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How can you take care of your wife or girlfriend during periods?

इंडिया में पीरियड्स (Periods) का सब्जेक्ट वर्षों से वर्जित रहा है। पर इन दिनों पुरुष उन मुद्दों के प्रति ज्यादा जागरुक हो गए हैं, जिनका सामना महिलाएं पीरियड्स के वक्त करती हैं। इस सब्जेक्ट के बारे में नॉलेज की कमी है, जो पुरुषों को इस मुद्दे से और ज्यादा अनजान रखती है।

इसलिए आज हमने फैसला किया है कि हम पुरुषों को शिक्षित करने और जानकारी देने की पहल करेंगे कि पीरियड्स के दौरान महिलाएं कैसा महसूस करती हैं और अपनी पत्नी या गर्लफ्रेंड का पीरियड्स के दौरान आप कैसे उनका ध्यान रख सकते हैं।

Reddit पर हाल ही में इस विषय के बारे में भी चर्चा हुई थी, जहां एक Reddit यूजर ने पूछा था कि वह पीरियड्स के दौरान अपनी गलफ्रेंड को आराम देने के लिए क्या कर सकते हैं। इस पोस्ट को महिलाओं (और समान रूप से पुरुषों) से सैकड़ों प्रतिक्रियाएं मिलीं, जिन्होंने अपने विचारों को शेयर किया और बताया कि कैसे एक पुरुष पीरियड्स के दौरान अपनी गलफ्रेंड की देखभाल कर सकता है।

पीरियड्स के दौरान अक्सर महिलाओं के साथ क्या होता है-

इस प्रश्न के दो जवाब हैं। एक है मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान एक महिला के शरीर के अंदर होने वाली शारीरिक चीजें और दूसरी है उस पर पड़ने वाले मनोवैज्ञानिक प्रभाव।

पीरियड्स किसी महिला के मूड को कैसे प्रभावित करते हैं-

जब एक महिला को पीरियड होते हैं, तो वह बहुत सारे हार्मोनल परिवर्तनों से गुजरती है जो उसके मूड और व्यवहार में उतार-चढ़ाव का कारण बनते हैं। यह सामान्य और स्वाभाविक है और लगभग सभी महिलाओं के साथ होता है। कुछ महिलाओं को चिंता, सिरदर्द और सुस्ती की भावना हो सकती है। जहां ज्यादातर समय ये लक्षण हल्के होते हैं, वहीं कुछ मामलों में ये गंभीर भी हो सकते हैं। ये परिवर्तन किसी भी महिला के नियंत्रण में नहीं हैं और हमें एक पार्टनर के तौर पर इसे समझने और इन दिनों के दौरान सहज रहने के लिए उनका समर्थन करने की आवश्यकता है।

मासिक धर्म के दौरान एक महिला को महसूस होने वाले मनोवैज्ञानिक लक्षण

  • मूड स्विंग होना
  • बहुत खुश या नियंत्रण से बाहर महसूस करना
  • बिना वजह जाने रोना
  • अधिकांश गतिविधियों में रुचि न होना
  • अचानक उदासी
  • रिजेक्शन के प्रति संवेदनशीलता
  • समाज से दूरी बनाना
  • चिंता
  • उदास मन
  • चिड़चिड़ापन

एक पुरुष अपनी प्रमिका या पत्नी को मासिक धर्म के दौरान आराम देने के लिए क्या कर सकता है?

हम आपको कुछ चीजें बताने जा रहे हैं जो इस दौरान आप कर सकते हैं या अपनी साथी से कह सकते हैं-

1. उन्हें बैक मसाज या हल्का मसाज दें

How can you take care of your wife or girlfriend during periods?

पीठ के निचले हिस्से पर हल्का मसाज देने से उसे आराम मिलेगा और थोड़ा दर्द कम करने में मदद मिलेगी। बस आपको अपनी मसाज स्किल्स दिखानी है, जो आप केवल कुछ YouTube वीडियो देखकर सीख सकते हैं।

2. उसके लिए गर्म पानी की बोतलें रखें

How can you take care of your wife or girlfriend during periods?

