा सकता है।

इमोशनल हेल्थ पर बुरा प्रभाव

लगातार तनाव रहने से एंग्जायटी, चिड़चिड़ापन, सेक्सुअल डीजायर में बढ़ोत्तरी, मेमोरी लॉस, गुस्सा करना आदि जैसे लक्षण भी दिखने लगते हैं। इसके कारण मूड में बदलाव भी होने लगता है। बहुत अधिक तनाव में रहने पर उदासी और शारीरिक दर्द के साथ-साथ मानसिक या भावनात्मक आंसू भी आने लगते हैं। तनाव एंडोक्राइन ग्लैंड को आई रीजन में हार्मोन जारी करने के लिए प्रेरित करता है, जिससे आंसू बनते हैं।

यहां हैं तनाव को मैनेज करने के 4 Methods-

  • सूर्य की किरण है सबसे जरूरी

अब तो ठण्ड का मौसम आ गया है। इसलिए सूर्य की रोशनी में बैठना तनाव दूर भगाने के साथ-साथ शरीर के लिए भी बढ़िया है। विटामिन डी की कमी से भी स्ट्रेस और एंजायटी के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। अगर आप तनाव में हैं, तो सुबह कुछ देर धूप में बैठने की कोशिश करें। धूप आपको रिफ्रेश कर देगा।

  • एक्सरसाइज से दूर होता है टेंशन

मेंटल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित शोध बताते हैं कि गुस्से या तनाव में रहने पर बैठने की जगह से 20 कदम चलना भी तनाव भगाने (stress affect health) के लिए काफी है। वॉकिंग से तनाव दूर भाग जाता है। एंडोर्फिन हार्मोन पैदा होने से व्यक्ति तनाव मुक्त हो जाता है ।

  • Epsom Salt के साथ स्नान

एप्सम साल्ट या मैग्नीशियम सल्फ़ेट के सेवन से तनाव से राहत मिल सकती है। गनगुने पानी से नहाने पर भी तनाव दूर होता है। तनाव में होने पर एप्सम सॉल्ट हॉट बाथ लिया जा सकता है।

  • Omega-3 फैटी एसिड शामिल करें

ओमेगा- 3 फैटी एसिड में पॉली अनसेचुरेटेड फैट होते हैं। ये रिलैक्स करते हैं। इसके लिए टूना, सैल्मन आदि सी-फ़ूड लिया जा सकता है। प्लांट बेस्ड फ़ूड में चिया सीड्स, मूंगफली और अलसी ओमेगा-3 फैटी एसिड के बेहतरीन स्रोत हैं। टेंशन भगाने के लिए सुबह या दो बजे तक एक बड़ा चम्मच अलसी लिया जा सकता है।