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Tag Archives: नींद

can have a negative effect on your health

Magnesium: पूरे शरीर के लिए पोषक तत्व बेहद जरूरी होता है। ये पोषक तत्व विटामिन, मिनरल के रूप में मौजूद होते हैं। मिनरल के रूप में मैग्नीशियम हेल्थ के लिए अहम है। ये हमारे शरीर में दिल-दिमाग और दूसरे अंगों के लिए जरूरी होते हैं। अगर इसकी कमी हो जाती है तो कई तरह के स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ सकता है, साथ-साथ शरीर में इसकी मात्रा का इजाफा सही नहीं होता। इसलिए सही मात्रा में मैग्नीशियम का इस्तेमाल सबसे ज्यादा आवश्यक है।

सबसे पहले जाने मैग्नीशियम के बारे में-

जानकारी की कमी के कारण हम मैग्नीशियम के महत्व को समझ नहीं पाते हैं। 07 एसेंशियल मिनरल में से एक है मैग्नीशियम। यह शरीर के फंक्शन में मदद करता है और बेहतर हेल्थ बनाए रखने में अहम रोल निभाता है। मैग्नीशियम की कमी से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। मैग्नीशियम 300 से ज्यादा एंजाइम की एक्चिविटी में मौजूद होता है। यह हमारे शरीर में बायोलॉजिकल केमिकल एंजाइम्स को संतुलित करने में सहायता करता है।

यहां हैं मैग्नीशियम से पहुंचने वाले फायदे

1. दिल और दिमाग के लिए फायदेमंद

WHO warning: Long working hours increase the risk of heart disease and heart attack

हर्ट मसल्स सहित मैग्नीशियम नर्व और मसल्स फंक्शन को रेगुलेट करने में मदद करता है। मैग्नीशियम हृदय को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है। यह ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने और कोलेस्ट्रॉल प्रोडक्शन में शामिल होता है।

2. बोन हेल्थ के लिए है खास

स्केलेटल फंक्शन के लिए मैग्नीशियम जरूरी है। यह बोन स्ट्रक्चर (bone structure) और उम्र बढ़ने के साथ बोन डेंसिटी बनाये रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

3. ब्लड शुगर बैलेंस करने में मदद

यह एसिड और प्रोटीन के पाचन को बनाए रखता है और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है।

4. अच्छी नींद में मददगार

good sleep

मैग्नीशियम कुछ न्यूरोट्रांसमीटर की गहराई तक जाकर आरामदेह नींद लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह नर्वस सिस्टम को शांत करता है और ब्रेन को आरामदायक स्थिति में लाने में मदद करता है।

5. स्ट्रेस का प्रबंधन

शरीर मेंस्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल लेवल को कम करने में मदद करता है जिससे कि स्ट्रेस लेवल मेंटेन रहता है।

शरीर को कितनी चाहिए मैग्नीशियम-

शरीर में मैग्नीशियम का उत्पादन नहीं होता है। इसलिए इसे बाहरी तत्वों से मिलना चाहिए। यह या तो खाये जाने वाले भोजन से मिलना चाहिए या सप्लीमेंट से।

  • 19-51 वर्ष की महिलाओं के लिए- 310-320 एलपीजी प्रति दिन
  • 19-51 वर्ष की आयु पुरुषों के लिए – 400-420 एलपीजी प्रति दिन
  • गर्भवती महिलाओं के लिए – 350-360 एलपीजी प्रति दिन
  • 51 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को अपने लिंग के अनुसार हाई सीमा का लक्ष्य रखना चाहिए

मैग्नीशियम लेवल के लिए खाद्य पदार्थ

ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं, जिनहीं भोजन में शामिल करने से ज्यादा मैग्नीशियम लेवल पाया जा सकता है। सबसे अधिक मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ में शामिल हैं:

ब्राज़ील नट्स – 250 मिली ग्राम आधा कप साबुत
पालक – 157 मिली ग्राम
कद्दू के बीज – 150 मिली ग्राम
ब्लैक बीन्स – 120 मिली ग्राम
बादाम – 80 मिली ग्राम
काजू – 72 मिली ग्राम