अगर आप अपनी पत्नी या प्रेमिका को उसके पीरियड्स के दौरान सहज बनाना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप उसके लिए रसोई में गर्म पानी की कुछ बोतलें रख दें। दिन भर गुनगुना पानी पीने से उसे हाइड्रेटेड रहने और तरोताजा महसूस करने में मदद मिलेगी।

3. फिजिकल अफेक्शन दिखाएं पर सेक्स की जिद ना करें

Physical Affection

आपको उनके पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें असहजता महसूस होगी। इसके बजाय हल्का फिजिकल अफेक्शन दिखाएं, जैसे गले लगना या किस करना। सेक्स या किसी अन्य तरह के फोरप्ले पर जोर ना दें। आपको उन्हें ना सिर्फ मानसिक रूप से बल्कि शारीरिक रूप से भी अपना स्पेस देने की जरूरत है।

4. फिल्म देखें और चिल करें

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कभी-कभी, कुछ न करने से सबसे ज्यादा मदद मिलती है। पीरियड्स के दौरान अपने साथी को आराम देने का एक सबसे अच्छा तरीका है कि आप बस एक ऐसी फिल्म या टीवी सीरीज़ देख डालें, जिसे आप दोनों पसंद करते हैं और एक साथ देखते हैं। यह काम उसे दो तरह से मदद करेगा। एक यह है कि यह उसे आराम देगा, क्योंकि उसे इधर-उधर नहीं जाना है या कोई ​फिजिकल एक्टिविटी नहीं करनी है। दूसरा, फिल्म देखने में व्यस्त होने के कारण वह अपने दर्द के बारे में सोचना बंद कर देगी।

5. चॉकलेट, आइसक्रीम और केक दें

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आप जब आप किसी को खुश करना चाहते हैं, तो आप जो सबसे आसान काम कर सकते हैं, वह है उनके लिए चॉकलेट, आइसक्रीम, कॉफी, केक आदि उनके पसंदीदा चीज लाना। यह उनके मूड को ठीक करने में मदद करेगा।

6. उनके साथ बहस या झगड़ा ना करें

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पीरियड्स के दौरान एक महिला को तनाव मुक्त रहने की जरूरत होती है और आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं। अपने साथी के साथ वाद-विवाद या छोटी-मोटी झड़पें करना उसकी स्थिति को और खराब कर सकता है। इसलिए ऐसा करने से बचें।

7. उनके लिए ब्रेकफास्ट, लंच या डिनर बनाएं

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अगर आपकी पत्नी आमतौर पर आपके लिए खाना बनाती है, तो यही वह समय है जब आपको किचन संभालने की आवश्यकता है। उससे खाना पकाने की अपेक्षा न करें, इसके बजाय, उसके लिए अच्छा नाश्ता बनाएं। बाहर से खाना मंगवाना एक विकल्प है, लेकिन अगर आप इसे खुद करते हैं, तो आपको कुछ बोनस ब्राउनी पॉइंट मिलेंगे।

8. उसके साथ नॉर्मल बर्ताव करें

Study on Relationship

कुछ महिलाएं अकेले रहना पसंद करती हैं और वे पुरुषों से उन्हें सहज महसूस कराने के लिए कुछ भी करने की उम्मीद नहीं करती हैं। कभी-कभी, उन्हें खुश करने के लिए बहुत अधिक प्रयास करना भी भारी पड़ सकता है। इसलिए बेहतर है कि आप सामान्य रूप से व्यवहार करें और अपनी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को जारी रखें, न कि उसे उसके पीरियड्स के बारे में याद दिलाएं।

Sometimes even a small difference between husband and wife is important

हर पति-पत्नी के बीच नोक-झोंक होना आम है। कभी बच्चे को लेकर तो कभी खाने को लेकर, शायद ही कोई कपल हो जिनके बीच रूठना-मनाना ना चलता हो। वैसे जब भी कपल के बीच बहस के हालात बने है तो सबसे ज्यादा डर घरवालों को लगने लगता है। कहीं बहस बढ़कर कोई और रूप ना ले ले, कहीं रिश्ता बिखर ना जाए। बहू- बेटे को बहस करते देख बडे़ बुजुर्गों के मन में या आपके मस्तिष्क में भी यह बात आ सकती है। पर शायद आपको यह जानकर हैरानी हो कि ऐसे कई कारण हैं जिनसे यह पता चलता है कि आर्ग्युमेंट करना आपके रिश्ते के लिए अच्छा हो सकता है।

