Search
  • Noida, Uttar Pradesh,Email- masakalii.lifestyle@gmail.com
  • Mon - Sat 10.00 - 22.00

Tag Archives: हरतालिका तीज

Hartalika Tee: Hartalika Teej fast will be broken tomorrow at Brahmamuhurta

Hartalika Teej के दिन व्रत का पारण अलग-अलग क्षेत्रों में अलग तरीके से किया जाता है। कई महिलाएं प्रदोष काल में शिव-पार्वती की विधिवत पूजा करने के बाद व्रत का पारण कर देती हैं, तो कई महिलाएं चतुर्थी तिथि को सर्योदय से पूर्व व्रत का पारण करती हैं। इन नियमों के तहत व्रत रखने से आपको व्रत का पूर्ण फल हासिल होता है जिससे अच्छे परिणाम मिलते हैं।

तीज के दिन अखंड सौभाग्य के लिए स्त्रियों ने हरतालिका तीज का व्रत किया है। ये व्रत विवाहित स्त्रियां पति की दीर्घायु और कुंवारी लड़कियां अच्छे जीवनसाथी मिलने की कामना से रखती है। हरतालिका तीज व्रत 24 घंटे के लिए निर्जला किया जाता है। कहते हैं ये व्रत जितना कठिन है उतना ही ज्यादा इसका शुभ फल प्राप्त होता है।

इस व्रत का एक बार संकल्प लेने के बाद इसे आजीवन रखना पड़ता है। आइए जानते हैं कि हरतालिका तीज का व्रत कब रखा जाएगा-

कब करें हरतालिका तीज व्रत पारण ?

Hartalika Teej

धार्मिक मान्यता है कि हरतालिका तीज व्रत रात्रि जागरण कर किया जाता है। इस व्रत रात्रि के चारों प्रहर की पूजा होती है। अगले दिन सुबह 5-6 बजे के बीच आखिरी पूजा के बाद ही स्त्रियां हरतालिका तीज का व्रत पारण करती हैं। ऐसे में इस बार हरतालिका तीज का व्रत पारण 7 सितंबर, 2024 को किया जाएगा।

हरतालिक तीज व्रत पारण समय- 7 सितंबर, 2024 को सुबह 06:01 मिनट के बाद

हरतालिका तीज व्रत पारण की विधि

जिन महिलाओं ने हरतालिका तीज व्रत किया है वह अगले दिन आखिरी पूजा से पहले स्नान करें। शिव जी को बेलपत्र और माता पार्वती को समस्त पूजा की सामग्री चढ़ाएं। आरती करें और फिर सुहागिनें माता पार्वती को चढ़ाया सिंदूर अपने माथे पर लगाएं। मां पार्वती से आशीर्वाद लें। सास या नंद (जो सुहागिन हों) उन्हें सुहाग पिटारा दान करें। सुहाग पिटारा में सुहाग की सभी सामग्री (चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, सिंदूर, साड़ी, बिछिया, कुमकुम, दक्षिणा आदि) होनी चाहिए। इसके बाद पार्थिव शिवलिंग का विसर्जन करें और फिर पूजा में चढ़ाया भोग ग्रहण करें।

हरतालिका तीज व्रत पारण नियम

  • हरतालिका तीज का व्रत अगले दिन सूर्योदय के बाद ही खोलें। ध्यान रहें शिव-पार्वती की विधिवत पूजा और दान के बाद ही व्रत पारण किया जाता है।
  • हरतालिका तीज व्रत खोलते समय सबसे पहले पूजा में चढ़ाया प्रसाद ही ग्रहण करें। इसके बाद पानी पिएं।
  • व्रत खोलते समय लहसुन-प्याज से युक्त भोजन नहीं करना चाहिए। सात्विक भोजन करें।
Hartalika Teej

हरतालिका तीज का हिंदु धर्म में बहुत है। हिंदु पंचांग के मुताबिक हरतालिका तीज ( Hartalika Teej ) भाद्रपद के शुल्क की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस बार हरतालिका तीज मंगलवार यानी 30 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और लड़कियां भी इस दिन अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। ऐसी मान्यता है कि महिलाएं यदि इस दिन सच्चे मन से व्रत रखती हैं तो उन्हें सौभाग्य का प्राप्ति होती हैं। इस दिन भगवान और माता पार्वती की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि माता पार्वती ने भी भगवान शंकर को पाने के लिए यह व्रत किया था।

हरतालिका तीज का पौराणिक महत्व

दरअसल, हरतालिका तीज का पावन पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के लिए मनाया जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। हिमालय पर गंगा नदी के तट पर माता पार्वती ने भूखे-प्यासे रहकर तपस्या की। माता पार्वती की यह स्थिति देखकर उनके पिता हिमालय बेहद दुखी हुए। एक दिन महर्षि नारद भगवान विष्णु की ओर से पार्वती जी के लिए विवाह का प्रस्ताव लेकर आए लेकिन जब माता पार्वती को इस बात का पता चला तो, वे विलाप करने लगी। एक सखी के पूछने पर उन्होंने बताया कि वे भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप कर रही हैं।

पति की दीर्घायु के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं महिलाएं

इसके बाद अपनी सखी की सलाह पर माता पार्वती वन में चली गई और भगवान शिव की आराधना में लीन हो गई। इस दौरान भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन हस्त नक्षत्र में माता पार्वती ने रेत से शिवलिंग का निर्माण किया और भोलेनाथ की आराधना में मग्न होकर रात्रि जागरण किया। माता पार्वती के कठोर तप को देखकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और पार्वती जी की इच्छानुसार उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार कर किया। तभी से अच्छे पति की कामना और पति की दीर्घायु के लिए कुंवारी कन्या और सौभाग्यवती स्त्रियां हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं और भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।

हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि सोमवार, 29 अगस्त को दोपहर 03 बजकर, 20 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी मंगलवार, 30 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक रहेगी। हरतालिका तीज के दिन सुबह 06 बजकर 05 मिनट से लेकर 8 बजकर 38 मिनट तक और शाम 06 बजकर, 33 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 51 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।