डार्क चॉकलेट – 64 मिली ग्राम
एवोकाडो – 58 मिली ग्राम
टोफू – 53 मिली ग्राम
सैल्मन – 53 मिली ग्राम
केला – 37 मिली ग्राम
रास्पबेरी/ब्लैकबेरी – 28 मिली ग्राम

ज्यादा मैग्नीशियम लेना है नुकसानदायक

बहुत ज्यादा मैग्नीशियम मतली, दस्त, उल्टी और पेट में ऐंठन की वजह बन सकता है। गंभीर मामलों में यह सांस लेने में परेशानी, तेज़ या अनियमित दिल की धड़कन, ट्रॉमा और कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकता है। याद रखना जरूरी है कि ना सिर्फ मैग्नीशियम की कमी, बल्कि मैग्नीशियम की अधिक मात्रा भी शरीर के लिए हानिकारक है।

फोटो सौजन्य- गूगल

Your sleeping position reveals your personality

नींद (Sleep) आपके व्यवहार और स्वभाव को बिगाड़ने के लिए काफी है। हो सकता है कि आपने ऐसा फील भी किया हो पर कुछ रिसर्च भी इस बात को सही साबित करती है। अगर हम रात में सोए ना तो आप अधिक चिड़चिड़े, गुस्सैल और टेंशन के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं। वहीं, जब आप अच्छी नींद लेते हैं तो आपका मूड अक्सर सामान्य हो सकता है।

रिसर्च से पता चला है कि आंशिक नींद की कमी का भी मूड पर बहुत असर पड़ता है। रिपोर्ट के मुताबिक पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि एक हफ्ते के लिए रात में सिर्फ 4-5 घंटे की नींद तक सीमित रहने वाले लोगों के ज्यादा तनावग्रस्त, क्रोधित, उदास और मेंटली थका हुआ महसूस किया। जब लोगों ने सामान्य नींद शुरू की तो उनके मूड में सुधार देखने को मिला।

लेकिन सिर्फ नींद ही मूड को नहीं बिगाड़ती, बल्कि मूड भी नींद का चक्र खराब कर सकता है। चिंता उत्तेजना को बढ़ाती है, जिससे सोना मुश्किल हो जाता है। तनाव शरीर को उत्तेजित और सतर्क बनाकर नींद को भी प्रभावित करता है। जो लोग लगातार तनाव में रहते हैं उनमें नींद की समस्या होती है। इन सब का असर आपके व्यवहार पर पड़ता है।

चिड़चिड़ा हो जाता है स्वभाव:

Male Inferlity

नींद की कमी हमें चिड़चिड़ा बना देती है। आम दिनों में हम लोगों से सामान्य तौर पर बात करते हैं। कई बार लोग ऐसी बातें करते हैं, जो हमें नागवार गुजरती हैं, लेकिन हम आराम से जवाब देकर माहौल को सामान्य बनाए रखते हैं पर यही चीज तब हो जब आपकी नींद पूरी न हुई हो तो हो सकता है आप सामने वाले को चिड़चिड़ा होकर जवाब दें। जो आपकी पर्सनैलिटी को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है।

गुस्सैल हो जाता है स्वभाव: नींद की कमी आपको गुस्सैल बना सकती है। आमतौर पर हम परिस्थितियों का सामना शांति से करते हैं लेकिन नींद न पूरी होने से इसका उलट हो सकता है। ऐसे में किसी भी अप्रिय परिस्थिति में गुस्सा आना तय होता है। जो आपके कई काम बिगाड़ सकता है। गुस्सैल इंसान को सामाजिक नजरिए से पसंद नहीं किया जाता।

तनाव दिखता है साफ: स्थिति को सामान्य रूप से संभाल ना पाने की स्थिति में तनाव हो सकता है। वहीं, अगर आप पहले से ही तनाव में हैं तो ये और बढ़ सकता है। इन सबका असर आपके चेहरे पर भी नजर आने लगता है और आप लोगों की नजर में एक अप्रिय इंसान हो सकते हैं।