‘एबल आर्गुअर्स’ के नाम से वर्ष 2012 में 976 व्यक्तियों के बीच एक ऑनलाइन स्टडी की गई जिसमें पाया कि जिन जोड़ों के बीच हेल्दी आर्ग्युमेंट होते हैं, उनके बीच एक खुशहाल संबंध होने की संभावना 10 गुना अधिक है बजाय उन कपल्स के जो कठिन चीजों पर बातचीत को अनदेखा करते हैं। जानते है कैसे ये हल्की नोक-झोंक आपके रिश्ते के लिए फायदेमंद है।

फीलिंग्स समझने का मिलता है मौका

Sometimes even a small difference between husband and wife is important

आपका रिलेशन निश्चित रूप से तब मजबूत होता है जब आप अपने मन की बात अपने साथी के सामने खुलकर करते हैं। असहमत होने पर आप जो महसूस करते हैं और जो सोचते हैं उसे बयान करते हैं। कोई एक दूसरे के प्रति द्वेष नहीं रखता है इसलिए यह एक पारदर्शी रिश्ता बन जाता है। स्टडी में 05 में से 04 लोगों ने कहा कि एक दूसरे से बातचीत ना होने के वजह से उनका रिश्ता असफल रहा। तभी तो हम भी हर बार ‘कम्युनिकेशन इज़ द की’ वाली बात पर अक्सर ज़ोर देते हैं। जब हम वही बोलते हैं जो हमारे दिल और दिमाग में होता है, तो हम बेहतर महसूस करते हैं। भले ही आप दोनों में बहस हो गई हो पर आखिर में यह अच्छा और सुकून देने वाला लगता है। हेल्दी वाद-विवाद हमेशा अच्छा होता है और सुनिश्चित करें कि आप बिस्तर पर जाने से पहले अपने मुद्दों को हल कर लें। जब लोग अपनी चिंताओं को एक्सप्रेस नही करते, उनके बारे में बात नहीं करते तो वह गुस्सा अन्य तरीकों से निकलता है। इसलिए समाधान यह है कि इसे एक ईमानदार, स्पष्ट और सम्मानजनक तरीके से बात करें। जितना अपनी फीलींग्ज को छिपाएंगे उतनी ही समस्या को आप बढ़ाएंगे।

तनाव में आती है कमी

Sometimes even a small difference between husband and wife is important

जब भी कपल के बीच बहस होती है तो एक दूसरे के मन की बात जानने को मिलती है जिससे रिश्ते में और मजबूती आती है। कई जानकारों का कहना है कि आपस में बहस करने से पार्टनर के साथ भी आपकी नजदीकियां बढ़ जाती हैं। वाद-विवाद के आखिर में आप एक-दूसरे से माफी मांगते हैं, अपनी गलतियों को सुधारते हैं और इससे आप दोनों के बीच नजदीकियां और ज्यादा बढ़ती हैं।

दिल की बात जानने का मिलता है अवसर

Sometimes even a small difference between husband and wife is important

जब कपल्स के बीच में होने वाली बहस रिलेशन को बेहतर तो करती ही है साथ में एक इन्सान के तौर पर भी आपके लिए यह फायदेमंद है। बहस के दौरान आप कई बार पार्टनर की वो गलतियां पॉइंट आउट करते हैं जो शायद आप वैसे ना कह पाएं। अगर सही बात को पाज़िटीवली लिया जाए और स्वयं की गलती मान अपने व्यवहार, आदतों और एटीट्यूड में बदलाव लाया जाए तो पर्सनल फ्रंट के साथ प्रोफेशनल फ्रंट में भी यह आपको बेहतरी की तरफ अग्रसर करता है।

रिश्ते को मिलती है मजबूती

Sometimes even a small difference between husband and wife is important

जब कोई पेयर किसी बात पर चर्चा करता हैं और बहस होती है तो बातें खुलकर सामने आती हैं। आपके मन में अपने पार्टनर को लेकर किसी तरह का संदेह नहीं रहता और इसलिए विश्वास बना रहता है। हालांकि, किसी रिश्ते में कोई बहस नहीं होती है, तो दोनों साथी एक-दूसरे से कुछ ना कह कर भी मन ही मन में कई सवाल लिए होते है जिससे बस शक बढ़ता है। यह भी जरूरी है कि तर्क एकतरफा न हो। दोनों को एक दूसरे की राय सुननी चाहिए और अपने पार्टनर के नजरिए से भी बात को समझने का प्रयास करना चाहिए।

सुनने- समझने की आदत होती है प्रबल

Sometimes even a small difference between husband and wife is important

अपनी ही कहना और दूसरे की फिलिंग्स-इमोशन की परवाह ना करना किसी भी रिलेशन के लिए हेल्दी नहीं है। कपल्स के झगड़ों का एक बड़ा कारण एक-दूसरे की बात नहीं सुनना है। हम सभी सुनना और समझना चाहते हैं, खासकर उस व्यक्ति द्वारा जिसे हम प्यार करते हैं और भरोसा करते हैं। जब कपल्स के बीच हेल्दी बहस होती है, तो आप अपने साथी की बातों को सुनने की प्रवृत्ति रखते हैं। आपका फोकस यह नहीं होता कि आपको यह आर्ग्युमेंट जीत लेना है, बल्कि आप अपने साथी को समझने की कोशिश भी करते हैं।

रिलेशन को मिलती है नई ताकत

Sometimes even a small difference between husband and wife is important

पार्टनर्स के बीच कई बार सब ठीक होकर भी कुछ ठीक नहीं होता। अब जब दो लोग खुलकर एक दूसरे को एक्सप्रेस करेंगे ही नहीं तो कैसे पता चलेगा कि कहां क्या दिक्कत है। जब आप लड़ते हैं, खुलकर अपनी बात रखते हैं तो दूसरे की चाहत का तो आपको पता चलता है ही साथ में आप रिश्ते की बेहतरी के लिए क्या कर सकते हैं वह भी समझ में आता है। एक बार जब सामने वाले की परेशानी का पता चल जाता है तो मिल कर हल निकालना भी आसान हो जाता है। अलावा इसके, चूंकि आप उन चीजों से अवगत हैं जो झगड़े को ट्रिगर कर सकती हैं, आप उसी से बचते हैं और अपने रिश्ते को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। हां यह बात भी अहम है कि बहस के दौरान आप दोनों को मर्यादित भाषा और हिंसा से बचना चाहिए तभी आप इससे होने वाले फायदे महसूस करते हुए अपने रिश्ते को मजबूत बना पाएंगे।

फाइल फोटो- गूगल

पति और पत्नी के रिश्ते

यूं तो शादी जिंदगी का वह पड़ाव हैं जहां दो जिंदगियां ही नहीं, दो परिवारों का मिलन होता है लेकिन कई लोग शादी के बाद भी अकेलापन महसूस करते हैं। कई अध्ययनों से यह साफ हुआ है कि 45 साल से अधिक उम्र के तीन विवाहित लोगों में से एक व्यक्ति अकेलेपन का शिकार होता है। एएआरपी राष्ट्रीय सर्वेक्षण के मुताबिक शादी में अकेलापन महसूस कराना इस बात का संकेत है कि रिश्ते में या आपके निजी जीवन में किसी ना किसी को परेशानी जरूर है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस अकेलेपन को कैसे दूर किया जाए?

शादी के बाद अगर आपको अकेलापन का एहसास होता है तो यकीन मानें ये टिप्स आपके लिए काफी उपयोगी हो सकती है-

संवाद करें अपने जीवन साथी के साथ-

पति-पत्नी के बीच संवाद जरूरी

हर रिश्ते में कम्युनिकेशन का होना अहम है यानी हर रिश्ते में यह जरूरी है पार्टनर से बात की जाए और जहां कोई भी दिक्कत है उसे जल्द से जल्द हल किया जाए। एक बात समझना जरूरी है कि आपकी तरह आपके पार्टनर भी फील कर रहे हों ये जरूरी तो है नहीं, अब ऐसे में उन्हें आपकी भावनाओं का पता तभी चलेगा जब आप उनसेप अकेला फील कर रहे हैं तो इसका मतलब ये हो गया कि रिश्ते में कोई प्रॉब्लम है। इस वक्त को अपने दोस्तों से मिलने जुलने में लगाएं और चाहें तो कोई क्रिएटिव एक्टिविटी में भी अपना मन लगाएं। खुद के पॉजिटिविटी और क्रिएटिवली इंगेज रखने की हर संभव कोशिश करें।

जानें रिश्ते में बदलाव का कारण

रिश्ते में बदलाव की वजह

अगर आपके रिश्ते में अचानक आए किसी बदलाव से आप दोनों के बीच दूरियां आ सकती है और उसी की वजह से आप अकेला महसूस कर सकती हैं। आप ये समझने में असमर्थ हैं कि क्या बदलाव आया है या कहां एडजस्ट नहीं हो पा रहा है। ऐसी परिस्थिति में मैरिज काउंसलर से बात करें या कोई प्रोफेशनल हेल्प लें। इससे आपको अपने रिश्ते का एक क्लीयर पक्ष जानने और समझने का मौका मिलेगा और एक पॉजिटिव नजरिया भी।

एक-दूजे के प्यार को दें अहमियत

प्यार को समझें

जीवनसाथी से आपका इमोशनल अटैचमेंट जरूरी है। प्यार का एहसास सिर्फ फिजिकल टच, प्यार भरे शब्दों, गिफ्ट देने तक ही नहीं हैं। यह समझना जरूरी है कि आपके पार्टनर क्या चाहते हैं। हो सकता है कि प्यार के मायने उनके लिए दूसरों से थोड़ा हटके हो या फिर शायद उनके प्यार बयां करने का अंदाज औरों से जुदा हो। इमोशनली अटैच रहेंगी तो उन्हें भी समझ पाएंगे और उनके इस अंदाज को भी।

पॉजिटिविट टाइम निकालें

 

पति-पत्नी की आपसी समझ

यह समझना बहुत जरूरी है कि हमें हर चीज के लिए सिर्फ अपने पार्टनर पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। यह बिल्कुल भी ज़रूरी नहीं है कि अगर आप अकेला फील कर रही हैं तो इसका मतलब ये हो गया कि रिश्ते में कोई प्रॉब्लम है। इस वक्त को अपने दोस्तों से मिलने जुलने में लगाएं और चाहें तो कोई क्रिएटिव एक्टिविटी में भी अपना मन लगाएं। खुद के पॉजिटिविटी और क्रिएटिवली इंगेज रखने की हर जरूरी कोशिश करें।

सोशल मीडिया से जरा बचके

सोशल मीडिया से बचें

 

आजकल सोशल मीडिया हम सब की लाइफ में बहुत ज्यादा घुसपैठ करने लगा है। शादी की तैयारी से लेकर बेबी शावर तक लोग अपने पर्सनल मोमेंट सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं। लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि आप भी उन मोमेंट्स को देखकर ठीक वैसा ही अपनी लाइफ में भी एक्सपेक्ट करने लगें और वैसा ना होने पर अपने रिश्ते में खामियां निकालना शुरू कर दें।

रिश्ते को जीना सीखें

रिश्ते को जीना सीखें

पति-पत्नी को एक दूसरे को स्पेस देना और एक दूसरे के रिश्ते को इज्जत देना जरूरी होता है। अगर पति या पत्नी शादी से पहले रहे किसी दोस्त से मिलते हैं तो ना तो पत्नी को पति पर शक करना चाहिए और ना ही पति को अपने पत्नी के दोस्ती पर। शादी के बाद भी चाहे पति हो या पत्नी दोनों अपने पूराने दोस्त से मिलने का हक रखते हैं, ये समझना दोनों के लिए जरूरी है। जब हम एक दूसरे के रिश्ते को अहमियत देंगे तो खुद बा खुद रिश्तों में गरमाहट आ जाएगी और रिश्ते को जीना सीख जाएंगे।

फोटो साभार- गूगल

छोटी बच्ची

आज यही पड़ोस के घर में रोने की तेज आवाजों ने मेरी नींद को तोड़ने में एक क्षण भी नहीं लगाया। लगातार बस यही सुनने को मिल रहा था, कि लड़की हुई है, इससे अच्छा तो होती ही ना।

लड़की को पैदा करने के जुर्म में उसकी मां को भी लगातार गालियां सुनने को मिल रही थी, बार बार उसको ये अहसास दिलाया जा रहा था कि उसने कितना भयानक जुर्म किया है। बार बार उसे ताने देकर बताया जा रहा था कि अगर वो लड़की की जगह लड़का पैदा करती तो आज मातम की जगह खुशियां मनाई जाती। उसे पड़ोस वाली औरतें भी ये बता रही थी कि उसमें लड़का पैदा करने कि क्षमता नहीं है, इसलिए लड़की पैदा करने के बाद वो किसी से भी ये उम्मीद न रखे कि सब लोग उसे इज्ज़त बक्शेंगें।

लेकिन इन सब के बीच वो नन्हीं सी परी अपनी मोटी-मोटी आंखो को खोले बहुत आस से एक एक करके सबको देख रही थी कि गलती से कोई मुस्करा कर उसे गोदी में उठा ले। लेकिन बच्ची है, नादान है, जानती ही नहीं कि ये सारे बेशर्म लोग उसके आने से खुश नहीं बल्कि उनपर तो जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो। कोई उसे गोदी लेना तो दूर उसको देखना तक नहीं चाहता।

वाकई ये सच कितना कड़वा है ना कि बहु सब को सर्वगुण संपन्न चाहिए लेकिन आज भी समाज में ऐसे लोग है जो बेटी को पैदा करना ही नहीं चाहते, उसे आज भी बोझ मानते है, आज भी नानी दादी सिर्फ पोते की चाह रखती है। आज भी लड़की होने पर कभी उसे कचरे के डिब्बे में फेंक दिया जाता है या मार दिया जाता है।

ये समाज आज भी पहले की तरह ही अनपढ़ रवैया वाला समाज है, जो लड़कों के लिए अलग है और लड़कियों के लिए अलग।

आज की चर्चा उन लड़कियों के लिए है जिनके लिए आगे बढ़ना तो दूर…आगे बढ़ने के सपने देखना भी गुनाह है ।

बहुत दुख हो रहा है ये कहते हुए भी की आज भी लोग लड़को और लड़कियों में भेद करते है…

लाख बंदिश है जो उन्हें ये समझने ही नहीं देती कि उन्हें भी हक है अपनी ज़िन्दगी अपने तरीके से जीने का..बिल्कुल वैसे ही जैसे उनके भाई जीते है।

पता नहीं लोग क्यों ये नहीं समझना चाहते कि जब भगवान ने कोई फ़र्क नहीं किया तो वो क्यों इस पाप के भागीदार बन रहे है…जीने दो इन परियों को भी अपने तरीके से…. उड़ान भरने दो इन्हे भी अपनी गति से…।

और यकीन मनिए….एक दिन वो भी आएगा जब आपको इनपर नाज़ होगा … क्योंकि ये उस मुकाम पर होंगी जहां आपने कभी ख्वाहिश भी नहीं की होगी…

गौरतलब है कि उस वक़्त आपको यकीन नहीं होगा कि ये आपकी वहीं परियां है…. जिनके हंसने पर भी आपने पाबंदियां लगाई थी।।

चलिए जिसे समझना होगा वो इतने में समझ जाएगा… बाकी जिसको ये समझ नहीं आया उनके लिए कुछ और है मेरे पास….

मैं क्या जानू आज़ादी को, कैसे खुद को लड़का मानू,

मिले ही नहीं जो पंख मुझे, कैसे फिर मैं उड़ना जानूं ।

कैसे भुला दू इस हकीकत को, कैसे सच को सपना मानू,

जब आए अपने आंसू देने को, कैसे फ़िर मैं रिश्ते जानूं ।

सुकून दिया जिन फूलों में मुझे, कैसे उनको काटें मानू

हर पल जब खाई ठोकरें मैंने,कैसे फिर मैं उठना जानूं ।

दिखाए मैंने जो सपने दिल को, कैसे उनको टूटा मानू,

मिला ही नहीं कभी दरिया मुझे, कैसे फिर मैं प्यास को जानूं ।

भिगोया ही नहीं जिसने मुझे, कैसे उसको रिमझिम मानू,

जब मिली ही नहीं मूर्त मुझे, कैसे फिर मैं पूजा जानूं।

हर पल रुलाया जिसने मुझे, कैसे उसको अपना मानू

मिली ही नहीं कभी खुशी इस दिल को, कैसे फिर मैं हंसना जानूं ।

पाया है हर पल चार दीवारों मैं खुद को, कैसे इसको दुनिया मानू

मिला ही नहीं कभी जीवन मुझे तो, कैसे फिर मैं मौत को जानूं ।

मैं क्या जानूं आज़ादी को, कैसे खुद को लड़का मानू,

मिले ही नहीं कभी पंख मुझे तो कैसे फिर मैं उड़ना जानूं।।

 

फाइल फोटो- गूगल

पति-पत्नी का प्यार

उनकी सब बातें सुनती हूं लेकिन वह मेरी बातों को अनसुना कर देते हैं। प्यार तो करते हैं लेकिन गिफ्ट कभी-कभी देते हैं। ये कुछ ऐसी शिकायतें हैं जो महिलाओं को अक्सर अपने पार्टनर से होती है। मुमकिन है कि आपके पति आपके दोस्त के पति की तरह सोशल नेटवर्किंग को तवज्जो कम देते हों और फेसबुक और इंस्टा पर प्यार की बिगुल बजाते ना दिखें तो घबराएं नहीं.. क्योंकि ऐसी बहुत सी बातें हैं जो आपके पति को आपके बारे में पसंद हैं और इस बारे में आप अंजान हों।

बिना डिमांड ख्वाहिश को समझना

पति पर भरोसा

कॉफी टेबल पर पड़ी गर्म चाय की प्याली हो या गीली टावेल बेड पर… आप पहले तो थोड़ा बड़बड़येंगी पर फिर खुद ही टावेल बाहर डालेंगी और बिना उनकी डिमांड के फ्रेश चाय बना देंगी। अब आपकी इस खास अदा पर आपके पति नजदीक आने का बहाना ढूंढ़ेंगे। दिन भर में ऐसे और भी कई काम हैं जो आप बिना कहें करती हैं और आपके पति मन ही मन खुद को भाग्यशाली मानते हैं।

तारीफ के ‘वो’ दो लफ्ज़

अरे वाह! आज तो बड़े स्मार्ट लग रहे हो.. अगर आप भी यूं ही अपने पतिदेव की थोड़ी-बहुत तारीफ कर देती है तो आपके पति को आपकी यह बात काफी पसंद है। जी हां, पुरुष भले ही तारीफ सुनने पर महिलाओं की तरह अपनी खुशी जाहिर ना करते हों लेकिन कॉम्पलीमेंट किसे पसंद नहीं।

चाहे कितनी भी हो जिम्मेदारियां नहीं भूलती तारीख

पति के लिए तोहफा

महिलाएं चाहें कितनी प्रोफेशनल क्यों ना हों, कितनी भी एडवांस क्यों ना हों लेकिन शादी की सालगिरह से लेकर आपकी वो पहली मुलाकात ना भूलती हैं और ना भूलने देती हैं। आपके पार्टनर भले ही इन तारीखों को खुद याद ना रखते हों पर आपका इन तारीखों को महत्व देना, याद रखना और सेलिब्रेट करना उन्हें काफी पसंद है।

..आपका गुस्सा लाज़मी है लेकिन

गुस्से में पत्नी

आपके हसबैंड डिनर पर समय पर नहीं पहुंच पाएं, आपका बर्थडे पर गिफ्ट नहीं लाए तो आपका गुस्सा मुनासिब है लेकिन बावजूद इसके सुबह नाश्ते पर आपका उनका इंतजार करना, काफी पसंद हैं उन्हें। आप खफा तो होती है पर आपका प्यार कम नहीं होता और इसी बात से आपकी इज्जत उनके दिल में और बढ़ जाती है।

आप हैं स्पेशल और परफेक्ट मॉम

परफेक्ट मॉम

मां बच्चे के लिए रोल मॉडल से कम नहीं होतीं। मां के साथ बच्चे अपना ज्यादातर समय भी बिताते हैं। आज के समय में भले ही महिलाएं और पुरुष दोनों की अपनी प्रोफेशनल लाइफ हो और दोनों व्यस्त रहते हों पर महिलाओं को अपनी व्यस्तता के बीच भी बच्चों के लिए समय निकालने में महारत होती है। अपने बच्चों पर ध्यान देने से लेकर उन्हें पढ़ाना-लिखाना जो शायद आपके पति आपसे ना कहें लेकिन मन ही मन वह खुश भी होते हैं और आपको इस होम बैलेंस के लिए मानते भी हैं।

फेवरेट खाना बनाना

फेवरेट खाना

कोई मौका नहीं चाहिए महिलाओं को अपने परिवार के लिए उनकी फेवरेट डिश बनाने के लिए। बारिश हो तो पकौड़े तल दिए, बच्चों की डिमांड से पहले चॉकलेट केक बेक कर दिया…हर जगह यही कहानी है…। विश्वास कीजिए दफ्तर में लंच बॉक्स खोलते समय जब उनकी पसंदीदा डिश उनके सामने होती है तो वह खुद को बड़ा लकी मानते हैं और दोस्तों के सामने खुद को खुशनसीब दिखाने का यह मौका नहीं गंवाते।

हर चीज का हल है आपके पास

बात चाहे घर की हो या बच्चे के स्कूल से जुड़ी, कमीज ना मिलने से लेकर बच्चों के लिए होमवर्क तक, आपका प्रॉब्लम्स का चुटकियों में हल कर देना और आपके मैनेजरियल स्किल्स… यही बातें तो हैं जो उन्हें भरोसा देती हैं कि हां- मैं हूं ना।

तसल्ली से सुनना और समझना जरूरी

पति की बातों को ध्यान से सुनना

जिस तरह महिलाएं चाहती हैं कि उन्हें कोई अनसुना ना करे वैसे ही जब आप अपने पति की किसी परेशानी को तसल्ली से सुनती और समझती हैं तो उन्हें आपकी यह आदत ना सिर्फ पसंद आती है बल्कि आप पर उनका विश्वास और प्यार भी बढ़ जाता है।

आपके आत्मविश्वास के कायल हैं

मीटिंग में आपका खुद को आत्मविश्वास के साथ प्रेजेंट करना हो या फिर डिनर पार्टी में उनके दोस्तों से घुलना-मिलना हो, आपका खुद पर विश्वास और खुद को प्रेजेंटेबल रखना कहीं ना कहीं उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है।

आपका उनपर भरोसा दिखाना 

पति-पत्नी का प्यार

प्रोफेशनल जिंदगी में अगर कोई दिक्कत है या फिर कोई और बात से आप परेशान हैं तो आपका अपने पार्टनर से अपनी परेशानी डिस्कस करना जरूरी है पर शायद आप यह नहीं जानती होंगी कि आप जब अपनी परेशानी उनसे डिस्कस करती हैं तो उन्हें अच्छा लगता है, यह सोचकर कि आपने उन पर भरोसा किया।

अगर पति-पत्नी के रिश्ते की डोर विश्वास और प्यार भरी ना हो तो जल्द ही टूट जाती है…।

पति-पत्नी की आपसी समझ
पति-पत्नी का रिश्ता बड़ा ही खास और जिंदगी के एहसास से जुड़ा होता है। कभी ये एहसास मीठा तो कभी कढ़वाहट से भरा होता है